योगा और जीवन शैली - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2

CBSE Class -12 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 3 योग और जीवन शैली
Important Questions

लघु उत्तरात्मक प्रश्न(3 अंक वाले)
प्रश्न-1 योगासन के शरीर पर क्रियात्मक लाभ बताइयें।
उत्तर-
 योगासन करने से हमारे शरीर पर क्रियात्मक लाभ होते है योग शरीर के आंतरिक और बाहरी अंगों को स्वस्थ रखता है।
  1. योगासन से शरीर लचीला बनता है इससे शरीर में स्फूर्ति आती है काम करने की शक्ति बढ़ती है।
  2. योगासन करने से कोशिकाओं को रक्त शीघ्रतापूर्वक शुद्ध किया जा सकता है।
  3. योगासन से फेफड़े के सिकुड़ने और फैलने की शक्ति बढ़ती है।
  4. योगासन के द्वारा मेरूदंड को लचीला रखा जा सकता है।
  5. योगासन से हदय सशक्त होता है उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
प्रश्न-2 वक्रासन और शलभासन पीठ दर्द से बचाव करते है। आसन की विधि बताइये।
उत्तर-
 वक्रासन बैठ कर किये जाने वाला आसन है इस आसन में रीढ़ की हड्डी मुड़ी हुई होती है इसलिए इसका नाम वक्रासन रखा गया यह आसन रीढ़ की हड्डी की सक्रियता को बढ़ाता है।
पूर्व स्थिति:- दोनों पैर सामने की ओर रखकर सीधे बैठ जाए।
विधि:- दोनों पैरों को फैलाकर जमीन पर बैठे दोनों पैरों की के बीच दूरी कम से कम हो।
  • बांए पांव को घुटने से मोडें और इसको उठा कर दाएं घुटने के बगल में रखें।
  • रीढ़ सीधी रखें सांस छोड़ते हुए कमर को बाई और मोड़े।
  • अब हाथ की कोहनी से बांए पैर के घुटने को दबाव के साथ अपनी ओर खीचें।
  • पैर को इस तरह से अपनी ओर खींचते है कि पेट में दबाव आए।
  • सांस छोड़ते हुए प्रारम्भिक अवस्था में आए।
  • यही क्रिया दूसरी ओर से दोहराएं यह एक चक्र हुआ इस तरह 3 से 5 बार करें।
लाभ:- यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाते हुए इसको स्वस्थ रखता है पीठ के ऐंठन को कम करता है रीढ़ की चोट से बचाता है पीठ दर्द से छुटकारा दिलाता है।
शलभासन:- शलभ का अर्थ टिड्डी होता है। आसन की अंतिम मुद्रा में शरीरि टिड्डी (Locust) जैसा लगता है इसलिए इसे इन नाम जाना जाता है।
विधि:-
  • पेट के बल लेट जाएं।
  • अपने हथेलियों को जांधों के नीचे रखें। एड़ियों को आपस में जोड़ कर रखे।
  • सांस लेते हुए अपने पैरों को यथासभव ऊपर ले जांए ध्यान रखे इस अवस्था में ठोंडी को जमीन पर टिकाकर रखे।
  • इस अवस्था में कुछ समय रहें सांस छोड़ते हुए पांव नीचे लाएं
  • इस तरह उसे 5 बार करें।
लाभ:- पीठ दर्द के लिये बहुत लाभकारी आसन है, लचीलापन बढ़ता है, वजन कम करता है, साइटिका को ठीक करने में अहम भूमिका निभाता है।
प्रश्न-3 अस्थमा के बचाव के लिये कोई तीन आसन की विधि बताइयें।
उत्तर-
  1. गोमुखासनः गोमुखासन यह योग करते समय शरीर का आकार गाय को मुख के समान होने के कारण इसे गोमुखासन कहा जाता है अंग्रेजी में इसें The cow face pose कहा जाता है।
    • पूर्व स्थिति:- सुखासन या दण्डासन में बैठ जाए।
    • विधि:- सुखासन या दण्डासन में बैठ जायें।
      • बाए पैर की एड़ी को दाहिने नितम्ब के पास रखिए। दाहिने पैर को बाई जाँघ के ऊपर से करते हुए इस प्रकार स्थिर करे की घुटने एक दुसरे के ऊपर रहने चाहिए।
      • बाए हाथ को पीठ के पीछे मोड़कर हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाए।
      • दाहिने हाथ को दाहिने कधे पर सीधा उठा ले और पीछे की ओर घुमाते हुए कोहनी से मोड़कर हाथों को परस्पर बांध ले। अब दोनों हाथों को धीरे से अपनी दिशा में खींचे।
      • दृष्टि सामने की ओर रखें। पैर बदलकर भी करें।
    • लाभ:- अस्थमा के बचाव के लिये उपयोगी, वजन को कम करता है। शरीर को सुडोल, लचीला और आकर्षक बनाता है।
  2. पर्वतासन:- इस आसन को करते समय मनुष्य की आकृति एक पर्वत के समान हो जाती है जिसके कारण इसे पर्वतासन कहते है यह आसन करने में बहुत ही सरल होता है।
    • पूर्व स्थिति:- पदमासन में बैठ जाए।
    • विधि:- जमीन पर दरी या आसन पर पद्मासन में बैठे।
      • अपने हाथों की उगलियों को आपस में फंसा लें। लम्बी श्वास लेते हुए अपने हाथों को ऊपर की तरह इस तरह से ले जाएं कि आपके हाथ सिर के ऊपर हो और हाथों की हथेलियां बाहर की ओर खुली रहें।
    • लाभ:- अस्थमा की बीमारी में बहुत ही लाभदायक है, रक्त साफ करता है। सीना चौड़ा और कंधों को मजबूती देता है फेफड़े स्वस्थ रहते है।
  3. मत्स्यासन:- यह आसान पानी में किया जाये तो शरीर मछली कि तरह तैरने लग जाता है, इसलिए इसे मत्स्यासन कहते है।
    • पूर्व स्थिति:- दोनों पैरो को सीधा रखकर बैठ जाए।
    • विधि:-
      • दोनों पैरो को सामने की ओर सीधे रखकर बैठ जाएँ।
      • पदमासन लगाएँ।
      • दोनों हाथों की कोहनियों का सहारा लेते हुए कमर के बल लेट जाएँ।
      • हाथों के सहारे से गर्दन को मोड़े तथा माथे को जमीन से लगाने की कोशिश करें।
      • दोनों हाथों से पैरों के अगूठे पकड़े तथा कोहनियों को जमीन से लगाएँ।
      • पेट के भाग को अधिक से अधिक ऊपर उठायें।
    • लाभ:- यह आसन दमे के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है। शुद्ध रक्त का निर्माण तथा संचार करता है मधुमेह तथा पेट के रोग दूर होते है। कब्ज दूर करता है खाँसी दूर होती है, चेहरे और त्वचा को आकर्षक बनाता है।
प्रश्न-4 जीवन शैली सम्बन्धी बीमारियों से बचाव में योग की क्या भूमिका है।
उत्तर- 
जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियों से बचाव में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
योग निश्चित रूप से सभी प्रकार के बधंनों से मुक्ति प्रदान करने का साधन है, चिकित्सा शोधों ने योग से होने वाले कई शारीरिक और मानसिक लाभों के बारे में बताया है।
  • योग शारीरिक स्वास्थ्य, स्नायुंत्रत एवं कंकाल तन्त्र को सुचारू रूप से कार्य योग्य बनाता है।
  • योग से मधुमेह श्वसन संबंधी विकार, अस्थमा, पीठ दर्द, उच्च रक्त चाप मोटापा कई प्रकार के विकारों के प्रबंधन में लाभदायक है।
  • योग से धकान, चिंता, अवसाद, तनाव, आदि को कम करने में भी सहायता करता है।
  • योग मासिक धर्म, महिला एथलीट त्रय में भी सहायक है।
साधारण शब्दों में अगर कहा जाए तो योग शरीर व मन के निर्माण की ऐसी प्रक्रिया है जो मानव जीवन को खुशहाल बनाता है तथा तनाव मुक्त रखता है।
प्रश्न-5 राम एक सफल व्यवसायी है वह अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिये बहुत मेहनत करता है यही कारण है कि वह अपने कार्यालय से देर से जाता है वह सुबह देर से उठता है और किसी भी शारीरिक गतिविधियों के बिना वह कार्यालय को छोड़ देता है। वह तनाव के कारण कमजोर होता जा रहा है।
प्रश्न- राम वर्तमान जीवन-शैली में प्रकार की स्वास्थ्य समस्या का सामना कर सकता है।
उत्तर- मधुमेह, उच्चरक्त चाप और पीठ दर्द आदि।
प्रश्न- किस प्रकार की जीवन-शैली अपनाने के लिये आप राम को सुझाव देगें।
उत्तर-
 सक्रिय और स्वस्थ जीवन शैली जिसमें शारीरिक गतिविधि और योग शामिल हो।
प्रश्न- किस प्रकार के योग अभ्यास के लिये आप राम को सुझाव देंगे।
उत्तर- वज्रासन, शवासन, ताड़ासन, सुखासन आदि।