परीक्षण मापन और मूल्यांकन - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2

 CBSE कक्षा 11 शारीरिक शिक्षा

पाठ - 7 परीक्षण मापन और मूल्यांकन
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न 1. खेलों में परीक्षण एवं मापन के महत्त्व को विस्तार से लिखें।

उत्तर- शारीरिक शिक्षा व खेलों के कार्यक्रम में सबसे पहले अपने लक्ष्य का चुनाव करना आवश्यक होता है। यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वस्थ्ता को दुरूस्त करना चाहता है तो उसे स्वस्थता कार्यक्रमों को करना होगा। शारीरिक शिक्षा में परीक्षण एवं मापन वह तकनीक है जिसके द्वारा खिलाड़ियों की आवश्यकताओं, क्षमताओं और प्रवृत्ति की जानकारी मिलती है। मूल रूप से परीक्षण एक स्थितिजन्य प्रदर्शन होता है जिसके द्वारा किसी व्यस्क या खिलाड़ी से प्रतिक्रियाएँ ली जाती है। इन प्रतिक्रियाओं को मात्रात्मक व गुणात्मक ढंग से मापा जाता है। मापन एक प्रक्रिया है जिसमें खिलाड़ियों के प्रदर्शन का डेटा विभिन्न परीक्षणों द्वारा संग्रह किया जाता है।

खेल व शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में परीक्षण एवं मापन की मुख्य भूमिका होती है। खेलों में परीक्षण एवं मापन का महत्त्व इस प्रकार है-

  1. उद्देश्य निर्धारित करनाः परीक्षण एवं मापन आवश्यकताओं के अनुसार लक्ष्य को निर्धारित करने में मदद करते हैं। परीक्षण एवं मापन की तकनीक अपनाने से शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों को खिलाड़ी द्वारा खेलों में प्रगति की सही जानकारी मिलती है।
  2. खिलाड़ियों का मूल्यांकनः खेल व शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में परीक्षण एवं मापन डेटा संग्रह में मदद करते है। जो भविष्य में खिलाड़ियों की क्षमता को अलग से दर्शाता है। यह खिलाड़ियों को उनके खेल प्रदर्शन को और अच्छा करने में प्रोत्साहित करते है।
  3. शिक्षण प्रणाली का मूल्यांकनः परीक्षण एवं मापन एक ऐसा वैज्ञानिक साधन है जिसे अपनाने से शिक्षकों को खिलाड़ियों पर सही पद्यति का प्रयोग करने में मदद मिलती है ताकि वांछित परिणाम प्राप्त किये जा सके।
  4. क्षमताओं एवं योग्यताओं की जानकारीः परीक्षण एव मापन के द्वारा शिक्षकों को खिलाड़ियों की क्षमताओं एवं योग्यताओं की जानकारी मिलती है जिसके आधार पर वे स्वस्थता कार्यक्रम बना सकते हैं।
  5. खिलाड़ियों की आवश्यकताओं की जानकारीः परीक्षण एवं मापन के द्वारा खिलाड़ियों के आवश्यकताओं की सही जानकारी का पता चलता है तथा किस क्षेत्र में कितना प्रयास करना है इसकी जानकारी भी परीक्षण एवं मापन द्वारा प्राप्त होती है।

प्रश्न 2. स्किन फोल्ड मापन के लिए निशान लगाने की विधि का विस्तार करें।

उत्तर- मानव शरीर रचना संबंधी मापन करने के लिए यह अति आवश्यक होता है कि स्किन फोल्ड पर निशान लगा लें।

स्किन फोल्ड पर निशान लगाने की विधि इस प्रकार है-

  1. ट्राइसेप्स (बाजू स्किन फोल्ड) छात्र या वयस्क को अपने हाथों को सीधा लटकाकर सावधान एवं सीधी अवस्था में खड़ा होना चाहिए।
    एक टेप की मदद से पेन द्वारा ट्राइसेप्स के मध्य में एक निशान लगा होना चाहिए। अब स्किनफोल्ड कैलिपर द्वारा इसी निशान पर स्किनफोल्ड मापन करना चाहिए।
  2. सब स्कैप्यूला स्किन फोल्ड (Subscapula Skinfold) स्कैप्यूला के ठीक निचले भाग को सब स्कैप्यूला स्किन फोल्ड कहा जाता है। सब स्कैप्यूला पर पेन से निशान लगा कर स्किनफोल्ड कैलिपर की मदद से सही रीडिंग को लिख लें।
  3. सुप्राइलियक स्किन फोल्ड (Suprailiac Skinfold) कांख के नीचे इलियक कस्ट के स्तर पर निशान लगाएं व निशान पर स्किनफोल्ड कैलिपर की मदद से रीडिंग लेकर लिख लें।
  4. उद्रीय स्किन फोल्ड (Abdomen Skinfold) छात्र या वयस्क की उद्रीय मांसपेशियाँ शिथिल होनी चाहिए। यदि माप लेते समय कोई परेशानी हो तो छत्रा या वयस्क को सांस/श्वास थाम कर खड़े होने के लिए भी कहा जा सकता हैं नाभि से (3 cm) तीन से.मी. दाई तरफ पेन से एक निशान लगाएं और स्किन फोल्ड कैलिपर की मदद से उद्रीय स्किन फोल्ड का माप लें।
  5. जांघ का स्किन फोल्ड (Thigh Skinfold) छात्र को कुर्सी पर सीधी अवस्था में बैठना चाहिए। अब पटेला (Patela) और इनयूनल क्रीज के मध्य में जांघ पर एक निशान लगायें और स्किनफोल्ड मापन करें।

प्रश्न 3. स्किन फोल्ड मापन की विधि को विस्तार से लिखें।

उत्तर- स्किन फोल्ड मापन से वसा की मोटाई को मापा जाता है। इस प्रकार के मापन से चमड़ी की मोटाई और डबल फोल्ड एवं शरीर पर एडिपोस टिशु की जानकारी भी मिलती है।

स्किन फोल्ड मापन की विधि इस प्रकार हैः

  1. ट्राइसेप्स स्किन फोल्डः- छात्र की बाजू शिथिल रूप से लटकी होनी चाहिए। स्किन फोल्ड का माप लेने के लिए छात्र के पीछे खड़े होकर निशान लगी हुई जगह पर अपने अँगूठे और तर्जनी अंगुली की मदद से स्किन फोल्ड को खिंचना चाहिए तथा स्किन फोल्ड द्वारा ट्राईसेप्स स्किनफोल्ड का माप लेना चाहिए। माप को मिलीमीटर के निकटतम तक देखकर लिखना चाहिए।
  2. सब स्केपुला स्किन फोल्ड (Subscapula Skinfold):- निशान लगे हुए बिंदु से अपनी तर्जनी व अँगूठे से पकड़कर 1/2 इंच तक खींचे और स्किन फोल्ड कैलिपर को फोल्ड से लंबवत सीधी (Perpendicular) पकड़ बनाकर माप नोट करें। माप को मिलीमीटर के निकटतम तक देख कर लिखें।
  3. सुप्राइलियक स्किनफोल्ड (Supralliac Skinfold):- छात्र को सावधान की अवस्था में खड़ा होना चाहिए। निशान लगे हुए बिन्दु को अपनी तर्जनी व अँगूठे की सहायता से 1/2 इंच तक खींच कर स्किनफोल्ड कैलिपर के द्वारा मिलिमीटर के निकटतम तक स्किनफोल्ड को माप लेना चाहिए तथा रीडिंग नोट कर लेना चाहिए।
  4. उद्रीय स्किनफोल्डः- पहले से लगाए हुए निशान को ढूंढ कर स्किनफोल्उ को ½ इंच तक बाहर खींचे और स्किनफोल्ड कैलिपर की मदद से माप लें, और रिकार्ड कर लें।
  5. जांघ का स्किनफोल्डः- छात्र या वयस्क को अपना भार अपने दाएँ पैर पर डालना चाहिए। बायाँ पैर हल्का सा मुड़ा होना चाहिए। अपने अँगूठे व तर्जनी की मदद से जांघ पर निशान लगी हुई कवर के स्किनफोल्ड को खींचकर स्किनफोल्ड कैलिपर की मदद से रीडिंग नोट कर लें।