अंतर्राष्ट्रीय संगठन - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

CBSE Class 12 राजनीति विज्ञान
एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर
पाठ-6
अंतर्राष्ट्रीय संगठन

1. निषेधाधिकार (वीटो के बारे में नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। इनमें प्रत्येक के आगे सही या गलत का चिह्न लगाएँ-
(क) सुरक्षा परिषद् में सिर्फ स्थायी सदस्यों को 'वीटो' का अधिकार है
(ख) यह एक तरह की नकारात्मक शक्ति हैं।
(ग) सुरक्षा परिषद् के फैसलों से असंतुष्ट होने पर महासचिव 'वीटो' का प्रयोग करता है।
(घ) एक 'वीटो' से भी सुरक्षा परिषद् का प्रस्ताव नामंजूर हो सकता है।
उत्तर- (क) सही,
(ख) सही,
(ग) गलत,
(घ) सही।

2. संयुक्त राष्ट्र संघ के कामकाज के बारे में नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक के समाने सही या गलत का चिह्न लगाएँ।
(क) सुरक्षा और शांति से जुड़े सभी मसलों का निपटारा सुरक्षा परिषद में होता है।
(ख) मानवतावादी नीतियों का क्रियान्वयन विश्व भर में फैली मुख्य शाखाओं तथा एजेंसियों के मार्फत होता है।
(ग) सुरक्षा के किसी मसले पर पाँचों स्थायी सदस्य देशों का सहमत होना, उसके बारे में लिए गए फैसले के क्रियान्वयन के लिए जरूरी हैं।
(घ) संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा के सभी सदस्य संयुक्त राष्ट्र संघ के बाकी प्रमुख अंगों और विशेष एजेंसियों के स्वत: सदस्य हो जाते हैं।
उत्तर- (क) सही,
(ख) सही,
(ग) सही,
(घ) गलत।

3. निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रस्ताव को ज्यादा वजनदार बनाता है?
(क) परमाणु क्षमता।
(ख) भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के जन्म से ही उसका सदस्य है।
(ग) भारत एशिया में हैं।
(घ) भारत की बढ़ती हुई आर्थिक ताकत और स्थिर राजनीतिक व्यवस्था सहायक।
उत्तर- (क) परमाणु क्षमता भारत को सुरक्षा परिषद के लिए स्थायी सदस्यता का दावेदार नहीं बनाती।
(ख) भारत का संयुक्त राष्ट्र संघ के जन्म से ही सदस्य होना, उसकी स्थायी सदस्यता की दावेदारी को मजबूत करता है।
(ग) भारत का एशिया में होना ही उसकी स्थायी सदस्यता के दावें को मज़बूत नहीं करता।
(घ) भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति और स्थिर राजनीतिक व्यवस्था उसकी स्थायी सदस्यता में सहायक हैं।

4. परमाणु प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग और उसकी सुरक्षा से संबद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी का नाम है-
(क) संयुक्त राष्ट्र संघ नि:शस्त्रीकरण समिति।
(ख) अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी।
(ग) संयुक्त राष्ट्र संघ अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा समिति।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- (ख) अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी।

5. विश्व व्यापार संगठन निम्नलिखित में से किस संगठन का उत्तराधिकार है?
(क) जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ
(ख) जनरल एरेंजमेंट आन ट्रेड एंड टैरिफ
(ग) विश्व स्वास्थ्य संगठन
(घ) संयुक्त राष्ट्र संघ विकास कार्यक्रम
उत्तर- (क) जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एड टैरिफ।

6. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
(क) संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य उद्देश्य ....... है |
(ख) संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे जाना-पहचाना पद ....... का है |
(ग) संयुक्त राष्ट्र संघ की 'सुरक्षा परिषद्' में ....... स्थायी और .......  अस्थायी सदस्य हैं।
(घ) ....... संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव हैं।

(ड) मानवधिकारों की रक्षा में सक्रिय दो स्वयंसेवी संगठन ....... और ....... हैं।
उत्तर- (क) विश्व में शांति और सुरक्षा स्थापित करना
(ख) महासचिव
(ग) 5, 10,
(घ) श्री बॉन-की-मून (Ban-Ki-Moon)
(ड) एमनेस्टी इंटरनेशनल, हयूमन राइटस वॉच।

7. संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्य शाखाओं और एजेंसियों का सुमेल उनके काम से करें-
1. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद(क) वैश्विक वित्त-व्यवस्था की देखरेख।
2. अंतराष्ट्रीय न्यायालय(ख) अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का संरक्षण।
3. अंतरांगाष्ट्रीय आण्विक उर्जा एजेंसी(ग) सदस्य देशों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण की चिता।
4. सुरक्षा परिषद्(घ) परमाणु प्रौद्योगिकी का शांतिपूर्ण उपयोग और सुरक्षा।
5. संयुक्त राष्ट्र संघ शरणार्थी उच्चायोग(ङ) सदस्य देशों के बीच मौजूद विवादों का निपटारा।
6. विश्व व्यापार संगठन(च) आपातकाल में आश्रय तथा चिकित्सीय सहायता मुहैया करना।
7. अंतरांगाष्ट्रीय मुद्राकोष(छ) वैश्विक मामलों पर बहस-मुबाहिसा।
8. ॐम सभा(ज) संयुक्त राष्ट्र संघ के मामलों का समायोजन और प्रशासन।
9. विश्व स्वास्थ्य संगठन(झ) सबके लिए स्वास्थ्य।
10. सचिवालय(ज) सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार की राह आसान बनाना।
उत्तर-
1. आर्थिक एवं सामामाजिक परिषद(ग) सदस्य देशों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण की चिंता।
2. अंतराष्ट्रीय न्यायालय(ङ) सदस्य देशों के बीच मौजूद विवादों का निपटारा।
3. अंतरांगाष्ट्रीय आण्विक उर्जा एजेंसी(घ) परमाणु प्रौद्योगिकी का शांतिपूर्ण उपयोग और सुरक्षा।
4. सुरक्षा परिषद्(ख) अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का संरक्षण।
5. संयुक्त राष्ट्र संघ शरणार्थी उच्चायोग(च) आपातकाल में आश्रय तथा चिकित्सीय सहायता मुहैया करना।
6. विश्व व्यापार संगठन(अ) सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार की राह आसान बनाना।
7. अंतरांगाष्ट्रीय मुद्राकोष (क) वैश्विक वित्त व्यवस्था की देख-रेख।
8. ॐम सभा(छ) वैश्विक मामलों पर बहस-मुबाहिसा।
9. विश्व स्वास्थ्य संगठन(झ) सबके लिए स्वास्थ्य
10. सचिवालय(ज) संयुक्त राष्ट्र संघ के मामलों का समायोजन और प्रशासन।

8. सुरक्षा परिषद के क्या कार्य हैं?
उत्तर- संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अंतर्गत, जितनी शक्तियाँ सुरक्षा परिषद को सौंपी गई हैं, आज तक किसी अन्य संस्था को नहीं सौंपी गई। अमरीका प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष सन-फ्रांसिस्कों ने एक सम्मेलन में कहा था "सुरक्षा परिषद् अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अद्वितीय है।" सुरक्षा परिषद की शक्तियाँ अध्याय 6 की धारा 33 से 38 तक, अध्याय 7 की धारा 39 से 51 तक, अध्याय 8 की धारा 52 से 54 तक तथा अध्याय 12 की धारा 75 से 78 तक में दी गई हैं।
सुरक्षा परिषद के कार्य और शक्तियाँ निम्न हैं-
  1. विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा- सुरक्षा परिषद किसी भी विवाद की जाँच-पड़ताल कर सकती है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा हो। सुरक्षा परिषद का कर्तव्य है कि कानूनी झगड़ों को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष रखें।
  2. अंतरांगाष्ट्रीय शांति व सुरक्षा की स्थापना- सुरक्षा परिषद का दायित्व है कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर किसी विवाद या झगड़े की जाँच करें जो विश्व शांति या सुरक्षा के लिए खतरा हो।
  3. विश्व शांति को संकट में डालने और भंग करने वाले मामलों के संबंध में कार्यवाही- सुरक्षा परिषद का दायित्व हैं कि जो मामले विश्व शांति के लिए खतरा पैदा करते हैं, उनकी जाँचा करें। उनके खिलाफ जल्दी से कार्यवाही की जानी चाहिए | जैसे स्वेज नहर संकट के समय मिस्त्र को सेनाएँ हटाने का आदेश दिया गया |
  4. चुनाव संबंधी कार्य- सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा नए सदस्यों, महासचिव और न्यायालय के न्यायाधीशों का चुनाव करती है।
  5. निरीक्षणात्मक कार्य- सुरक्षा परिषद नए राज्यों के प्रवेश, सदस्यों के निलम्बन और निष्कासन के कार्य भी करती हैं।
  6. प्रादेशिक समस्याएँ- सुरक्षा परिषद प्रादेशिक समस्याओं पर नजर रखती हैं और उनके समाधान का  प्रयत्न करती है। प्रादेशिक संगठनों और अभिकरणों के प्रयोजन उनके सिद्धांतों के अंतर्गत होने चाहिए, यह भी सुरक्षा परिषद् देखती है।
  7. चार्टर में संशोधक- चार्टर में संशोधन सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्यों के बहुमत से ही होता है।

9. भारत के नागरिक के रूप में सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के पक्ष का समर्थन आप कैसे करेंगें? अपने प्रस्ताव का औचित्य सिद्ध करें।
उत्तर- भारत के नागरिक के रूप में मेंरा मानना है कि भारत को सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य होना चाहिए। स्थायी सदस्यता के लिए निम्न तर्क शामिल हैं-
  1. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के  शुरूआती सदस्यों में से एक है।
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ की निधि में भारत का निश्चित आर्थिक योगदान है।
  3. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के अनेक शांति कार्यों में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  4. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धांतों, उद्देश्यों और कार्यों में पूरा विश्वास करता है। इसीलिए भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयों की उपेक्षा या उल्लंघन नहीं करता, चाहे वह कश्मीर का प्रश्न ही क्यों न हों।
  5. भारत विश्व का सबसे विशाल लोकतांत्रिक देश है।
  6. भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति अभियानों के लिए कई बार अपनी सेना भेजी है, जिनमें कोरिया, मिस्र, कांगों आदि हैं।
  7. भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से किए गए शांतिमय कार्यों, वैज्ञानिक अनुसंधानों और आर्थिक एवं सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया है।
  8. भारत छ: बार सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है।
  9. भारत विश्व में सबसे ज़्यादा आबादी वाला दूसरा देश है। भारत में विश्व की कुल जनसंख्या का 1/5 भाग  स्थित करता है।

10. संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे को बदलने के लिए सुझाए गए उपायों के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर- संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे के परिवर्तन के लिए अनेक सुझाव सुझाए गए हैं, परंतु उनके क्रियान्वयन में अनेक समस्याएँ आ रही हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने सबसे मुख्य समस्या यह हैं कि किस आधार पर स्थायी एवं अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए।
संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे के रूपांतरण के लिए सुझाए गए उपायों के क्रियान्वयन में निम्न कठिनाइयाँ आ रही हैं-
  1. विश्व के सभी देश संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य नहीं हैं, उन्हें किस तरह संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनने के लिए राजी किया जाए, यह बड़ी समस्या है।
  2. सभी देशों को एक-एक मत देने का अधिकार होना चाहिए। कोई भी निर्णय बहुमत द्वारा ही लिया जाना चाहिए, जिससे बड़ी शक्तियाँ अपनी मनमानी नहीं कर पाएँगी | इसलिए बड़ी शक्तियाँ इसे लागू नहीं होने देना चाहतीं | इससे उनकी विशिष्टता को ठेस पहुँचती है।
  3. स्थायी एवं अस्थायी सदस्यों की संख्या में विकास किया जाए और वीटों के अधिकार को खत्म करना चाहिए, लेकिन यह प्रस्ताव पाँच स्थायी सदस्य पास ही नहीं देना चाहते |
  4. महासभा के सभी सदस्यों को सुरक्षा परिषद का भी सदस्य बनाया जाना चाहिए, जिससे विश्व पर संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रभाव में  विकास होगा। परंतु महाशक्तियाँ सभी देशों को अपने बराबर नहीं बैठाना चाहतीं।
  5. बदलते हुए विश्व वातावरण में भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, जापान, जर्मनी, स्थायी सदस्यता के दावेदार हैं।
  6. नए सदस्यों का चुनाव आर्थिक शक्ति, सैन्य ताकत, बजट योगदान या आबादी किस आधार पर होना चाहिए-यह एक रुकावट बनी हुई हैं।
  7. भौगोलिक अर्थव्यवस्था या सांस्कृतिक आधार पर देशों की सदस्यता दी जाए। आधार क्या होना चाहिए, यह एक समस्या हैं।
  8. जिन देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार कार्यों में सहयोग दिया है, संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति कार्यों में अपनी सेनाएँ भेजी हैं, इस आधार पर उन्हें सदस्य बनाया जाए।
  9. कुछ विद्वानों का मानना हैं कि स्थायी सदस्यों की वीटों शक्ति को खत्म कर दिया जाए, परंतु इसमें भी स्थायी देश कभी सहमत नहीं होंगें।
  10. इस तरह हम कह सकते हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ के बदलते ढाँचों के क्रियान्वयन में  विभिन्न समस्याएँ आ रही हैं, जिन्हें सभी देशों द्वारा मिलकर ही दूर किया जा सकता है। सभी सदस्यों को महासभा और सुरक्षा परिषद में अपना प्रभाव बढ़ाना होगा।

11. हालाँकि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध और इससे उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है, लेकिन विभिन्न देश अभी भी इसे बनाए रखना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ को एक अपरिहार्य संगठन मानने के क्या कारण हैं?
उत्तर- संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना से लेकर अब तक मानवता को कोई तृतीय महायुद्ध का भीषण रूप देखने को नहीं मिला। इसका योगदान संयुक्त राष्ट्र संघ को दिया जाता हैं। जवाहरलाल नेहरू के  अंतर्गत , संयुक्त राष्ट्र संघ ने कई बार हमारे उत्पन्न होने वाले संकटों को युद्ध में परिणीत होने से बचाया है। यद्यपि संयुक्त राष्ट्र संघ विभिन्न राजनीतिक मामलों को खत्म करने में सफल नहीं रहा। जिनमें कुछ प्रमुख विवाद हैं-कश्मीर, वियतनाम, इजराइल, अरब,आदि। संयुक्त राष्ट्र संघ भावी पीढ़ी की सुरक्षा की गारंटी और विश्व-संघर्ष को रोकने के लिए 'सेफ्टी वाल्व' का कार्य करती हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ को अपरिहार्य संगठन मानने के पीछे निम्न कारण हैं-
  1. संयुक्त राष्ट्र की महासभा में  शुरू में सदस्य संख्या 51 थी, जो आज बढ़कर 193 हो गई है।
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ ने औपनिवेशिक देशों और लोगों की स्वतंत्रता दिलाने में  बहुत मुख्य भूमिका निभाई है।
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ ने विभिन्न विवादों को शांतिपूर्ण समझौता से हल किया है, जिनमें प्रमुख हैं-स्वेज नाहर की समस्या, बर्लिन विवाद,  कम्बोडिया, कुवैत-इराक, कोर्फू, कांगो समस्या, कोरिया, लेबनान, चैनल विवाद अादि।
  4. विभिन्न देशों की आंतरिक व वैदेशिक समस्याओं, गृह-युद्धों व नस्लीय तनावों, युद्धों व जन-संहारात्मक कार्यों से उत्पन्न विस्थापितों व शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट संघ वरदान साबित हुआ है।
  5. पर्यावरण सुधार, जनसंख्या वृद्धि पर रोक, बच्चों, स्त्रियों, वृद्धों, विकलांगों, आवासहीन लोगों को मदद तथा बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को जीवनदान देने में संयुक्त राष्ट्र संघ ने मुख्य भूमिका निभाई है।
  6. संयुक्त राष्ट्र संघ ने रासायनिक हथियारों पर प्रतिबंध, जहरीली गैसों के इस्तेमाल, निर्माण और भंडारण पर प्रतिबंध लगाने की व्यवस्था की है।
  7. संयुक्त राष्ट्र संघ ने द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात नि:शस्त्रीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
  8. संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्तमान में फैल रहे आतंकवाद को रोकने के लिए भी अपनी कार्यवाहियाँ बढ़ा दी हैं।
  9. संयुक्त राष्ट्र संघ के अभिकरण, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संघ, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, अंकटाड आदि विभिन्न एजेंसियाँ सफलतापूर्ण कार्य कर रही हैं।

12. 'संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार का अर्थ है-सुरक्षा परिषद के ढाँचें में बदलाव।' इस कथन का सत्यापन करें।
उत्तर- सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे मुख्य अंग है। विश्व की पाँच बड़ी शक्तियाँ सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्य हैं और 10 अन्य देश इसके अस्थायी सदस्य हैं। विश्व की परिवर्तित परिस्थितियों के कारण सुरक्षा परिषद् के ढाँचे में भी परिवर्तन की माँग निरंतर उठ रही है कि सुरक्षा परिषद् का पुनर्गठन किया जाए। सुरक्षा परिषद से जुड़ी एक माँग यह है कि सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी देशों की सदस्य संख्या में विकास किया जाए। विशेषकर एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमरीका के देशों को भी सुरक्षा परिषद का सदस्य बनाया जाए। ये सभी देश अमरीका और पश्चिमी देश संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट तथा प्रशासन में भी सुधार चाहते हैं। सुरक्षा परिषद पर सिर्फ महाशक्तियाँ राज कर रही हैं। सभी निर्णय अधिकतर इन्हीं पाँच स्थायी सदस्यों द्वारा लिए जाते हैं। सुरक्षा परिषद की अपनी सेना होनी चाहिए जो अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापना व मानवीय कार्यों में सहयोग दे सके। सुरक्षा परिषद में सभी निर्णय बहुमत से लिए जाने चाहिए, महासभा के सभी सदस्यों की भी निर्णय में योगदान होनी चाहिए। सुरक्षा परिषद का अपना संयुक्त कोष होना चाहिए, जिससे सभी कार्यों में वह आसानी से अपनी आय का इस्तेमाल कर सके।