मनोविज्ञान एवं खेल - पुनरावृति नोट्स

CBSE कक्षा 11 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 10 मनोविज्ञान एवं खेल
पुनरावृत्ति नोट्स

स्मरणीय बिन्दू-
  • मनोविज्ञानः मनोविज्ञान मानव स्वभाव और उसके व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन है।
    खेल मनोविज्ञानः खेल मनोविज्ञान वह क्षेत्र है जो मनोविज्ञान तथ्यों, सीखने के सिद्धांतों, प्रदर्शन और खेलकूद में मानवीय व्यवहार के संबंधों में लागू होता है।
    खेल मनोविज्ञान का महत्त्वः-
    • व्यवहार को समझने में।
    • भावनाओं के नियंत्रण।
    • खिलाड़ी को मनोविज्ञान रूप में तैयार करना।
    • गामक कौशलों को सीखने में मदद करता है।
    • कौशलों को सुधारने में।
  • वृद्धि एवं विकासः
    वृद्धि: वृद्धि का अर्थ है आकार, भार, लम्बाई ड़ाई आदि में बढ़ोतरी।
    विकास: विकास का अर्थ- शरीर में गुणात्मक परिर्वतन है जैसे बच्चे की कार्यकुशलता, कार्य-क्षमता और व्यवहार में प्रगति।
  • विकास एवं वृद्धि की विभिन्न अवस्थाएं:
    • शैशवावस्था- 0 से 5 वर्ष
    • बाल्यावस्था- 6 से 9 वर्ष
    • देर से बचपन- 9 से 12 वर्ष
    • किशोरवस्था- 12 से 18 वर्ष
    • वयस्कता- 18 वर्ष से
  • किशोरावस्था, किशोरों की समस्याएं और इनका प्रबंधन
    किशोरावस्था: वह अवस्था है, जिसमें मनुष्य बाल्यावस्था से परिपक्य अवस्था की ओर बढ़ता है।
    • किशोरों की समस्याएँ
      • कम आत्मसम्मान
      • उदासी
      • आपराधिक और सामाजिक गतिविधि
      • विवाह पूर्ण यौन सम्बंधी समस्याएँ
      • नशीली दवाओं का दूरुपयोग
    • किशोरावस्था की समस्याओं के समाधान
      • माता पिता की सहानुभूति और उदार रवैया या व्यवहार
      • घर और स्कूल में स्वस्थ्य वातावरण
      • किशोर मनोविज्ञान का समुचित ज्ञान
      • उचित यौन शिक्षा
      • सही दिशा में ऊर्जा का प्रवाह
  • सीखने या अधिगम का अर्थ व परिभाषाएं, सीखने के नियम
    सीखना या अधिगम: सीखना एक जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। यह गर्भ में शुरू होती है और कब्र में समाप्त होती है।
    सीखना, समायोजन और अनुकूलन है।
    सीखने के नियम
    • सीखने के प्राथमिक नियम
      • तत्परता का नियम
      • प्रभाव का नियम
      • अभ्यास का नियम
    • सीखने के गौण नियम
      • निकटता का नियम
      • समीकरण का नियम
      • प्राथमिकता का नियम
      • नीवनता का नियम
      • विपरीतता का नियम
      • संबंध का नियम
  • अधिगम या सीखने का स्थानान्तरण, प्रशिक्षण के स्थानांतरण के प्रकार अधिगम के स्थानांतरण को प्रभावित करने वाले कारण
    सीखने का स्थानांतरण: किसी कौशल में प्रदर्शन के पूर्व अनुभव का प्रभाव किसी नए प्रकरण में या किसी नए कौशल के अधिगम पर पढ़ना।
    1. सकारात्मक स्थानांतरण: जब पूर्व ज्ञान या प्रशिक्षण के फलस्वरूप प्रदर्शन में सुधार होता है तो वह सीखने का सकारात्मक स्थानांतरण कहलाता है।
    2. नकारात्मक स्थानांतरण: जब सीखा गया कोई कौशल किसी दूसरे कौशल को सीखने में अवरोधक सिद्ध हो।
    3. उपयोगात्मक स्थानांतरण: जब पहले सीखे हुए ज्ञान का उपयोग प्रगति की ओर अग्रसर जीवन स्थितियों या समस्याओं पर सफलता पूर्वक लागू होता है।
    4. पूर्व प्रभावी स्थानांतरण: नया सीखा गया कोई कौशल पहले सीखे हुए कौशल को प्रभावित करता है।
      उदाहरण: जब कोई हाॅकी खिलाड़ी झपट लेना कौशल को सीखता है तो इसका प्रभाव उसके पहले सीखे पुश-पास (Push-Pass) कौशल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
    5. पश्च प्रभावी क्रियाशील स्थानांतरण: इस प्रकार के स्थानांतरण में किसी कौशल को सीखना आगे आने वाले कौशलों के सीखनें को प्रभावित कर सकता है।
    6. द्विपक्षीय स्थानांतरण: इस प्रकार का स्थानांतरण तब होता है जब शरीर के एक पक्ष के अंग प्रदर्शन में परिवर्तन होता है, दूसरे पक्ष में प्रशिक्षण लेने के परिणामस्वरूप ऐसा होता है।
      द्विपक्षीय स्थानांतरण: जब प्रशिक्षण द्वारा शरीर के एक भाग में परिवर्तन आता है, तब दूसरे समकक्ष भाग में स्वतः ही परिवर्तन आता है इसे हम द्विपक्षीय स्थानांतरण कहते हैं।
  • अधिगम के स्थानांतरण को प्रभावित
    • सीखने वाले की इच्छा
    • सीखने वाले की बुद्धि
    • सीखने वाली की
    • मिलती-जुलती विषय
    • मौलिक समझ की
  • प्लैट्यू या पठार या स्थिरांक व स्थिरांक के कारण:
    प्लैट्यू या स्थिरांक: तेजी से शुरूआत की सामान्य प्रवृति कुछ समय के लिए जारी परन्तु कुछ समय के बाद धीमी हो जाती है और एक स्तर पर पहुँच जाती है जहाँ कोई सुधार नहीं होता।
  • स्थिरता के कारण
    • उदासी
    • अत्यधिक तनाव
    • पूर्णतावाद
    • कम रूचि
    • खराब परिस्थितियों में अभ्यास
  • भावना की अवधारणा एवं भावनाओं को नियंत्रण करने के तरीकेः
    भावना: भावनाएँ व्यक्ति परक सचेत अनुभव की विशेषताएँ है, जो तार्किक प्रतिक्रियाओं और मानसिक स्थितियों पर निर्भर करती हैं।
  • भावनाओं को नियंत्रण करने के तरीके
    • ध्यान
    • स्थिति के बारे में सकारात्मक सोच
    • प्रकृति का आनंद
    • अपने श्वास पर नियंत्रण
    • रोकों और मूल्यांकन करो