निर्मला पुतुल - पुनरावृति नोट्स

 कक्षा 11 हिंदी कोर

पुनरावृति नोट्स
पाठ - 10 आओ, मिलकर बचाएँ


कविता का सारांश - इस कविता में दोनों पक्षों का यथार्थ चित्रण हुआ है | बृह्त्तर संदर्भ में यह कविता समाज में उन चीजों को बचाने की बात करती है जिनका होना स्वस्थ सामाजिक-प्राकृतिक परिवेश के लिए जरुरी है | प्रकृति के विनाश और विस्थापन के कारण आज आदिवासी समाज संकट में है, जो कविता का मूल स्वरुप है |

कवयित्री को लगता है कि हम अपनी पारंपरिक भाषा, भावुकता, भोलेपन, ग्रामीण संस्कृति को भूलते जा रहे है | प्राकृतिक नदियाँ, पहाड़, मैदान, मिट्टी, फसल, हवाएँ-ये सब आधुनिकता के शिकार हो रहे है | आज के परिवेश में विकार बढ़ रहे है, जिन्हें हमें मिटाना है | हमें प्राचीन संस्कारों और प्राकृतिक उपादानों को बचाता है | कवयित्री कहती है कि निराश होने की जरूरत नही है, क्योंकि अभी बचाने के लिए बहुत कुछ शेष है |