खनिज तथा उर्जा संसाधन - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2

 CBSE Class 10 सामाजिक विज्ञान

पाठ - 5
खनिज तथा उर्जा संसाधन


  1. मनुष्य के विकास की सभी अवस्थाओं में खनिजों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर- मानव समाज निरंतर विकास और परिवर्तन की ओर अग्रसर रहा है। प्रारंभिक मानव जीवन से लेकर आधुनिक विकसित समाज तक रोज़मर्रा के जीवन में खनिजों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसे निम्नलिखित तरीके से समझ सकते हैं:-
    1. परिवहन के साधनों जैसे - सड़कों, रेलवे आदि के निर्माण में खनिजों का योगदान।
    2. त्योहारों, धार्मिक अनुष्ठानों में भी खनिजों का प्रयोग होता रहा है।
    3. जीविका चलाने में भी खनिज कई प्रकार से मदद करते हैं।
    4. रोज़मर्रा की ज़रूरतें भी इनके द्वारा पूरी होती हैं।
  2. लौह खनिज आधुनिक औद्योगिक विकास की रीढ़ क्यों हैं? स्पष्ट करो।
    उत्तर-
    1. धातु शोधन उद्योगों को मज़बूत आधार प्रदान करते हैं।
    2. द्योगिक मशीनों और प्रौद्योगिकी का निर्माण इनसे ही होता है।
    3. औद्योगिक उत्पादन की इन पर निर्भरता स्पष्ट है।
  3. खनिजों का संरक्षण स्वयं मानव जीवन के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। कैसे?
    उत्तर- खनिजों के विकास और उपयोग ने मानव जीवन को कई तरीके से लाभ पहुँचाया है। आधुनिक सभ्यता को प्रकट करने वाली बहुमंजिली इमारतें, यातायात के साधन, प्रौद्योगिकी आदि सभी इसकी वजह से ही है। किंतु खनिज निर्माण की भूगार्भिक प्रक्रियाएँ इतनी धीमी हैं कि उनके पुनर्भरण की दर बहुत धीमी है किंतु मानव ने स्वार्थ वश उसका अत्यधिक एवं अंधाधुंध प्रयोग किया है। सीमित और गैरनवीकरणीय होने के कारण इसके भंडार खत्म होने वाले हैं किंतु इसके विकल्प अभी सीमित स्तर पर ही उपलब्ध हैं।
    अतः खनिज संसाधनों का सुनियोजित एवं सतत पोषणीय ढंग से प्रयोग, पुनःचक्रण, प्रतिस्थापन आदि के रूप में संरक्षण करना मानव जीवन के अस्तित्व के लिए आवश्यक है
  4. नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन ही अच्छे भविष्य का बेहतर विकल्प है। इस कथन के पक्ष में अपने विचार प्रकट कीजिए।
    उत्तर- ऊर्जा के परंपरागत, जीवाष्मी ईंधन जो गैर नवीकरणीय होते हैं के बढ़ते उपभोग ने न केवल इनका भंडार सीमित कर दिया है बल्कि प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न कर दी है।
    इनकी संभाव्य कमी ने भविष्य में ऊर्जा आपूर्ति की सुरक्षा के प्रति चिंता पैदा कर दी है। अतः नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों जैसे - सौर, पवन, ज्वारीय, जैविक आदि के उपयोग को बढ़ाने की निम्नलिखित कारणों से आवश्यकता है-
    1. इनके भंडार असीमित हैं।
    2. प्रदूषण का स्तर अत्यधिक कम है।
    3. पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल है।
  5. ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा उत्पादन है।” इस कथन के समर्थन में तर्क दो।
    उत्तर- ऊर्जा संरक्षण में वृद्धि और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का बढ़ता प्रयोग सतत पोषणीय ऊर्जा के दो आधार हैं। वर्तमान में भारत विश्व के अल्पतम ऊर्जा दक्ष देशों में गिना जाता है। ऊर्जा के सीमित संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग के लिए सावधानीपूर्ण तरीका अपनाना होगा। जैसे - एक जागरूक नागरिक के रूप में निजी वाहन की अपेक्षा सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करके, बिना ज़रूरत बिजली के यंत्रों का प्रयोग न करके हम अपना योगदान दे सकते हैं। आखिरकार ऊर्जा की बचत ही उत्पादन है।
  6. जल का संरक्षण ऊर्जा की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए भी आवश्यक है। इस संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए।
    उत्तर- जल मानव जीवन के लिए सर्वाधिक आवश्यक है। यह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनिवार्य है। इसका उपयोग ऊर्जा के क्षेत्र में भी काफी समय से हो रहा है। तेज बहते जल से विद्युत उत्पन्न किया जाता है जो नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत है। भारत में कई बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएँ हैं जो यह कार्य कर रही है।