सिल्वर वेडिंग - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

 सीबीएसई कक्षा -12 हिंदी कोर

महत्वपूर्ण प्रश्न
पाठ – 01

मनोहर लाल जोशी (सिल्वर वैडिंग)


महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

I. बोधात्मक प्रश्न

1. ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के अंतद्र्वंद्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- यशोधर बाबू पुरानी पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं। वे आधुनिक व प्राचीनता में समन्वय स्थापित नहीं कर पाते। नए विचारों को संशय की दृष्टि से देखते हैं। इस तरह वे ऑफिस व घर-दोनों से बेगाने हो जाते हैं। वे मंदिर जाते हैं। रिश्तेदारी निभाना चाहते हैं, परंतु अपना मकान खरीदना नहीं चाहते। वे अच्छे मकान में जाने को तैयार नहीं होते। वे बच्चों की प्रगति से प्रसन्न हैं, परंतु कुछ निर्णयों से असहमत हैं। वे सिल्वर वैडिंग के आयोजन से बचना चाहते हैं।

2. किशन बाबू बार-बार किशनदा को क्यों याद करते हैं? इसे आप उनका सामर्थ्य मानते हैं या कमज़ोरी?

उत्तर- यशोधर बाबू किशनदा को बार-बार याद करते हैं। उनका विकास किशनदा के प्रभाव से हुआ है। वे किशनदा की प्रतिच्छाया हैं। यशोधर छोटी उम्र में ही दिल्ली आ गए थे। किशनदा ने उन्हें घर में आसरा दिया तथा नौकरी दिलाई यशोधर बाबू उनकी हर बात का अनुकरण करते थे। ऑफिस, टहलना, बात कहकर मुस्कराना, रिटायरमेंट के बाद गाँव जाना आदि सभी पर किशनदा का प्रभाव है। यह उनका सामर्थ्य है।

3. अपने घर में अपनी ‘सिल्वर वैडिंग’ के आयोजन में भी यशोधर बाबू को अनेक बातें ‘समहाउ इंप्रापर’ लग रही थीं। ऐसा क्यों?

उत्तर- अपने घर में अपनी ‘सिल्वर वैडिंग’ के आयोजन में भी यशोधर बाबू को अनेक बातें ‘समहाउ इंप्रापर’ लग रही थी। इसका कारण उनकी परंपरागत सोच थी। वे इन चीजों को पाश्चात्य संस्कृति की देन मानते हैं। वे पुराने संस्कारों में विशवास रखते हैं। वे केक काटना भी पसंद नहीं करते। दूसरे, उनसे इस पार्टी के आयोजन के विषय में पूछा तक नहीं गया। इस बात की उन्हें कसक थी और वे पूरे कार्यक्रम में बेगाने से बने रहे।

4. ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश देने का प्रयास किया है?

उत्तर- इस कहानी में ‘पीढ़ी का अंतराल’ सबसे प्रमुख है। यही मूल संवेदना है क्योंकि कहानी में प्रत्येक कठिनाई इसलिए आ रही है कि यशोधर बाबू अपने पुराने संस्कारों, नियमों वा कायदों से बँधे रहना चाहते हैं और उनका परिवार, उनके बच्चे वर्तमान में जी रहे हैं जो ऐसा कुछ गलत भी नहीं है। यदि यशोधर बाबू थोड़े-से लचीले स्वभाव के हो जाते, तो उन्हें बहुत सुख मिलता और जीवन भी खुशी से व्यतीत करते।

5. पार्टी में यशोधर बाबू का व्यवहार आपको कैसा लगा? ‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी के आधार पर बताइए।

उत्तर- इस पार्टी में यशोधर बाबू का व्यवहार बड़ा अजीब लगा। उन्हें पार्टी इंप्रापर लगी, क्योंकि उनके अनुसार ये सब अंग्रेजो के चोचले थे। अपनी पत्नी और पुत्री की ड्रेस इंप्रापर लगी, विहस्की इंप्रापर लगी, केक भी नहीं खाया, क्योंकि उसमें अंडा होता है। लड्डू भी नहीं खाया, क्योंकि शाम की पूजा नहीं की थी। पूजा में जाकर बैठ गए ताकि मेहमान चले जाएँ। उनका ऐसा व्यवहार बड़ा ही इंप्रापर लग रहा था। यदि वे कहीं किसी जगह पर भी ज़रा-सा समझौता कर लेते, तो शायद इतना बुरा न लगता।

6. ‘सिल्वर वैडिंग’ के पात्र यशोधर बाबू बार-बार किशनदा को क्यों करते हैं?

अथवा

सिल्वर वैडिंग में यशोधर बाबू किशनदा के आदर्श का त्याग क्यों नहीं पाते?

उत्तर- ‘सिल्वर वैडिंग’ के पात्र यशोधर बाबू बार-बार किशनदा को याद करते हैं। इसका कारण किशनदा के उन पर अहसान है। जब वे दिल्ली आए तो किशनदा ने उन्हें आश्रय दिया तथा उसे नौकरी दिलवाई। उन्होंने यशोधर को सामजिक व्यवहार सिखाया। किशनदा उन्हें जिन्दगी के हर मोड़ पर सलाह देते थे। इस कारण उन्हें किशनदा की याद बार-बार आती थी।

7. ‘सिल्वर वैडिंग’ में लेखक का मानना है कि रिटायर होने के बाद सभी ‘जी हुआ होगा’ से मरते हैं। कहानी के अनुसार यह ‘जो हुआ होगा’ क्या है? इसके क्या लक्षण हैं?

उत्तर- ‘जो हुआ होगा’ का अर्थ है- कुछ पता नहीं। यह मनुष्य की सामाजिक उदासीनता को दर्शाती है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को नये विचार व नयी बातें अच्छी नहीं लगती। उन्हें हर कार्य में कमी नज़र आती है। युवाओं के काम पर वे पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव मानते हैं। युवा पीढ़ी के साथ वे अपना तालमेल नहीं बिठा पाते हैं ऐसे लोग युवाओं यहाँ तक कि अपने बच्चों के कामों में भी दोष निकालने लगते हैं। इस कारण वे समाज से कट जाते हैं।

8. यशोधर बाबू की पत्नी के व्यक्तिव और व्यहार के उन परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए जो यशोधर बाबू को ‘समहाउ इंप्रापर’ लगते हैं।

उत्तर- यशोधर बाबू को अपनी पत्नी का बुढ़ापे में सजना-सँवरना तथा फैशन वाले कपड़े पहनना पसंद नहीं है। उनका मानना है कि समय आने पर मनुष्य में बुजुर्गियत भी आनी चाहिए। वे पत्नी द्वारा बाज़ार का खाना और ऊँची एड़ी के सैंडल पहनना पसंद नहीं करते। ये सब बातें उन्हें ‘समहाउ इंप्रापर’ लगते हैं।