इस्लाम का उदय और विस्तार-लगभग 570-1200 ई०-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                              CBSE class 11 इतिहास

पाठ-4 इस्लाम का उदय और विस्तार लगभग 570-1200 ई.
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


अति लघु प्रश्न (2 अंक वाले)

  1. 600 से 1200 ई. तक इस्लामी क्षेत्रों के इतिहास की जानकारी हमें किन स्रोतों से मिलती है?
    उत्तर- 
    1. इतिवृत्त अथवा तवारीख
    2. अर्ध ऐतिहासिक कृतियाँ जैसे जीवन चरित, पैगम्बर के कथन और कृत्यों के अभिलेख, कुरान की टीकाएं।
    3. कानूनी पुस्तकें, भूगोल, यात्रा वृत्तांत।
    4. साहित्यिक रचनाएं जैसे कहानियां और कविताएं।
  2. पैगम्बर मुहम्मद को मक्का क्यों छोड़ना पड़ा? इस घटना का इस्लाम के इतिहास में क्या महत्व है?
    उत्तर- 
    1. मक्का छोड़ने का कारण वहां के समृद्ध लोगों का विरोध था।
    2. उन्हें देवी-देवताओं का ठुकराया जाना अच्छा नहीं लगा।
    3. 622 ई. में पैगम्बर द्वारा मक्का से मदीना की यात्रा को हिजरा कहा जाता है।
    4. इस वर्ष से मुस्लिम कैलेंडर यानी हिजरी सन् की शुरुआत हुई।
  3. खिलाफत संस्था का निर्माण क्यों किया गया? इस संस्था के क्या उद्देश्य थे? संक्षेप में लिखिए।
    उत्तर- 
    1. पैगम्बर मुहम्मद के देहांत के बाद वैध पैगम्बर का अभाव।
    2. मुसलमानों में मतभेदों को दूर करने के लिये खिलाफत संस्था का निर्माण।
    3. समुदाय के नेता को पैगम्बर का प्रतिनिधि यानी खलीफा माना गया।
      खिलाफत के उद्देश्यः
      1. कबीलों पर नियंत्रण कायम करना।
      2. राज्य के लिए संसाधन जुटाना।
  4. उमय्यद वंश के अब्द-अल-मलिक ने अरब-इस्लामी पहचान के विकास के लिए कौन-कौन से कार्य किए? किन्हीं दो कार्यों का उल्लेख कीजिए।
    उत्तर- 
    1. इस्लामी सिक्के चलाए जिन पर अरबी भाषा में लिखा गया।
    2. जेरूसलम में ‘डोम ऑफ रॉक’ बनवाया।
  5. धर्म-युद्धों का ईसाई-मुस्लिम संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ा? संक्षेप में विवरण दीजिए।
    उत्तर- 
    1. मुस्लिम राज्यों ने ईसाई प्रजा के प्रति कठोर नीति अपनानी शुरू कर दी।
    2. पूर्व तथा पश्चिम के बीच होने वाले व्यापार में इटली का प्रभाव बढ़ गया।
  6. इस्लाम की मुख्य शिक्षाएं संक्षेप में लिखिये।
    उत्तर- 
    1. पैगम्बर मोहम्मद खुदा का संदेशवाहक है।
    2. केवल अल्लाह की ही इबादत (आराधना) की जानी चाहिए।
    3. दैनिक प्रार्थना (दिन में 5 बार)
    4. खैरात बाँटना
    5. चोरी न करना
    6. जीवन में एक बार हज (मक्का की यात्रा) करना।

लघु प्रश्न (4 अंक वाले)

  1. पैगम्बर मुहम्मद ने किस प्रकार अरब प्रदेश के बड़े भाग को अपने धर्म, समुदाय और राज्य में लाने में सफलता प्राप्त की? विवरण दीजिए।
    उत्तर- 
    1. मदीना में राजनैतिक व्यवस्था की स्थापना करके अनुयायियों को सुरक्षा प्रदान की।
    2. आंतरिक लड़ाई का समाधान किया।
    3. उम्मा को एक बड़े समुदाय में बदला।
    4. उपवास जैसे कर्मकाण्ड़ों और नैतिक सिद्धांतों को बढ़ाकर और परिष्कृत करके धर्म का सुदृढ़ किया।
    5. आय के स्रोत कृषि, व्यापार और जकात (खैरात कर) थे। पैगम्बर मुहम्मद के प्रयासों के कारण मदीना उभरते इस्लामी राज्य की प्रशासनिक राजधानी और मक्का धार्मिक केन्द्र बन गया।
  2. अब्बासी राज्य के नौंवी शताब्दी में कमजोर होने के कारणों तथा परिणामों का उल्लेख कीजिए। कारणः-
    उत्तर- 
    1. सेना और नौकरशाही में अरब समर्थक और इरान-समर्थक गुटों में झगड़ा।
    2. 810 ई. में खलीफा हारुन अल-रशीद के पुत्रों-अमीन और मामुन के समर्थकों के बीच गुह युद्ध।
    3. तुर्की गुलाम अधिकारियों (यामलुक) द्वारा एक नए शक्ति गुट का निर्माण।
      परिणामः-
      1. कई नए छोटे-छोटे राजवंश उत्पन्न हो गए जैसे- ताहिरी, समानी, तुलुनी।
      2. बुवाही नामक शियावंश में 945 ई. में बगदाद पर अधिकार कर लिया।
  3. इस्लामी राज्य में कृषि व्यवस्था की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं? व्याख्या कीजिए। इन विशेषताओं से पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना करो। कृषि व्यवस्था की विशेषताएँ:-
    उत्तर- 
    1. लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि।
    2. जमीन के स्वामी छोटे-बड़े किसान तथा राज्य थे।
    3. कर राज्य की ओर से एकत्र किया जाता था।\
    4. गैर मुसलमान उपज का आधा से लेकर पांचवें हिस्से के बराबर कर देते थे।
    5. राज्य द्वारा सिंचाई प्रणालियों, बांधों और नहरों के निर्माण तथा कुओं की खुदाई के लिए
    6. सहायता।
    7. पहली बार खेती करने पर कर में रियायत।
      प्रभाव:-
      1. खेती योग्य भूमि में वृद्धि हुई।
      2. उत्पादकता में वृद्धि हुईं।
      3. कई कई फसलों जैसे- कपास, संतरा, केला, तरबूज, पालक और बैंगन की खेती शूरू हुई और यूरोप को इनका निर्यात किया गया।
  4. मध्यकालीन इस्लामी समाज पर यूनानी दर्शन और विज्ञान के प्रभाव का उल्लेख कीजिए।
    उत्तर- 
    1. उमय्यद और अब्बासी खलीफाओं ने ईसाई विद्वानों से यूनानी और सीरियाक भाषा की पुस्तकों का अनुवाद करवाया।
    2. ईश्वर और विश्व की एक वैकल्पिक कल्पना का विकास किया।
    3. सिकंदरिया, सीरिया और मेसोपोटामिया में यूनानी दर्शन, गणित और चिकित्सा की शिक्षा दी जाती थी।
    4. अल-मामून के शासन काल में बगदाद में पुस्तकालय व विज्ञान संस्थान को सहायता दी गई।
    5. अरस्तू की पुस्तकें यूक्लिड की एलीमेंट्स और टोलेमी की पुस्तक एल्मागेस्ट की ओर विद्वानों का ध्यान आकर्षित।
    6. खगोल विज्ञान, गणित और चिकित्सा के विषय में भारतीय पुस्तकों का अरबी अनुवाद किया गया।
  5. मध्यकालीन मुस्लिम साम्राज्य के व्यापार एवं वाणिज्य की जानकारी देते हुए यह बताइए कि इसका मुद्रा के प्रसार पर क्या प्रभाव पड़ा?
    उत्तर- 
    1. व्यापार दो मुख्य मार्गों लाल सागर तथा फारस की खाड़ी से होता था।
    2. मसालों, कपड़े, चीनी-मिट्टी की वस्तुएँ तथा बारूद को भारत और चीन से लाल सागर तथा फारस की खाड़ी तक जहाजों द्वारा लाया जाता था।
    3. भूमध्य सागर के सिरे पर सिकंदरिया के पत्तन से यूरोप को किया जाने वाला निर्यात यहूदी व्यापारियों के हाथ में था।
    4. चौथी शताब्दी में काहिरा के उभरने से तथा इटली में पूर्वी माल की बढ़ती मांग के कारण लाल सागर का महत्व बढ़ गया।
    5. ईरानी व्यापारी चीनी वस्तुएँ लाने बगदाद से बुखारा तथा समरकंद होते हुए रेशम मार्ग से चीन जाते थे।
      मुद्रा का प्रसारः
      1. राजकोषीय प्रणाली और बाजार के लेन-देन से मुद्रा का प्रसार बढ़ गया।
      2. सोने, चांदी और तांबे के सिक्के बड़ी संख्या में बनाये जाने लगे।
      3. बहुमूल्य धातुएं और सिक्के, पूर्वी व्यापार की वस्तुओं के बदले यूरोप से आते थे।
      4. धन की बढ़ती मांग के कारण संचित भंडारों और बेकार संपत्ति का उपयोग होने लगा।
      5. उधार का कारोबार भी मुद्राओं के साथ जुड़ गया।
  6. इस्लामी दुनिया की इमारतों की विशेषताएं लिखिये।
    उत्तर- 
    1. अधिकतर इमारतें धार्मिक- मस्जिदें, मकबरे, इबादतगाह।
    2. इमारतों का बुनियादी नमूना एक जैसा।
    3. इमारते इस्लामी आध्यात्मिक व व्यवहारिक जरूरते पूरा करती।
    4. सभी में मेहराबें, गुम्बद, मीनार व खुले सहन खंभो के सहारे वाली छत
    5. केंद्रीय प्रांगण के चारो और निर्मित इमारत-मस्जिद मकबरे, सराय, अस्पताल व महल में भी।
    6. मस्जिद में:- प्रांगण में फव्वारा/जलाशय प्रागंण का बड़े कमरे में खुलना बड़े कमरे की दीवार में मेहराब शुक्रवार को दोपहर की नमाज में प्रवचन के लिये मंच (मिम्बर)

दीर्घ प्रश्न (8 अंक वाले)

  1. मध्यकालीन इस्लामी जगत में शहरीकरण की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं? विवेचना कीजिए।
    उत्तर- 
    1. खेती की खुशहाली तथा राजनीतिक स्थिरता।
    2. शहरों की तादाद में वृद्धि।
    3. शहरों में जनसंख्या में वृद्धि।
    4. शहरों में आर्थिक तथा सांस्कृतिक शक्ति का प्रसार।
    5. शहरों के नक्शों में समानता का अभाव।
    6. विनिमय के दायरे का विस्तार।
    7. भारत और यूरोप के समुद्री व्यापार पर एकाधिकार।
    8. राजकोषीय प्रणाली।
    9. अदायगी और व्यापार व्यवस्था के बेहतर तरीके।
    10. वाणिज्यिक पत्रों का व्यापक उपयोग।
  2. इस्लामी वास्तुकला और रोमन वास्तुकला का तुलनात्मक वर्णन कीजिए।
    उत्तर- 
    1. धार्मिक इमारतें दुनिया की सबसे बड़ी प्रतीक।
    2. स्पेन से मध्य एशिया तक फैली मस्जिदें, इबादतगाह तथा मकबरे।
    3. इमारतें मुसलमानों की आध्यात्मिक तथा व्यावहारिक आवश्यकताओं को अभिव्यक्त करती थीं।
    4. इस्लाम की पहल शताब्दी में मस्जिद ने एक विशिष्ट वास्तिुशल्पीय स्वरूप प्राप्त कर लिया।
    5. नखलिस्तानों में मरुस्थली महल।
    6. महलों का निर्माण रोमन तथा ससानी वास्तुशिल्प के तर्ज पर।
    7. अब्बासियों द्वारा समरा पानी के बीच एक नए शाही शहर का निर्माण।
    8. मीनार नए धर्म के अस्तित्व के रूप में।
    9. सार्वजनिक स्नान-गृह रोम के शहरी जीवन की विशेषता।
    10. रोम के इंजीनियरों द्वारा तीन महाद्वीपों के पार पानी ले जाने के लिए विशाल जल सेतुओं का निर्माण।
  3. मध्यकालीन इस्लामी जगत में शहरीकरण की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
    उत्तर-
    1. शहरों की संख्या में तेजी से वृद्धि।
    2. इस्लामी सभ्यता का फलना फूलना।
    3. मुख्य उद्देश्य - अरब सैनिकों (जुड) को बसाना, कूफ बसरा फुस्तान काहिरा बगदाद और समरकद जैसे फौजी शहर |
    4. शहरों के विकास एवम् विस्तार के लिए खाद्यान्न उत्पादन व उद्योगों को बढ़ावा |
    5. दो प्रकार के भवन समूह - एक मस्जिद (मस्जिद अल जामी) दुसरा केन्द्रीय मंडी (सुक)|
    6. केन्द्रीय मंडी में दुकानों की कतारें, व्यापारियों के आवास (फदुक), शराफ का कार्यालय, प्रशासकों और विद्ववानों एवम् व्यापारियों के घर।
    7. मण्डी की प्रत्येक ईकाई की अपनी मस्जिद गिरजाघर अथवा सिनेगोग (यहूदी प्रार्थनाघर)।
    8. शहर के बाहरी इलाकों में गरीबों के मकान, सब्जी फल के बाजार, काफिलों के ठिकाने, दुकानें आदि।
    9. शहर की चार दिवारी के बाहर कब्रिस्तान व सराय |
    10. शहरों के नक्शों में समानता का अभाव |
  4. इस्लामी वास्तुकला और रोमन वास्तुकला का तुलनात्मक वर्णन कीजिए।
    उत्तर-
    1. धार्मिक इमारतें दुनिया की सबसे बड़ी प्रतीक।
    2. स्पेन से मध्य एशिया तक फैली मस्जिदें, इबादतगाह तथा मकबरे।
    3. इमारते मुसलमानों की आध्यात्मिक तथा व्यावहारिक आवश्यकताओं को अभिव्यक्त करती थी |
    4. इस्लाम की पहली शताब्दी में मस्जिद ने एक विशिष्ट वास्तुशिल्पीय स्वरूप प्राप्त कर लिया |
    5. नखलिस्तानों में मरूस्थली महल |
    6. महलों का निर्माण रोमन तथा ससानी वास्तुशिल्प के तर्ज पर।
    7. अब्बासियों द्वारा समरा पानी के बीच एक नए शाही शहर का निर्माण।
    8. मीनार नए धर्म के अस्तित्व के रूप में।
    9. सार्वजनिक स्नान ग्रह रोम के शहरी जीवन की विशेषता।
    10. रोम के इंजीनियरों द्वारा तीन महाद्वीपों के पार पानी ले जाने के लिए विशाल जल सेतुओं का निर्माण।
    11. रोम की वास्तुकला अत्यधिक दक्षपूर्ण।
    12. पत्थरों और ईटों के टुकड़ों का प्रयोग। स्तंभों का निर्माण।
    13. (xiii) कंक्रीट एवम् डाटों का प्रयोग। डाटों का प्रयोग कोलोजियम बनाने में भी।
  5. 'जीते गए सभी प्रान्तों में खलीफाओं ने नया प्रशासनिक ढ़ाँचा लागू किया। यह नया प्रशासनिक ढाँचा किस प्रकार था? वर्णन कीजिए ।
    उत्तर-
    1. खलीफाओं ने नया प्रशासनिक ढाँचा लागू किया।
    2. अध्यक्ष गवर्नर (अमीर) और कबीलों का मुखिया (अशरफ)
    3. केंद्रीय राजकोष (बैत अल-माल) में मुसलमानों द्वारा किए जाने वाले कर व धावों से मिलने वाली लूट का हिस्सा।
    4. खलीफा के सैनिक अधिकतर बेदुइन।
    5. सैनिक रेगिस्तान के किनारों पर बसे शहरों में शिविरों में रहते थे।
    6. गैर मुस्लिमों द्वारा खराज व जज़िया कर अदा करना।
    7. यहूदी और ईसाई संरक्षित घोषित।
    8. सामुदायिक कार्यों को करने की काफी स्वायत्ता।
  6. ‘उमय्यद राज्य अब एक साम्राज्यिक शक्ति बन चुका था, अब वह सीधे इस्लाम पर आधारित नहीं था।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
    उत्तर-
    1. पहले उमय्यद खलीफा द्वारा दमिश्क को राजधानी बनाना |
    2. बाइजेंटाइन साम्राज्य की राजदरबारी रस्मों और प्रशासनिक संस्थाओं को अपनाना |
    3. वंशगत उत्तराधिकार की परम्परा प्रारम्भ |
    4. शासन कला में निपुण। प्रशासन में ईसाई सलाहकार, ज़रतुश्त लिपिक और अधिकारी शामिल।
    5. अरबी सामाजिक पहचान बनाए रखना। अरबी प्रशासन की भाषा।
    6. इस्लामी सिक्के जारी करना।
    7. सलीब और अग्नि वेदी के चिन्ह बने सोने के दीनार और चाँदी के दिरहम सिक्के बन्द करना।