उपभोक्ता व्यवहार तथा माँग - प्रश्नोत्तर 3

CBSE कक्षा 11 अर्थशास्त्र
उपभोक्ता का व्यवहार और माँग
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

6 अंक वाले प्रश्न
प्र. 1. अनधिमान वक्र की तीन विशेषताएँ समझाइए।
उत्तर- अनधिमान वक्रों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
  1. इनका ढलान बाएँ से दाएँ नीचे की ओर होता है- एक वस्तु की इकाइयों का अधिक उपभोग करने के लिए दूसरी वस्तु की कुछ इकाइयों का त्याग करना पड़ता है ताकि संतुष्टि स्तर वही रहे।
  2. मूल बिन्दु की ओर उत्तल (उन्नतोदर) हाती है- ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता के नियम के कारण सीमान्त प्रतिस्थापन दर निरन्तर घटती है।
  3. ऊँचा अनधिमान वक्र अधिक उपयोगिता दर्शाता है- ऊँचा अनधिमान वक्र वस्तुओं के बड़े बंडलों को दर्शाता है। इसका अर्थ है अधिक उपयोगिता, एकदिष्ट अधिमान को नियम को कारण।
प्र.2. अनधिमान वक्र विश्लेषण द्वारा उपभोक्ता सन्तुलन की शर्तें समझाइए। रेखाचित्र का प्रयोग कीजिए।
उत्तर- उपभोक्ता के सन्तुलन की दो शर्तें हैं-
  1. सीमान्त प्रतिस्थापन दर = कीमतों का अनुपात (MRS = Px/Py)
  2. सीमान्त प्रतिस्थापन दर निरन्तर घटती है।
व्याख्या :
  1. मान लीजिए दो वस्तुएँ x तथा y है। उपभोक्ता के सन्तुलन की पहली शर्त है कि MRS=PxPy .
    यदि MRS > Px/Py है तो इसका अर्थ है कि उपभोक्ता x वस्तु की बाजार में जो कीमत है उसमें अधिक देने को तैयार हैं अतः वह X की अधिक मात्रा खरीदेगा। इससे MRS घटेगी और ऐसा तब तक होता रहेगा जब तक कि MRS = Px/Py.
    यदि MRS<PxPy है तो इसका अर्थ है कि उपभोक्ता x वस्तु की बाजार में जो कीमत है उससे कम देने की तैयार है अतः वह x की कम मात्रा खरीदेगा। इससे MRS बढ़ेगी और ऐसा तब तक होता रहेगा जब तक कि MRS=PxPy .
  2. सीमान्त प्रतिस्थापन दर निरन्तर घटेगी जब तक कि सन्तुलन की स्थिति स्थापित नहीं हो जाती।
प्र. 3. उपभोक्ता की आय में परिवर्तन होने से वस्तु की माँग पर पड़ने वाले प्रभाव की चित्र सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर - उपभोक्ता की आय में परिवर्तन के प्रभाव को दो श्रेणियों में विभाजित करके निम्न प्रकार समझा जा सकता है।
  1. सामान्य वस्तु : सामान्य वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती हैं, जिन पर आय प्रभाव धनात्मक एवं कीमत प्रभाव ऋणात्मक होता है। यदि उपभोक्ता की आय में वृद्धि होती है तो इनकी माँग बढ़ जाती है। इसके विपरीत यदि आय में कमी होती है तो उसकी माँग में कमी हो जाती है।
  2. निम्नकोटि वस्तुएँ : ये वे वस्तुएँ होती है जिन पर आय प्रभाव ऋणात्मक एवं कीमत प्रभाव धनात्मक होता है। यदि उपभोक्ता की आय में वृद्धि होती है तो इन वस्तुओं की माँग कम हो जाती है। इसकी विपरीत यदि उपभोक्ता की आय में कमी होती है तो इनकी माँग बढ़ जाती है।
प्र. 4. माँग वक्र का ढलान ऋणात्मक क्यों होता है? कारण बताइये-
उत्तर- माँग वक्र के ऋणात्मक ढ़ाल होने के निम्नलिखित कारण हैं-
  1. ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता नियम : इस नियम को अनुसार प्रत्येक अगली इकाई का प्रयोग करने से मिलने वाली सीमान्त उपयोगिता क्रमशः घटती चली जाती है, इसलिए प्रत्येक अगली इकाई को खरीदने के लिए उपभोक्ता कम कीमत देने को तैयार होता है।
  2. आय प्रभाव : वस्तु की कीमत के कम होने के कारण क्रेता की वास्तविक आय बढ़ जाती है। वास्तविक आय बढ़ने से वस्तु की माँग में वृद्धि होती है।
  3. प्रतिस्थापन प्रभाव : एक वस्तु की कीमत को कम होने को कारण एक वस्तु दूसरी वस्तु की तुलना में सस्ती हो जाती है तथा उपभोक्ता उसका प्रतिस्थापन दूसरी वस्तु से करता है। जैसे चाय की कीमत कम होने पर उसका कॉफी के स्थान पर प्रतिस्थापन किया जाता है।
  4. उपभोक्ता समूह का आकार : किसी वस्तु की कीमत के कम होने पर जो उपभोक्ता उस वस्तु को नहीं खरीद रहे थे, अब उस वस्तु को खरीदने में सक्षम हो जाते हैं जिससे उसकी माँग में वृद्धि होती है।
  5. विभिन्न प्रयोग: एक वस्तु के विभिन्न प्रयोग होते हैं। वस्तु सस्ती होने पर उसकी माँग बढ़ जाती है क्योंकि विभिन्न प्रयोगों में उसका इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे दूध की कीमत कम होने पर इसकी माँग बढ़ेगी।
प्र. 5. एक उपभोक्ता केवल दो वस्तुओं x और y का उपयोग करता है। दोनों की बाजार कीमत 3 रु प्रति इकाई है। यदि उपभोक्ता इन दो वस्तुओं के ऐसे संयोग का चुनाव करता है। जिसकी सीमान्त प्रतिस्थापन दर 3 है, तो क्या उपभोक्ता संतुलन में है? कारण दीजिए। ऐसी स्थिति में एक विवेकी उपभोक्ता क्या करेगा? समझाइये।
उत्तर- Given Px = 3, Py = 3 और MRS = 3, एक उपभोक्ता संतुलन में तब कहा जायेगा जब- MRS=PxPy मूल्यों को प्रतिस्थापत करने पर 3>33
इसलिए उपभोक्ता संतुलन में नहीं है। MRS>PxPy का अर्थ है कि उपभोक्ता x वस्तु की एक और इकाई खरीदने के लिए तैयार है-
  • उपभोक्ता X वस्तु की अधिक इकाईयाँ खरीदे54>45orMUxPx>MUyPyगा।
  • ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता नियम को कारण सीमान्त प्रतिस्थापन दर घटेगी।
  • और यह प्रक्रिया तब तक जरी रहेगी जब तक हैं MRS=PxPy न हो जाए और इस प्रकार उपभोक्ता संतुलन में आ जायेगा।
प्र. 6. एक उपभोक्ता दो वस्तुओं x तथा y का उपभोग करता है जिनकी कीमत क्रमशः 4 रु. और 5 रु. प्रति इकाई है। यदि उपभोक्ता दोनों वस्तुओं का ऐसा संयोग चुनता है जिसमें x की सीमान्त उपयोगिता 5 और 4 की सीमान्त उपयोगिता 4 है, तो क्या उपभोक्ता संतुलन में है। कारण दीजिए। ऐसी स्थिति में एक विवेकी उपभोक्ता क्या करेगा? उपयोगिता विश्लेषण का उपयोग कीजिए।
उत्तर- Given Px = 4, Py = 5 और Mux, MUy, एक उपभोक्ता MUxPx=MUyPy होने पर संतुलन में होगा। मूल्यों को प्रतिस्थापित करने पर 54>45orMUxPx>MUyPy प्रति इकाई रू. की Mux, प्रति रू. MUy की सीमान्त उपभोगिता से ज्यादा है। इसलिए उपभोक्ता संतुलन में नहीं है।
उपभोक्ता x वस्तु की अधिक तथा y वस्तु की कम इकाईयाँ खरीदेगा। इसलिए MUx कम होगा तथा MUy बढ़ेगा जब तक की MUxPx तथा MUyPy बराबर नहीं हो जाता।