परिवहन तथा संचार-प्रश्न-उत्तर

                                                  CBSE Class 12 भूगोल

एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
पाठ-10
 परिवहन तथा संचार


प्र०1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए-

(i) भारतीय रेल प्रणाली की कितने मंडलों में विभाजित किया गया है?
(क) 9
(ख) 12
(ग) 16
(घ) 14

उत्तर- (ग) 16


(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय महामार्ग है?
(क) एन एच-1
(ख) एन एच-6
(ग) एन एच-7
(घ) एन एच-8

उत्तर- (ग) एन एच-7


(iii) राष्ट्रीय जल मार्ग संख्या-1 किस नदी पर तथा किन दो स्थानों के बीच पड़ता है?
(क) ब्रह्मपुत्र-सादिया-धुबरी
(ख) गंगा-हल्दिया-इलाहाबाद
(ग) पश्चिमी तट नहर-कोट्टापुरम से कोल्लाम

उत्तर- (ख) गंगा-हल्दिया-इलाहाबाद


(iv) निम्नलिखित में से किस वर्ष में पहला रेडियो कार्यक्रम प्रसारित हुआ था?
(क) 1911
(ख) 1936
(ग) 1927
(घ) 1923

उत्तर- (घ) 1923


प्र०2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए-

(i) परिवहन किन क्रियाकलापों को अभिव्यक्त करता है? परिवहन के तीन प्रमुख प्रकारों के नाम बताएँ।

उत्तर- परिवहन आर्थिक क्रियाकलापो के तृतीयक वर्ग में सेवाओं के अंतर्गत आता है। जिसमें पदार्थों, वस्तुओं व लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जाता  है। परिवहन के तीन मुख्य प्रकार हैं-

(i) स्थल-सड़क, रेल व पाइप लाइन परिवहन (ii)वायु-अंतर्देशीय (घरेलू) व अंतराष्ट्रीय(iii) जल-अंतःस्थलीय व महासागरीय


(ii) पाइप लाइन परिवहन से लाभ एवं हानि की विवेचना करें।

उत्तर- पाइप लाइनों के माध्यम से  द्रव एवं गैस, जैसे-परिष्कृत पेट्रोलियम, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस तथा पेयजल आदि का परिवहन किया जाता है। एक बार पाइप लाइन बिछा देने के पश्चात इससे अबाधित प्रचालन होता रहता है। यह सस्ता व सुगम साधन है। इसे जल, पर्वत, थल, मरुस्थल,वन कहीं से भी निकाला जा सकता है। इसके बाद भी कुछ हानियाँ भी इस परिवहन के प्रचालन में आती हैं,

जैसे-(i) भूमिगत होने के कारण मरम्मत कार्य में परेशानी आती हैं (ii)इसकी क्षमता में वृध्ही कि जा सकती (iii)रिसाव का पता लगाना मुश्किल होता है। (iv) सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं समझी जाती।


(iii) 'संचार' से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर-संचार- दर्शन, विचारों, तथा संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाने के लिए जिन माध्यमों व साधनों का उपयोग किया जाता है. वे संचार के साधन हैं। अर्थात संदेशों को पहुँचाना संचार है|          


(iv) भारत में वायु परिवहन के क्षेत्र में 'एयरइंडिया' तथा 'इंडियन' के योगदान की विवेचना करें।

उत्तर- भारत में वायु परिवहन की शुरुआत 1911 ई० में हुई थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश में एयर अथॉरिटी ऑफ इंडिया वायु परिवहन का प्रबंधन व प्रचालन करता है। भारत में एयर इंडिया यात्रियों तथा नौभार परिवहन के लिए अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करती है जबकि इंडियन घरेलू अथवा अंतर्देशीय उड़ानों के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसे कुछ समय पहले तक इंडियन एयरलांइस कहा जाता था। वर्ष 2005 में एयर इंडिया ने 1.22 करोड़ यात्रियों तथा 4.8 लाख टन नौभार का वहन किया जबकि इंडियन ने घरेलू प्रचालन के माध्यम से 243 करोड़ यात्रियों तथा 20 लाख टन नौभार को अपने गंतव्य तक पहुँचाया।


प्र०2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए-

(i) भारत में परिवहन के प्रमुख साधन कौन-कौन से हैं? इनके विकास को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।

उत्तर- भारत में परिवहन के प्रमुख साधनों को तीन वर्गों के अंतर्गत तीन भागो में विभाजित किया है-

  1. स्थल परिवहन-इसमें मुख्य: रेलमार्गों, सड़क मार्गों, तथा पाइप लाइनों से परिवहन को समिलित किया जाता है।
  2. जल परिवहन-इसके दो वर्ग हैं-
    (i) अंत:स्थलीय जलमार्गों से परिवहन
    (ii) महासागरीय जलमार्गों से परिवहन

  3. वायु परिवहन-इसके अंतर्गत दो तरह की सेवाएँ उपलब्ध हैं-
    1. अंतर्देशीय (घरेलू सेवाएँ) 2. अंतर्राष्ट्रीय सेवाएँ।
    इनके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में जहाँ सड़कें बनाना संभव नहीं होता, वस्तुओं व लोगों के आवागमन के लिए रज्जू मार्गों,वहाँ पदार्थों, केबिल मार्गों (रोपवे) का प्रयोग परिवहन के लिए किया जाता है। परिवहन के साधनों की बढोतरी को प्रभावित करने वाले कारक इस प्रकार हैं-

  • स्थलाकृति-उबड़-खाबड़ पर्वतीय अथवा पठारी भागों में परिवहन के साधनों का विकास मैदानी समतल भागों की अपेक्षा कम होता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भारत के मैदानी भागों में सड़क व रेलवे मार्गों का जाल दुनिया के सबसे सघन जालों में से एक है जबकि हिमालय पर्वतीय भू-भाग, प्रायद्वीप पठार के अंतर्गत यह बहुत ही कम है।

  • संसाधनों की उपलब्धता-जिन प्रदेशों में संसाधनों की प्रचुरता है, वहाँ अनेक आर्थिक क्रियाओं का विकास स्वत: हो जाता है। औद्योगिकरण के विकास ने जनसंख्या के घनत्व कों प्रभावित किया है, जिसके कारण वहाँ परिवहन के साधनों का भी तेजी से विकास हुआ है।

  • विषम जलवायु-जिन क्षेत्रों की जलवायु विषम या मानवीय क्रियाओं के प्रतिकूल है, वहाँ जनसंख्या का घनत्व व वितरण कम होता  हैं। इसलिए वहाँ पर परिवहन के साधनों का विकास भी कम है।

  • सरकारी नीतियाँ-सरकारी नीतियाँ भी किसी प्रदेश के विकास को प्रभावित करती हैं। औद्योगिक संकुलों के विकास से जनसंख्या प्रभावित  होती हैं तथा उन्हें गति देने के लिए परिवहन के  अनेक साधनों का विकास किया जाता है।


(iii) भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका का वर्णन करें।

उत्तर- भारत का सड़क जाल विश्व के विशालतम सड़क-जालों में से एक मुख्य  है। इसकी कुल लंबाई 42.3 लाख कि०मी० है (2008-09), जिस पर प्रतिवर्ष लगभग 85% यात्री एवं 70% भार यातायात का परिवहन किया जाता है। छोटी दूरियों की यात्रा के लिए सड़क परिवहन सबसे अच्छा व अनुकूल माना जाता है। सड़कें देश के प्रमुख नगरों, जिला मुख्यालयों, महानगरों, राज्यों की राजधानियों,कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा सभी औद्योगिक व व्यापारिक केन्द्रों, रेलवे जक्शनों, विमान पत्तनों व समुद्री पत्तनों को आपस में जोड़ने में मुख्य भूमिका निभाती हैं।

यह कृषि उत्पादन क्षेत्रों से लेकर लोगों के घरों तक पहुँच रखने वाला परिवहन का एकमात्र साधन है। निर्माण एवं रखरखाव के उद्देश्य से सड़कों को राज्य महामार्गों, जिला सड़कों ,राष्ट्रीय महामार्गों,तथा ग्रामीण सड़कों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। कई बार इनको कच्ची एवं पक्की सड़कों के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता हैं।

किसी देश के आर्थिक विकास का मापन वहाँ विकसित परिवहन एवं संचार जाल के द्वारा किया जाता हैं, क्योंकि ये औद्योगिकीकरण व व्यापार एवं वाणिज्य के विकास के आवश्यक सेवा तंत्र उपलब्ध करवाते हैं।