शब्दकोश परिचय - पुनरावृति नोट्स 2

 CBSE कक्षा 11 हिंदी (ऐच्छिक)

अभिव्यक्ति और माध्यम
कथा-पट कथा
पुनरावृत्ति नोट्स


स्मरणीय बिन्दु-

  1. पटकथा शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है ‘पट’ और ‘कथा’ पट का अर्थ है परदा और कथा का अर्थ है कहानी जो छोटे यानी दूरदर्शन या बड़े परदे यानी फिल्म किसी पर भी दिखाई जाए पटकथा कहलाती है। फिल्म व टी.वी. की पटकथा की संरचना नाटक की संरचना से बहुत मिलती है। अंग्रेजी में इसे भी स्क्रीनप्ले कहते हैं। पटकथा लेखक, पत्रकार एवं साहित्यकार मनोहर श्याम जोशी ने अपनी पुस्तक ‘पटकथा’ लेखन-एक परिचय में लिखा है-
    “पटकथा कुछ और नहीं कैमरे से फिल्म के परदे पर दिखाए जाने के लिए लिखी गई कथा है।”
  2. पटकथा के स्रोत- पटकथा तैयार करने के लिए सबसे पहले कथा का चयन किया जाता है यह कथा हमारी जिंदगी, कोई घटना, इतिहास अथवा किसी सच्चे किस्से या साहित्य की किसी अन्य विद्या पर आधारित होती हैं।
  3. पटकथा की संरचना- अंग्रेजी के शब्द स्क्रीन प्ले ‘पठकथा’ के निम्न अंग होते हैं-
    1. पात्र-नायक प्रतिनायक होते हैं।
    2. इसमें द्वन्द्ध-टकराहट और फिर समाधान होता है।
    3. इसमें अलग-अलग घटनास्थल होते हैं। 4. इसमें दृश्य भी होते हैं।
  4. नाटक और फिल्म की पटकथा में अन्तर-
    1. नाटक के दृश्य लम्बे होते हैं फिल्म के छोटे।
    2. नाटक के घटनास्थल सीमित होते हैं फिल्म के असीमित।
    3. नाटक एक सजीव कला माध्यम है।
    4. नाटक में कथा का विकास रेखीय होता है फिल्म में विकास कई प्रकार से होता है।
  5. फ्लैश बैक/फ्लैश फॉरवर्ड- फ्लैश बैक वह तकनीक हैं जिसमें अतीत में घटी किसी घटना को दिखाया जाता है। फ्लैश फॉरवर्ड में भविष्य में होने वाली किसी घटना को पहले दिखा देते हैं। फ्लैश बैक और फ्लैश फॉरवर्ड दोनों युक्तियों का प्रयोग करने के बाद हमें वर्तमान में आना जरूरी है। पटकथा की मूल इकाई दृश्य होता है।
  6. पटकथा लेखन में कप्यूटर की भूमिका- वर्तमान समय में पटकथा लेखन में कम्प्यूटर का प्रयोग होने लगा है। कम्प्यूटर पर ऐसे सॉफ्टवेयर आ गए हैं जिनमें पटकथा का प्रारुप बना बनाया आता है। सॉफ्टवेयर पटकथा में सुधार लाने के सुझाव भी प्रस्तुत करता है, इन्हें मानना न मानना लेखक की इच्छा पर निर्भर है।
  7. शरत् चंद्र चट्टोपाध्याय के प्रसिद्ध उपन्यास देवदास पर कई फिल्म बन चुकी हैं। मुंशी प्रेमचंद, फणीश्वरनाथ रेणु, धर्मवीर भारती तथा मन्नू भंडारी आदि की रचनाओं पर फिल्में एवं टी.वी. धरावाहिक बन चुके हैं।
  8. सिनेमा, टेलीविजन दोनों ही माध्यमों के लिए बनने वाली फिल्में या धारावाहिकों का मूल आधार पटकथा ही होती हैं।