अपवाह तंत्र-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-ख)
पाठ-3 अपवाह तंत्र
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घ प्रश्नोत्तर (2 अंक वाले)
- गंगा नदी तंत्र की पांच विशेषताओं का वर्णन कीजिए?
उत्तर- गंगा नदी तंत्र की पांच विशेषताएँ-- गंगा नदी उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद से 3900 मीटर की ऊंचाई से निकलती है।
- देव प्रयाग में भागीरथी और अलकनन्दा मिलती है। इसके बाद गंगा कहलाती है। गंगा नदी हरिद्वार में मैदान में प्रवेश करती है।
- हरिद्वार से दक्षिण की ओर, फिर दक्षिण से पूर्व की ओर और फिर पूर्व की ओर बहती है। अन्त में यह दक्षिण मुखी होकर दो धाराओं भागीरथी और हुगली में विभाजित हो जाती है। बांग्लादेश में प्रवेश होने पर इसका नाम पद्मा हो जाता है।
- गंगा नदी की लम्बाई 2525 कि.मी. है। यह भारत का सबसे बड़ा अपवाह तन्त्र है। इसके उत्तर में हिमालय से निकलने वाली बारह मासी नदियां और दक्षिण में प्रायद्वीप से निकलने वाली मौसमी नदियां शामिल हैं।
- यमुना, गंगा की सबसे पश्चिमी और सबसे लंबी सहायक नदी है। सोन इसके दाहिने किनारे पर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदी है। बायें तट पर मिलने वाली महत्वपूर्ण सहायक नदियां, रामगंगा, गोमती, घाघरा गंडक, कोसी व महानन्दा हैं।
- हिमालयी अपवाह तन्त्र एवं प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र में कोई पांच अन्तर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर-- हिमालयी अपवाह तन्त्र-
- ये नदियां हिमालय से निकलकर उपजाऊ मैदानों में होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- हिमालयी अपवाह तंत्र नवीन है।
- यहाँ नदियां विसर्प बनाती है और अपने मार्ग भी बदल देती है।
- ये नदियां हिमालय के हिमाच्छादित क्षेत्रों से जल प्राप्त करती हैं और पूरे साल बहती रहती है। इसलिए बारह मासी है।
- ये नदियां अपने विकास की युवावस्था में है और अपने मार्ग में अपरदन का कार्य करती हुई अपने मुहाने पर डेल्टा का निर्माण करती है। गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा विश्व प्रसिद्ध है।
- प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र:
- ये नदियां पश्चिमी घाट एवं पठार से निकलकर पश्चिम से पूर्व की और बहती है।
- प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र पुराना है।
- प्रायद्वीपीय नदियां सुनिश्चित मार्ग पर चलती हैं तथा ये विसर्प नहीं बनाती र्है।
- ये नदियां वर्षा पर निर्भर करती हैं इसलिए ग्रीष्म ऋतु में सूख जाती हैं।
- ये नदियां अपने विकास की प्रौढावस्था में हैं। इनकी नदी घाटियां चौड़ी एवं उथली हैं।
- हिमालयी अपवाह तन्त्र-
- भारत में नदियों को जोड़ने के सामाजिक आर्थिक लाभ कया है?
उत्तर- नदियों को जोड़ने से निम्नलिखित सामाजिक आर्थिक लाभ होंगे - - बड़ी नदियों में जल शक्ति की भारी संभावनाएँ हैं। उत्तर में हिमालय, मध्य में सतपुड़ा, पूर्व में छोटा नागपुर, उत्तर-पूर्व में मेघालय तथा पूर्वी और पश्चिमी घाट पर जल शक्ति की भारी संभावनाएँ हैं।
- यदि इन नदियों के अतिरिक्त जल को कम जल वाली नदियों में जोड़
दिया जाए तो कृषि में सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति संभव है। - नदियों को आपस में जोड़ने से अन्न उत्पादन की क्षमता बढ़ जाएगी तथा जल शक्ति का उत्पादन बढ़ जाएगा साथ ही बाढ़ व सूखे की स्थितियों से राहत मिलेगी |
CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-ख)
पाठ-3 अपवाह तंत्र
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
लघुप्रश्नोत्तर (3 अंक वाले)
- भारत की नदियां प्रदूषित क्यों है? कोई तीन कारण लिखे।
उत्तर- i. औद्योगिक कूड़ा-कचरा गन्दे नालों द्वारा बहाकर भारत की नदियों में लाया जाता है।- बहुत से श्मशान घाट नदी किनारे हैं और कई बार मृत शरीरों को नदियों में डाल दिया जाता है।
- कुछ त्यौंहारो पर फूलों और मूर्तियों को नदियों में प्रवाहित किया जाता है। बड़े पैमाने पर स्नान व कपड़े धोना भी नदी जल को प्रदूषित करता है।
- हिमालयी अपवाह तंत्र की कौन सी नदी बाढ़, मार्ग परिवर्तन और तटीय अपरदन के लिए जानी जाती है और क्यों?
उत्तर- i. ब्रह्मपुत्र नदी बाढ़, मार्ग परिवर्तन एवं तटीय अपरदन के लिए जानी जाती है।- इसकी अधिकतर सहायक नदियां बड़ी है जो भारी मात्रा में जल प्रवाहित करती हैं जिससे यह वर्षा ऋतु में भारी बाढ़ से असम में तबाही मचाती है।
- ब्रह्मपुत्र के जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण इसमें अत्याधिक अवसाद बहकर आता है जिससे इसकी तली में अवसाद जमा हो जाने से यह तटीय अपरदन करती है तथा कभी अपना मार्ग भी बदल लेती है।
- जल संभर क्षेत्र के आधार पर भारतीय अपवाह द्रोणियो को कितने भाग में बांटा गया है? वर्णन करें?
उत्तर- जल-संभर क्षेत्र के आधार पर भारतीय अपवाह द्रोणियो को तीन भागों में बांटा गया है।- प्रमुख नदी द्रोणी- इनका अपवाह क्षेत्र 20,000 वर्ग किलो मीटर से अधिक है। इसमें 14 नदी द्रोणियाँ शामिल है जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, तापी, नर्मदा इत्यादि।
- मध्यम नदी द्रोणी- जिनका अपवाह क्षेत्र 2,000 से 20,000 वर्ग किलोमीटर है। इसमे 44 नदी द्रोणियाँ है जैसे कालिंदी, पेरियार, मेधना आदि।
- लघु नदी द्रोणी- जिनका अपवाह क्षेत्र 2,000 वर्ग किलोमीटर से कम है। इसमें न्यून वर्षा के क्षेत्रों में बहने वाली बहुत सी नदियां शामिल है।
- नदी बहाव प्रवृत्ति क्या है? उदाहरण सहित टिप्पणी करें।
उत्तर- एक नदी के चैनल में वर्ष पर्याप्त जल प्रवाह के प्रारूप को नदी बहाव प्रवृत्ति कहा जाता है। उत्तर भारत की नदियां जो हिमालय से निकलती है सदानीरा अथवा बारहमासी हैं क्योकि ये अपना जल बर्फ पिघलने तथा वर्षा होने से प्राप्त करती है। दक्षिण भारत की नदियां हिमनदों से नही निकलती जिससे इनकी बहाव प्रवृति में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। इनका बहाव मानसून ऋतु में काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इस प्रकार दक्षिण भारत की नदियों के बहाव की प्रवृत्ति वर्षा द्वारा नियंत्रित होती है, जो प्रायद्वीपीय पठार के एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होता है।
गंगा नदी के न्यूनतम जल प्रवाह जनवरी से जून की अवधि के दौरान होता है। अधिकतम प्रवाह अगस्त या सितंबर में प्राप्त होता है। सितंबर के बाद प्रवाह में लगातार कमी होती चली जाती है। इस प्रकार इस नदी की वर्षा ऋतु में जल प्रवाह की प्रवृत्ति मानसूनी होती है।
नर्मदा नदी में जल विसर्जन का स्तर जनवरी से जुलाई माह तक बहुत कम रहता है, लेकिन अगस्त में इस नदी का जल प्रवाह अधिकतम हो जाता है, तो यह अचानक उफान पर आ जाती है। अक्टूबर महीनें में बहाव की गिरावट उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितना अगस्त में उफान। - नदियों की उपयोगिता पर संक्षेप में टिप्पणी करे?
उत्तर- 1. सिचाई- भारतीय नदियों के जल का सबसे अधिक उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। भारतीय नदियों में प्रतिवर्ष 1,67,753 करोड़ धन मीटर जल बहता है जिसमें से 55,517 करोड़ घन मीटर अर्थात वार्षिक प्रवाह का 33 प्रतिशत का सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकता है।
2. जल शक्ति- उत्तर में हिमालय, पश्चिम में विन्धयाचल, सतपुड़ा और अरावली, पूर्व में मैकल और छोटा नागपुर, उत्तर-पूर्व में मेघालय के पठार और पूर्वाचल तथा ढक्कन के पठार के पश्चिमी और पूर्वी घाट पर बड़े पैमाने पर जल शक्ति के विकास की संभावनाएं है। देश में इन नदियों से 60 प्रतिशत कार्यक्षमता के आधार पर लगभग 4.1 करोड़ किलोवाट जल शक्ति का उत्पादन किया जा सकता है।
3. जलमार्ग- देश के उत्तर तथा उत्तर पूर्व में क्रमशः गंगा ब्रह्मपुत्र में उड़ीसा में महानदी में आन्ध्र प्रदेश में गोदावरी और कृष्णा में, गुजरात में नर्मदा और तापी में तथा तटीय राज्यों में झीलों और ज्वारीय निवेशिकाओं में देश के प्रमुख और उपयोगी जलमार्ग हैं। देश के लगभग 10,600 कि.मी. लम्बे नाव्य जलमार्ग है। इनमें से 2480 कि.मी. लम्बी नाव्य नदियों में स्टीमर और बड़ी नावे, 3920 कि.मी. लम्बी नाव्य नदियों में मध्यम आकार की देशी नावे और 4200 कि.मी. लंबी नहरें और पश्चजलों में देशी नावे चल सकती है। गंगा, ब्रह्मपुत्र और महानदी प्रमुख नाव्य नदियां है। गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और तापी केवल मुहानों के निकट ही नाव्य हैं। - नदी जल उपयोग से जुड़ी मुख्य समस्यायें कौन-सी हैं?
उत्तर- नदी जल उपयोग से जुड़ी मुख्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:-- पर्याप्त मात्रा में जल का उपलब्ध न होना।
- नदी जल प्रदूषण
- नदी जल में भारी मात्रा में गाद-मिट्टी का विद्यमान होना।
- जल बहाव में ऋतुवत परिवर्तनशीलता।
- राज्यों के बीच नदी जल विवाद।
- मानव बसाव के कारण नदी वाहिकाओं का सिकुड़ना।
CBSE कक्षा 11 भूगोल (भाग-ख)
पाठ-3 अपवाह तंत्र
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
अतिलघु प्रश्नोत्तर (1 अंक वाले)
- कुल अपवाह क्षेत्र का लगभग कितना प्रतिशत हिस्सा बंगाल की खाड़ी में जल विसर्जित होता है?
उत्तर- 77 प्रतिशत - किस नदी को बंगाल का शोक (Sorrow of Bengal) कहा जाता था?
उत्तर- दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता था। - कौन सी नदी बिहार की शोक (Sorrow of Bihar) के नाम से जानी जाती है?
उत्तर- कोसी नदी। - सिंधु नदी का उद्गम स्थान क्या है?
उत्तर- कैलाश पर्वत श्रेणी में सिंगी खंबान हिमनद। - सिंधु नदी के दाहिने तट पर मिलने वाली कोई तीन सहायक नदियों के नाम बताइए?
उत्तर- खुर्रम, तोची, गोमल, विबोआ, काबुल और संगर नदियाँ। - भारत में सिंधु नदी जम्मु और काश्मीर राज्य के किस जिले में बहती है?
उत्तर- सिंधु नदी केवल लेह जिले में बहती है। - झेलम नदी का उद्गम स्थान कहाँ है?
उत्तर- झेलम नदी का उद्गम स्थान पीर पंजाल गिरिपद में स्थित वेरीनाग झरना है। - सिंधु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी कौन सी है?
उत्तर- चेनाब नदी। - ब्यास नदी का उद्गम स्थान कहां स्थित है?
उत्तर- ब्यास नदी का उद्गम स्थान रोहतांग दर्रे के निकट ब्यास कुंड है जो समुद्र तल से 4,000 मीटर की ऊँचाई पर है। - सतलुज नदी किस स्थान से निकलती है?
उत्तर- सतलुज नदी 4555 मीटर की ऊचाई पर मानसरोवर झील के निकट राक्षस ताल से निकलती है। - सतलुज नदी को तिब्बत में किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर- इसे तिब्बत में लांगचेन खंबाब नाम से जाना जाता है। - गंगा नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर- उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले मे गंगोत्री हिमनद। - गंगा नदी किस स्थान के बाद गंगा के नाम से जानी जाती है?
उत्तर- देवप्रयाग। - गंगा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी कौन सी है?
उत्तर- यमुना नदी। - घाघरा नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर- मापचाचुंगो हिमनद। - शारदा या सरयू नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर- नेपाल हिमालय में मिलाम हिमनद। - ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर- कैलाश पर्वत श्रेणी में मानसरोवर झील के निकट चेमायुंगडुग हिमनद। - ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर- तिब्बत में इसे सांग्पो के नाम से जाना जाता है। - ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में किस नाम से जानी जाती है?
उत्तर- ये बांग्लादेश में जमुना कहलाती है। - महानदी का उद्गम स्थान कहां स्थित है?
उत्तर- छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में सिहावा के निकट। - किस नदी तंत्र को दक्षिण गंगा के नाम से जाना जाता है?
उत्तर- गोदावरी। - गोदावरी नदी का उद्गम स्थान कहाँ है?
उत्तर- गोदावरी नदी का उद्गम स्थान त्रिम्बकेश्वर पठार है जो नासिक के पास है। - कावेरी नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर- कर्नाटक के कोगाडु जिले में ब्रह्मगिरी पहाडि़यों में - दक्षिण भारत की एक मात्र सदानीरा नदी कौन-सी है? तथा क्यों?
उत्तर- कावेरी नदी दक्षिण भारत की एक मात्र सदानीरा नदी है, क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून से इसके ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा का जल प्राप्त होता है और निचले क्षेत्रों में उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा का जल प्राप्त होता है। - नर्मदा नदी का उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर- अमरकंटक पठार का पश्चिमी पार्श्च जो 1057 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। - तापी नदी कहां से निकलती है? इसकी लम्बाई क्या है?
उत्तर- तापी नदी मध्य प्रदेश के बेतुल जिले में मुलताई से निकलती है। यह 724 किलोमीटर लंबी नदी है। - गरसोप्पा (जोग) जलप्रपात किस नदी पर स्थित है?
उत्तर- शारावती नदी। - केरल की सबसे बड़ी नदी का क्या नाम है? इसका उद्गम स्थान कहां है?
उत्तर- केरल की सबसे बड़ी नदी भरत पूजा है और यह अन्नामलाई पहाडि़यों से निकलती है। - हिमालय की नदियों का विकास किस विशाल नदी से हुआ था?
उत्तर- शिवालिक या इंडो ब्रहम नदी से 2.4 करोड़ से 50 लाख वर्ष पहले हुआ था। - अलकनंदा नदी का स्रोत कहाँ है?
उत्तर- अलकनंदा नदी का स्रोत बद्रीनाथ के ऊपर सतोपथ है। - कृष्णा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?
उत्तर- कृष्णा नदी सहयाद्री में महाबलेश्वर के निकट से निकलती है। - दो भारतीय नदियों के नाम बताइए जो भ्रश घाटी में बहती है?
उत्तर- नर्मदा व तापी नदी | - प्रायद्वीपीय नदियों और उत्तर भारत की नदियों के बीच जल विभाजक का नाम बताइए ।
उत्तर- विंध्य-सतपुड़ा श्रेणी। - अपवाह का अर्थ स्पष्ट करो ।
उत्तर- निश्चित वाहिकाओं के माध्यम से हो रहे जल प्रवाह को अपवाह कहते हैं। - जल ग्रहण क्षेत्र की परिभाषा लिखी।
उत्तर- एक नदी किसी विशिष्ट क्षेत्र से अपना जल बहा कर लाती है जिसे उस नदी का जल ग्रहण क्षेत्र कहते हैं। - अपवाह द्रोणी क्या है?
उत्तर- एक नदी एवं उसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित क्षेत्र को अपवाह द्रोणी कहते हैं।