सौर विकिरण ऊष्मा संतुलन एवं तापमान-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                             CBSE कक्षा 11 भूगोल

भाग-क पाठ 9 सौर विकिरण ऊष्मा सन्तुलन एवं तापमान
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अति लघुत्तरात्मक प्रश्न (1 अंक वाले)

  1. पृथ्वी के किस स्थान पर दिन अथवा रात सबसे बड़े होते है ?
    उत्तर- ध्रुवों पर।
  2. एल्बिडो (Albedo) को परिभाषित कीजिए?
    उत्तर- सूर्य से आने वाली सौर विकिरण का 27 इकाइयां बादलों के ऊपरी छोर से तथा 2 इकाइयां पृथ्वी के हिमाच्छादित क्षेत्रें द्वारा परावर्तित होकर लौट जाता है। सौर विकिरण की इस परिवर्तित मात्र को पृथ्वी का एल्बिडो कहते है।
  3. सूर्यातप से क्या तात्पर्य है? यह पृथ्वी पर किस रूप में प्राप्त होता है?
    उत्तर-
     पृथ्वी को सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सूर्यातप अथवा आगमी सौर विकिरण कहते हैं। यह पृथ्वी पर लघु तरंग दैध्र्य के रूप में आती है।
  4. तापमान क्या होते है?
    उत्तर- तापमान ऊष्मा से पैदा हुई गर्मी का माप है।
  5. किस अक्षांश पर 21 जून को सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है?
    उत्तर- कर्क रेखा अर्थात् 23.1/2o उत्तरी अक्षांश पर।
  6. किस अंक्षाश पर 22 दिसम्बर की दोपहर को सूर्य किरणें सीधी पड़ती है?
    उत्तर- मकर रेखा 23.1/2o दक्षिणी अक्षांश पर।
  7. 21 मार्च तथा 23 दिसम्बर को सूर्य की किरणें किस अक्षांश पर सीधी पड़ती है।
    उत्तर- विषुवत वृत अर्थात 0o डिग्री अक्षांश पर।
  8. समताप रेखाएं क्या होती है?
    उत्तर- मौसम मानचित्र पर खीची जाने वाली के काल्पनिक रेखा जो एक समान तापमान वाले स्थानों को मिलाती है। उसे समताप रेखाएं कहते है।
  9. अपसौर (Aphelion) किसे कहते हैं? और यह कब होता है ?
    उत्तर- सूर्य के चारों और परिक्रमण के दौरान पृथ्वी 4 जुलाई को सूर्य से सबसे दूर अर्थात 15 करोड़ 20 लाख किलोमीटर दूर होती है। पृथ्वी की इस स्थिति को अपसौर कहते है।
  10. उपसौर (Perihelion)  किसे कहते हैं? और यह स्थिति कब होती है ?
    उत्तर- 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे निकट अर्थात 14 करोड़ 70 लाख किलोमीटर दूर होती है। इस स्थिति को उपसौर कहा जाता है।
  11. तापमान के सामान्य ह्रास दर से क्या अभिप्राय है ?
    उत्तर-
     ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान कम होता चला जाता है। 1000 मी. की ऊँचाई पर तापमान में 6.5o डिग्री सेल्सियस की कमी हो जाती हैं। इसे ही तापमान की सामान्य हास दर कहते हैं।
  12. यूरेशिया के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में तापान्तर सबसे अधिक क्यों होता है?
    उत्तर-
     इसका मुख्य कारण महाद्वीपीयता (Continentality) है। अर्थात इस क्षेत्र का चारों तरफ से स्थल से घिरा होना तथा समुद्र से दूर स्थित होना है।
  13. वातागृ का क्या अर्थ है?
    उत्तर- जब दो भिन्न प्रकार की वायुराशियां मिलती है तो उनके मध्य सीमा क्षेत्र को वाताग्र कहते है। वाताग्रों के बनने की प्रक्रिया को वाताग्र जनन कहते है।
  14. वातागृ का क्या अर्थ है?
    उत्तर- जब दो भिन्न प्रकार की वायुराशियां मिलती है तो उनके मध्य सीमा क्षेत्र को वाताग्र कहते है। वाताग्रों के बनने की प्रक्रिया को वाताग्र जनन कहते है।
  15. टोरनेडो या जलस्तंभ किसे कहते है?
    उत्तर- भयानत तडि़तझंझा से कभी-कभी वायु आक्रामक रूप में हाथी की सूंड की तरह सर्पिल अवरोहण करती है। इसमें केन्द्र पर अत्यंत कम वायुदाब होता है और यह व्यापक रूप से भयंकर विनाशकारी होते है। इस परिघटना को वेरनेडों कहते है। टोरनेडो सामान्यतः मध्यअक्षांशो में उत्पन्न होते है। समुद्र पर टोरनेडो को जलस्तंभ कहते है।


CBSE कक्षा 11 भूगोल
भाग-क 
पाठ 9 सौर विकिरण ऊष्मा सन्तुलन एवं तापमान
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


लघुरात्मक प्रश्न (3 अंक वाले)

  1. वायुमण्डल सूर्यातप की अपेक्षा भौमिक विकिरण से अधिक गर्म क्यों होता है?
    उत्तर- वायुमण्डल सूर्यातप की अपेक्षा भौमिक विकिरण से अधिक गर्म होता है जिसके निम्न कारण है।
    • सूर्य से प्राप्त होने वाला विकिरण लघुतरंगो के रूप में होता है जिसे वायुमण्डल नही सोख सकता।
    • यह प्रवेशी विकिरण भूतल पर पहुँचकर पृथ्वी को गर्म करता है।
    • पृथ्वी के ऊष्मा दीर्घ तरगों के रूप में निकलती है जिसे वायुमण्डल की गैसें अवशोषित करती है। और वायुमण्डल गर्म होता है।
  2. सूर्यातप तथा तापमान में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
    उत्तर- 
    सामान्यतः सूर्यातप तथा तापमान को पर्यायवाची शब्द समझा जाता है लेकिन इन दोनों शब्दों का भिन्न-भिन्न अर्थ है।
    सूर्यातप:-  तापमान:-
    1. सूर्यातप ऊष्मा है जिससे गर्मी पैदा होती है।
    2. सूर्यातप को कैलोरी मे मापा जाता है।
    3. गर्मी कारण मात्र है। किसी पदार्थ को गर्मी देने पर उसका तापमान बढ़ता है। तापमान बढ़ता है |
    4. तापमान ऊष्मा से पैदा हुई गर्मी का माप है।
    5. तापमान को थर्मामीटर द्वारा डिग्री में मापा जाता है।
    6. तापमान गर्मी का प्रभाव है गर्मी मिलने से तापमान बढ़ता है।
  3. सर्वाधिक ताप कौन से कटिबंधीय में मिलता है। और क्यों स्पष्ट करो |
    उत्तर-
     सर्वाधिक ताप उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थलों पर मिलता है। इसके निम्न कारण है-
    1. वहाँ मेधाच्छन बहुत कम पाया जाता है।
    2. शीत ऋतु में मध्य तथा उच्च अक्षांशों पर ग्रीष्म ऋतु की तुलना में कम मात्रा में प्राप्त होता है।
  4. पृथ्वी के गर्म और ठंडा होने के तीन तरीके बताइए।
    उत्तर-
     चालन:-
    जब आसमान ताप वाले दो पिण्ड एक दूसरे के संपर्क में आते हैं। गर्म से ठंड पिंड की तरफ ऊर्जा का प्रवाह होता है जब अक दोनों पिंडों का तापमान बराबर न हो जाए।
  5. संवहन तथा अभिवहन में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
    उत्तर- संवहन
    1. संवहन प्रक्रिया द्वारा वायुमण्डल में क्रमशः लम्बवत् ऊष्मा का स्थानान्तरण होता है।
    2. यह प्रक्रिया गैसीय तथा तरल पदार्थो में होती है।
    3. यह प्रक्रिया ठोस पदार्थो में नही होती ।
    4. किसी गैसीय या तरल पदार्थ के एक भाग से दूसरे भाग की ओर उसके अणुओ द्वारा ऊष्मा के संचार को संवहन कहते है।
    अभिवहन
    1. इस प्रक्रिया में ऊष्मा का क्षैतिज दिशा में स्थानान्तरण होता है।
    2. वायु द्वारा संचालित समुद्री धाराएं भी उष्ण कटिबन्धों से ध्रुवीय क्षेत्रें मे ऊष्मा का संचार करती हैं।
    3. यह प्रक्रिया गैसीय तथा तरल पदार्थो में होती है।
  6. पार्थिव विकिरण क्या है और यह किस तरह लाभदायक है ?
    उत्तर-
     सौर विकिरण लघु तरंगों के रूप में पृथ्वी की सतह को गर्म करता है। पृथ्वी स्वंय गर्म होने के बाद वायुमंडल में दीर्घ तरंगों के रूप में ऊर्जा का विकिरण करने लगती है। जिसे पार्थिव विकिरण कहते हैं। यही प्रक्रिया वायुमंडल को गर्म करती है। वायुमण्डलीय गैसें (ग्रीन हाउस गैसे) दीर्घ तरंगों को सोख लेती हैं और वायुमंडल अप्रत्यक्ष रूप से गर्म हो जाता है। तत्पश्चात धीरे-धीरे इस ताप को अंतरिक्ष में संचरित कर दिया जाता है। पृथ्वी रात के समय ठंड हो जाती है अगर आसमान साफ है।
  7. पृथ्वी के धरातल पर तापमान के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए?
    उत्तर-
     उष्मा किसी पदार्थ के कणों में अणुओं की गति को दर्शाती है, वही तापमान किसी पदार्थ या स्थान के गर्म या ठण्डा होने को दर्शाता है जिसे डिग्री में मापते हैं। किसी भी स्थान पर वायु का तापमान निम्नलिखित कारकों द्वारा प्रभावित होता है:-
    1. अक्षांश (Latitude) :- किसी भी स्थान का तापमान उस स्थान द्वारा प्राप्त सूर्यातप पर निर्भर करता है। सूर्यातप की मात्रा में अक्षांश के अनुसार भिन्नता पाई जाती है।
    2. उत्तुंगता या ऊँचाई (Altitude) :- वायुमण्डल पार्थिव विकिरण के द्वारा नीचे से ऊपर की ओर गर्म होता है। यही कारण है कि समुद्र तल के पास के स्थानों पर तापमान अधिक तथा ऊँचे भाग में स्थित स्थानों पर तापमान कम होता है।
    3. समुद्र से दूरी (Distance from sea) :- किसी भी स्थान के तापमान को प्रभावित करने वाला दूसरा महत्वपूर्ण कारक समुद्र से उस स्थान दूरी है। स्थल की अपेक्षा समुद्र धीरे-धीरे गर्म और धीरे-धीरे ठण्डा होता है। समुद्र के निकट स्थित क्षेत्रों पर समुद्र एंव स्थल समीर का सामान्य प्रभाव पड़ता है।
    4. वायुसंहति या वायु राशि तथा महासागरीय धाराएं (Air Masses & Oceanic Currents) :- वायु राशि भी तापमान को प्रभावित करती है। कोष्ण वायु सहतियों से प्रभावित होने वाले स्थानों का तापमान अधिक तथा ठंडी वायु संहतियों से प्रभावित स्थानों का तापमान कम होता है। इसी प्रकार महासागरीय धाराओं का प्रभाव भी तापमान पर पड़ता है।



CBSE कक्षा 11 भूगोल
भाग-क 
पाठ 9 सौर विकिरण ऊष्मा सन्तुलन एवं तापमान
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न (5 अंक वाले)

  1. भू-पृष्ठ पर सूर्यातप को प्रभावित करने वाले कारको का वर्णन कीजिए ?
    उत्तर- भू-पृष्ठ पर सूर्यातप को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक है-
    1. सूर्य की किरणों का झुकाव:- पृथ्वी का आकार गोलाकार होने के कारण सूर्य की किरणे पृथ्वी के धरातल पर गिरते समय उनका झुकाव अलग-अलग होता है। लम्बवत् किरणे कम क्षेत्रफल पर गिरती है लेकिन इस प्रदेश को अधिक गर्म करती है। जैसे-जैसे किरणों के झुकाव का कोण कम होता जाता है वैसे-वैसे क्षेत्रफल बढ़ता है तथा वह भाग कम गर्म होता है।
    2. सूर्याताप पर वायुमण्डल का प्रभाव:- वायुमण्डल में मेघ आर्द्रता तथा धूलकण आदि परिवर्तनशील दशाएँ सूर्य से भाने वाले सूर्यातप को अवशोषित, परावर्तित तथा प्रकीर्णन करती है। जिससे पृथ्वी पर पहुँचने वाले सूर्यातप में परिवर्तन आ जाता है।
    3. स्थल एवं जल का प्रभाव:- सूर्य किरणों के प्रभाव से स्थलीय धरातल शीघ्रता से और अधिक गर्म होते है जबकि जलीय धरातल धीरे-धीरे तथा कम गर्म होते है।
    4. दिन की लम्बाई अथवा धूप की अवधि:- किसी स्थान पर प्राप्त हुई सूर्यातप की मात्र दिन की लम्बाई अथवा धूप की अवधि पर निर्भर करती है। ग्रीष्म ऋतु में दिन बड़े होते है और सूर्यातप अधिक प्राप्त होता है। इसके विपरीत, शीत ऋतु में दिन छोटे होते है और सूर्यातप कम प्राप्त होता है।
    5. भूमि का ढाल:- सूर्याभिमुखी ढाल होने पर अधिक सूर्यातप प्राप्त होता है। जबकि विपरीत ढाल होने पर कम सूर्यातप प्राप्त होता है।
    6. सूर्य से पृथ्वी की दूरी:- 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे करीब होती है जबकि 4 जुलाई को सबसे दूर। अतः सूर्यातप भी उसी तरह कम व अधिक प्राप्त होता है।
  2. पृथ्वी के ऊष्मा बजट का वर्णन विस्तार से कीजिए?
    उत्तर- पृथ्वी का तापमान स्थिर रहता है क्योकि पृथ्वी द्वारा प्राप्त की गई सौर ऊर्जा, पार्थिव विकिरण द्वारा ऊर्जा के हृास के बराबर होती है। पृथ्वी द्वारा प्राप्त की गई ऊष्मा तथा पार्थिव विकिरण द्वारा ऊर्जा के हृास को पृथ्वी का ऊष्मा बजट कहते है। पृथ्वी के ऊष्मा बजट को निम्न उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है। मान लो कि वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर प्राप्त 100 इकाई सूर्यातप है। 100 इकाई में से 35 इकाइयाँ पृथ्वी के धरातल पर पहुँचने से पहले ही अंतरिक्ष में परिवर्तित हो जाता है। 27 इकाइयाँ बादलों के ऊपरी छोर से तथा 2 इकाइयाँ पृथ्वी के हिमाच्छादित क्षेत्रें द्वारा परावर्तित होकर अन्तरिक्ष में लौट जाती है।
    प्रथम 35 इकाइयों को छोड़कर बाकी 65 इकाइयाँ अवशोषित होती है- 14 वायुमण्डल में तथा 51 इकाइयाँ पुन पार्थिव विकिरण के रूप में लौटा दी जाती है। इनमें 17 इकाइयाँ तो सीधे अन्तरिक्ष में चली जाती है और 34 इकाइयां स्वयं वायुमण्डल द्वारा, 9 इकाइयाँ संवहन के जरिए और 19 इकाइयाँ संघनन की गुप्त ऊष्मा के रूप मे। वायुमण्डल द्वारा 48 इकाइयों का अवशोषण होता है। वायुमण्डल विकिरण के द्वारा इनको भी अन्तरिक्ष में वापस लौटा देता है। अतः पृथ्वी के धरातल तथा वायुमण्डल से अन्तरिक्ष में वापस लौटने वाली विकिरण की इकाइयाँ क्रमशः 17 और 48 है, जिनका योग 65 होता है वापस लौटने वाली ये इकाइयां उन 65 इकाइयों का संतुलन कर देती है जो सूर्य से प्राप्त होती है यही पृथ्वी का ऊष्मा बजट है।
  3. तापमान का व्युत्क्रमण अथवा प्रतिलोम किसे कहते है? तथा व्युत्क्रमण के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ भी बताइए?
    उत्तर- वायुमण्डल की सबसे निचली परत क्षोभमण्डल जो पृथ्वी के धरातल से सटी हुई है में ऊंचाई के साथ सामान्य परिस्थितियों में तापमान-घटता है। परन्तु कुछ परिस्थितियों में ऊचाई के साथ तापमान घटने के स्थान पर बढ़ता है। ऊँचाई के साथ तापमान के बढ़ने को तापमान का व्युत्क्रमण कहते है। स्पष्ट है कि तापमान के प्रतिलोमन में धरातल के समीन ठंडी वायु तथा ऊपर की और गर्म वायु होती है। तापमान के व्युत्क्रमण के लिए निम्नलिखित भौगोलिक परिस्थितियां सहयोगी है-
    1. लम्बी राते- पृथ्वी दिन के समय ताप ग्रहण करती है तथा रात के समय ताप छोड़ती है। रात्रि के समय ताप छोड़ने से पृथ्वी ठण्डी हो जाती है और पृथ्वी की आस-पास की वायु भी ठण्डी हो जाती है तथा उसके ऊपर की वायु गर्म होती है।
    2. स्वच्छ आकाश- भौमिक विकिरण द्वारा पृथ्वी के ठण्डा होने के लिए स्वच्छ अथवा मेघरहित आकाश का होना अति आवश्यक है मेघ, विकिरण मे बाधा डालते है तथा पृथ्वी एवं उसके साथ लगने वाली वायु को ठण्डा होने से रोकते हैं।
    3. शान्त वायु- वायु के चलने से निकटवर्ती क्षेत्रें के बीच ऊष्मा का आदान प्रदान होता है। जिससे नीचे की वायु ठण्डी नही हो पाती और तापमान का व्युत्क्रमण नही हो पाता।
    4. शुष्क वायु- आर्द्र वायु में ऊष्मा को ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है। जिससे तापमान की हृासदर में कोई परिवर्तन नही होता। परन्तु शुष्क वायु भौमिक विकिरण को शोषित नही कर सकती। अतः ठण्डी होकर तापमान के व्युत्क्रमण की स्थिति पैदा करती है।
    5. हिमाच्छादन- हिम सौर विकिरण के अधिकांश भाग को परावर्तित कर देती है जिससे वायु की निचली परत ठंडी रहती है और तापमान का व्युत्क्रमण होता है।
  4. भूपृष्ठीय वायु तापमान वितरण का तुलनात्मक वर्णन कीजिए।
    या
    या जुलाई तथा जनवरी की समताप रेखाओं की विशेषताएं बतलाइये।
    उत्तर-
     तापमान के वितरण को समताप रेखाओं द्वारा दिखलाया जाता है। समताप रेखाएँ समान तापमान वाले क्षेत्रों को आपस में मिलाती हैं। समताप रेखाएं अक्सर अक्षांशों के समानांतर बनती है। इस सामान्य प्रवृति से विचलन, विशेषकर उत्तरी गोलार्द्ध में जुलाई की तुलना में जनवरी में ज्यादा स्पष्ट देखा जा सकता है। क्योंकि उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिणी गोलार्द्ध की अपेक्षा भू-भाग ज्यादा है। साथ ही समुद्री धाराओं का प्रभाव भी ज्यादा दिखाई देता है। जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में समुद्र का क्षेत्रफल अधिक है।
    जनवरीः-
    जनवरी में समताप रेखाएं महासागरों में उत्तर तथा महाद्वीपों पर दक्षिण की ओर झुक जाती हैं | जनवरी का माध्य मासिक तापमान विषुवत रेखीय महासागरों पर 27°C से ज्यादा होता है, उष्ण कटिबंधों में 24°C से ज्यादा, मध्य अक्षांशों पर 20°C से 0° डिग्री सेल्सियस एंव यूरेशिया के आंतरिक भाग में-18° सेल्सियस से -48° सेल्सियस तक अंकित किया जाता है।
    दक्षिणी गोलार्द्ध में तापमान भिन्नता कम होती है क्योंकि वहाँ जल भाग ज्यादा है इसलिए समताप रेखाएँ लगभग अक्षांशों के समान्तर चलती है।
    जुलाईः-
    इस मौसम में समताप रेखाएँ उष्ण कटिबंध में 30o सेल्सियस से अधिक के कोष्ठ का निर्माण महाद्वीपों के भीतर करती है। यहाँ 40o उत्तरी तथा दक्षिणी अंक्षाशों पर 10o सेल्सियस की समताप रेखाएँ देखी जाती हैं। दक्षिणी गोलार्द्ध की समताप रेखाएँ उत्तर की अपेक्षा ज्यादा सरल व सीधी देखी जाती हैं।
    जुलाई में समताप रेखाएं महाद्वीपों पर प्रवेश करते हुए उत्तर की ओर तथा महासागरों में प्रवेश करते हुए दक्षिण की ओर मुड़ जाती हैं।
  5. साइबेरिया के मैदान में वार्षिक तापांतर सर्वाधिक होता है। क्यों ?
    उत्तर-
     कोष्ण महासागरीय धारा गल्फ स्ट्रीम उत्तर की ओर मुड़ जाती है तथा उन क्षेत्रों के तापमान को बढ़ा देती है। तथा उत्तरी अटलांटिका डिफ्ट की मौजूदगी से उत्तरी अटलांटिका सागर ज्यादा गर्म होता है तथा सतह के ऊपर तापमान शीघ्रता से कम हो जाता है।