लेखन कला और शहरी जीवन-अभ्यास प्रश्नोत्तर

                                                               CBSE Class 11 पाठ-2

लेखन कला और शहरी जीवन


  • निम्नलिखित अनुच्छदे को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
    अनुच्छेद-वार्का शार्ष

    3000 ई.पू. उरुक नगर में स्त्री का यह सिर एक सफेद संगमरमर को तराशकर बनाया गया था। इसकी आंखों और भौंहों में क्रमशः नीले लाजवर्द तथा सफेद सीपी और काले डामर की जड़ाई की गई होगी। सिर के ऊपर एक खांचा बना हुआ जो शायद गहना पहनने के लिए बनाया गया था। यह मूर्तिकला का एक विश्व-प्रसिद्ध नमूना है, इसके मुख, ठोड़ी और गालों की सुकोमल-सुंदर बनावट के लिए इसकी प्रशंसा की जाती है। यह ऐसे कठोर पत्थर में तराशा गया है जिसे काफी अधिक दूरी से लाना पड़ा होगा।
    प्रश्न-
    1. स्त्री का यह सिर कितने वर्ष पुराना है? (2)
    2. आंखों व भौंहों पर कौन-कौन सा सजावट का सामान लगाया है? (3)
    3. यह मूर्ति कला का कैसा नमूना है? (2)
    4. उपरोक्त वर्णित शहर का नाम बताइए? (1)
  • निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
    एक पुराकालीन पुस्तकालय
    लौहयुग में, उत्तरी प्रदेशों के असीरियाई लोगों ने एक साम्राज्य की स्थापना की जो 720 से 610 ई.पू. तक अपनी उन्नति के शिखर पर रहा। यह साम्राज्य मिश्र तक फैला हुआ था। राज्य की अर्थव्यवस्था उन दिनों लूटमार की हो गई थी क्योंकि अधीनस्थ प्रजाजनों को दबाकर उनसे खाद्य-सामग्री, पशु, धातु तथा शिल्प की वस्तुओं के रूप में बेगार और नजराना जबरदस्ती लिया जाता था।
    बड़े-बड़े असीरियाई शासक जो बाहर से आकर बसे थे, दक्षिणी क्षेत्र बेबीलोनिया को उच्च संस्कृति का केंद्र मानते थे। उनमें से आखिरी राजा असुरबनिपाल (668.627 ई.पू.) ने उत्तर में स्थित अपनी राजधानी निनवै में एक पुस्तकालय की स्थापना की। उसने इतिहास, महाकाव्य, शकुन साहित्य, ज्योतिष विद्या, स्तुतियों और कविताओं की पट्टिकाओं को इकट्ठा करने का बहुत प्रयत्न किया और उसमें सफल रहा। उसने अपने लिपिकों को दक्षिण में पुरानी पट्टिकाओं का पता लगाने के लिए भेजा। क्योंकि दक्षिण में लिपिकों को विद्यालयों में पढ़ना-लिखना सिखाया जाता था, जहां उन्हें दर्जनों की संख्या में पट्टिकाओं की नकलें तैयार करनी होती थीं। बेबीलोनिया में ऐसे भी नगर थे जो पट्टिकाओं के विशाल संग्रह तैयार किए जाने और प्राप्त करने के लिए मशहूर थे। हालांकि लागभग 1800 ई.पू. के बाद सुमेरियन भाषा बोली जानी बंद हो गई थी, लेकिन विद्यालयों में वह शब्दावलियों, संकेतों-सूचियों, द्विभाषी (सुमेरी और अक्कदी) पट्टिकाओं आदि के माध्यम से अब भी पढ़ाई जाती थी। इसलिए 650 ई.पू. में भी 2000 ई.पू. तक पुरानी कीलाकार अक्षरों में लिखी पट्टिकाएं पढ़ी और समझी जा सकती थीं- और असुरबनिपाल के आदमी यह जानते थे कि पुरानी पट्टिकाओं और उनकी प्रतिकृतियों को कहां खोजा और प्राप्त किया जा सकता है।
    प्रश्न-
    1. उच्च संस्कृति के केन्द्र का नाम बताइए। (2)
    2. पुस्तकालय की स्थापना किस शहर में हुई? (1)
    3. पुस्तकालय में रखने के लिए कौन-कौन से विषय की पुस्तक एकत्रित की थी? (3)
    4. बेबीलोनिया के नगर किस बात के लिए मशहूर थे? (2)
  • दिए गए पश्चिम एशिया के मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए।
    • दज़ला नदी,
    • ईरान,
    • उर,
    • बेबीलोन,
    • मारी
  • दिए गए पश्चिम एशिया के मानचित्र पर पांच स्थान 1-5 तक दिए गए हैं पहचान कर उनके नाम लिखिए-