मनोविज्ञान एवं खेल - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2

CBSE कक्षा 11 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 10 मनोविज्ञान एवं खेल
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (3 अंक, 60 शब्द)
प्रश्न 1. खेल मनोविज्ञान के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- खेल मनोविज्ञान के महत्व
  1. प्रदर्शन में सुधार:- खेल मनोविज्ञान एथलीटों या खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए आत्मविश्वास में सुधार करने में सहायता करता है। खेल मनोविज्ञान का ज्ञान खिलाड़ियों वैज्ञानिक तरीकें से उनकें व्यवहार में परिवर्तन कर उनके प्रदर्शन और व्यक्तित्व में सुधार करता है।
  2. प्रेरणा और प्रतिक्रिया:- उचित प्रेरणा और प्रतिक्रिया खिलाड़ियों कें प्रदर्शन को बढ़ाती है, यह खिलाड़ियों को परामर्श देती है कि वह प्रदर्शन में सुधार किस प्रकार ला सकते है। यह खेल मनोविज्ञान द्वारा निर्देशित किया जाता है।
  3. अच्छें खिलाड़ियों के चुनाव में सहायक:- खेल मनोविज्ञान प्रशिक्षकों को अच्छे खिलाड़ियों के चुनाव में मदद करता है। इस ज्ञान के द्वारा उन्हें खिलाड़ियों के व्यवहार को समझाने में मदद मिलती है, इसके साथ वह उन्हें अच्छे तरीके से प्रशिक्षित कर सकते है।
प्रश्न 2. ‘अभ्यास के नियम’ का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर- अभ्यास का नियम: यह नियम इस बात पर बल देता है कि सही अभ्यास ही एक व्यक्ति को पूर्ण बनाता है। एक व्यक्ति एक ही कौशल का बार-बार अभ्यास करने से कौशल में प्रवीन हो जाता है। यह नियम उपयोग एवं अनुपयोग के नियम जैसा है। इसमें अभ्यास तथा दोहराव के नियम समाहित है। हम सीखते हैं और उपयोग के द्वारा संजोते हैं तथा अनुप्रयोग के द्वारा भूल जाते हैं।
प्रश्न 3. सीखने के गौण नियमों की सूची बनाइए और एक नियम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- सीखने के गौण नियमः
  1. निकटता का नियम
  2. समीकरण का नियम
  3. संबंध का नियम
  4. अभिवृति का नियम
  5. प्राथमिकता का नियम
संबंध का नियम: हम जानते है कि उत्तेजना (Stimulus) और प्रतिक्रिया का आपसी संबंध प्राकृतिक हो तो सीखना अधिक प्रभावशाली होता है। उदाहरण के तौर पर दौड़ना कूदना और फेंकना आदि प्राकृतिक क्रियाएं है, इसलिए इनको सीखना आसान होता है। इसके अतिरिक्त इन क्रियाओं को जल्दी सीखा जा सकता है। जो क्रियाएँ अप्राकृतिक होती हैं उनको सीखना मुश्किल होता है जैसे हाथों और पैरों का अनुचित प्रयोग करते हुए पीछे की तरफ दौड़ना मुश्किल होता है।
प्रश्न 4. किशोरावस्था की किन्हीं दों विकासात्मक विशेषताओं का वर्णन करो?
उत्तर- किशोरावस्था की दों विकासात्मक विशेषता
  1. शारीरिक विशेषताएँ:-
    1. इस अवस्था में ऊँचाई वजन और हड्डियों में वृद्धि लगभग पूरी हो जाती है।
    2. धैर्य काफी हद तक विकसित हो जाता है।
    3. मांसपेशियों में समन्वय चरम सीमा पर पहुँच जाता है ।
    4. लड़कियों में मासिक धर्म तथा लड़कों में स्वप्न दोष शुरू हो जाता है।
  2. मानसिक विशेषताएँ:-
    1. किशोरों में शारीरिक तथा मानसिक वृद्धि साथ-साथ होती है।
    2. इस अवस्था में, आलोचना करने की योग्यता, निर्णय लेने की योग्यता, नए-नए विचारों और आदर्शों को ढूँढने की योग्यता का विकास होता है।
    3. इस अवस्था में मानसिक तनाव, कुंठा तथा चिन्ता बढ़ने लगती है। उनकी उच्च आकांक्षाएं होती है।
    4. कभी-कभी उनका व्यवहार आक्रामक हो जाता है।
प्रश्न 5. वृद्धि और विकास में क्या अंतर है?
उत्तर- वृद्धि और विकास में अन्तर:
वृद्धि
विकास
वृद्धि परिणात्मक है।
विकास परिणात्मक के साथ-साथ गुणात्मक भी है।
वृद्धि के अंतर्गत शरीर के अंग, जैसे मस्तिष्क, वजन, लम्बाई, आकार, आकृति आते हैं।
विकास में शारीरिक परिवर्तनों के साथ-साथ सामाजिक तथा भावनात्मक परिवर्तन समाहित है।
वृद्धि को देखा और महसूस किया जा सकता है
विकास केवल परिपक्व व्यवहार के दारा मापा जा सकता है और वह अदृश्य है।
वृद्धि के साथ-साथ यह आवश्यक नहीं कि विकास भी हो।
विकास बिना वृद्धि के भी संभव है।
प्रश्न 6. बाल्यावस्था की किन्हीं दो विकासात्मक विशेषताओं का वर्णन करो?
उत्तर-
  1. शारीरिक विकास:
  1. इस अवस्था में एक बच्चे की वृद्धि धीमी, स्थिर और एक समान रहती है।
  2. बच्चा अपने आत्म-सम्मान के प्रति सचेत हो जाता हैं।
  3. दूध के दाँत गिरने शुरू हो जाते हैं और स्थायी दाँत आने शुरू हो जाते हैं।
  4. इस अवधि के दौरान लड़कों की अपेक्षा लड़कियों में वृद्धि अधिक होती हैं।
  1. बौद्धिक विकास
  1. इस अवधि के दौरान बच्चे नए अनुभव प्राप्त करते हैं और उन्हें व्यवहार में लाते हैं।
  2. उनके मानसिक ज्ञान में बढ़ोतरी होती है।
  3. इस अवस्था में, उनकी गामक कौशलों को सीखने की योग्यता बहुत अच्छी हो जाती है।
  4. वे समान आयु के लड़के व लड़कियों के साथ खेलते हैं।
प्रश्न 7. प्लैट्यू या स्थिरांक को काबू पाने के तरीकों की चर्चा कीजिए।
उत्तर- प्लैट्यू या स्थिरांक को काबू पाने के तरीके
  1. रूचि विकसित करना:- स्थिरांक को काबू करने के लिए प्रशिक्षण में रूचि एवं मनोरंजन को विकसित करना। यह गतिविधि प्रदर्शन के लिए आनन्द एवं खुशी प्रदान करती है।
  2. प्रतियोगिताओं में कमी:- प्लैट्यू को रोकने के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धा करने से परहेज किया जाना चाहिए एवं बराबर स्तर के विरोधियों के साथ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना चाहिए।
  3. समुचित आराम एवं आरोग्य प्राप्ति:- स्थिरांक पर काबू पाने के लिए समुचित आराम जरूरी है। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि वह बहुत लंबा नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 8. भावनाओं की अवधारणाओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- भावनाएं आतंरिक या बाहरी घटनाओं की प्रतिक्रिया करने की योग्यता है यह जीव के लिए विशेष महत्त्व रखती है। यह प्रतिक्रियाएं मौखिक, शारीरिक, व्यवहारिक और प्राकृतिक तंत्र से जुड़ी हो सकती हैं। भावनाएं सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती हैं जैसे खुशी बनाम उदासी, क्रोध बनाम डर विश्वास बनाम अंधविश्वास आश्चर्य बनाम अपेक्षा।