खेलों में प्रशिक्षण - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 2

CBSE Class -12 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 12 खेलों में प्रशिक्षण
Important Questions

लघुउत्तरीय प्रश्न (3 अंक)
प्रश्न-1. फार्टलेक प्रशिक्षण विधि क्या होती है?
उत्तर- फार्टलेक विधि- यह सहन क्षमता को बढ़ाने की विधि है स्वीडन के गोस्ट होल्मर ने 1930 में इसे ‘स्वीडिश प्ले’ से भी जाना जाता है इस विधि में धावक अपने अनुसार अपनी गति को आसपास के वातावरण क अनुकूल परिवर्तित कर सकता है। इस विधि के द्वारा शक्ति और सहन है क्षमता का विकास होता है खिलाड़ी अपनी गति अपने अनुसार परिवर्तित करता है अतः यह विधि स्वतः अनुशासति कहलाती है इसमें हृदय गति 140-180 प्रति मिनट पहुँच जाती है। फार्टलेक प्रशिक्षण में दौड़ गति कम ज्यादा होती रहती है।

प्रश्न-2. लचक से आप क्या समझते है? लचक के विभिन्न प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
अक्रिय व सक्रिय लचक में अंतर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर- लचक- शरीर के जोड़ो की गतियों के विस्तार को लोच/लचक कहते है।
  1. सक्रिय लचक (Active flexibility)- बिना किसी बाहरी सहायता को शरीर के जोड़ो का अधिक दूर तक गति करने को सक्रिय लचक कहा जाता है। जैसे- खिंचाव वाला व्यायाम बिना किसी व्यक्ति की सहायता से करना।
  2. स्थिर लचक (Static flexibility)- जब कोई खिलाड़ी लेटने, बैठने या खड़े होने की क्रियाएं करता है तब यह क्रियाएं स्थिर लचक स्थिर की सहायता से करता है।
  3. गतिशील लचक (Dynamic flexibility)- इस प्रकार की लचक की आवश्यकता चलते या दौड़ते समय होती है गतिशील लचक को खिंचाव वाले व्यायामों द्वारा बढ़ाया भी जा सकता है।
  4. अक्रिय लचक (Passive flexibility)- अक्रिय लचक शरीर की वह योग्यता है जिसके द्वारा बाहरी सहायता से अधिक दूरी तक गतियां की जा सकती है।
    जैसे- किसी सहयोगी द्वारा खिंचाव वाले व्यायाम करना।
प्रश्न-3. संदीप एक फुटबाल/ हैंडबॉल की टीम तैयार कर रहा है जिसके लिए उसने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया। प्रशिक्षण देते समय उसने यह महसूस किया कि कुछ खिलाड़ी अच्छे शूटर है परन्तु खेल के मैदान में ज्यादा देर तक टिक नहीं पाते अर्थात जल्दी थक जाते हैं। अब संदीप इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बढ़ाने का प्रयास करता है।
  1. खिलाड़ियों में शारीरिक पुष्टि के किस तत्व की कमी थी? तथा संदीप द्वारा किन मूल्यों को दर्शाया गया है।
  2. खिलाड़ियों में थकावट को सहन करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए आप किस तरह की ट्रेनिंग की सलाह देगें?
  3. हैंडबाल/ फुटबाल में अच्छे प्रदर्शन के लिए किन शारीरिक पुष्टि के तत्वों का होना आवश्यक है?
उत्तर-
  1. खिलाड़ियो में सहन-क्षमता की कमी थी। संदीप ने एक अच्छे कोच, जागरूकता, सजगता तथा परिश्रम जैसे मूल्यों को दर्शाया है।
  2. खिलाड़ियों को निरंतर व अंतराल प्रशिक्षण देना चाहिए।
  3. सहन-क्षमता, गति, शक्ति व तालमेल संबंधी योग्यता का होना जरूरी है।
प्रश्न-4. सहन-क्षमता (Endurance) के प्रकारों का उल्लेख कीजिए?
अथवा
खेलों में उच्च प्रदर्शन करने के लिए सहन क्षमता एक आवश्यक घटक है उल्लेख करें?
उत्तर-
  • आधारभूत सहन क्षमता (Basic Endurance)- व्यक्ति की वह योग्यता है जिसमें बहुत सारी शारीरिक मांसपेशियों के द्वारा धीमी गति से लम्बे समय तक हलचल कर सकता है जैसे कि दौड़ना, चलना, तैरना इत्यादि।
  • सामान्य सहन क्षमता (General Endurance)- वह योग्यता है जिसमें व्यक्ति थकान की स्थिति में भी हलचल को करता रहे। जैसे- ऐरोबिक तथा ऐनोरोबिक गतिविधियाँ इत्यादि।
  • विशिष्ट सहन क्षमता (Specific Endurance)- वह योग्यता, विशिष्ट खेलों में अलग-अलग रूप में उपयोग किया जाता है उदाहरण- मुक्केबाजी ओर कुश्ती अलग-अलग प्रकार के विशिष्ट दमखम की आवश्यकता होती है।
  • गति सहन क्षमता (Speed Endurance)- वह योग्यता है जिसमें व्यक्ति थकान के बावजूद किसी भी गति को 45 सेंकड तक तेजी से कर सकता है जैस 100 mt.
  • लघु अवधि सहन क्षमता (Short Term Endurance)- यह योग्यता 45 सेंकड -2 मिनट तक चलने वाली गतिविधियाँ शामिल है जैसे, 800 मी. दौड़।
  • मध्यम अवधि सहन क्षमता (Middle Term Endurance)- इस योग्यता में 2 मिनट से 11 मिनट तक चलने वाली गतिविधियाँ शामिल है। जैसे- 100 मी. दौड।
  • दीर्घ अवधि सहन क्षमता (Long Term Endurance)- इस योग्यता में 11 मिनट से अधिक चलने वाली गतिविधियाँ शामिल है जैसे 5000 मी. क्रॉस कंट्री तथा मैराथन दौड़ आदि।
प्रश्न-5. त्वरण दौड़ो (ऐक्सलेरेशन रन) एवं पेस रेसे के विषय में लिखिए।
अथवा
गति को विकसित करने की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- गति को विकसित करने की विधियाँ-
  1. निर्धारित दौड़ (Pace Runs)- निर्धारित दौड़ो का अर्थ है किसी दूरी को एक ही चाल से दौड़ना। सामान्यतः निर्धारित दौड़ी में 800 मीटर तथा उससे धावक 300-320 मी. पूरी गति से दौड़ सकता है लेकिन लम्बी दौड़ो में अपनी गति को कम करके वह ऊर्जा की बचाता है।

    उदाहरण- यदि एक 800 मी. की दौड़ लगाने वाला एथलीट है। और उसका समय (Time) 1 मिनट 42 लगभग 50 सेंकड में तथा दूसरी 400 मी. दौड़ लगभग 52 सेंकड में लगानी चाहिए इस तरह के अभ्यास को पेस दौड़ (Pace Run) का अभ्यास कहते हैं।
  2. त्वरण दौड़ (Acceleration Runs)- त्वरण दौड़ के द्वारा गति को विकसित किया जाता है जिससे की अप्रत्यक्ष रूप से विस्फोटक शक्ति तकनीक, लचक और क्रियाशील गति को विकसित किया जाता है। यह धावक की वह योग्यता है जिसमें वह स्थिर अवस्था से तीव्र अवस्था को प्राप्त करता है। सीधे तौर पर त्वरण गति को विकसित करने के लिए एक धावक को 25 से 30 मी. 6 से 12 बार तीव्र गति से दौड़ना चाहिए। 1 धावक को 5 से 6 सेंकड के अन्दर अधिकतम गति प्राप्त कर लेनी चाहिए। दो दौड़ों के बीच में पर्याप्त अन्तराल होना चाहिए।
प्रश्न-6. परिधि प्रशिक्षण की विशेषताएँ?
उत्तर- परिधि प्रशिक्षण की मुख्य विशेषताएँ (Main characteristics of Circuit Training)-
  1. इस विधि में व्यायाम सीखना तथा उसको लागू करना आसान होता है।
  2. इसमें व्यायाम मध्यम अवरोध तथा मध्यम भार के साथ किए जाते है।
  3. इसमें संख्या की अधिक पुनरावृत्ति होती है।
  4. इसका लक्ष्य सहनशीलता व शक्ति को बढ़ावा देना है।
  5. इसमें शरीर के सभी अंगो के व्यायाम शामिल होते है।
  6. इसमें खिलाड़ियों को तैयारी के समय मूल सहनशीलता व शक्ति बढ़ाने का अवसर प्राप्त होता है।
  7. इसमें व्यायाम का दबाव धीरे- धीरे बढ़ाया जाता है।
प्रश्न-7. सर्किट ट्रेनिंग किसे कहते है बच्चों के लिए सामान्य फिटनेस बनाए रखने के लिए दस स्टेशनों का प्रशिक्षण सत्र तैयार कीजिए।
उत्तर- सर्किट एक ऐसी प्रशिक्षण विधि है जिसमें विभिन्न व्यायामों को यन्त्रों और बिना यन्त्रों के निश्चित मात्रा में किया जाता है, इसका लक्ष्य शक्ति तथा माँसपेशीय क्षमता बढ़ाना है।
प्रश्न-8. परिधि प्रशिक्षण में भार को कैसे बढ़ाना चाहिए?
उत्तर- परिधि प्रशिक्षण में भार को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिएँ-
  1. प्रत्येक व्यायाम को दोहराने की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
  2. तीव्रता को भी बढ़ाना जा सकता है।
  3. अतिरिक्त भार को भी बढ़ाया जा सकता है।
  4. व्यायाम के मध्य अन्तराल को भी कम किया जा सकता है।
  5. चक्करों की संख्या बढ़ाई जा सकती हैं।