तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप-पुनरावृति नोट्स

                                         CBSE Class 12 भूगोल भाग - 1

पाठ - 7 तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप
पुनरावृति नोटस


अवधारणा मानचित्र

महत्वपूर्ण बिंदू

  • तृतीयक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर से सम्बन्धित हैं वे सभी प्रकार की सेवायें जो के भुगतान के बदलें प्राप्त होती हैं, सेवा सेक्टर से सम्बन्धित होती है।
  • कॉलर का रंग तथा कार्य की प्रवृत्ति
    कॉलर का रंगकार्य क्रियाएँ
    लालप्राथमिक क्रियाएँ
    स्वर्णपंचम क्रियाकलाप
    श्वेतउच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में अति कुशल कर्मी
    नीलाउद्योग में वास्तविक उत्पादन से सम्बंधित कर्मी
  • इन सेवाओं में विशिष्टता प्राप्त करने के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
  • एक विकसित अर्थव्यवस्था में तृतीयक क्रिया -कलापों की प्रधानता होती है रोजगार में लगे लोगों का अधिकांश तृतीयक क्षेत्र में होते है।
  • तृतीयक क्रिया कलापों में उत्पादन सेवाओं की उपलब्धता के रूप में माना जाता है एंव इसका मापन सेवाओं के बदलें दिये जाने वाले परिश्रमिक के रूप में माना जाता है।
  • इसके अंतर्गत व्यापार, परिवहन, संचार एंव अन्य सेवायें जैसे डाक्टर, नलसाज, मिस्त्री धोबी, नाई आदि आते है।
  • इन सेवाओं का पारिश्रमिक कर्मियों की कुशलता अनुभव एंव ज्ञान पर निर्भर करता है।
  • कुछ सेवायें नियमित होती है जैसे - परिवहन, शिक्षा दूरसंचार आदि। कुछ सेवायें अनियमित जैसे - मोची, खानसामा, माली आदि।
  • चतुर्थक क्रियाकलाप में वे लोग आते हैं जिनका कार्य ज्ञानोन्मुखी है अर्थात किसी विशिष्ट ज्ञान से सम्बन्धित है उदाहरण के लिये - अनुसंधान एंव विकास में लगे लोग।

सेवा क्षेत्र की एक और श्रेणी पंचम क्रिया कलाप के रूप में जानी जाती है ये श्रेणियाँ भविष्य में और आगे भी जा सकती है।