रजिया सज्जाद जहीर - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 सीबीएसई कक्षा -12 हिंदी कोर

महत्वपूर्ण प्रश्न
पाठ – 16

रज़िया सज्जाद ज़हीर (नमक)


महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

1. सिख बीबी के प्रति सफ़िया के आकर्षण का क्या कारण था? ‘नमक’ पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- जब सफ़िया ने सिख बीबी को देखा, तो वह हैरान रह गई। बीबी का वैसा ही चेहरा था, जैसा सफ़िया की माँ का था। बिलकुल वही कद, वही भारी शरीर, वही छोटी-छोटी चमकदार आँखें, जिनमें नेकी, मुहब्बत और रहमदिली की रोशनी जगमगा रही थी। चेहरा खुली किताब जैसा था। बीबी ने वैसी ही सफ़ेद मलमल का दुपट्टा ओढ़ रखा था, जैसा सफ़िया की अम्मा मुहर्रम में ओढ़ा करती थीं, इसीलिए सफ़िया बीबी की तरफ बार-बार पड़े प्यार से देखने लगी उसकी माँ तो बरसों पहले मर चुकी थीं, पर यह कौन? उसकी माँ जैसी हैं, इतनी समानता कैसे है? यही सोचकर सफ़िया उनके प्रति आकर्षित हुई।

2. लाहौर और अमृतसर के कस्टम अधिकारियों ने सफ़िया के साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर- दोनों जगह के कस्टम अधिकारियों ने सफ़िया और उसकी नमक रूपी सद्भावना का सम्मान किया। केवल सम्मान ही नहीं, उसे यह भी जानकारी मिली कि उनमें से एक देहली को अपना वतन मानते हैं और दूसरे ढाका को अपना वतन कहते हैं। उन दोनों ने सफ़िया के प्रति पूरा सद्भाव दिखाया, कानून का उल्लंघन करके भी उसे नमक ले जाने दिया। अमृतसर वाले सुनील दास गुप्त तो उसका थैला उठाकर चले और उसके पुल पार करने तक वहीं पर खड़े रहे। उन अधिकारियों ने यह साबित कर दिया कि कोई भी कानून या सरहद प्रेम से ऊपर नहीं है।

3. नमक की पुड़िया के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था? उसका क्या समाधान निकला?

उत्तर- नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए। पहले वह इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रखकर कीनुओं से ढक लेती है। फिर वह निर्णय करती है कि वह प्यार के तोहफ़ को चोरी से नहीं ले जाएगी। वह नमक की पुड़िया को कस्टम वालों से दिखाएगी। अंत में सफ़िया ने निर्णय किया कि वह नमक की पुड़िया को टोकरी में कीनुओं के नीचे छिपा देगी। फलों की जाँच कोई नहीं करता क्योंकि इनका व्यापार दोनों देशों में होता है।

4. सफ़िया को अटारी में समझ ही नहीं आया कि कहाँ लाहौर खत्म हुआ और किस जगह अमृतसर शुरू हो गया, ऐसा क्यों?

उत्तर- अमृतसर व लाहौर दोनों की सीमाएँ साथ लगती हैं। दोनों की भौगोलिक संरचना एक जैसी है। दोनों तरफ के लोगों की भाषा एक है। एक जैसी शक्लें हैं तथा उनका पहनावा भी एक जैसा है। वे एक ही लहजे से बोलते हैं तथा उनकी गालियाँ भी एक जैसी ही हैं। इस कारण सफ़िया को अटारी में समझ ही नहीं आया कि कहाँ लाहौर खत्म हुआ और किस जगह अमृतसर शुरू हो गया।

5. ‘नमक’ कहानी में क्या संदेश छिपा हुआ है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- नमक कहानी में छिपा संदेश यह है कि मानचित्र पर एक लकीर मात्र खींच देने से वहाँ रहने वाले लोगों के दिल नहीं बँट जाते हैं। जमीन बँटने से लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध और पाबंदियाँ लग जाती हैं परंतु लोग का लगाव अपने मूलस्थान से बना रहता है। पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी द्वारा दिल्ली को तथा भारतीय कस्टम अधिकारी द्वारा ढाका को अपना वतन मानना इसका प्रमाण है।

6. ‘नमक’ कहानी का प्रतिपाद्य बताइए।

उत्तर- ‘नमक’ कहानी भारत-पाक विभाजन के बाद सरहद के दोनों तरफ के विस्थापित पुनर्वासित जनों के दिलों को टटोलती एक मार्मिक कहानी है। दिलों को टटोलने की इस कोशिश में अपने-पराए, देश-प्रदेश की कई प्रचलित धारणाओं पर सवाल खड़े किए गए हैं। विस्थापित होकर आई सिख बीबी आज भी लाहौर को ही अपना वतन मानती हैं और सौगात के तौर पर वहाँ का नमक लाए जाने की फ़रमाइश करती हैं। कस्टम अधिकारी नमक ले जाने की इजाज़त देते हुए देहली को अपना वतन बताता है। इसी तरह भारतीय कस्टम अधिकारी सुनील दास गुप्ता का कहना है, “मेरा वतन ढाका है। राष्ट्र-राज्यों की नयी सीमा-रेखाएँ खींची जा चुकी है और मज़हबी आधार पर लोग इन रेखाओं के इधर-उधर अपनी जगहे मुकर्रर कर चुके हैं, इसके बावजूद ज़मीन पर खींची गई रेखाएँउनके अंतर्मन तक नहीं पहुँच पाई हैं।

लाहौर के कस्टम अधिकारी का यह कथन बहुत सारगर्भित है- “उनको यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब राफ्ता-राफ्ता ठीक हो जाएगा।”

7. पाठ के आरंभ में ‘नमक’ किस बात का प्रतीक है? इस कहानी में ‘वतन’ शब्द का भाव किस प्रकार दोनों तरफ के लोगों को भावुक करता है ?

उत्तर- ‘नमक’ कहानी में ‘नमक’ भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद इन अलग-अलग देशों में रह रहे लोगों परस्पर प्यार का प्रतीक है जो विस्थापित और पुनर्वासित होकर भी एक-दूसरे के दिलों से जुड़े हैं। इस कहानी में ‘वतन’ शब्द का भाव एक-दूसरे को याद करके अतीत की मधुर यादों में खो देने का भाव उत्पन्न करके दोनों तरफ के लोगों को भावुक कर देता है। दोनों देशों के राजनीतिक संबंध अच्छे-बुरे जैसे भी हों, इससे उनका कुछ लेना-देना नहीं होता है।

पाठ पर आधारित अन्य प्रश्नोत्तर

1. ‘नमक’ पाठ के आधार पर बताइए कि सफिया और उसके भाई के विचारों में क्या अंतर था ?

उत्तर- 1. सफिया भावनाओं को बहुत महत्व देती है पर उसका भाई बौद्धिक प्रवृति का है, उसकी दृष्टि में कानून भावनाओं से ऊपर है।

2. सफिया मानवीय संबंधों को बहुत महत्व देती है जबकि उसका भाई अलगाववादी विचारधारा का है, हिस्से-बखरे की बात करता है।

3. सफिया का भाई कहता है कि आदीबो (साहित्यकार) का दिमाग घूमा हुआ होता है जबकि सफिया जो स्वयं अदीब है उसका मानना है कि अगर सभी लोगों का दिमाग अदीबों की तरह घूमा हुआ होता तो दुनिया कुछ बेहतर हो जाती।

2. नमक ले जाते समय सफ़िया के मन में क्या दुविधा थी ?

उत्तर- सफिया सैयद मुसलमान थी जो हर हाल में अपना वायदा निभाते हैं। पाकिस्तान से लाहौरी नमक ले जाकर वह अपना वायदा पूरा करना चाहता थी परन्तु जब उसे पता चला कि कस्टम के नियमों के अनुसार सीमा पार नमक ले जाना वर्जित है तो वह दुविधा में पड़ गई। सफ़िया का द्वंद्व यह था कि वह अपनी सिख माँ के लिए नमक, कस्टम अधिकारियों को बताकर ले जाए या छिपाकर।

3. पाठ के आधार पर सफिया की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।

उत्तर- संकेत

१- भावुक

२- ईमानदार

३- दृढ़निश्चयी

४- निडर

५- वायदे को निभाने वाली

६- मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि मानने वाली साहित्यकार

4. ‘नमक’ पाठ में आए किरदारों के माध्यम से स्पष्ट कीजिए कि आज भी भारत और पाकिस्तान की जनता के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है।

उत्तर- भले ही राजनीतिक और धार्मिक आधार पर भारत और पाकिस्तान को भौगोलिक रूप से विभाजित कर दिया गया है लेकिन दोनों देशों के लोगों के हृदय में भाज भी पारस्परिक भाईचारा, सौहार्द्र, स्नेह और सहानुभूति विद्यमान है। राजनीतिक तौर पर भले ही संबंध तनावपूर्ण हों पर सामाजिक तौर पर आज भी जनता के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुअ हैं। अमृतसर में रहने वाली सिख बीबी लाहौर को अपना वतन कहती है और लाहौरी नमक को स्वाद नहीं भुला पाती। पाकिस्तान का कस्टम अधिकारी नमक की पुड़िया सफिया को वापस देते हुए कहता है “जामा मस्जिद की सीढियों को मेरा सलाम कहना।” भारतीय सीमा पर तैनात कस्टम अधिकारी ढाका की जमीन को और वहाँ के पानी के स्वाद को नहीं भूल पाता।