रघुवीर सहाय - पुनरावृति नोट्स

 सीबीएसई कक्षा - 12 हिंदी कोर आरोह

पाठ – 04
कैमरे में बंद अपाहिज


पाठ के सार:-

  • दूरदर्शन पर एक अपाहिज व्यक्ति को प्रदर्शन की वस्तु मान कर उसके मन की पीड़ा को कुरेदा जाता है साक्षात्कार कर्ता को उसके निजी सुख-दुख से कुछ लेना देना नहीं होता है।
  • साक्षात्कार कर्ता स्वयं को पूर्ण मान कर, एक अपाहिज व्यक्ति को दुर्बल समझने का अहंकार पाले हुए है।
  • मीडियाकर्मी अपाहिज की लाल सूजी हुई ऑखों कोपीड़ा की सांकेतिक अभिव्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करना चाहता है।
  • मीडियाकर्मी सफल नहीं होता क्योंकि प्रसारण समय समाप्त हो जाता है और प्रसारण समय के बाद यदि अपाहिज व्यक्ति रो भी देता तो उससे मीडियाकर्मी का व्यावसायिक उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता था इसलिए अब उसे अपाहिज व्यक्ति के आंसुओं में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
  • बार बार प्रयास करने पर भी मीडियाकर्मी, अपाहिज व्यक्ति को रोता हुआ नहीं दिखा पाता। वह खीझ जाता है और खिसियानी मुस्कुराहट के साथ कार्यक्रम समाप्त कर देता है | सामाजिक उद्देश्य से युक्त कार्यक्रम’ शब्दों में व्यंग्य हैं क्योंकि मीडिया के छद्म व्यावसायिक उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाती |
  • प्रसारण समय में रोचक सामग्री परोस पाना ही मीडिया कर्मियों का एकमात्र उद्देश्य होता है। अन्यथा उनके सामाजिक सरोकार मात्र एक दिखावा हैं।