स्वतंत्रता - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
CBSE कक्षा 11 राजनीति विज्ञान
पाठ-11 स्वतंत्रता
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
पाठ-11 स्वतंत्रता
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
एक अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- स्वतंत्रता के लिए प्रतिबंधों का आवश्यकता क्यों है?
उत्तर- अगर स्वतंत्रता पर प्रतिबंध न होंगे तो समाज अव्यवस्था की गर्त में पहुंच जाएगा। लोगों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। - प्रतिबंधों के स्रोत क्या है?
उत्तर- कानून द्वारा, बल के आधार पर, - नकारात्मक स्वतंत्रता के क्षेत्र से आप क्या समझते है?
उत्तर- एक ऐसा क्षेत्र जिसमें व्यक्ति अबाधित रूप से व्यवहार कर सके। - एक व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता क्यों आवश्यक है?
उत्तर- आत्म अभिव्यक्ति की योग्यता का विस्तार करना तथा प्रतिभा का विकास करना। - जान स्टुअर्ट मिल ने व्यक्ति के कार्यों को कितने भागों में विभाजित किया है?
उत्तर- दो भागों में - स्वसंबद्ध कार्य, परसबंद्ध कार्य - नेल्सन मंडेला की आत्मकथा का शीर्षक क्या है।
उत्तर- 'लॉग वाक टू फ्रीडम' (स्वतंत्रता के लिए लंबी यात्रा) - आग सान सूकिस देश में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही है?
उत्तर- म्यांमार में - उदारवादियों के अनुसार स्वतंत्रता का अर्थ लिखिए।
उत्तर- उदारवादियों के अनुसार स्वतंत्रता का केन्द्र बिन्दू व्यक्ति है। व्यक्ति को अधिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक स्वतंत्रता पर बल तथा राज्य की कल्याणकारी भूमिका को बढ़ावा देना। - भारतीय राजनीतिक विचारों में स्वतंत्रता की समानार्थी अवधारण क्या है?
उत्तर- स्वराज की अवधारणा। - "तुम जो कहते हो मैं उसका समर्थन नहीं करता परन्तु मैं मरते दम तक तुम्हारे कहने के अधिकार का बचाव करूंगा।” यह कथन किसका है और इसमें किस प्रकार की स्वतंत्रता की बात कहीं गई है?
उत्तर- यह कथन 'वाल्तेयर' का है और इसमें 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' की बात कही गयी है। - स्वतंत्रता संबंधी नेताजी सुभाष चन्द्र जी के विचार क्या है?
उत्तर- ऐसी सर्वांगीण स्वतंत्रता से है- जो व्यक्ति और समाज की हो, अमीर और गरीब की हो, स्त्रियो और पुरूषों की हो तथा सभी लोगों और सभी वर्गों की हो। - ‘स्वराज' शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर- स्वराज का अर्थ 'स्व का शसन भी हो सकता है और 'स्व के उपर शासन भी हो सकता है। स्वराज केवल स्वतंत्रता नहीं है बल्कि ऐसी संस्थाओं से मुक्ति भी है, जो मनुष्य को उसकी मनुष्यता से वंचित करती है। - स्वतंत्रता की एक विशेषत का वर्णन कीजिए?
उत्तर- उचित बंधनों का होना। - लोकमान्य तिलक ने स्वराज्य के बारे में क्या कहा था?
उत्तर- "स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा”। - सलमान रुश्दी की कौन-सी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया गया था?
उत्तर- 'द सेटानिक वर्सेस'
दो अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता से आप क्या समझते है?
उत्तर- मनुष्यों का व्यक्तिगत मामलों में पूरी तरह से स्वतंत्रता होनी चाहिए। भोजन, वस्त्र, शादी-विवाह, रहन-सहन आदि मामलों में राज्य को दखल नहीं देना चाहिए। - राजनीतिक स्वतंत्रता पर अपने विचार प्रकट कीजिए?
उत्तर- राज्य के नागरिकों को-- अपनी सरकार में भाग लेना।
- मताधिकार का प्रयोग करना।
- चुनाव लड़ना आदि।
- राष्ट्रीय स्वतंत्रता पर अपने विचार दीजिए?
उत्तर- राष्ट्र को विदेशी नियंत्रण से स्वतंत्रता प्राप्त होती है। एक स्वतंत्र राष्ट्र ही अपने नागरिकों को अधिकार तथा स्वतंत्रता प्रदान कर सकता है। जिससे नागरिकों अपना सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक तथा राजनैतिक विकास कर सके। - नागरिक स्वतंत्रता का अर्थ बताइए?
उत्तर- एक व्यक्ति को किसी राज्य का नागरिक होने के कारण मिलती है। ऐसी स्वतंत्रता को राज्य के माध्यम से दिया जाता है। राज्य के संरक्षण में ही व्यक्ति इस स्वतंत्रता का प्रयोग अपने विकास के लिए करता है, बिना किसी की स्वतंत्रता को बाधित किए हुए। - आर्थिक स्वतंत्रता का अर्थ स्पष्ट कीजिए?
उत्तर-- अपनी रूचि व योग्यातानुसार व्यवसाय करने की स्वतंत्रता।
- देश में उद्योग-धंधों को चलाने की स्वतंत्रता।
- धन का उत्पादन व वितरण ठीक ढंग से हो।
- बेरोजगारी न हो।
- स्वतंत्रता से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर- स्वतंत्रता अभिप्राय व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबंधों का अभाव है। इसका आशय व्यक्ति की आत्म अभिव्यक्ति की योग्यता का विस्तार करना और उसके अंदर की संभावनाओं को विकसित करना भी है, जिसमें व्यक्ति की रचनात्मकता और क्षमताओं का विकास हो सके। - जॉन स्टुअर्ट मिल का हानि सिद्धांत क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- ऐसे कार्य जो दूसरों पर असर डालते हैं, उन्हैं परसंबद्ध कार्य कहते है। व्यक्ति के ऐसे कार्यों से किसी को हानि हो सकती है अत: इन कार्यों पर बाहरी प्रतिबंध लगाए जा सकते है। इसे ही हानि का सिद्धांत कहा जाता है। - फिल्म निर्माता दीपा मेहता को काशी में विधवाओं पर फिल्म बनानें से किस आधार पर रोका गया? यह किस स्वतंत्रता का उल्लंघन था?
उत्तर-- भारत की दशा का बुरा चित्रण होना।
- विदेशी पर्यटकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए।
- काशी नगरी की बदनामी होनी।
- यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन था।
चार अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- नकारात्मक और सकारात्मक स्वतंत्रता में क्या अंतर है?
उत्तर- नकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ उस स्वतंत्रता से है जिनके अंतर्गत व्यक्ति पर कोई प्रतिबंध नहीं है। व्यक्ति अपनी इच्छानुसार कार्य करता है। हॉब्स के अनुसार "ऐसी स्वतंत्रता का अर्थ है- "सभी प्रकार के प्रतिबंधों का अभाव।"
जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता नियमों, उपनियमों तथा कानूनों के अंतर्गत प्राप्त स्वतंत्रता। संक्षेप में कहा जाए तो नकरात्मक स्वतंत्रता के समर्थक राज्य के कम से कम हस्तक्षेप के पक्ष में थे ताकि मनुष्य पर किसी प्रकार का नियंत्रण न हो जबकि सकरात्मक स्वतंत्रता के पोशक राज्य को अधिक से अधिक कार्य देने के पक्ष में हैं। उनके अनुसार इससे व्यक्तियों पर नियंत्रण नहीं होता बल्कि राज्य व्यक्तियों के विकास के लिए उचित परिस्थितियों को प्रदान करता है।
नकारात्मक स्वतंत्रता पूर्ण स्वतंत्रता है जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता नियंत्रित स्वतंत्रता है।
नकारात्मक स्वतंत्रता में सभी प्रकार के बंधनों का अभाव होता है जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता में अनुचित बंधनों का अभाव तथा उचित बंधनों का अस्तित्व है।
नकारात्मक स्वतंत्रता 18वीं तथा 19वीं शताब्दियों की स्वतंत्रता है जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता वर्तमान शताब्दी की स्वतंत्रता है।
नकारात्मक स्वतंत्रता में एक व्यक्ति कुछ कह सकता है, परन्तु सकारात्मक स्वतंत्रता में व्यक्ति सीमा में रहकर ही कुर कर सकता है। - सामाजिक प्रतिबंधों से क्या अभिप्राय है? क्या किसी भी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवश्यक है?
उत्तर- सामाजिक प्रतिबंध - सामाजिक प्रतिबंध का आषय है कि समूह, समुदाय या राज्य के द्वारा व्यक्ति को चयन, निर्णय या काम करने की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाना है। ऐसे प्रतिबंध जो जरूरी हों, जिनसे व्यक्ति की स्वतंत्रता सुरक्षित हो। बिना प्रतिबंधों के स्थिति अराजकता की हो जाएगी, अव्यवस्था की स्थिति हो जाएगी।
सभी प्रकार के प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवश्यक नहीं है। जो प्रतिबंध जोर-जबरदस्ती यानी बलपूर्वक लगाए जाते हैं, जिसमें शासक वर्ग के हितों की पूर्ति हो, वे प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवष्यक नहीं हैं जैसे- तानाशाही शासन व्यवस्था में। जबकि लोकतंत्रिक देशों में सरकार द्वारा लोगों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबंध लगाना लोगों को उचित परिस्थितियाँ देना है। अत: वह सामाजिक प्रतिबंध जो व्यक्ति को चयन, निर्णय या काम करने की स्वतंत्रता देता है, स्वतंत्रता के लिए आवश्यक है। वे प्रतिबंध स्वतंत्रता के लिए आवश्यक हैं जो व्यक्तिगत समूहों तथा राष्ट्र के बीच के संबंधों पर लागू होते हैं। - स्वतंत्रता के चार लक्षणों का वर्णन करो?
उत्तर- स्वतंत्रता के लक्षण निम्नलिखित हैं-- स्वतंत्रता सभी व्यक्तियों को समान रूप से मिलती है।
- करने योग्य कार्य को करने की शक्ति ही स्वतंत्रता है।
- स्वतंत्रता नियंत्रण से मुक्ति ही नहीं दिलाती बल्कि व्यक्तिगत के विकास के अवसर प्रदान करती है।
- स्वतंत्रता समाज में मिल सकती है, समाज के बाहर नहीं।
- स्वतंत्रता का प्रयोग समाज के विरुद्ध नहीं किया जा सकता है।
- जॉन स्टुअर्ड मिल के हानि सिद्धान्त का वर्णन करो?
उत्तर- सिद्धान्त यह है कि किसी के कार्य करने की स्वंत्रता में व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से हस्तक्षेप करने का इकलौता लक्ष्य आत्मरक्षा है। सभ्य समाज के किसी सदस्य की इच्छा के खिलाफ शक्ति के औचित्यपूर्ण प्रयोग का एकमात्र उद्देश्य किसी अन्य को हानि से बचाना हो सकता है।
छ: अंकीय प्रश्नों के उत्तर:-
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या अर्थ है? आपकी राय में इस स्वतंत्रता पर समुचित प्रतिबंध क्या होंगे? उदाहरण सहित बताइये।
उत्तर- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता - अपने विचारों को प्रकट करने की आजादी ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। व्यक्ति अपने विचारों को कहकर, लिखकर या किसी माध्यम से प्रकट कर सकते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छे 19 द्वारा नागरिकों को भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। इस स्वतंत्रता पर समुचित प्रतिबंध हैं। कोई भी स्वतंत्रता बंधनों के अभाव में नहीं रह सकती। प्रतिबंधों के कारण ही लोगों की स्वतंत्रता कायम रह सकती है। यदि कोई व्यक्ति अपने विचारों को व्यक्त करता है परन्तु वह किसी व्यक्ति का अपमान नहीं कर सकता या किसी को अपशब्द नहीं कह सकता। व्यक्ति अपनी इच्छानुसार स्वतंत्रतापूर्वक कार्य तो कर सकता है परन्तु वह अपनी मनमानी नहीं कर सकता। परन्तु राज्य को यह शक्ति दी गई है कि वह देश की अखण्डता, सुरक्षा, शांति, नैतिकता आदि को ध्यान में रखते हुए इन अधिकारों पर प्रतिबंध लगा सकता है।”
राज्य यह भी ध्यान रखता है कि प्रतिबंध इतने भी न हो कि स्वतंत्रता ही नष्ट हो जाए। लोकतांत्रिक राज्यों में सरकार लोगों का स्वतंत्रताा की रक्षक हैं।