व्यावहारिक लेखन - प्रतिवेदन - पुनरावृति नोट्स 2

 CBSE कक्षा 11 हिंदी (ऐच्छिक)

अभिव्यक्ति और माध्यम
प्रतिवेदन
पुनरावृत्ति नोट्स


स्मरणीय बिन्दु-

  1. ‘प्रतिवेदन’ शब्द ‘प्रति’ उपसर्ग और ‘विद्’ धातु के योग से बना है। इसका अर्थ है सम्यक् अर्थात् पूरी जानकारी। इस प्रकार ‘प्रतिवेदन’ से अभिप्राय अनुभव से युक्त विभिन्न तथ्यों का विस्तृत लेखा-जोखा है।
  2. प्रायः रिपोर्ट एवं प्रतिवेदन को समान अर्थ में ले लिया जाता है किंतु ‘प्रतिवेदन’ शब्द का अर्थ, स्वरूप और विषय वस्तु रिपोर्ट से काफी भिन्न है जैसे-पुलिस को घटना की रिपोर्ट दी जाती है, डॉक्टर मरीज की रिपोर्ट पढ़ता है, संवाददाता समाचार के लिए रिपोर्ट लिखता है। यहाँ पर रिपोर्ट का अर्थ सामान्य विवरण से हैं जबकि ‘प्रतिवेदन’ किसी घटना, कार्य-योजना इत्यादि का अनुभव और तथ्यों से परिपूर्ण विवरण है जो लिखित रूप से प्रस्तुत किया जाता है। इसमें कार्य विशेष की जानकारी तो दी जाती है, साथ ही विभिन्न आँकड़ों आदि के माध्यम से निष्कर्ष, सुझाव और संस्तुतियाँ भी दी जाती हैं।
  3. प्रतिवेदन दो प्रकार के होते हैं। जब सरकार या किसी संस्था अथवा विशिष्ट अधिकारी के आदेशानुसार किसी कार्य विशेष के बारें में प्रतिवेदन तैयार किया जाता है उसे औपचारिक प्रतिवेदन तैयार किया जाता है। उसे औपचारिक प्रतिवेदन कहते हैं इसका वस्तुनिष्ठ और तथ्यात्मक होना अनिवार्य है। अनौपचारिक प्रतिवेदन किसी व्यक्ति विशेष का अपना अध्ययन एवं निष्कर्ष है। समाचारपत्रों में इस प्रकार के प्रतिवेदन प्रकाशित होते रहते हैं। इसमें अकेला व्यक्ति ही उत्तरदायी होता है।
  4. प्रतिवेदन-लेखन के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
    1. रूपरेखा पहले बनानी चाहिए।
    2. तथ्यों का संकलन
    3. विवेकपूर्ण, निष्पक्ष अध्ययन
    4. विचारों की प्रामाणिकता
    5. विषय केन्द्रित अध्ययन
    6. सही निर्णय
    7. अनावश्यक विस्तार से बचें।