विभाजन को समझना राजनीति स्मृति अनुभव-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
सीबीएसई कक्षा -12 इतिहास
महत्वपूर्ण प्रश्न पाठ – 14
विभाजन को समझना
राजनीति, स्मृति, अनुभव
अति लघु प्रश्न 2 अंक
प्र.1 महाध्वंश से क्या तात्पर्य है।
उत्तर:- इसका अर्थ है सामूहिक जनसंहार। नाजी शासन के समय जर्मनी मे सरकारी निकायों द्वारा किया गया था।
प्र.2 लखनऊ समझौता क्या था ?
उत्तर:- 1916 में लखनऊ में कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग के बीच आपसी ताल मेल को लखनऊ समझौता कहा जाता है। यह एक संयुक्त राजनीतिक मंच था।
प्र.3 द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का क्या द्रष्टिकोण था ?
उत्तर:- कांग्रेस इस शर्त पर ब्रिटेन की युद्ध में सहायता करने के लिए तैयार थी कि वह युद्ध के बाद भारत को स्वतंत्र कर देने का स्पष्ट घोषणा करे।
प्र.4 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने विभाजन को क्यो स्वीकार किया ?
उत्तर:- क. देश के अनेक प्रांतो में दंगे होने लगे।
ख. चुनावों में मुस्लिम लीग की सफलता।
प्र.5 जिन्ना का द्वि. राष्ट्र सिद्धान्त क्या था ?
उत्तर:- जिन्ना ने हिन्दु तथा मुस्लिमों को दो अलग अलग समुदाय बताया। दोनो समुदाय साथ साथ नहीं रह सकते। उन्हे अलग अलग दो देशो में रहना चाहिए।
लघु प्रश्न 5 अंक
प्र.6 1937 के प्रांतीय चुनाव में संयुक्त प्रांत में सरकार गठन की घटना ने किस प्रकार भारत में मुस्लिम साम्प्रदायिक्ता को बढ़ाया ?
उत्तर:- (1) 1937 के प्रांतीय चुनाव में कांग्रेस को पूरा समर्थन मिला।
(2) मुस्लिम लीग भी सरकार में शामिल हेाना चाहती थी। कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
(3) मुस्लिम लीग को महसूस हुआ कि वे कभी सरकार नही बना पाएगी।
(4) राजनीतिक सत्ता प्राप्ति के लिए उन्हे भारत का बटवारा एक विकल्प दिखाई देने लगा।
(5) वे स्वयं को भारत के सभी मुस्लमानों की पार्टी तथा कांग्रेस का हिन्दुओं को पार्टी के रूप में प्रचारित करने लगे।
प्र.7 ब्रिटिश भारत का विभाजन क्यों किया गया ?
उत्तर:- 1) अंग्रेजो की फूट डालो व राज्य करो की नीति ।
2) मुस्लिम लीग का दुरूप्रचार कि वे ही मुस्लमानों की एक मात्र प्रतिनिधि है।
3) देसी रियासतों का विभाजन के पक्ष में होना।
4) सांप्रदायिक दगों का होना।
5) मुस्लिम लीग द्वारा 1946 में प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाकर विभाजन की मांग को मजबूत करना।
प्र.8 मौखिक इतिहास की अच्छाइयां तथा कमियों बताइए ?
उत्तर:- 1) यह अनुभवो तथा स्मृतियों को समझने का मौका देता है।
2) बंटवारे जैसी घटनाओं का सजीव तथा बहुरंगी वृतांत लिखने का अवसर देता है।
3) मौखिक इतिहास समाज के गरीब व कमजोर लोगों के अनुभवों व भावनाओं का महव्त देता है।
4) मौखिक जानकारियां सटीक नही होती है।
5) निजी अनुभवों के आधार पर सामान्यीकरण करना उचित नही है।
प्र.9 भारत विभाजन के परिणाम स्वरूप महिलाओं पर होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:- 1) औरतों के अनुभव भयावह तथा दुखदः थे। उनके साथ बलात्कार, लूट, अपहरण की घटनाएं हुई।
2) महिलाओं को बार-बार खरीदा और बेचा गया ।
3) महिलाओं को अजनबियों के साथ जिंदगी बिताने के लिए मजबूर किया गया ।
4) सरकार महिलाओं के प्रति असंवेदनशील रहीं।
5) महिलाओं को अपनी भावनाए प्रकट करने नही दिया गया।
6) महिलाओं की इज्जत की रक्षा के नाम पर उन्हे मार डाला गया।
7) बदला लेने की भावना से दूसरे समुदाय की महिलाओं की बेइज्जती की गई।
8) दंगें के बाद वापस लौटने पर महिलाओं को उनके परिवारों ने स्वीकार नही किया।
9) सिख उनकी मौत को आत्महत्या नहीं अपितु शहादत का दर्जा देते है। अतः उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष 13 मार्च को दिल्ली के एक गुरूद्वारे मे एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
10) एक बार फिर अपनी जिंदगी के बारे में फैसला लेने के उनके अधिकार को नजरअंदाज कर दिया गया ।
प्र.10. निम्नलिखित उदाहरणों को ध्यानपूर्वक पढ़ो तथा उसके बाद पुछे गए प्रश्नो का उत्तर दीजिए।
एक गोली भी नही चलाई गई
मून ने जो लिखा:-
24 घंटे से भी ज्यादा वक्त दगाई भीड को इस विशाल व्यावसायिक शहर में बेरोक टोक तबाही फैलाने दी गई। बेहतरीन बाजारों को जलाकर राख कर दिया गया जबकि उपद्रव फैलाने वालों के ऊपर एक गोली भी नही चलाई गई।
जिला मजिस्ट्रेट ने अपने (विशाल पुलिस बल को शहर में मार्च का आदेश दिया और उसका कोई सार्थक इस्तेमाल किए बिना वापस बुला लिया)
1) यह स्त्रोत किस घटना की ओर संकेत करता है ? उपदवियों की भीड़ क्या कर रही थी?(2)
2) आगे चलकर 1947 में अमृतसर रक्तपात का नजारा क्यों बना ? (2)
3) उत्तेजित भीड़ के प्रति फौज और पुलिस का क्या रूख था ? (2)
4) गांधी जी ने सांप्रदायिक सौर्हाद बढ़ाने के लिए कैसे प्रयत्न किया ? (2)
उत्तर:- 1) यह भारत विभाजन के समय की एक घटना है।
2) दंगा करने वाली भीड़ ने बाजारों को जला दिया तथा दुकानो का लूट लिया। प्रशासन का शहर पर कोई नियन्त्रण नही था।
3) उत्तेजित भीड़ को रोकने का प्रयास नही किया गया। सेना व पुलिस भी अपने सम्प्रदाय के लोगों की मदद कर रही थी। पुलिस दूसरे संप्रदाय पर हमला भी कर रही थी।
4) गांधीजी ने हिन्दुओं व मुस्लमानों को दूसरे का साथ देने तथा भरोसा रखने के लिए समझाया।