खेलकूद में प्रशिक्षण - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 3

CBSE कक्षा 11 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 11 खेलकूद में प्रशिक्षण
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (5 अंक, 150 शब्द)
प्रश्न 1. गरमाने की विधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर- शरीर को गरमाने के लिए अनेक विधियों का प्रयोग किया जाता है जिनका वर्णन निम्नलिखित है-
  1. जॉगिंग या धीरे-धीरे दौड़ना- प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी शारीरिक क्षमता या शरीर के अनुसार धीमी गति से दौड़ना चाहिए। शरीर को भँलि-भाँति गरमाने के लिए 5 से 10 मिनट तक दौड़ना चाहिए।
  2. साधारण व्यायाम- यह भी गरमाने का तरीका है। इस प्रकार के व्यायाम को साधारण से कठिन स्तर तक करना चाहिए।
  3. स्ट्राडिंग (Striding)- इस क्रिया में खिलाड़ी को लम्बे-लम्बे डग (कदम) भरकर 50 मीटर की दूरी से कम नहीं दौड़ना चाहिए।
  4. खिंचाव वाले व्यायाम- खिंचाव वाले व्यायाम गरमाने की विधि में महत्वपूर्ण भाग है इससे मांसपेशियों में लोचशीलता बढ़ती है जिसके द्वारा मांसपेशियों में लोचशीलता बढ़ता है जिसके द्वारा मांसपमेशियाँ मजबूत और स्वस्थ हो जाती है।
    1. गरम पानी से शरीर गरमाना- गरम पानी से शरीर को गरमाने से मांसपेशियाँ प्रतियोगिता के बाद शिथित (Relax) हो जाती इसका प्रयोग विकसित देशों में होता है। प्रतियोगिता से पहले गर्म पानी से स्नान करने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे रक्त-प्रवाह में बढ़ोत्तरी होती है तथा मांसपेशियाँ कार्य करने के लिए सक्रिया हो जाती है।
    2. मालिश द्वारा शरीर को गरमाना- गरम पानी से शरीर को गरमाने से मांसपेशियाँ प्रतियोगिता के बाद शिथिल (Relax) हो जाती है इसका प्रयोग विकसित देशों में होता है। प्रतियोगिता से पहले गर्म पानी से स्नान करने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे रक्त-प्रवाह में बढ़ोत्तरी होती है तथा मांसपेशियाँ कार्य करने के लिए सक्रिय हो जाती है।
    3. मालिश द्वारा शरीर को गरमाना- मालिश से मांसपेशियों में अर्ध तनाव की स्थिति उत्पन्न हो ती है जिससे वह सुचारू रूप से कार्य करने लगती है।
    4. पौष्टिक पेय पदार्थो का प्रयोग- थोड़ी सी चाय, कॉफी अथवा कोई अन्य पौष्टिक पेय शारीरिक क्रियाओं को उत्तेजित करने का कार्य करते हैं तथा शरीर को प्रतियोगिता के लिए तैयार करते है।
    5. सनबाथ के द्वारा को गरमाना- सनबाथ के द्वारा भी शरीर को गर्माया जा सकता है। हालांकि अधिकतर खेलों में प्रायः इस विधि का प्रयोग नहीं किया जाता है।
    6. भाप के द्वारा शरीर को गरमाना- भाप द्वारा भी शरीर को गर्माया जा सकता है। इस प्रकार के गर्माने से शरीर में उपस्थित ऊर्जा को बचाया जा सकता है, लेकिन इस विधि को भी कम अपनाया जाता है।
प्रश्न 2. पुनः शक्ति प्राप्ति (रिकवरी) के विभिन्न तरीकों का वर्णन कीजिए? पुनः शक्ति प्राप्ति क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर- स्वास्थ्य होने और खेलों में सुधार लाने के लिए शरीर को तनाव झेलने की आवश्यकता हैं। तो शरीर को तनाव के प्रति अनुकूल के लिए समय की आवश्यकता होती है और इसके लिए पुनः शक्ति प्राप्ति की अवधि की आवश्यकता होती है।
व्यायाम के लिए नया (New to Exercise)
यदि आप केवल व्यायाम शुरू कर रहे हैं तो यह आवश्यक है कि आप, खेलों की मांग के प्रति अपने शरीर को अनुकूलन के लिए इसमें धीरे-धीरे आइए। हो सकता है कि लगातार दो दिन व्यायाम करें, लेकिन तीसरे दिन आराम कीजिए। यदि आप बिना आराम के जारी रखते हैं, तो आपका शरीर शीघ्र ही थक जाएगा और आपके लिए कोई भी व्यायाम सत्र पुरा करना मुश्किल हो जाएगा।
शक्तिप्राप्ति की रणनितियाँ (Recovery Strategies)
व्यायाम के लिए प्रोहत्साहन देना अच्छा है, लेकिन यदि आपको शरीर ऐसा करने के लिए अभ्यस्त नहीं है या आपने नया खेल शुरू किया है या आपने प्रशिक्षण की अवधि (समय) को बढ़ाया है, तो आपको अपने शरीर द्वारा सामंजस्य बिठाने के लिए कुछ पुनः शक्ति प्राप्ति (स्वास्थ्य लाभ) रणनीतियों पर विचार किए जाने की आवश्यकता है।
आराम (Rest)
नींद, आराम का सर्वोत्तम तरीका है तथा ये तथा ये शरीर को प्रशिक्षण की शारीरिक और मानसिक योगों के प्रति अनुकूल बनाने के लिए शरीर को समय प्रदान करती है।
  • यह सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त नींद लें (8 घंटे प्रति रात्रि)
  • यह सुनिश्चत करें कि आपकी नींद की गुणवता अच्छी है, कमरों में अँधेरा हो तथा शांतिप्रद वातावरण हो।
पोषण और जलीयकरण (Nutrition and Hydration)
यह सुनिश्चत करना कि शरीर को पूर्ण पोषण और जल प्राप्त होता है, ये पुनः शक्ति प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। यह अति-महत्वपूर्ण है कि व्यायाम के पश्चात तरल पदार्थ ले तथा ऊर्जा भंडारों का सही समय पर सही भोजन लेकर करे।
शिथिलिकरण और खिंचाव (Cool Down and Stretch)
कूल डाउन व्यायाम और आराम के बीच सामंजस्य प्रदान करने के प्रशिक्षण के तुरंत बाद किए गए व्यायाम का समूह है इसका उद्देश्य मांसपेशीये कठोरता (अकड़न) को बढ़ाना और हृदय तंत्रिका प्रणाली को वापस आराम में लाना है।
प्रश्न 3. प्रोत्साहन (उद्दीपन), पुनः शक्तिप्राप्ति व अनुकूल की प्रक्रिया का विस्तृत वर्णन कीजिए?
उत्तर- हमारा शरीर बहुत छोटी-छोटी लाखों जीवित कोशिकाओं का बना है। प्रत्येक प्रकार की कोशिका या कोशिकाओं के समूह अलग-अलग प्रकार के कार्य करते है। सभी कोशिकाओं में जो भी शरीर के साथ घटित हो रहा होता है उसे अनुकूलित करने की योग्यता होती है। यह सामान्य अनुकूलन प्रत्येक समय शरीर के अन्दर होता रहता है। खेलकूद के लिए भी प्रशिक्षण का अनुकूलन होता है। खेल प्रशिक्षण भार महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि ये खेल प्रदर्शन में बढ़ाने में सहायता करता है। प्रशिक्षण भार में स्थिरता होने का मतलब है-प्रदर्शन में स्थिरता आना। अब खिलाड़ी की पुष्टि को नये प्रशिक्षण भार द्वारा चुनौती दी जाती है तो शरीर में एक प्रतिक्रिया अथवा अनुक्रिया होती हैं। शरीर द्वारा यह प्रतिक्रिया, प्रशिक्षण भार के प्रोहत्सान या उद्दीपन के लिए अनुकून होता है। प्रारम्भिक प्रक्रिया थकावट की होती है। जब लोडिंग समाप्त हो जाती है। तो थकावट से स्वास्थ्य लाभ या पुनः शक्ति प्राप्ति (Recovery) तथा प्रशिक्षण भार के अनुकूलन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। रिकवरी या अनुकूलन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। रिकवरी या अनुकूलन की प्रक्रिया खिलाड़ी को ठीक उसकी पहले वाली पुष्टि के स्तर पर नहीं लाती अपितु कुछ बढ़े हुए स्तर पर आती है। वास्तव में प्रशिक्षण प्रक्रिया का मुख्य लक्ष्य प्रदर्शन को बढ़ाना या उससे सुधार लाना है।
प्रश्न 4. तकनीक और कौशल से आप क्या समझते है?
उत्तर- तकनीकः- तकनीक किसी भी क्रिया को सहज ढ़ंग से करने की एक विधि या तरीका है। एक कौशल को, एक से अधिक तकनीक द्वारा किया जा सकता है। इसलिए कहा जा सकता है कि तकनीक कौशल को करने का एक तरीका है। उदाहरण के लिए गोला फेंक में मुख्य तकनीक गोले को अधिक दूरी तक फेंकना होता है जबकि वेटलिफ्टिंग में भार को अधिक से अधिक उठाना होता है। जबकि समूह खेल में खिलाड़ी को विभिन्न प्रकार के तरीकों का प्रयोग भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में करना पड़ता है। इस प्रकार खेल के दौरान एक खिलाड़ी विभिन्न प्रकार की तकनीकों को अलग-अलग तरीके से या शारीरिक रूप से होता है। शारीरिक रूप से तकनीकों को समझने के लिए प्रदर्शन करना अथवा करके दिखाने का तरीका प्रयोग किया जाता है।
कौशल (Skill):- कौशल पूर्ण गति करने की योग्यता है। कौशल को गति क्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। कौशल प्रभावी तरीके (Effectiveness) के स्तर को इंगित करता है। जिसके साथ एक गति क्रिया की जा सकती है। कोई क्रिया जो एक उद्देश्य के लिए सीखी गई हो तथा क्रियाओं में भाग लेने के लिए जरूरी हो उसे कौशल कहा जाता है। कौशल अनेक प्रकार के होते है जैसे-बॉस्केट बॉल में शूटिंग करना, फुटबॉल में पासिंग करना इत्यादि।