धर्मवीर भारती - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

 CBSE Class 12 हिंदी कोर

NCERT Solutions
हिंदी कोर - आरोह पाठ-13 धर्मवीर भारती



1. लोगों ने लड़कों की टोली को मेढक-मंडली नाम किस आधार पर दियायह टोली अपने आपको इंदर सेना कहकर क्यों बुलाती थी?

उत्तर:- अनावृष्टि होने पर गाँव के किशोर, बच्चे टोली बनाकर गली-गली घूमकर लोगों से पानी माँगते थे,जब उनपर लोग पानी डालते तब वे प्रसन्नता पूर्वक पानी से सराबोर होकर धूल-मिट्टी में लोट-पोट जाते थे । गाँव के कुछ लोगों को लड़कों का नंग-धड़ग होकर कीचड़ में लथपथ होना बुरा लगता था। वे इसे गँवारपन और अंधविश्वास समझते थे इसलिए उन्होंने लड़कों की ऐसी टोली को मेढक मंडली-नाम दिया था।
जबकि बच्चों का ऐसा मानना था कि वे इंद्र की सेना के सैनिक है और उसी के लिए वे लोगों से पानी का दान माँगते हैं। अत:वे स्वयं को इंदर सेना के नाम से पुकारते थे।


2. जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया?
उत्तर:- जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को निम्न तर्कों द्वारा सही ठहराया -
त्याग और दान की महत्ता - ॠषि-मुनियों ने दान को सबसे ऊँचा स्थान दिया है। जो चीज अपने पास भी कम हो और अपनी आवश्यकता को भूलकर वह चीज दूसरों को दान कर देना ही त्याग है। कुछ पाने के लिए कुछ देना पड़ता है। अत:देवता से भी कुछ माँगने के पहले उन्हें कुछ दान भी करना पड़ता है।

  • इंद्रदेव को जल का अर्ध्य चढ़ाना - इंदरसेना पर पानी फ़ेंकना पानी की बरबादी नहीं बल्कि इंद्रदेव को जल का अर्ध्य चढ़ाना है ताकि वे प्रसन्न होकर धरती को तृप्त करें।
  • पानी की बुवाई करना - जिस प्रकार किसान फ़सल उगाने के लिए जमीन पर अपने सबसे अच्छे बीजों का दान कर बुवाई करता है, वैसे ही पानी वाले बादलों की फ़सल पाने के लिए इन्दर सेना पर पानी डाल कर पानी की बुवाई की जाती है।

3. पानी दे, गुड़धानी दे मेघों से पानी के साथ-साथ गुड़धानी की माँग क्यों की जा रही है?
उत्तर:- गुड़धानी अनाज और गुड़ के मिश्रण को कहते हैं। यहाँ पर गुड़धानी से तात्पर्य अच्छी फसल से है। हमारी अर्थव्यस्था कृषि पर आधारित है,इसकारण जब अच्छी वर्षा होगी तभी अच्छी फसल भी होगी इसलिए पानी के साथ गुड़धानी की माँग की जा रही है।यहाॅं गुड़धानी प्रसन्नता और खुशहाली का प्रतीक भी है।


4. गगरी फूटी बैल पियासा इंदर सेना के इस खेलगीत में बैलों के प्यासा रहने की बात क्यों मुखरित हुई है?
उत्तर:- बैल हमारी कृषि संस्कृति का अविभाजित हिस्सा हैं या यूँ कहें बैल भारतीय कृषि संस्कृति की रीढ़ की हड्डी हैं।किसान बैलों से ही खेतों को जोतकर अन्न उपजाते हैं। उनके प्यासे रहने पर कृषि प्रभावित होती है इसलिए गगरी फूटी बैल पियासा इंदर सेना के इस खेलगीत में बैलों के प्यासा रहने की बात कृषि के संदर्भ में मुखरित हुई है,जब वे तृप्त होंगे तभी खेतों में किसानों की मेहनत को बल मिलेगा और धरती फसलों से सम्पन्न होगी।


5. इंदर सेना सबसे पहले गंगा मैया की जय क्यों बोलती हैनदियों का भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक परिवेश में क्या महत्त्व है?
उत्तर:- भारतीय समाज-संस्कृति में गंगा सबसे पूजनीय नदी और जल का आदिम स्रोत्र है। जिसका भारतीय इतिहास में धार्मिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्त्व है। वह भारतीयों के लिए केवल एक नदी नहीं अपितु माँ है। उसमें पानी नहीं अपितु अमृत तुल्य जल बहता है। भारतीय संस्कृति में नदियों के किनारे मानव सभ्यताएँ फली-फूली हैं। बड़े-बड़े नगर, तीर्थस्थान नदियों के किनारे ही स्थित हैं ऐसे परिवेश में भारतवासी सबसे पहले गंगा मैया की जय ही बोलेंगे और इसलिए ही इंदर सेना सबसे पहले गंगा मैया की जय ही बोलती है।


6. रिश्तों में हमारी भावना-शक्ति का बँट जाना विश्वासों के जंगल में सत्य की राह खोजती हमारी बुद्धि की शक्ति को कमजोर करती है। पाठ में जीजी के प्रति लेखक की भावना के संदर्भ में इस कथन के औचित्य की समीक्षा कीजिए।
उत्तर:- लेखक की जीजी लेखक से अनगिनत ऐसे धार्मिक कार्य एवं आयोजन करवाती थी जिसे वह स्वयं अंधविश्वास मानता था परंतु अपनी जीजी से अगाध प्रेम होने के कारण वह सभी कार्यों को बिना किसी तर्क के पूरा कर देता था यहाँ तक कि इंदर सेना पर पानी न फेंकने वाले उसके अपने तर्क जीजी के तर्कों के आगे हार गए इस का कारण भी जीजी से उसका भावनात्मक लगाव ही था।न चाहते हुए भी आदर ,सम्मान और प्रेम की भावना के कारण लेखक को विवश होकर जीजी की बात माननी ही पड़ती थी। अत: हम कह सकते हैं कि रिश्तों में हमारी भावना-शक्ति का बँट जाना विश्वासों के जंगल में सत्य की राह खोजती हमारी बुद्धि की शक्ति को कमजोर करती है।


7. क्या इंदर सेना आज के युवा वर्ग का प्रेरणास्रोत हो सकती हैक्या आपके स्मृति-कोश में ऐसा कोई अनुभव है जब युवाओं ने संगठित होकर समाजोपयोगी रचनात्मक कार्य किया हो उल्लेख करें।
उत्तर:- इंदर सेना सही मायनों में आज के युवा वर्ग का प्रेरणास्रोत बन सकती है क्योंकि किसी भी सामाजिक समस्या को यदि सुलझाना हो तो उसके लिए सामूहिक प्रयास ही आवश्यक होता है और यही प्रयास इंदर सेना द्वारा भी किया जाता था,यद्यपि उन्हें गाॅंववालों की आलोचना का भी सामना करना पड़ता था फिर भी वे साहस नहीं छोड़ते थे।सामूहिक शक्ति से हम किसी भी आंदोलन को सफल बना सकते हैं। जैसे पर्यावरण संबंधी 'चिपको आंदोलन' अथवा महात्मा गाँधी जी के सभी आन्दोलन इसी सामूहिक प्रयास से ही सफल हुए।


8. तकनीकी विकास के दौर में भी भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है। कृषि समाज में चैत्र, वैशाख सभी माह बहुत महत्त्वपूर्ण है पर आषाढ़ का चढ़ना उनमें उल्लास क्यों भर देता है?
उत्तर:- आषाढ़ का महीना वर्षा ऋतु का प्रतीक माना जाता है। यह महीना किसानों में अच्छी एवं नयी फसल की आशा जगाता है। इसी महीने में अधिकतम वर्षा भी होती है। इस कारण आषाढ़ शुरू होते ही किसानों में वर्षा की आशा, अच्छी फसल की उम्मीद और उल्लास बढ़ने लगता है।वे नई उम्मीद से जुताई-बुवाई के कार्य में लग जाते हैं।


9. पाठ के संदर्भ में इसी पुस्तक में दी गई निराला की कविता बादल-राग पर विचार कीजिए और बताइए कि आपके जीवन में बादलों की क्या भूमिका है?
उत्तर:- कवि निराला की कविता 'बादल राग' में बादलों को क्रांति के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है। बादल शोषित वर्ग को शोषकों द्वारा मुक्त कर उन्हें उनका अधिकार दिलाता है।उन्हें जाग्रत करता है।
उसी प्रकार हमारे जीवन में बादल अहम् भूमिका निभाते हैं। बादल न केवल प्यासी धरती की प्यास बुझाते हैं बल्कि नव सृजन में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रकृति और मनुष्य दोनों ही इन पर निर्भर रहते हैं।


10. पानी का संकट वर्तमान स्थिति में भी बहुत गहराया हुआ है। इसी तरह के पर्यावरण से संबद्ध अन्य संकटों के बारे में लिखिए।
उत्तर:- पर्यावरण से संबद्ध अन्य संकट निम्न हैं -
मौसम में बदलाव, भूमि का बंजर होना, अतिवृष्टि होना, वायु प्रदूषण की अधिकता, तापमान में वृद्धि आदि।


11. आपकी दादी-नानी किस तरह के विश्वासों की बात करती हैंऐसी स्थिति में उनके प्रति आपका रवैया क्या होता हैलिखिए।
उत्तर:- हमारी दादी-नानी अनेक प्रकार के व्रत-उपवास, त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान आदि में गहरी आस्था रखती हैं। उनकी इस आस्था से हम सभी प्रभावित होते हैं। हम उनकी कुछ आस्थाओं (बिल्ली का रास्ता काटना, निकलते समय छींक का आना, आँख का फड़कना, पशुओं का रोना आदि) को अंधविश्वास भी मानते हैं परंतु फिर भी उसका विरोध नहीं कर पाते क्योंकि हमें लगता है कि इसका कारण उनकी अशिक्षा और पुराने ख्यालों का होना है। हमारे विरोध से उन्हें दुःख पहुँचेगा और साथ ही पारिवारिक शांति भी भंग होगी और वैसे भी वे जो कुछ भी इन आस्थाओं के वशीभूत होकर करती हैं उसके पीछे उनका उद्देश्य तो पारिवारिक भलाई ही होता है इसलिए हम उनकी बातों को बिना कोई तर्क दिए मान लेते हैं।हम उन्हें दुख नहीं पहुॅंचाना चाहते।