महासागरीय जल-पुनरावृति नोट्स

                                                                 सीबीएसई कक्षा - 11

विषय - भूगोल
पुनरावृत्ति नोट्स
पाठ - 13 महासागरीय जल


महत्त्वपूर्ण तथ्य-

  • जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसके अंतर्गत पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों हेतुं जल एक महत्वपूर्ण घटक है। पृथ्वी पर जल का सबसे बड़ा रूप महासागर के रूप में है।
  • इस अध्याय में हम महासागरीय तापमान व लवणता के क्षैतिज व लम्बवत् वितरण, इनके कारक व इनके प्रभावों के विषय में अध्ययन करेगे।
  1. जल एक चक्रीय संसाधन कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल एवं पुनः इस्तेमाल किया जा सकता है। जल एक चक्र के रूप में महासागर से धरातल पर और धरातल से महासागर तक पहुँचता है।
  2. जलीय चक्र करोड़ों वर्षों से कार्यरत है तथा पृथ्वी पर सभी तरह का जीवन इसी पर निर्भर करता है। वायु के पश्चात जल पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।
  3. पृथ्वी पर जल का वितरण असमान है। बहुत से क्षेत्रों में जल की प्रचुरता है यधपि बहुत से क्षेत्रों में यह सीमित मात्रा में उपलब्ध है।
  4. जलीय चक्र पृथ्वी के जलमंडल में अनेक रूपों अर्थात गैस, तरल व ठोस में जल का परिसंचरण है।

पृथ्वी पर जल का वितरण

जलाशयआयतन (दस लाख घन कि.मी.)कुल का प्रतिशत
महासागर137097.25
हिमानियाँ एवं हिमटोपी292.05
भूमिगत जल9.50.68
झीलें0.1250.01
मृदा में नमी0.0650.005
वायुमंडल0.0130.001
नदी-नाले0.00170.0001
जैवमंडल0.00060.00004
  1. पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल का लगभग 71% भाग महासागरों में पाया जाता है। शेष जल ताज़े जल के रूप में हिमटोपी, भूमिगत जल, झीलों मृदा में आर्द्रता, हिमानियों, वायुमंडल, सरिताओं और जीवों में संग्रहीत है।
  2. धरातल पर गिरने वाले जल का लगभग 59% भाग महासागरों एवं अन्य स्थानों से वाष्पीकरण के माध्यम से वायुमंडल में चला जाता है। शेष भाग धरातल पर बहता है, कुछ भूमि के अंदर चला जाता है और कुछ भाग हिमनदी का रूप ले लेता है।
  3. पृथ्वी के पटल पर चार महासागर प्रशांत, अटलांटिक, हिंद और आर्कटिक है। अनेक समुद्र, खाड़ियाँ, गल्फ़़ तथा अन्य निवेशिकाएँ इन चार बड़े महासागरों के भाग हैं।
  4. विश्व की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखलाएँ सबसे गहरे गर्त एवं सबसे बड़े मैदान महासागरों की तली में होने की वजह से यह उबड़-खाबड़ है।
  5. महासागरीय अधस्तल को चार प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है। i. महाद्वीपीय शेल्फ़, ii. महाद्वीपीय ढाल, iii. गहरे समुद्री मैदान, iv. महासागरीय गंभीर।
    इस विभाजन के अलावा महासागरीय तली पर कुछ बड़े और छोटे उच्चावच संबंधी लक्षण पाए जाते हैं, जैसे-समुद्री टीले, निमग्न द्वीप, कटकें, पहाड़ियाँ, खाइयाँ व खडु आदि।
  • महासागरीय अधस्तल का विभाजन
    1. गहरे समुद्री मैदान
    2. महासागरीय गभीर
    3. अन्य महासागरीय अधस्तल
    4. महाद्वीपीय शेल्फ़
    5. महाद्वीपीय ढाल
      1. सबसे सपाट जलमग्न कैनियन
      2. निमग्न द्वीप
      3. मध्य महासागरीय कटक
      4. समुद्री टीला
      5. प्रवाल द्वीप

जल-चक्र के घटक एवं प्रक्रियाएँ

घटकप्रक्रियाएँ
महासागरों में संग्रहित जलवाष्पीकरण, वाष्पोत्सर्जन, उर्ध्वपातन
वायुमंडल में जलसंघनन, वर्षण
हिम एवं बर्फ में पानी का संग्रहणहिम पिघलने पर नदी नालों के रूप में बहना
धरातलीय जल बहावजलधारा के रूप में ताजा जल संग्रहण व जल रिसाव
भौम जल संग्रहणभौम जल का विसर्जन, झरने
  1. महाद्वीपीय शेल्फ़ प्रत्येक महाद्वीप का विस्तृत सीमांत होता है, जो अपेक्षाकृत उथलें समुद्रों तथा खाड़ियों से घिरा होता है। यह महासागर का सबसे उथला भाग होता है, जिसकी औसत प्रवणता 1 डिग्री या उससे भी कम होती है।
  2. आर्कटिक महासागर में साइबेरियन शेल्फ़ विश्व में सबसे बड़ा महाद्वीपीय शेल्फ़ है, जिसकी चौड़ाई 1500 किलोमीटर है। शेल्फ़ की गहराई भी अलग-अलग होती है। कुछ क्षेत्रों में यह 30 मीटर और कुछ क्षेत्रों में 600 मीटर गहरी होती है।
  3. गभीर सागरीय मैदान महासागरीय बेसिनों के मंद ढाल वाले क्षेत्र होते हैं। ये विश्व के सबसे चिकने एवं सबसे सपाट भाग हैं। इनकी गहराई 3000 से 6000 मीटर के मध्य होती है।
  4. महासागरीय गर्त महासागरों के सबसे गहरे भाग होते हैं। ये गर्त अपेक्षाकृत खड़े किनारों वाले संकीर्ण बेसिन होते हैं। अपने चारों तरफ की महासागरीय तली की अपेक्षा ये 3 से 5 कि.मी. तक गहरे होते हैं।
  5. एक मध्य महासागरीय कटक पर्वतों की दो श्रृंखलाओं से बना होता है। इन पर्वत श्रृंखलाओं के शिखर की ऊँचाई 2500 मीटर तक होती है।
  6. महासागरों की सतह के जल का औसत तापमान लगभग 27 डिग्री सेल्सियस होता है और यह विषुवत वृत्त से ध्रुवों की ओर क्रमिक ढंग से कम होता जाता है। बढ़ते हुए अक्षांशों के साथ तापमान के घटने की दर सामान्यत: प्रति अक्षांश 0.5 डिग्री सेंटीग्रेड होती है।
  7. समुद्र में उच्चतम तापमान विषुवत वृत्त पर नहीं, बल्कि इससे कुछ उत्तर की तरफ दर्ज किया जाता है। 200 मीटर की गहराई तक तापमान बहुत तेज गति से गिरता है तथा उसके बाद तापमान के घटने की दर कम होती जाती है।
  8. समुद्र के 1000 ग्राम जल में औसतन 35 ग्राम लवणता की मात्रा होती है।

समुद्री जल में घुले हुए नमक
(प्रति किलोग्राम जल में नमक का ग्राम)

क्लोरीन18.97
सोडियम10.47
सल्फेट2.65
मैग्नेशियम1.28
कैल्शियम0.41
पोटैशियम0.38
बाईकार्बोनेट0.14
ब्रोमीन0.06
बोरेट0.02
स्ट्रांटियम0.01
  1. सामान्य खुले महासागर की लवणता 33% से 37% के मध्य होती है। चारों ओर स्थल से घिरे लाल सागर में यह 41% तक होती हैं जबकि आर्कटिक एवं ज्वारनदमुख में मौसम के अनुसार लवणता 0 से 35% के बीच पाई जाती है।