पत्रकारीय लेखन - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
सीबीएसई कक्षा -12 हिंदी कोर
महत्वपूर्ण प्रश्न
लेखन कौशल
निबंध-लेखन-निर्धारित अंक:
निबंध-लेखन करते समय छात्रों कों निम्न बातें ध्यान में रखनी चाहिए –
- दिए गए विषय की एक रूपरेखा बना लें।
- रूपरेखा-लेखन के समय पूर्वापर संबंध के नियम का निर्वाह किया जाए। पूर्वापर संबंध के निर्वाह का अर्थ हैं कि ऊपर की बात उसके ठीक नीचे की बात से जुड़ी होनी चाहिए, जिससे विषय का क्रम बना रहे।
- पुनरावृति दोष न आए।
- भाषा सरल, सहज और बोधगम्य हो।
- निबंध का प्रारम्भ किसी कहावत, उक्ति, सूक्ति आदि से किया जाए।
- विषय को प्रामाणिक बनाने के उद्देश्य से हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू की सूक्तियाँ एवं उद्धरण भी बीच-बीच में देते रहना चाहिए।
- भूमिका/प्रस्तावना में विषय का सामान्य परिचय तथा उपसंहार में विषय का निष्कर्ष होना चाहिए।
निबंध हेतु नमूना रूपरेखा:
विज्ञान: वरदान या अभिशाप
1. भूमिका/प्रस्तावना
2. विज्ञान का अर्थ
3. विजान वरदान हैं
- शिक्षा के क्षेत्र में
- चिकित्सा के क्षेत्र में
- मनोरंजन के क्षेत्र में
- कृषि के क्षेत्र में
- यातायात के क्षेत्र में
4. विज्ञान अभिशाप है –
- शिक्षा के क्षेत्र में
- चिकित्सा के क्षेत्र में
- मनोरंजन के क्षेत्र में
- कृषि के क्षेत्र में
- यातायात के क्षेत्र में
5. विज्ञान के प्रति हमारे उत्तरदायित्व
6. उपसंहार
विशेषः उक्त रूपरेखा को आवश्यकता के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों को जोड़कर बढ़ाया जा सकता है।
अभ्यास हेतु निबंध
1. महानगरीय जीवन: अभिशाप या वरदान
2. आधुनिक शिक्षा-पद्धति: गुण व दोष
3. विज्ञान व कला
4. बदलते जीवन मूल्य
5. नई सदी: नया समाज
6. कामकाजी महिलाओं की समस्याएँ/देश की प्रगति में महिलाओं का योगदान
7. राष्ट्र-निर्माण में युवा पीढ़ी का योगदान
8. इंटरनेट की दुनियाँ
9. पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं
10. लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका
11. प्रगति के पथ पर भारत
12. जनआंदोलन और सरकार
13. भ्रष्टाचारः समस्या और समाधान
14. महँगाई की मार
15. खेल-कूद में उतरता भारत/ऑलंपिक २०१२
(i) पत्र-लेखन-निर्धारित अंक:
विचारों, भावों, संदेशों एवं सूचनाओं के संप्रेषण के लिए पत्र सहज, सरल तथा पारंपरिक माध्यम है। पत्र अनेक प्रकार के हो सकते हैं, पर प्रायः परीक्षाओं में शिकायती-पत्र, आवेदन-पत्र तथा संपादक के नाम पत्र पूछे जाते हैं। इन पत्रों को लिखते समय निम्न बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए:
पत्र-लेखन के अंग:-
1. पता और दिनांक- पत्र के ऊपर बाई ओर प्रेषक का पता व दिनांक लिखा जाता है (छात्र पते के लिए परीक्षा-भवन ही लिखें)
2. संबोधन और पता- जिसको पत्र लिखा जारहा है उसको यथानुरूप संबोधित किया जाता है, औपचारिक पत्रों में पद-नाम और कार्यालयी पता रहता है।
3. विषय- केवल औपचारिक पत्रों में प्रयोग करें (पत्र के कथ्य का संक्षिप्त रूप, जिसे पढ़ कर पत्र की सामग्री का संकेत मिल जाता है)
4. पत्र की सामग्री- यह पत्र का मूल विषय है, इसे संक्षेप में सारगर्मित और विषय के स्पष्टीकरण के साथ लिखा जाए।
5. पत्र की समाप्ति- इसमें धन्यवाद आभार सहित अथवा साभार जैसे शब्द लिख कर लेखक अपने हस्ताक्षर और नाम लिखता है।
6. ध्यान दें, छात्र पत्र में कहीं अपना अभिज्ञान (नाम-पता) न दें। औपचारिक पत्रों में विषयानुरूप ही अपनी बात कहें। द्वि-अर्थक और बोझिल शब्दावली से बचें।
7 भाषा शुद्ध, सरल, स्पष्ट, विषयानुरूप तथा प्रभावकारी होनी चाहिए।
पत्र का नमूना
अस्पताल के प्रबंधन पर संतोष व्यक्त करते हुए चिकित्सा-अधीक्षक को पत्र लिखिए।
परीक्षा-भवन,
दिनांकः -----
मानार्थ
चिकित्सा-अधीक्षक,
कोरोनेशन अस्पताल,
देहरादून।
विषयः अस्पताल के प्रबंधन पर संतोष व्यक्त करने के संदर्भ में –
मान्यवर,
इस पत्र के माध्यम से मैं आपके चिकित्सालय के सुप्रबंधन से प्रभावित होकर आपको धन्यवाद दे रहा हूँ। गत सप्ताह मेरे पिता जी हृदय-आघात से पीड़ित होकर आपके यहाँ दाखिल हुए थे। आपके चिकित्सकों और सहयोगी स्टाफ ने जिस तत्परता, कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से उनकी देखभाल तथा चिकित्सा की उससे हम सभी परिवारी जन संतुष्ट हैं। हमारा विश्वास बढ़ा है। आपके चिकित्सालय का अनुशासन प्रशंसनीय है।
आशा है जब हम पुनर्परीक्षण हेतु आएँगे, तब भी वैसी ही सुव्यवस्था मिलेगी।
भवदीय
क ख ग
अभ्यासार्थ प्रश्न:-
1. किसी दैनिक समाचार-पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें वृक्षों की कटाई को रोकने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया हो।
2. हिंसा-प्रधान फ़िल्मों को देख कर बालवर्ग पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव का वर्णन करते हुए किसी दैनिक पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए।
3. अनियमित डाक-वितरण की शिकायत करते हुए पोस्टमास्टर को पत्र लिखिए।
4. लिपिक पद हेतुविद्यालय के प्राचार्य को अवेदन-पत्र लिखिए।
5. अपने क्षेत्र में बिजली-संकट से उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन करते हुए अधिशासी अभियन्ता विद्युत-बोर्ड को पत्र लिखिए।
6. दैनिक पत्र के संपादक को पत्र निखिए , जिसमें हिंदी भाषा की द्वि-रूपता को समाप्त करने के सुझाव दिए गए हों।
(i) अभिव्यक्ति और माध्यम: (एक-एक अंक के 5 प्रश्न पूछे जाएँगे तथा उत्तर संक्षेप में दिए जाएँगे)
उत्तम अंक प्राप्त करने के लिए ध्यान देने योग्य बातें-
1. अभिव्यति और माध्यम से संबंधित प्रश्न विशेष रूप से तथ्यपरक होते हैं अतः उत्तर लिखते समय सही तथ्यों को ध्यान में रखें।
2. उत्तर बिंदुवार लिखें, मुख्य बिंदु को सबसे पहले लिख दें।
3. शुद्ध वर्तनी का ध्यान रखें।
4. लेख साफ़-सुथरा एवम् पठनीय हो।
5. उत्तर में अनावश्यक बात न लिखें I
6. निबंधात्मक प्रश्नों में क्रमबद्धता तथा विषय के पूर्वापर संबंध का ध्यान रखें, तथ्यों तथा विचारों की पुनरावृति न करें।
जनसंचार माध्यम
1. संचार किसे कहते हैं ?
‘संचार' शब्द चर् धातु के साथ सम् उपसर्ग जोड़ने से बना है- इसका अर्थ है चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना संचार संदेशों का आदान-प्रदान है।
सूचनाओं, विचारों और भावनाओं का लिखित, मौखिक या दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिये सफ़लता पूर्वक आदान-प्रदान करना या एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना संचार है।
2. “संचार अनुभवों की साझेदारी है”- किसने कहा है ?
प्रसिद्ध संचार शास्त्री विल्बर श्रेम ने।
3. संचार माध्यम से आप क्या समझते हैं ?
संचार-प्रक्रिया को संपन्न करने में सहयोगी तरीके तथा उपकरण संचार के माध्यम कहलाते हैं।
4. संचार के मूल तत्व लिखिए।
- संचारक या स्रोत
- एन्कोडिंग (कूटीकरण)
- संदेश (जिसे संचारक प्राप्तकर्ता तक पहुँचाना चाहता है)
- माध्यम (संदेश को प्राप्तकर्ता तक पहुँचाने वाला माध्यम होता है जैसे- ध्वनि-तरंगें, वायु तरंगें, टेलीफोन, समाचारपत्र, रेडियो, टी वी आदि)
- प्राप्तकर्ता (डीकोडिंग कर संदेश को प्राप्त केरने वाला)
- फीडबैक (संचार प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता की प्रतिक्रिया)
- शोर (संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधा)
5. संचार के प्रमुख प्रकारों का उल्लेख कीजिए:
- सांकेतिक संचार
- मौखिक संचार
- आमौखिक संचार
- अंतः वैयक्तिक संचार
- अंतरवैयक्तिक संचार
- समूह संचार
- जनसंचार
6. जनसंचार से आप क्या समझतेहैं ?
प्रत्यक्ष संवाद के बजाय किसी तकनीकी या यांत्रिक माध्यम के द्वारा समाज के एक विशाल वर्ग से संवाद कायम करना जनसंचार कहलाता है।
7. जनसंचार के प्रमुख माध्यमों का उल्लेख कीजिए।
अखबार, रेडियों, टीवी, इंटरनेट, सिनेमा आदि।
8. जनसंचार की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
- इसमें फ़ीडबैक तुरंत प्राप्त नहीं होता।
- इसके संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है।
- संचारक और प्राप्तकर्ता के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता।
- जनसंचार के लिए एक औपचारिक संगठन की आवश्यकता होती है।
- इसमें ढेर सारे द्वारपाल काम करते हैं।
9. जनसंचार के प्रमुख कार्य कौन-कौन से हैं ?
- सूचना देना
- शिक्षित करना
- मनोरंजन करना
- निगरानी करना
- एजेंडा तय करना विचार-विमर्श के लिए मंच उपलब्ध करांना
10. लाइव से क्या अभिप्राय है ?
किसी घटना का घटना-स्थल से सीधा प्रसारण लाइव कहलाता हैं।
11. भारत का पहला समाचार वाचक किसे माना जाता है ?
देवर्षि नारद।
12. जनसंचार का सबसे पहला महत्त्वपूर्ण तथा सर्वाधिक विस्तृत माध्यम कौन-सा था ?
समाचार-पत्र और पत्रिका
13. प्रिंट मीडिया के प्रमुख तीन पहलू कौन-कौन से हैं ?
- समाचारों को संकलित करना
- संपादन करना
- मुद्रण तथा प्रसारण
14. समाचारों को संकलित करने का कार्य कौन करता है ?
संवाददाता
15. भारत में पत्रकारिता की शुरुआत कब और किससे हुई ?
भारत में पत्रकारिता की शुरुआत सन १७८० में जेम्स आगस्ट हिकी के बंगाल गजट से हुई जो कलकत्ता से निकला था।
16. हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र किसे माना जाता है ?
हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र ‘उदंत मार्तड’ को माना जाता है जो कलकता से पंडित जुगल किशोर शुक्ल के संपादन में निकला था।
17. आजादी से पूर्व कौन-कौन प्रमुख पत्रकार हुए ?
महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, मदन मोहन मालवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी, महावीर प्रसाद द्विवेदी, प्रताप नारायण मिश्र, बाल मुकुंद गुप्त आदि हुए।
18. आजादी से पूर्व के प्रमुख समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
केसरी, हिन्दुस्तान, सरस्वती, हंस, कर्मवीर, आज, प्रताप, प्रदीप, विशाल भारत आदि।
19. आजादी के बाद की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं तथा पत्रकारों के नाम लिखए।
प्रमुख पत्र- नव भारत टाइम्स, जनसत्ता, नई दुनिया, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण आदि।
प्रमुख पत्रिकाएँ- धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, दिनमान, रविवार, इंडिया टुडे, आउट लुक आदि।
प्रमुख पत्रकार- अज्ञेय, रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, मनोहर श्याम जोशी, राजेन्द्र माथुर, प्रभाष जोशी आदि।
अन्य महत्त्वपूर्णं प्रश्नः
1. जनसंचार और समूह संचार का अंतर स्पष्ट कीजिए?
2. कूटवाचन से आप क्या समझते हैं?
3. कूटीकरण किसे कहते हैं?
4. संचारक की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
5. फीडबैक से आप क्या समझते हैं?
6. शोर से क्या तात्पर्य है?
7. औपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं?
8. सनसनीखेज समाचारों से सम्बंधित पत्रकारिता को क्या कहते हैं?
9. कोई घटना समाचार कैसे बनती है?
10. संपादकीय पृष्ठ से आप क्या समझते हैं?
11. मीडिया की भाषा में द्वारपाल किसे कहते हैं?
पत्रकारिता के विविध आयाम
1. पत्रकारिता क्या है ?
ऐसी सूचनाओं का संकलन एवं संपादन कर आम पाठकों तक पहुँचाना, जिनमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो तथा जो अधिक से अधिक लोगों को प्रभावित करती हों, पत्रकारिता कहलाता है। (देश-विदेश में घटने वाली घटनाओं की सूचनाओं को संकलित एवं संपादित कर समाचार के रूप में पाठकों तक पहुँचाने की क्रिया/विधा को पत्रकारिता कहते हैं)
2. पत्रकारीय लेखन तथा साहित्यिक सूजनात्मक लेखन में क्या अंतर है ?
पत्रकारीय लेखन की प्रमुख उद्देश्य सूचना प्रदान करना होता है, इसमें तथ्यों की प्रधानता होती है, जबकि साहित्यिक सृजनात्मक लेखन भाव, कल्पना एवं सौंदर्य-प्रधान होता है।
3. पत्रकारिता के प्रमुख आयाम कौन-कौन से हैं ?
संपादकीय, फ़ोटो पत्रकारिता, कार्टून कोना, रेखांकन और कार्टोग्राफ़।
4. समाचार किसे कहते हैं ?
समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है जिसमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ता हो।
5. समाचार के तत्त्वों को लिखिए।
पत्रकारिता की दृष्टि से किसी भी घटना, समस्या व विचार को समाचार का रूप धारण करने के लिए उसमें निम्न तत्त्वों में से अधिकांश या सभी का होना आवश्यक होता है-
नवीनता निकटता, प्रभाव, जनरुचि, संघर्ष, महत्त्वपूर्ण लोग, उपयोगी जानकारियाँ, अनोखापन आदि।
6. डेडलाइन से आप क्या समझते हैं ?
समाचार माध्यमों के लिए समाचारों को कवर करने के लिए निर्धारित समय-सीमा को डेडलाइन कहते हैं।
7. संपादन से क्या अभिप्राय है ?
प्रकाशन के लिए प्राप्त समाचार-सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर करके पठनीय तथा प्रकाशन योग्य बनाना संपादन कहलाता है।
8. संपादकीय क्या है ?
संपादक द्वारा किसी प्रमुख घटना या समस्या पर लिखे गए विचारात्मक लेख को, जिसे संबंधित समाचारपत्र की राय भी कहा जाता है, संपादकीय कहते हैं। संपाठकीय किसी एक व्यक्ति का विचार या राय न होकर समग्र पत्र-समूह की राय होता है, इसलिए संपादकीय में संपादक अथवा लेखक का नाम नहीं लिखा जाता।
9. पत्रकारिता के प्रमुख प्रकार लिखिए।
- खोजी पत्रकारिता
- विशेषीकृत पत्रकारिता
- वॉचडॉग पत्रकारिता
- एडवोकेसी पत्रकारिता
- पीतपत्रकारिता
- पेज थ्री पत्रकारिता
10. खोजी पत्रकारिता क्या है ?
जिसमें आम तौर पर सार्वजनिक महत्त्व के मामलों, जैसे-भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों की गहराई से छानबीन कर सामने लाने की कोशिश की जाती है। स्टिंग ऑपरेशन खोजी पत्रकारिता का ही एक नया रूप है।