मानव विकास-पुनरावृति नोट्स

                                               CBSE Class भूगोल 12 भाग – 2

पाठ - 3 मानव विकास
पुनरावृति नोटस


परिचय

विकास का मुख्य उद्देश्य लोक कल्याण होता है, जिसका अर्थ आर्थिक सामाजिक तथा सांस्कृतिक उत्थान है। मानव विकास के प्रमुख तत्वों में दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन शिक्षा तथा उच्च जीवन स्तर है। राजनैतिक स्वतंत्रता मानव अधिकारों की गारंटी, आत्मनिर्भता तथा स्वाभिमान इसके अन्य घटक है अतः ‘‘लोगों के विकल्पों के परिवर्द्धन की प्रक्रिया तथा जनकल्याण के स्तर को ऊंचा उठाना ही मानव विकास है‘‘ मानव विकास मानव पर केंद्रित होना चाहिए। दूसरे शब्दों में, विकास लोगों के लिए हो, न कि लोग विकास के लिए हो।

भारत में मानव विकास अभी अपने अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाया है स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, साक्षरता प्रतिशत में कमी, वार्षिक आय का कम होना इसके प्रमुख कारण है। इसीलिए भारत के विभिन्न राज्यों में भी मानव विकास की स्थिति अलग-अलग है। इस अध्याय में हम इन्हीं पहलुओं का अध्ययन करेंगे।

अवधारणा मानचित्र

पाठ एक नजर में:-

  • मानव विकास के लिए स्वस्थ भौतिक पर्यावरण, आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक स्वतंत्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों में वृद्धि तथा शिक्षा स्वास्थ्य तथा सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है।
  • दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन, शिक्षा, स्वतंत्रता, आत्मसम्मान से युक्त शिष्ट जीवन वा आवश्यक संसाधनों तक पहुँच मानव विकास के सार्थक पक्ष है।
  • भारत में विकास अवसरों के साथ-साथ अपेक्षाओं एवं वचनाओं का मिला-ज़ुला थैला है। यहाँ एक और विकसित व उच्च सुविधा युक्त महानगरीय क्षेत्र हैं तो वही दूसरी ओर नगरीय क्षेत्रों की उपेक्षित गंदी बस्तियाँ व आधारभूत सुविधाओं की तरसते विशाल ग्रामीण क्षेत्र हैं।
  • 1993 की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार प्रगामी लोकतंत्रीय और बढ़ता लोक सशक्तीकरण मानव विकास की न्यूनतम दशाएँ हैं।
  • भारत H.D.I. के संयुक्त मूल्य 0.602 के साथ संसार के 172 देशों में 127 के कोटेि क्रम पर हैं।
  • गरीबी वंचित रहने की अवस्था है | निरपेक्ष रूप से यह व्यक्ति की लगातार स्वस्थ रहने यथोचित उत्पादक जीवन जीने के लिए आवश्यक जरूरतों को पूरा ना कर पाने की असमर्थता को दर्शाती है।
  • भारत में लड़ीसा बिहार जैसे राज्यों में 40 प्रतिशत से अधिक जनसंख्णा गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रहीं हैं।
  • रोग एवं पीड़ा से मुक्त जीवन दीर्घ आयु एक स्वस्थ जीवन की सूचक है।
  • भारत में 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का लिंग अनुपात केवल केरल राज्य को छोड़कर घट रहा है इसके पीछे लिंग का निर्धारित करने की वैज्ञानिक तकनीक (अल्ट्रासाउंड) और लोगों की सामाजिक सोच (बेटे के बिना जीवन अधूरा है) अधिक कार्य कर रहीं हैं।
  • विकास भूख, गरीबी, दासता, बंधुआकारण, अज्ञानता निरक्षरता और अन्य किसी प्रकार की प्रबलता से मुक्ति का नाम हैं समाज एक पर्यावरण के विषय में ज्ञान तक पहुँच मुक्ति का आधार है | ज्ञान और मुक्ति का यह रास्ता साक्षरता से होकर जाता है |
  • भारत के विभिन्न राज्यों से 0.638 के संयुक्त सूचकांक के साथ केरल का कोटि क्रम में सर्वोच्च स्थान हैं तथा 0.367 के सुचकंक मूल्य के साथ बिहार का सबसे निम्न स्थान है |
  • भारत के लिए राज्य को इकाई मानकर मानव विकास रिपोर्ट नीति आयोग (पूर्व नाम योजना आयोग) तैयार करता है |
  • प्रसन्नचित एवं शांत सामजिक जीवन के लिए जनसंख्या एवं संसाधनों के बीच उचित संतुलन एक आवश्यक दशा है |
  • मानव विकास के लिए जितना महत्वपूर्ण संसाधनों की उपलब्धता है उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण उनका न्यायपूर्ण सामजिक वितरण है |
  • महात्मा गांधी ji के अनुसार, व्यक्तिगत मितव्ययिता, सामाजिक धन की न्याय्धारिता और अहिंसा एक व्यक्ति एवं राष्ट्र के लिए जीवन में उच्चतर लक्ष्य प्राप्त करने की कुंजी है |

इस अध्याय द्वारा पोषित किए जाने वाले मानवीय