महिलाएँ और खेल - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2

CBSE Class -12 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 6 महिलाएँ और खेल
Important Questions

लघु-उत्तरीय प्रश्न (3 अंक वाले)
प्रश्न 1. अस्थिसुषिरता (Osteoporosis) को कारक को लिखो?
उत्तर- अस्थिसुषिरता का संबंध अस्थि या हड्डी में उपस्थित विषय सामान (Bone material) की कमी Insufficient Calcium in diet से है।
कारक-
  1. आहार में कैल्शियम की कम मात्रा के कारण अस्थि और हड्डी की मात्रा में कमी होती है।
  2. ऋतुरोध या रजोरोध महिलाएँ 6 महीने से अधिक समय तक यदि ऋतुरोध की समस्या हो तो उन को भी अस्थिसुषिरता होती है। क्योंकि ऋतुधर्म के समय एस्ट्रोजन नाम का हारर्मोन निकलता है जो कैल्शियम की मात्रा का कन्ट्रोल रहता है।
  3. भोजन करने संबंधी विकार- भोजन लेने संबंधी विकार क्षुधा अभाव तथा अतिक्षुधा अभाव आदि विकार के कारण भी अस्थिसुषिरता हो जाता है। क्योंकि ये भोजन में केल्शियम की मात्रा का उपयोग तथा अवशोषण शरीर में कमी कर देते है।
  4. खाने सबंधी बुरी आदते- भोजन में कैफीन, एल्कोहल, तम्बाकू या धूम्रपान आदि का उपयोग करने से शरीर में उपस्थित कैल्शियम की मात्रा का अनुपात असंतुलन हो जाता है। जिससे अस्थिसुषिरता होने के कारण बनते है।
प्रश्न 2. खेलो में महिलाओं एथलीटस के मनोवैज्ञानिक (Psychological Aspects of female athlete) पहलू का वर्णन करो?
उत्तर- वर्णन-
  1. लिंग भूमिका को नई स्थिति को अनुसार बनाना (Gender role orientation) बहुत से खेल-कुश्ती, भारोत्तोलक, शरीर प्रदर्शन आदि में पांरपरिक रूप से केवल पुरूष खेल माने जाते है इन खेलों में महिलाओं की भागीदारी न के सामान है। क्योंकि ये खेल महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते है।
  2. स्पर्धात्मकता (Competitiveness) अनुसंधान ये सिद्ध करते है कि पुरूष महिला की तुलना में अधिक स्पर्धात्मकता होते है जब-कि कलात्मक गतिविधियाँ जैसे- जिम्नास्टिकस में महिलाओं का पुरूष की तुलना में अच्छा होता है।
  3. विश्वास (confidence)-महिला खिलाड़ियों की तुलना में पुरूष खिलाड़ियों में अपनी योग्यता तथा कार्य करने की क्षमता है। अधिक विश्वास होता है। जबकि न खेलने वाली महिलाओं में खेलने वाली महिलाओं में अपेक्षा विश्वास बहुत अच्छा होता है।
  4. आत्मविश्वास (Self-esteem)- पुरूष खिलाड़ियों की अपेक्षा महिलाओं में आत्म विश्वास में बहुत कमी होती है। जो कि हम समय-समय पर तीव्र प्रशिक्षण से आत्मविश्वास, महिलाओं में बढ़ाया जा सकता है।
  5. आत्म छवि या शारीरिक छवि (Self Image or body Image)- पुरूष अपनी आत्मछवि या शारीरिक छवि के प्रति अधिक सकारात्मक होते है जबकि महिलाएँ नकारात्मक।
प्रश्न 3. खेलों में भागीदारी के सामाजिक पक्षों या पहलुओं का संक्षेप में वर्णन करो?
उत्तर- ऐसे विभिन्न कारक है जो महिलाओं की खेलों में कम भागीदारी के लिए जिम्मेदार है ये कारक: जैसे-
  1. परिवार (Family):- परिवार समाज की एक संगठित इकाई है। परिवार, खेल सामाजीकरण के लिए यही जिम्मेदार है जो कि दूसरों संगठित इकाई की। परिवार में भी खेलों के सहारा व प्रेरणा पुरूषों की तुलना में महिलाओं को कम मिलती है। परिवार के द्वारा पुरूषों की प्रोत्साहन तथा सहारा देने के लिए विभिन्न प्रकार की नीतियां बनाई जाती है जबकि महिलाओं के साथ ऐसा नहीं किया जाता।
  2. विद्यालय (School):- विद्यालयों में महिला खिलाड़ियों को भी बहुत सारे खेलों में भाग लेना के लिए कोई प्रोत्साहन या सुविधाएँ उपलब्ध नहीं करवाई जाती है। जैसे- फूटबॉल, क्रिकेट, बॉक्सर आदि खेलों की सुविधा केवल पुरूष/लड़कों के लिए ही होती है।
  3. संस्कृति (culture):- संस्कृति विश्वास खेलों में महिलाओं की सांलप्तता या ग्रस्तता पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालते है। “महिलाएँ सिर्फ किचन/रसोईघर के लिए बनी है” यह अब भी एक आम कहावत है। तथा बहुज-सी संस्कृति इस तथ्य पर विश्वास भी करती है। जो खेलों में महिलाओं की भागीदारी को कम करती है।
  4. समाज की अभिवृतियाँ (मानसिकता) व पहले से बनाई हुई धारणा (Atcitudes & prjudices of society): समाज की अभिवित्तियाँ तथा पहले से बनाई हुई धारणाएँ खेलो में भागीदारी में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। महिलाएँ भी डरती है। कि खेलो में भाग लेने से उन के शरीर में बहुत सारी मांसपेशियो का विकास हाता है जिससे उन पुल्लिंग या समलिंगी न समझ लिया जाए। यौव भाव के बारे में समाज की अभिवृत्तियाँ महिलाओं को भागीदारी से रोकती है।
प्रश्न 4. ऋतुरोध या रजोरोध के कारण, महिला शरीर में होने वाले लक्षण को लिखो?
उत्तर-
  1. ऋतुधर्म की अनुपस्थिति:- यह विकार, शरीर में विभिन्न परिस्थिति जैसे- असंतुलित भोजन, उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, उच्च चिंता, लगातार दवाई के सेवन से होता है।
  2. असामान्य ऋतुधर्म लक्षण:- बहुत सी लड़कियों में लक्षण जैसे-दर्द, कमर, छाती में जलन, सिर दर्द, कब्ज, अवसाद, चिड़चिड़ापन व चिन्ता जैसी परिस्थिति बन जाती है।
  3. असामान्य शरीर में मांसपेशियों की संकुचन:- इसके कारण मांसपेशियों में इस रासायनिक तत्त्व बन जाते है जो बार-बार मांसपेशियों में संकुचन विकसित करते है।
  4. लम्बी अवधि तक गौण ऋतुस्त्राव:- ऋतुरोध के कारण, महिलाओं में लम्बे समय तक गौण ऋतुस्त्राव मासिक धर्म स्त्राव मासिक धर्म स्त्राव बढ़ जाता है जिससे शरीर में तत्वों की कमी होता है।
  5. असामान्य मासिक धर्म:- सामान्य रूप से मासिक धर्म का समय 21 से 35 दिनों का होता है परन्तु ऋतुरोध के कारण यह असामान्य हो जाता है।
  6. ऋतुदर्शन या प्रजादर्शन:- ऋतुरोध क कारण, ऋतुदर्शन या प्रथम रजोदर्शन भी देरी से आता है।
प्रश्न 5. विद्यार्थी जीवन में पूनम शुरू से ही एक अच्छी जूड़ो खिलाड़ी थी। वह दूर के गाँव से स्कूल आया करती थी। गाँव के बड़े लोगों को पूनम का जूड़ो में भाग लेना पंसद नहीं था। मगर उसके माता-पिता उसको अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का जूड़ो खिलाड़ी बनाना चाहते थे। उन्होंने गाँव वालो की बातों पर ध्यान न देकर पूनम के लिए अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बनाने के लिए प्रेरणा के साथ-साथ सभी उपकरण व सुविधाएं उपलब्ध करवाने की कोशिश करते है। दस वर्ष की कठिन प्रशिक्षण के बाद पूनम का विश्व चैम्पियनशिप जूड़ो में चयन हुआ है। तथा पूनम के जीतने की संभावना बहुत है। तथा देश का नाम रोशन करेगी।
नीचे लिखे प्रश्नों का उत्तर लिखो:-
1. क्या आप गाँव के लोगों के विचारों से सहमत है। संक्षिप्त में उत्तर दो?
उत्तर- मैं गाँव के लोगों के विचारों से सहमत नही हूँ क्योंकि उनके अनुसार, जूड़ो एक शरीर सम्पर्क खेल है। जो कि लड़कियों के लिए उपयोगी नही है। तथा लड़की शारीरिक रूप में कमजोर होती है।
2. पूनम के माता तथा पिता के द्वारा उनकी खेलों में भागीदारी के द्वारा दर्शाये गए मूल्य को लिखो?
उत्तर- पूनम के माता-पिता ने सहयोगिता प्रोत्साहित करना, प्रेरणा जैसे सामाजिक व मनोवैज्ञानिक गुणों को दर्शाया गया है।
3. पूनम के द्वारा अपने माता-पिता के आदर में कौन-कौन से मूल्य गुणों को दर्शाया गया है?
उत्तर- गुण-
  • शारीरिक व मानसिक शक्ति
  • आत्म विश्वास
  • तथा समाज की अभिवृत्तियों को बदल जैसी मूल्य गुणों को दिखाया है।