मुद्रा और बैंकिंग - प्रश्नोत्तर 3

CBSE कक्षा 12 मुद्रा एवं बैंकिंग
अर्थशास्त्र महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

6 अंक वाले प्रश्न
प्र. 1. मुद्रा/साख निर्माण से क्या अभिप्राय है? एक संरचनात्मक उदाहरण की सहायता से व्यापारिक बैंकों द्वारा किये जाने वाले मुद्रा निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- मुद्रा निर्माण को ऐसी प्रक्रिया के रूप में व्यक्त किया जाता है जिसके अन्तर्गत एक व्यापारिक बैंक अपने निक्षेपों के आधार पर कई गुणा ऋण प्रदान करके अर्थव्यवस्था में मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि करता है। व्यापारिक बैंक द्वारा किया जाने वाला मुद्रा निर्माण मुख्यतः दो बातों पर निर्भर करता है।
  1. प्राथमिक जमाएँ
  2. वैधानिक कोष अनुपात (LRR)
    साख गुणक =1LRR
मुद्रा निर्माण की व्याख्या
माना अर्थव्यवस्था में (1) प्रारम्भिक जमाएँ-1000 रु. हैं। (2) वैध आरक्षित अनुपात 20% या 0.2 है। (3) अर्थव्यवस्था में कुल व्यय राशि पुनः बैंकों में जमा कर दी जाती है।
मान लीजिए प्राथमिक जमा 1000 रु. हैं। बैंक इस जमा से 200 रु. रिजर्व के रूप में रखकर 800 रु. उधार दे देंगें। ये 800 रु. अर्थव्यवस्था में होने के पश्चात् पुनः बैंक में वापिस जमा होंगे। व्यापारिक बैंक कुल जमाओं 800 रु. का 20% अर्थात् 160 रु. रिजर्व रखकर 640 उधार दे देंगे। यह कार्य पुनः बैंक की जमाओं में वृद्धि करेगा और यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगा। कुल निर्माण कितना होगा यह मुद्रा गुणक द्वारा निर्धारित होगा।
मुद्रा गुणक
कुल मुद्रा निर्माण = प्रारम्भिक जमाएँ × साख गुणांक
=1000×10.2  = 5000 रु.