राजनीतिक दल - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2

 CBSE Class 10 राजनीति विज्ञान

पाठ - 6
राजनीतिक दल


  1. राजनैतिक दलों को कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
    उत्तर- राजनैतिक दलों को निम्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:-
    1. विकल्पहीनता की कमी।
    2. प्रभावी नेता की निर्णय शक्ति का अभाव।
    3. धन और अपराधिक तत्वों की घुसपैठ।
    4. वंशवाद को बढा़वा।
  2. आधुनिक लोकतंत्र राजनीतिक दलों के बिना क्यों नहीं चल सकता ?
    उत्तर- आधुनिक लोकतंत्र राजनीतिक दलों के बिना नहीं चल सकता जिसके निम्न कारण हैं:-
    1. जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव स्वयं करती है।
    2. राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव के समय में किये वायदों को पूरा करने का प्रयास।
    3. राजनीतिक दलों के अभाव में देशहित में नीति निर्माण नहीं होगा।
    4. दलों के ना होने से सभी प्रत्याशी स्वतंत्र होंगे। उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
  3. भारत में बहुदलीय व्यवस्था के उदय होने के पीछे कौन-सी परिस्थितियां हैंइस व्यवस्था के कोई दो लाभ बताओ ?
    उत्तर- भारत में बहुदलीय व्यवस्था का अस्तित्व है। भारत एक बहुत विशाल देश है जहां अनेक संस्कृति, धर्म, भाषा, प्रजाति आदि की विभिन्नताएं हैं। कोई एक दल इन सभी के हितों, आकांक्षाओं को व्यक्त करने, इसमें संतुलन बनाने में समर्थ नहीं हो पाता है। इन परिस्थितियों में यहां बहुदलीय व्यवस्था का जन्म हुआ है इसके दो लाभ निम्नलिखित हैं -
    1. इस प्रणाली में विभिन्न हितों और विचारों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल जाता है।
    2. विभिन्न उद्देश्यों तथा विचारों को प्रतिनिधित्व देने वाले लोग जब कोई गठबंधन या मिली-जुली सरकार बनाते हैं तो वे एक-दूसरे के साथ सांमजस्य बैठाना सीख जाते हैं।
  4. क्षेत्रीय दलों ने भारतीय लोकतंत्र और संघवाद को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’ इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
    उत्तर- पिछले कुछ दशकों में क्षेत्रिय या राज्यस्तरीय दलों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इन्होंने भारतीय लोकतंत्र और संघवाद को निम्नलिखित तरीके से मदद पहुँचाई है -
    1. भारतीय संसद में राजनीतिक रूप से अधिक विविधता दिखाई देने लगी है जो विभिन्न क्षेत्रों और समूहों के वास्तविक प्रतिनिधित्व को दर्शाती है।
    2. गठबंधन सरकारों के इस दौर में बिना क्षेत्रीय पार्टियों के समर्थन के राष्ट्रीय सरकार बनाना मुश्किल है।
    3. क्षेत्रीय दलों ने राष्ट्रीय दलों की मनमानी, केन्द्रीय नियंत्रण की प्रवृत्ति के खिलाफ अवरोधीकारी एवं संतुलनकारी भूमिका निभाई है।
    4. अब क्षेत्रीय हितों एवं मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर अधिक महत्व दिया जाने लगा है। जो लोकतंत्र और संघवाद दोनों की मजबूती के लिए जरूरी है।
  5. एक जागरूक नागरिक के रूप में एक राजनैतिक दल को मत देते समय उसके किन गुणों को आप महत्व देंगे?मूल्य - अच्छे नागरिक के गुण।
    उत्तर- एक नागरिक के रूप में मत देते समय मैं एक राजनीतिक दल में निम्नलिखित गुणों को चाहूंगा:-
    1. उस दल में आन्तरिक लोकतंत्र के तत्व हैं कि नहीं। यानि फैसले लेते समय किसी एक ही नेता का वर्चस्व रहता है या सामूहिक निर्णय लिए जाते हैं।
    2. उस दल का लोकतांत्रिक मूल्यों जैसे समानता, स्वतन्त्रता, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता के प्रति दृष्टिकोण।
    3. चुनाव के समय उम्मीदवारों द्वारा किए गए वायदे।
  6. राजनीतिक दलों में सुधार स्वयं लोकतंत्र की सफलता के लिए आवश्यक है। क्यों?
    उत्तर- आधुनिक समय में प्रतिनिधि लोकतंत्र शासन की उत्तम प्रणाली मानी जाती है। यह राजनीतिक दलों द्वारा ही संभव हो पाता है। चुनाव लड़ने, सरकार बनाने, विरोधी दल की भूमिका निभाने, अपनी विचार धारा एवं उद्देश्यों के प्रति जनता को जागरूक करने, जनता और सरकार के बीच कड़ी का कार्य करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य राजनीतिक दलों द्वारा ही सम्पन्न किए जाते हैं। किन्तु राजनीतिक दलों में कई कमियां होने के कारण लोकतंत्र सही ढंग से नहीं चल पाता है, वंशानुगत दबदबा, महिलाओं, दलितों आदि की कमजोर उपस्थिति, धन-बल के बढ़ते महत्व, सार्थक विकल्पों की कमी ने लोकतंत्र को प्रभावित किया है। अगर यह कमियां दूर होती है तो लोकतंत्र ज्यादा जवाबदेह, प्रतिनिधिमूलक और न्यायसंगत बन सकेगा। अतः दलों की कमियाँ दूर करना आवश्यक है।