भारत और पड़ोसी देशों के विकास अनुभव (2019-20 के लिए) - नोट्स

CBSE कक्षा 11 अर्थशास्त्र
पाठ - 11 भारत
, पाकिस्तान तथा चीन का विकास
अनुभव: एक तुलनात्मक अध्ययन विकास अनुभव
पुनरावृत्ति नोट्स

स्मरणीय बिन्दु-
  • भारत, पाकिस्तान और चीन का विकास पथ
    • तीनों देशों ने लगभग एक ही समय में विकास पथ की ओर बढ़ना शुरू किया। भारत और पाकिस्तान सन् 1947 में स्वतंत्र हुए जबकि चीन गणराज्य की स्थापना सन् 1949 में हुई।
    • तीनों देशों ने एक ही प्रकार से अपनी विकास नीतियाँ तैयार करना शुरू किया था। भारत ने सन् 1951 में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की, पाकिस्तान ने सन् 1956 में तथा चीन ने 1953 में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की।
    • भारत और पाकिस्तान ने समान नीतियाँ अपनाई जैसे वृहत् सार्वजनिक क्षेत्रक का सृजन और सामाजिक विकास पर सार्वजनिक व्यय।
    • भारत और पाकिस्तान दोनों ने मिश्रित अर्थव्यवस्था के प्रारूप को अपनाया जबकि चीन ने आर्थिक संवृद्धि के निर्देशित अर्थव्यवस्था प्रारूप को अपनाया।
    • 1980 तक सभी तीनों देशों में संवृद्धि दर और प्रति व्यक्ति आय लगभग समान थी।
    • आर्थिक सुधार चीन में 1978 में पाकिस्तान में 1988 में और भारत में 1991 में लाभ किये गये।
  • चीन की विकास रणनीतियाँ :
    • एकदलीय शासन के अंतर्गत चीनी गणराज्य की स्थापना के बाद अर्थव्यवस्था के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रकों, उद्यमों तथा भूमि, जिनका स्वामित्व संचालन व्यक्तियों द्वारा किया जाता था को सरकारी नियंत्रण में लाया गया है।
    • सन् 1958 में द ग्रेट लीप फॉरवर्ड नामक अभियान शुरू किया गया जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का औद्योगिकरण करना था। इस अभियान के अंतर्गत लोगों को अपने लोगों को अपने घरों के पिछवाड़े में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
    • सन् 1965 में, माओत्से तुंग ने ‘महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति’ का आरम्भ किया। इसके अन्तर्गत छात्रों और विशेषज्ञों को ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने और अध्ययन करने के लिए भेजा गया।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में कम्यून प्रकृति से खेती प्रारंभ की गई। इसके अन्तर्गत लोग सामूहिक रूप से खेती करते थे।
    • सुधार प्रक्रिया में ‘दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति’ लागू की गई। इसका अर्थ है कि कीमत का निर्धारण दो तरीके से किया जाता था। किसानों और औद्योगिक इकाइयों से यह अपेक्षा की जाती थी कि वे सरकार द्वारा निर्धारित मात्राएँ खरीदेंगे और बेचेंगे और शेष वस्तुएँ बाजार कीमतों पर खरीदी बेची जाती थी।
    • विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र’ स्थापित किए गये। ऐसे भौगोलिक क्षेत्र जिनमें विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के ध्येय से देश के सामान्य आर्थिक कानूनों को पूर्णतः लागू नहीं किया जाता विशेष आर्थिक क्षेत्र कहलाते हैं।
  • पाकिस्तान की विकास रणनीतियाँ :
    • पाकिस्तान ने सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र के सह-अस्तित्व वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था प्रणाली को अपनाया।
    • पाकिस्तान ने उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण के लिए प्रशुल्क संरक्षण तथा प्रतिस्पर्धी आयातों पर प्रत्यक्ष आयात नियंत्रण की नीतियाँ अपनाई।
    • हरितक्रान्ति के आगमन ने और चुनिंदा क्षेत्रों की आधारिक संरचना में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि से खाद्यानों के उत्पादन में वृद्धि की।
    • सन् 1970 के दशक में पूँजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया।
    • 1988 में संरचनात्मक सुधार लागू किये गए। मुख्य जोर निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहन देना था।
  • तुलनात्मक अध्ययन भारत, पाकिस्तान और चीन
  • जनांकिकीय संकेतक:
    • पाकिस्तान की जनसंख्या बहुत कम है और वह भारत या चीन की जनसंख्या का लगभग दसवां भाग है।
    • यद्यपि इन तीनों देशों में चीन सबसे बड़ा राष्ट्र है तथापि इसका जनसंख्या घनत्व सबसे कम है।
    • पाकिस्तान में जनसंख्या वृद्धि सबसे अधिक है इसके बाद भारत और चीन का स्थान है। चीन में जनसंख्या की निम्न वृद्धि दर का कारण 1970 के दशक में अंत में लागू की गई केवल एक संतान नीति है। परंतु इसके कारण लिंगानुपात (अर्थात प्रति 1000 पुरूषों पर महिलाओं का अनुपात) में गिरावट आई।
    • तीनों देशों में लिंगानुपात महिलाओं के पक्ष में कम है। इसका मुख्य कारण तीनों देशों में पुत्र प्राप्ति की प्रबल इच्छा है।
    • चीन में प्रजनन दर बहुत कम है जबकि पाकिस्तान में बहुत अधिक है।
    • नगरीकरण चीन और पाकिस्तान दोनों में अधिक है जबकि भारत में नगरीकरण (अर्थात् शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या का प्रतिशत) 28 प्रतिशत है
  • सकल देशी उत्पाद (GDP) और क्षेत्रक:
    • 2013 में अनुमानित चीन का सकल देशीय उत्पादन 9.24 ट्रिलीयन डॉलर था जबकि भारत और पाकिस्तान का क्रमशः 1.877 ट्रिलियन अमेरिकन डॉलर तथा 232.3 विलियम अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान था।
    • विकास प्रक्रिया के इस पथ पर इतनें वर्षों में चीन की औसत वार्षिक वृद्धि लगभग 9.5% भारत की लगभग 5.8% तथा पाकिस्तान की लगभग 4.1% रही है।
    • वर्ष 2011 में चीन में लगभग 37 प्रतिशत कार्यबल कृषि में लगा हुआ था जिसका सकल देशीय उत्पाद में योगदान 9 प्रतिशत के लगभग था। भारत और पाकिस्तान मे जीडीपी में कृषि का योगदान क्रमशः 14% व 25% लगभग थी परन्तु पाकिस्तान में इस क्षेत्रक में 43 प्रतिशत लोग कार्यरत हैं जबकि भारत में 49 प्रतिशत लोग इस क्षेत्रक (अर्थात कृषि) में संलग्न है।
    • चीन में सकल देशीय उत्पाद में सर्वाधिक योगदान विनिर्माण क्षेत्र का है। जबकि भारत और पाकिस्तान में सकल देशीय उत्पाद में सर्वाधिक योगदान (50 प्रतिशत से अधिक ) सेवा क्षेत्रक का है।
    • यद्यपि चीन ने परम्परागत नीति को अपनाया जिसमें क्रमशः कृषि से विनिर्माण तथा उसके बाद सेवा क्षेत्र की ओर अवसर होने की प्रवृति थी। परन्तु भारत और पाकिस्तान सीधे कृषि क्षेत्रांक से सेवा क्षेत्रांक की ओर चले गए।
    • 1980 के दशक में भारत, चीन और पाकिस्तान में सेवा क्षेत्रांक में क्रमशः 17, 12 और 27 प्रतिशत कार्यबल लगा हुआ था। वर्ष 2011 में यह बढ़कर क्रमशः 31, 37 और 35 प्रतिशत लगभग हो गया है।
    • चीन की आर्थिक संवृद्धि का मुख्य आधार विनिर्माण क्षेत्रांक है जबकि भारत और पाकिस्तान की संवृद्धि का मुख्य आधार सेवा क्षेत्रांक है।
  • मानव विकास संकेतक
    • मानव विकास के अधिकांश क्षेत्रों में चीन ने भारत और पाकिस्तान की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया है। यह बात अनेक संकेतकों के विषय में सही है, जैसे प्रति व्यक्ति जी. डी. पी. निर्धनता रेखा से नीचे की जनसंख्या का प्रतिशत तथा स्वास्थ्य संकेतक जैसे मृत्युदर, स्वच्छता, साक्षरता तक पहुँच, जीवन प्रत्याशा अथवा कुपोषण।
    • पाकिस्तान गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का अनुपात कम करने में भारत से आगे है। स्वच्छता और उत्तम जल स्रोत तक पहुँच के मामलों में इसका निष्पादन भारत से बेहतर है।
    • इसके विपरीत भारत में शिक्षा में निवेश का रिकार्ड व प्रदर्शन पाकिस्तान से बेहतर है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में भी भारत पाकिस्तान से आगे है।
    • भारत और पाकिस्तान उत्तम जल स्रोत उपलब्ध कराने में चीन से आगे है।
  • निष्कर्षं
    • भारत: लोकतांत्रिक संस्थाओं सहित भारत का निष्पादन साधारण रहा है। यह बात अग्रलिखित तथ्यों से स्पष्ट है:
      1. अधिकांश जनसंख्या आज भी कृषि पर निर्भर है।
      2. अनेक भागों में आधारिक संरचना का अभाव है।
      3. आज लगभग 22% जनसंख्या निर्धनता रेखा से नीचे है जिसे ऊपर उठाने की आवश्यकता है।
  • पाकिस्तानः पाकिस्तान का निष्पादन बहुत खराब रहा है। पाकिस्तान की संवृद्धि कमी और निर्धरता में पुनः वृद्धि के कारण अग्रलिखित है:
    • राजनीतिक अस्थिरता।
    • कृषि क्षेत्रांक का अस्थिर निष्पादन।
    • प्रेषणों और विदेशी अनुदानों पर अत्यधिक निर्भरता।
    • एक तरफ विदेशी ऋणों पर बढ़ती निर्भरता तो दूसरी ओर पुराने ऋणों को चुकाने में बढ़ती कठिनाई।
  • चीन: चीन का निष्पादन सर्वोतम रहा है। यह बात अग्रलिखित तथ्यों से स्पष्ट है-
    • निर्धनता निवारण के साथ- साथ संवृद्धि दर को बढ़ाने में सफलता।
    • अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता को खोये बिना, बाजार व्यवस्था का प्रयोग अतिरिक्त सामाजिक आर्थिक सुअवसरों के लिए किया है।
    • सामुदायित्व भू-स्वामित्व को कायम रखते हुए और लोगों को भूमि पर कृषि की अनुमति देकर चीन ने ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कर दी है।
    • सामाजिक आधारिक संरचना उपलब्ध कराने में सरकारी हस्तक्षेप द्वारा मानव विकास संकेतकों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।