विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                       CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-क)

पाठ 12 विश्व की जलवायु
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अतिलघु प्रश्न (1 अंक वाले)

  1. जलवायु के तीन प्रमुख भौतिक अंग कौन से है?
    उत्तर- तापमान, वायुदाब और आर्द्रता।
  2. जलवायु का सबसे पहला वर्गीकरण किसने किया था?
    उत्तर- यूनानियों ने।
  3. यूनानियों ने संसार को कौन-कौन से कटिबन्धों में विभाजित किया था।
    उत्तर- उष्ण, शीतोष्ण और शीत कटिबन्ध
  4. तीन प्रमुख ग्रीन हाऊस गैसो के नाम बताइए?
    उत्तर- कार्बन डाइ आक्साइड, मीथेन और क्लोरोफ्रल्यूरो कार्बन
  5. भूमण्डलीय तापन का क्या अर्थ है?
    उत्तर- पृथ्वी के तापमान का औसत से अधिक बढ़ना।
  6. जलवायु प्रदेश किसे कहते है?
    उत्तर- एक समान जलवायु वाले क्षेत्रें को जलवायु प्रदेश कहते है।
  7. कौन सी जलवायु सबसे कम वार्षिक तापान्तर के लिए जानी जाती है?
    उत्तर- भूमध्यरेखीय जलवायु।
  8. सौर कलको में वृद्धि होने पर किस प्रकार की जलवायाविक दशाएं प्रचलित होगों ?
    उत्तर-
     कुछ मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सौर कलंकों की संख्या बढ़ने पर मौसम ठण्डा व आद्र हो जाता है और तूफानों की संख्या बढ़ जाती है।
  9. जलवायु के वर्गीकरण से सम्बन्धित कोपेन की पद्धति किस प्रणाली के अन्तर्गत आती है ?
    उत्तर-
     आनुभविक प्रणाली के अंतर्गत।
  10. विश्व का सबसे गर्म साल कौन सा माना गया है ?
    उत्तर-
     1998, किंतु नवीनतम आंकड़ों के आधार पर 2015 को विश्व का सर्वाधिक गर्म साल माना गया है।
  11. भूमण्डलीय जलवायु परिवर्तन का एक मुख्य प्रमाण बताइए?
    उत्तर- पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास में चार हिमकालों का आना।


CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-क)
पाठ 12 
विश्व की जलवायु
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


लघु प्रश्नोत्तर (3 अंक वाले)

  1. ए एम (Am) तथा ए डब्ल्यू (Aw) जलवायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
    उत्तर- ए एम Am तथा ए डब्ल्यू (Aw) जलवायु A प्रकार की जलवायु के प्रकार हैं।
    Am उष्णकटिबन्धीय मानसून जलवायु: यह जलवायु मानसून पवनों से प्रभावित होती है।
    • ये पवनें ग्रीष्म ऋतु में भारी वर्षा करती है और शीत ऋतु प्रायः शुष्क होती है।
    • यह जलवायु भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भाग तथा उत्तरी आस्ट्रेलिया में पाई जाती है।
    • (Aw) ए डब्ल्यू उष्णकटिबन्धीय आर्द्र एवं शुष्क जलवायु: इस प्रकार की जलवायु में वर्षा बहुत कम होती है।
    • इस जलवायु में शुष्क ऋतु लम्बी एवं कठोर होती है।
    • शुष्क ऋतु में प्रायः अकाल पड़ जाता है।
    • इस प्रकार की जलवायु वाले क्षेत्रे में पर्णपाती वन तथा पेड़ो से ढ़की घास भूमियाँ पाई जाती है।
  2. मरूस्थलीय जलवायु की तीन विशेषताएं बताइए?
    उत्तर- मरूस्थलीय जलवायु की तीन विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
    • अधिकतर उष्ण कटिबंधीय वास्तविक मरूस्थल दोनो गोलार्द्ध में 15o अंश तथा 60o अंश अक्षांशों के मध्य विस्तृत है।
    • गर्म मरूस्थलों में औसत तापमान 38o अंश रहता है।
    • मरूस्थलों में वर्षण की अपेक्षा वाष्पीकरण की क्रिया अधिक होती है।
    • उच्च तापमान और वर्षा की कमी के कारण वनस्पति बहुत ही कम पाई जाती है।
  3. चीन तुल्य जलवायु की तीन विशेषताएं बताइए?
    उत्तर- चीन तुल्य जलवायु की तीन विशेषताएं निम्नलिखित है.
    • यह जलवायु दोनो गोलार्द्धो में 25 अंश तथा 45 अंश अक्षांशों के मध्य महाद्वीपो के पूर्वी समुद्र तटीय क्षेत्रे में पाई जाती है।
    • वर्षा का वार्षिक औसत 100 सेटीमीटर है। ग्रीष्म ऋतु में शीत ऋतु की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है।
    • यहाँ ग्रीष्म और शीत ऋतु दोनो ही होती है। तापमान ऊँचे रहते है। सबसे गर्म महीने का औसत तापमान 27 सेटीग्रेड हो जाता है वैसे शीत ऋतु मृदुल होती है। परन्तु कभी-कभी पाला भी पड़ जाता है।
    • इस प्रदेश में चौड़ी पत्ती वाले तथा कोणधारी मिश्रित वन पाए जाते हैं।
  4. कोपेन के जलवायु वर्गीकरण का आधार क्या है तथा प्रमुख प्रकारो के नाम बताइए?
    उत्तर- कोपेन के जलवायु वर्गीकरण का आधार तापमान तथा वर्षा है। इसके आधार पर उसने पूरे विश्व को 6 जलवायु प्रदेशों में बांटा है। जो इस प्रकार है:
    1. आर्द्र उष्ण कटिबन्धीय जलवायु (A)
    2. शुष्क जलवायु (B)
    3. आर्द्र शीतोष्ण कटिबन्धीय जलवायु (C)
    4. शीतल हिम-वन जलवायु (D)
    5. ध्रुवीय जलवायु (E)
    6. उच्चभूमि जलवायु (F)
  5. टैगा तथा टुंड्रा जलवायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
    उत्तर- टैगा जलवायु: यह जलवायु वर्ग केवल उत्तरी गोलार्द्ध में 50 अंश से 70 अंश उत्तरी अक्षांशों के मध्य विस्तृत है। यह जलवायु उत्तर अमेरिका में अलास्का से लेकर न्यूफांउड लैण्ड तक तथा यूरेशिया में स्कैंडिनेविया से लेकर साइबेरिया के पूर्वीछोर में कमचटका तक है।
    • इस जलवायु में ग्रीष्म ऋतु छोटी एवं शीतलहोती है तथा शीत ऋतु छोटी एवं शीतल होती है तथा शीत ऋतु लम्बी तथा कडाके की सर्दी वाली होती है।
    • वर्षण की क्रिया ग्रीष्म ऋतु मे ही होती है।
      टुंडा जलवायु: यह जलवायु वर्ग केवल उत्तरी गोलार्द्ध में 60 अंश से 75 अंश उत्तरी अक्षांशों के मध्य विस्तृत है।
    • यह जलवायु उत्तर अमिेरका और यूरेशिया की आर्कटिक तटीय पट्टी में, ग्रीनलैण्ड और आइसलैण्ड के हिम रहित तटीय क्षेत्रें में पाई जाती है।
    • यहाँ ग्रीष्म ऋतु छोटी सामान्यतः मृदुल होती है। सामान्यतः तापमान 100C से कम होता है।
    • यहाँ सालभर हिमपात होता रहता है
    • यहाँ शीतऋतु लम्बी और अत्यंत कठोर कड़कड़ाती ठण्ड वाली होती है।
    • वर्षण शुष्क हिम के रूप में होता है।


CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-क)
पाठ 12 
विश्व की जलवायु
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न (5 अंक वाले)

  1. ग्रीन हाउस प्रभाव गैसों से आप क्या समझते है? ग्रीन हाऊस गैसों की एक सूची बनाइए?
    उत्तर- पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्त्रेत सूर्य है और सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचने वाली विकिरण ऊर्जा को सूर्यताप कहते है। सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सूर्यताप कहते है। सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा लघु तरंगो के रूप में होती है। इसका बहुत सा भाग भूतल द्वारा दीर्घ तरंगो के रूप में परिवर्तित किया जाता है। पृथ्वी का वायुमण्डल सूर्याताप की विभिन्न तरंग दैर्घ्य वाली किरणों के साथ विभिन्न प्रकार का व्यवहार करता है। वायुमण्डल में उपस्थित कुछ गैसे तथा जलवाष्प भूतल में परिवर्तित दीर्घ तरंगो के 90 प्रतिशत भाग का अवशोषण करते है। इस प्रकार वायुमण्डल को गर्म करने का मुख्य स्त्रेत पार्थिव विकिरण है। इस दृष्टि से वायुमण्डल ग्रीन हाऊस अथवा मोटर वाहन के शीशे की भांति व्यवहार करता है। यह सूर्य से आने वाली लघु किरणों को अपने बीच में से गुजरने देता है, परन्तु बाहर जाने वाली दीर्घ किरणों का अवशोषण कर लेता है। इसे ग्रीन हाउस प्रभाव कहते है। प्रमुख ग्रीन हाउस गैसे निम्नलिखित है-
    1. कार्बन डाइ आक्साइड (CO2)
    2. क्लोरो-फ्रलोरो कार्बन (CFCs)
    3. मीथेन (CH4)
    4. नाइट्रस आक्साइड (N2O)
    5. ओजोन (O3)
      अन्य-नाइट्रिक आक्साइड (NO), कार्बन मोनो आक्साइड CO
  2. भूमण्डलीय तापन से आप क्या समझते है। इसके प्रभावों का वर्णन कीजिए?
    उत्तर- ग्रीन हाउस प्रभाव से विश्व के तापमान में वृद्धि हो रही है, जिसे भूमण्डलीय तापन या उष्मन कहते हैं। भूमण्डलीय उष्मन वायुमण्डल मे ग्रीन हाउस गैसो की मात्र में वृद्धि होने के कारण होता है। भूमण्डलीय तापन में निम्नलिखित प्रभाव है.
    1. ध्रुवीय क्षेत्रे और पर्वतीय क्षेत्रें की सारी बर्फ पिघल जाएगी।
    2. समुद्र का जल स्तर बढ़ जाएगा, इससे अनेक तटवर्ती क्षेत्र जल मग्न हो जाऐगें।
    3. समुद्र का खारा पानी धरती के मीठे पानी को खराब कर देगा।
    4. पर्वतों की हिमानियों के पिघलने से नदियों में बाढ़ आ जाएगी।
  3. विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारणों की विवेचना किजिए ?
    उत्तर-
     जलवायु परिवृर्तन के कई कारण हैं जिन्हें खगोलीय, पार्थिव तथा मानवीय जैसे तीन वगों में बाँटा जाता है :-
    1. खगोलीय कारण :- खगोलीय कारणों का सम्बन्ध सौर कलंको से उत्पन्न सौर ऊर्जा में होने वाले परिवर्तन से है। सौर कलंक सूर्य पर पाए जाने वाले काले धब्बे हैं, जो चक्रीय क्रम में घटते व बढ़ते रहते हैं सौर कलंको की संख्या बढ़ती है। इसके विपरीत जब सौर कलंको की संख्या घटती है तो मौसम उष्ण हो जाता है। एक अन्य खगोलीय सिद्धान्त मिलैकोविच दोलन है जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के अक्षीय प्रसूतािप मे पिरवार्तन ला देते हैं जिसका प्रभाव जलवायु पर पड़ता ह।
    2. पार्थिव कारण :- पार्थिव कारणों में ज्वालामुखी उदगार परिवर्तन का एक कारण है। जब ज्वालामुखी फ़टता है तो बडी मात्रा वायुमण्डल में सक्रिय रहते हैं और सूर्य से आने वाली किरणों में बाधा बुक सर्षिकविकणक कमाकर देते हैं। इससे मास उडाहो जाता ह ।
    3. मानवीय कारण :- इनमें से कुछ परिवर्तन मानव की अवांछित गतिविधिओं का परिणाम है। इन्हें मानव प्रयास से कम किया जा सकता है। भू-मण्डलीय ऊष्मन एक ऐसा ही परिवर्तन है, जो मानव द्वारा लगातार और अधिकाधिक मात्रा में कार्बनडाइआक्साइड तथा अन्य ग्रीन हाऊस गैसें जैसे मीथेन तथा क्लोरोफ्लोरो कार्बन वायुमण्डल में पहुँचाए जाने से उत्पन्न हुआ है।
  4. कोपेन के अनुसार शुष्क जलवायु के समूह, प्रकार, कूट, अक्षर तथा लक्षणों का वर्णन करो |
    उत्तर-
     समूह:- शुष्क जलवायु
      कूट अक्षर
    1.उपोषण कटिबंधीयBSh
    2.उपोषण कटिबंधीय मरूस्थलBWh
    3.मध्य अक्षांशयोय मरूस्थलBWk
    4.मध्य अक्षांशयोय स्टेपीBSk

    लक्षणा :-

    1. निम्न अक्षांशीय अर्धशुष्क तथा शुष्क

    2. निम्न अक्षांशीय शुष्क

    3. मध्य अक्षांशीय शुष्क

    4. मध्य अक्षांशीय अर्धशुष्क तथा शुष्क