अपठित गद्यांश - पुनरावृति नोट्स

 CBSE कक्षा 12 हिंदी (ऐच्छिक)

अपठित गद्यांश


हल करने की विधि (Process of Solving Gadyansh )

  • सबसे पहले आपको चाहिए कि आप गद्यांश को सावधानीपूर्वक पढ़ें। यदि कुछ शब्द या वाक्य समझ न आए, तो भी घबराने की आवश्यकता नहीं।

  • अब आप नीचे दिए गए प्रश्नों को पढ़ें।

  • इसके पश्चात् आप प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद को फिर से पढ़ें। जिन-जिन प्रश्नों के उत्तर मिलते चले जाएँ, उन पर निशान लगाते चले जाएँ तथा उत्तरों को रेखांकित करते चले जाएँ।

  • जिन प्रश्नों के उत्तर अस्पष्ट रह गए हों, उन्हें फिर से सावधानीपूर्वक पढ़ें। सोचने पर उनके उत्तर अवश्य मिल जाएँगे। बार-बार पढ़ने से आपकी सारी समस्याएँ हल हो जाएँगी।

    अपठित गद्यांश क्या है?
    वह गद्यांश, जिसका अध्ययन विद्यार्थियों ने पहले कभी न किया हो, उसे अपठित गद्यांश कहते हैं। अपठित गद्यांश देकर उस पर भाव-बोध संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं ताकि विद्यार्थियों की भावग्रहण-क्षमता का मूल्यांकन हो सके।

    अपठित गद्यांश हल करते समय ध्यान देने योग्य बातें-

  • अपठित गद्यांश का बार-बार मूक वाचन करके उसे समझने का प्रयास करें।
  • इसके पश्चात प्रश्नों को पढ़ें और गद्यांश में संभावित उत्तरों की रेखांकित करें।
  • जिन प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट न हों, उनके उत्तर जानने हेतु गद्यांश को पुन: ध्यान से पढ़ें।
  • प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में दें।
  • उत्तर संक्षिप्त एवं भाषा सरल और प्रभावशाली होनी चाहिए।
  • यदि कोई प्रश्न शीर्षक देने के संबंध में हो तो ध्यान रखें कि शीर्षक मूल कथ्य से संबंधित होना चाहिए।
  • शीर्षक गद्यांश में दी गई सारी अभिव्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाला होना चाहिए।
  • अंत में अपने उत्तरों को पुन: पढ़कर उनकी त्रुटियों को अवश्य दूर करें।

    विचारणीय तथ्य

    अपठित का अर्थ है जो पहले से न पढ़ा गया हो। अपठित अवतरण गद्य अथवा पद्य दोनों में हो सकता है। परीक्षा में केवल अपठित गद्यांश देकर उस पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। इनका उत्तर देते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • दिया गया गद्यांश अपठित होता है अतः कम से कम दो बार अवश्य पढ़ना चाहिए ताकि मूल-भाव समझ में आ जाये।
  • पूछे गए प्रश्नों के उत्तर रेखांकित कीजिए। ध्यान रहे प्रश्नों के उत्तर अनुच्छेद में दी गई सामग्री पर ही आधारित हो।
  • प्रश्नों के उत्तर अत्यंत सरल भाषा और अपने शब्दों में दीजिए।
  • प्रश्नों के उत्तर सीधे, संक्षिप्त एवं सटीक होने चाहिए।
  • कभी कठिन शब्दों के अर्थ, विलोम शब्द भी पूछे जाते हैं।
  • उचित स्थानों पर विराम-चिन्हों का प्रयोग करना न भूलें।
  • पूछे प्रश्नों में अनावश्यक विस्तार न करें।
    अपठित-बोध में सार और शीर्षक भी लिखने को कहा जाता है। अतः अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़े।