भवानी प्रसाद मिश्र - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 CBSE कक्षा 11 हिन्दी (केन्द्रिक)

खण्ड ग
काव्यांश पर आधारित अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
घर की याद-भवानी प्रसाद मिश्र


हे सजीले हरे सावन,
हे कि मेरे पुण्य पावन,
तुम बरस लो वे न बरसें,
पाँचवें को वे न तरसें,
मैं मजे में हूँ सही है,
घर नहीं हूँ बस यही है,
किन्तु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है,

  1. कवि किसे और क्यों अपना संदेशवाहक बना रहा है?
    उत्तर- कवि सावन को अपना संदेशवाहक बना रहा है क्योंकि वह अपने घर और परिवार जनों से दूर जेल में है ताकि वह उन्हें संदेश और सांत्वना दे सके।
  2. कवि सावन को संदेशवाहक बनाकर किसके पास क्या संदेश देने के लिए भेज रहा है?
    उत्तर- कवि सावन को संदेशवाहक बनाकर अपना संदेश पिताजी के पास भेज रहा है कि वह जेल में आनंद पूर्वक है। उसे यहाँ कोई दुख नहीं है।
  3. जेल में कवि को वास्तव में क्या दुख है?
    उत्तर-जेल में कवि को वास्तव में यही दुख है कि वह अपने परिवार जनों से दूर जेल में है; उसे घर और परिवार जनों का अभाव ही सबसे बड़ा अभाव है।
  4. कवि ने सावन को किस प्रकार संबोधित किया है?
    उत्तर- कवि ने सावन के महीने को पुण्यात्मा और दूसरे का उपकार करने वाले के रूप में संबोधित किया है।