प्राकृतिक वनस्पति-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                          CBSE कक्षा 11 भूगोल

(भाग-ख) पाठ-5 प्राकृतिक वनस्पति
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

एक अंक वाले प्रश्न (1 अंक वाले)

  1. चदंन वन किस तरह के वनों के उदाहरण हैं?
    उत्तर- पर्णपाती या मानसूनी वनों के उदाहरण हैं।
  2. सिमलिपाल जीवमंडल निचय किस राज्य में है?
    उत्तर- उड़ीसा राज्य में।
  3. नंदा देवी जीव मंडल निचय किस राज्य में स्थित है?
    उत्तर- उत्तराखंड में।
  4. एक आदर्श स्थिति में कुल भूमि के कितने प्रतिशत क्षेत्र पर वन होने चाहिये?
    उत्तर- लगभग 33 प्रतिशत भाग पर।
  5. उन राज्यों के नाम बताइए जिनके दो-तिहाई भौगोलिक क्षेत्र वन से ढके हैं?
    उत्तर- अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड।
  6. भारत के उन राज्यों के नाम बताइए जिनके भौगोलिक क्षेत्र के 10 प्रतिशत से कम भाग पर वन हैं।
    उत्तर- हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान
  7. दो राष्ट्रीय उद्यानों के नाम बताइए जिनमें गैंडा प्रमुख संरक्षित वन्य जीव है?
    उत्तर- काजीरंगा और मानस
  8. मणिपुर में कौन से मृग के संरक्षण की परियोजना चल रही है?
    उत्तर- थामिन मृग
  9. भारत की वन नीति कब बनाई गई?
    उत्तर-
     सन् 1952 ई. में परन्तु इसे संशोधित किया गया 1988 ई. में |
  10. भारत में इस समय कितने जैव मंडलीय सुरक्षित क्षेत्र है?
    उत्तर-
     14 जैव मंडलीय सुरक्षित क्षेत्र ।
  11. भारत के उन जीव मंडल निचय के नाम बताओ जो यूनेस्को के जीव मंडल निचय विश्व नेटवक पर मान्यता प्राप्त हैं ?
    उत्तर-
     भारत के 14 जीव मंडल निचय हैं, जिनमें से 4 जीव मंडल निचय (1) नीलगिरी (2) नंदादेवी (3) सुंदर वन (4) मन्नार की खाडी यूनेस्को द्वारा जीव मंडल निश्चय विश्व नेटवर्क पर मान्यता प्राप्त हैं ।
  12. प्रोजेक्ट टाईगर तथा प्रोजेक्ट एलिफट कयों आरंभ किए गए थे?
    उत्तर-
     प्रोजेक्ट टाईगर (1973 ई.) तथा प्रोजेक्ट एलिफेंट (1992 ई.) में इन प्रजातियों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास को बचाने के लिए आरंभ किए गए थे। इनका मुख्य उद्देश्य भारत में बाघों व हाथियों की जनसंख्या के स्तर को बनाए रखना है ।

CBSE कक्षा 11 भूगोल
(भाग-ख) पाठ-5 
प्राकृतिक वनस्पति
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ प्रश्न (5 अंक वाले)

  1. वन संरक्षण नीति कब लागू की गयी। इस नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
    उत्तर- 
    1. स्वतन्त्रता के पश्चात भारत में पहली बार वन-नीति सन् 1952 में लागू की गई थी।
    2. सन् 1988 में नई राष्ट्रीय वन नीति वनों के क्षेत्रफल में हो रही कमी को रोकने के लिए बनाई गई थी।
    इस नीति के प्रमुख उद्देश्य-
    1. देश के 33 प्रतिशत भाग पर वन लगाना।
    2. पर्यावरण संतुलन बनाए रखना तथा परिस्थितिक असंतुलित क्षेत्रों में वन लगाना।
    3. देश की प्राकृतिक धरोहर जैव-विविधता तथा आनुवांशिक मूल का संरक्षण:
    4. मृदा अपरदन और मरूस्थलीकरण रोकना तथा बाढ़ व सूखा नियंत्रण।
    5. निम्नीकृत भूमि पर सामाजिक वानिकी एवं वनरोपण द्वारा वन आवरण का विस्तार।
    6. वनों की उत्पादकता बढ़ाकर वनों पर निर्भर ग्रामीण जनजातियों को इमारती लकड़ी, ईधन चारा और भोजन उपलब्ध करवाना और लकड़ी के स्थान पर अन्य वस्तुओं को प्रयोग मे लाना।
    7. पेड़ लगाने को बढ़ावा देने के लिए, पेड़ो की कटाई रोकने के लिए जन-आंदोलन चलाना, जिसमे महिलाए भी शामिल हो ताकि वनों पर दबाव कम हो।
    8. वन और वन्य जीव संरक्षण में लोगों की भागीदारी।
  2. सामाजिक वानिकी से क्या तात्पर्य है? इसके प्रमुख उद्देश्य क्या है?
    उत्तर- सामाजिक वानिकी का अर्थ है पर्यावरणीय, सामाजिक व ग्रामीण विकास में मदद के उद्देश्य से वनों के प्रबन्धन में समाज को भूमिका तय करना एवं ऊसर भूमि पर वन लगाना।
    सामाजिक वानिकी- सामाजिक वानिकी शब्दावली का प्रयोग पहले 1976 के राष्ट्रीय कृषि आयोग ने किया था। इसके मुख्य उद्देश्य थे।
    • जनसंख्या के लिए जलावन लकड़ी की उपलब्धता।
    • छोटी इमारती लकड़ी।
    • छोटे-छोटे वन उत्पादों की आपूर्ति करना।
    इसके तीन अंग है:-
    1. शहरी वानिकी:- शहरों में निजी व सार्वजनिक भूमि जैसे-हरित पट्टी, पार्क, सडको, व रेलमार्गो व औद्योगिकी व व्यापारिक स्थलों के साथ वृक्ष लगाना और उनका प्रबंधन करना।
    2. ग्रामीण वानिकी:- इसके अंतर्गत कृषि वानिकी और समुदाय कृषि वानिकी को बढ़ावा देना।
    3. फार्म वानिकी:- इसके अंतर्गत कृषि योग्य तथा बंजर भूमि पर पेड़ लगाना तथा फसलें उगाना जिससे खाद्दान्ना, चारा, ईंधन व फल-सब्जियाँ मिल सकें।



CBSE कक्षा 11 भूगोल
(भाग-ख) पाठ-5 
प्राकृतिक वनस्पति
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


लघु प्रश्न (3 अंक वाले)

  1. प्राकृतिक वनस्पति किसे कहते है? उष्ण कटिबंधीय सदाहरित वन किस प्रकार की जलवायविक दशाओं में पाये जाते है?
    उत्तर- प्राकृतिक वनस्पति में वे पौधे सम्मिलित किए जाते हैं जो मानव की प्रत्यक्ष या परोक्ष सहायता के बिना उगते हैं और अपने आकार, संरचना तथा अपनी आवश्यकताओं की प्राकृतिक पर्यावरण के अनुसार ढाल लेते है।
    उष्ण कटिबन्धीय सदापर्णी वन आर्द्र तथा उष्ण भागों में मिलते है। इन क्षेत्रों में औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी से अधिक और सापेक्ष आर्द्रता 70 प्रतिशत से अधिक होती है औसत तापमान 24 डिग्री से. होता है। ये वन भारत में पश्चिमी घाट पर्वत, उत्तर पूर्वी पहाड़ियों एवं अंडमान न निकोबार में पाये जाते है।
  2. सामाजिक बानिकी से आपका क्या अभिप्राय है?
    उत्तर- सामाजिक वानिकी- सामाजिक वानिकी शब्दावली का प्रयोग सबसे पहले 1976 के राष्ट्रीय कृषि जनसंख्या के लिए जलावन, छोटी इमारती लकड़ी तथा छोट-छोटे वन उत्पादों की आपूर्ति करना है। इसके मुख्य रूप से तीन अंग है।
    (क) शहरी वानिकी (ख) ग्रामीण वानिकी (ग) फार्म वानिकी
    1. किसानों को अपनी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना।
    2. वन विभागों द्वारा लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सड़कों के किनारे नहर के दोनो और एवं सार्वजनिक भूमि पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया गया।
  3. जीव मंडल निचय को परिभाषित कीजिए?
    उत्तर- जीवमंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) विशेष प्रकार के भौमिक और तटीय पारिस्थितिक तंत्र है, जिन्हें यूनेस्को ने मानव और जीवमंडल कार्यक्रम के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त है।
    जीव मंडल निचय के तीन मुख्य उद्देश्य है:-
    (क) संरक्षण (ख) विकास (ग) व्यवस्था
    इसमें क्षेत्र को प्राकृतिक अवस्था में रखा जाता है। सभी प्रकार की वनस्पति और वन्य जीवों का संरक्षण किया जाता है। उदाहरणतयः नंदा देवी, नीलगिरी सुन्दर वन आदि।
  4. उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वनों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखे?
    उत्तर- उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन- ये वे वन है जो 100 से 200 सेटीमीटर वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाये जाते है। इन वनों का विस्तार गंगा की मध्य एवं निचली घाटी का विस्तार गंगा की मध्य एवं निचली घाटी अर्थात् भाबर एवं तराई प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश छतीसगढ़ का उत्तरी भाग, झारखंड, पश्चिमी बंगाल, उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल के कुछ भागों में मिलता है। प्रमुख पेड़ साल, सागवान, सी राम, चंदन, आम आदि है। ये पेड़ ग्रीष्म ऋतु में अपने पत्ते गिरा देते है। इसलिए इन्हे पतझड़ वन भी कहा जाता है। इनकी ऊचाई 30 से 45 मीटर तक होती है। ये इमारती लकड़ी प्रदान करते है। जिससे इनका आर्थिक महत्व अधिक है। ये वन हमारे 25 प्रतिशत वन क्षेत्र में फैले हुए है।
  5. राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य में अंतर स्पष्ट करें?
    उत्तर- राष्ट्रीय उद्यान- सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रीय उद्यान का उच्च स्तर प्रदान किया जाता है। इसकी सीमा में पशुचारण की मनाही है। इसकी सीमा में किसी भी व्यक्ति की भूमि अधिकार नही मिलता
    अभ्यारण्य- में कम सुरक्षा का प्रावधान है। इसमें वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए गतिविधियों की अनुमति होती है। इसमें किसी अच्छे कार्य के लिए भूमि उपयोग हो सकता है।
  6. सदाहरित वन एवं पर्णपाती वनों के प्रमुख वृक्षों वितरण क्षेत्रों के बारे में संक्षेप में लिखे?
    उत्तर-
    • सदाहरित वन- ये वनस्पति 200 सेमी से अधिक वर्षा वाले सहयाद्रि के पवनाभिमुख ढालों वर, असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पायी जाती है।
    • मुख्य वृक्ष- महोगनी, गर्जन, बांस ताड़ आदि है।
      • ये सदा हरे भरे होते है।
      • ये बहुत संघन होते है।
      • इनकी ऊंचाई 35 मीटर से 50 मीटर तक हो सकती है।
      • वृक्षो की लकड़ी काफी कठोर होती है।
    • पर्णपाती वन100 से 200 सेमी वाले क्षेत्रों में पाये जाते है। ये सहयाद्रि के पूर्वी ढाल प्रायद्वीप के उत्तर-पूर्वी पठार, हिमालय की तलहटी के भाबर और तराई तथा उत्तर-पूर्वी भारत में पाए जाते है।
    • मुख्य वृक्ष- सागौन, साल, चंदन, हल्दू, महुआ, धूप, शीशम खैर आदि।
      1. ये वन ग्रीष्म ऋतु में अपने पत्ते गिरा देते है।
      2. ये कम घने होते है
      3. वृक्षों की ऊचाई अपेक्षाकृत कम होती है।
      4. इन वनों लकड़ी कम कठोर होती है।
      5. ये वन लगभग पूरे भारत में पाऐ जाते है।
      6. इन वनों की लकड़ी बहुत उपयोगी होती है।
  7. अनूप वन किसे कहते हैभारत में आर्द्र या अनूप वनों के महत्व को स्पष्ट करे?
    उत्तर- भारत के उन क्षेत्रों में जहां जमीन हमेशा जल युक्त या आर्द्र होती है वहां की प्राकृतिक वनस्पति को आर्द्रवन या अनूप वन कहते है। भारत में इस तरह की आठ आर्द्र भूमियां है जो अपने सघन मैं गांव वनों एवं जैव विविधता के लिए विख्यात है। भारत में प॰ बंगाल को सुंदर वन डेल्टा अपने मैंग्रोव वनों के लिये विश्व विख्यात है। इन वनों में टाइगर से लेकर श्रिम्प तक बड़े-छोटे जानवर पाये जाते है।
    पर्यावरण संरक्षण, जैवविविधता एवं प्राकृतिक वनस्पतियों के संरक्षण के लिये इन वनों को अस्तित्व की सुरक्षा आवश्यक है।
  8. वन क्षेत्र एवं वास्तविक वन आवरण में क्या अंतर है?
    उत्तर- वन क्षेत्र- ये वे क्षेत्र है जहां राजस्व विभाग के अनुसार वन होने चाहिये। इसके अन्तर्गत एक निश्चित क्षेत्र को वन क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया जाता है।
    वास्तविक वन आवरण- इसके अन्तर्गत वह क्षेत्र आता है जो वास्तव में प्राकृतिक वनस्पतियों के झुरमुट से ढका होता है भारत में सन् 2001 में वास्तविक वन आवरण केवल 20.55 प्रतिशत था।
  9. वन्य प्राणी अधिनियम कब पास हुआ? इस अधिनियम के प्रमुख उद्देश्य क्या है?
    उत्तर- भारत में वन्य प्राणी अधिनियम 1972 में पास हुआ। इस अधिनियम के दो प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है-
    1. इस अधिनियम के अनुसार कुछ सूचीबद्ध संकटापन्न प्रजातियों को सुरक्षा प्रदान की जायेगी।
    2. सरकार द्वारा निर्धारित नेशनल पार्कों, पशुविहारों जैसे संरक्षित क्षेत्रों को कानूनी सहायता प्रदान करना।