वसंत भगवान के डाकिये - नोट्स

CBSE पुनरावृति नोट्स
CLASS - 8 hindi
पाठ - 6 

भगवान के डाकिये

- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
पाठ का सारांश- ‘भगवान के डाकिये’ नामक इस कविता में कवि ने पक्षी और बादल को भगवान का डाकिया बताया है जो मनुष्य को प्रेम, त्याग तथा सद्भाव का संदेश देते हैं।
कवि ‘पक्षी और बादल’ का संबंध मनुष्य से जोड़ते हुए कहता है कि ये दोनों भगवान के डाकिये हैं। जिस प्रकार सरकारी डाकिया हमारे लिए हमारे प्रियजनों का संदेश लाता है, उसी प्रकार ये प्राकृतिक डाकिये हमारे लिए भगवान का संदेश लाते हैं। ये डाकिये किसी स्थान-विशेष के लोगों के लिए संदेश नहीं लाते। पक्षी आकाश में यहाँ-वहाँ भ्रमण करते रहते हैं तथा बादल उमड़-घुमड़कर पृथ्वी का चक्कर लगाते रहते हैं। इनका विचरण देखकर ऐसा लगता है कि ये भगवान के डाकिये हैं जो भगवान का संदेश लेकर सभी देशों अर्थात पूरी पृथ्वी के आस-पास घूम रहे हैं। ये वह संदेश मनुष्य में बाँटते हैं पर अपनी अज्ञानता के कारण मनुष्य उनका संदेश नहीं समझ पाता। इन प्राकृतिक डाकियों की लाई चिट्ठयों को पर्वत, पेड़-पौधे और नदियाँ पढ़ती हैं। पेड़-पौधे अपनी वायु, धरती अपनी सुगंध तथा नदियाँ अपना जल किसी सीमा-विशेष में रहनेवालों के लिए नहीं रखतीं। वे स्थान, जाति, धर्म, वर्ग आदि का भेदभाव किए बिना सभी को लाभान्वित करती हैं। इनके क्रियाकलाप को देखने के बाद हमें भी किसी से भेदभाव न करने की सीख लेनी चाहिए जिससे कि ईश्वर का संदेश हमारे लिए भी सार्थक बन सके।