खेलकूद में प्रशिक्षण - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 6

CBSE कक्षा 11 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 11 खेलकूद में प्रशिक्षण
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (3 अंक, 60 शब्द) 
प्रश्न 1. शिथिलिकरण (Limbering Down) से क्या अभिप्राय है? शिथिलिकरण किस प्रकार से लाभदायक है, स्पष्ट कीजिए?
उत्तर- शिथिलिकरण से तात्पर्य खिंचाव वाले व्यायाम करके कार्य की तीव्रता को कम करना, जिसके पश्चात् गहरी श्वांस के द्वारा विश्राम व्यायाम करना कूलिंग डाउन कहलाता है।
शिथिलीकरण के कारण लाभदायक प्रभाव (Beneficial effects of limbering Down)
जब हम व्यायाम करते हैं, तो मांसपेशियों में बहुत अधिक रक्त (खून) का प्रवाह होता है यदि तेजी से रूकते है तो चरम अवस्था में रक्त की पुलिंग हो सकती है जिससे चक्कर आते हैं और कभी-कभार गिर पड़ते है इस प्रकार शिथिलिकरण व्यायाम के बाद की थकावट और कठोरपन से रक्षा होती है।
प्रश्न 2. शरीर को गरमाने के पक्ष में शरीर-क्रिया संबंधी क्या कारण है?
उत्तर- गरमाने से मांसपेशियों की कार्यविधि में शरीर-क्रिया संबंधी परिवर्तन (बदलाव) होते हैं, तथा गरमाना मांसपेशियों की कार्यकुशलता का आधार बनता है।
मांसपेशियों का गरमाना निम्नलिखित प्रकार से उनकी कार्य कुशलता को बढ़ाता है।
  1. गरमाने से शरीर का स्थानीय (Local) तापमान बढ़ जाता है तथा चयपचय (Metabolic) तत्वों का जमाव हो जाता है जो कि मांसपेशियों के संकुचन एवं प्रसार की क्रिया में तेजी लाने में सहायक होता है।
  2. गरमाने से मांसपेशियों को प्रेरण (Stimulus) का कुशलता से सामना करने के लिए तैयारी की स्थिति में आ जाती है।
  3. किसी गतिविधि में काम आने वाली मांसपेशियों के समूह को भी आपसी तालमेल बिठाने के लिए गरमाने की आवश्यकता पड़ती है।
प्रश्न 3. गरमाने के मार्गदर्शक सिद्धान्त संक्षेप में लिखिए?
उत्तर- गरमाने के मार्गदर्शक सिद्धांत निम्नलिखित प्रकार से है।
  1. साधारण से विशेष
  2. ऐसे व्यायाम जिससे शरीर के सभी अंगों का व्यायाम हो सके।
  3. खिंचाव वाले तथा ढ़ीले व्यायाम भी करने चाहिए।
  4. शरीर को इतना गरमाना आवश्यक है जितने से शरीर के तापमान में वृद्धि हो सके।
  5. गरमाना खेल क्रिया अथवा खेल के अनुसार होना चाहिए।
  6. गरमाने में खेल से संबंधित क्रियाओं वाले व्यायाम अवश्य होने चाहिए।
  7. गरमाना सही समय पर ही होना चाहिए।
  8. गरमाना आयु तथा लिंग के अनुसार होना चाहिए।
प्रश्न 4. खेल प्रशिक्षण सिद्धांतो का विवेचन कीजिए?
उत्तर- यदि कोई शारीरिक गतिविधि और खेलकूद का प्रदर्शन और योग्य रहना चाहते है तो हमें निम्न सिद्धांतो का पालन करना होगा। ये सिद्धांत नीचे दिए गए है।
  1. उपयोग का सिद्धांत (The Principle of use)- उपयोग का सिद्धांत दर्शाता है कि यदि हम शरीर का कोई अंग प्रयोग करते है तो वह लंबी अवधि तक स्वस्थ रहेगा। इसलिए यह आवश्यक है कि हम एक अथवा एक से अधिक शारीरिक क्रिया रोज करे। नियमित व्यायाम से उपापचयी (Metabolic) परिवर्तनों में वृद्धि होती है। जो कि संपूर्ण शरीर की बड़ी हुई दक्षता के लिए जिम्मेदार है। इससे स्वास्थ्यजनक तंरगों के आवागमन के कारण तंत्रिका प्रणाली में भी सुधार आता है।
  2. अनुप्रयोग का सिद्धांत (Principle of Disuse)अनुप्रयोग सिद्धांत का अर्थ है गतिविधियों का न होना या शारीरिक गतिविधियों का रोक देना। इसको रोकने का कोई भी कारण हो सकता है ये किसी हड्डी के टूटने, बीमार पड़ने, बुढ़ापा अथवा कोई व्यक्तिगत कारण हो सकता है। यह निश्चित है कि यदि हम हमारे शरीर का उपयोग करना बंद कर दें तो हमारी मांसपेशियाँ, मस्तिष्क प्रणाली आदि की वृद्धि और विकास या तो रूक जाएगें या बहुत धीमी गति से होगा।
  3. अधिक भार या अधिक उपयोग का सिद्धांत (Principle of over load or over use)- अधिक भार के सिद्धांत का अर्थ है शरीर का उपयोग इसकी क्षमता से अधिक करना। किसी भी प्रकार के खेल प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए अधिक भार डालना आवश्यक है। अच्छे परिणाम लाने के लिए एक खिलाड़ी के लिए अपने शरीर का अधिकतम उपयोग करना आवश्यक है लेकिन दूसरी ओर शरीर का अधिक उपयोग शरीर के लिए हानिकारक है।
प्रश्न 5. कौशल का वर्गीकरण विस्तार से कीजिए?
उत्तर- ऐसी अनेक खेल-क्रियाएं होती है जिनमें प्रत्येक क्रिया में कौशलों की आवश्यकताओं के कारण इनको वर्गीकृत करना वास्तव में काफी मुश्किल काम है।
सामान्यताः कौशल निम्न प्रकार के होते हैं
  1. खुले कौशल- ऐसे कौशल जो नियंत्रण में नहीं होते हैं या जिनके बारे में पहले से कुछ न कहा जा सकता हो उन्हें खुले कौशल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
  2. बन्द कौशल- यह एक स्थिर या पहले से बताए जा सकने योग्य वातावरण में किए जाते हैं।
  3. साधारण कौशल- ऐसे कौशल जिनमें समन्वय या सामजस्य, समय व विचारों की अधिक मात्रा में आवश्यकता नहीं पड़ती उन्हें साधरण कौशल कहा जाता है। ये सीखने में आसान होते हैं। जैसे- चेस्ट पास, अंडर आर्म सर्विस इत्यादि।
  4. जटिल कौशल- इस प्रकार के कौशलों में समन्वय या सामंजस्य समय व विचारों की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है इनको करने में जटिलता का सामना करना पड़ता है। जैसे फुटबॉल में ओवर हेड किक।
  5. निरतंर कौशल- इन कौशलों का कौई वास्तविक प्रारम्भ व अंत नहीं होता है। उदाहरण के लिए साइक्लिंग आदि करना निरतंर कौशलों के उदाहरण है।
  6. ठीक कौशल- ठीक कौशलों में जटिल तथा ठीक गतियाँ जिनमें छोटी मांसपेशियों के समूह का प्रयोग होता है जैसे स्नूकर का शॉट।
  7. व्यक्तिगत कौशल- ये वे कौशल होते हैं जो अलगाव में किए जाते हैं जैसे ऊँचीकूद, लम्बी कूद।