शारीरिक क्रियाएँ तथा नेतृत्व प्रशिक्षण - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 1

 CBSE कक्षा 11 शारीरिक शिक्षा

पाठ - 6 शारीरिक क्रियाएँ तथा नेतृत्व प्रशिक्षण
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न 1. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए।

  1. रॉक क्लाइम्बिंग- सर्वाधिक खतरनाक खेल क्रियाकलापों या गतिविधियों में से एक है।
    • अत्यधिक मानसिक नियंत्रण, फुर्ती, लचीलापन, सहनशक्ति तथा विभिन्न समन्वयात्मक योग्यताओं केा मिश्रण।
    • वास्तव में यह एक ऐसा क्रियाकलाप है जिसमें प्रतिभागी प्राकृतिक चट्टानों तथा कृत्रिम चट्टानों पर चढ़ते हैं।
    • इस खेल की कठिनाई का स्तर चट्टान के झुकाव पर निर्भर करता है।
    • इसमें चढ़ाई कई प्रकार की होती है जैसे-एड क्लाइम्बिंग, फ्री क्लाइम्बिंग, ट्रेड अथवा पारंपरिक क्लाइम्बिंग, स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग, टॉप-रॉप क्लाइम्बिंग आदि।
  2. कैम्पिंग- कैम्पिंग एक प्रकार का मनोरंजक आऊटडोर क्रियाकलाप है जिसमें व्यक्ति अपने नियमित निवास स्थान को छोड़कर प्रकृति का आनन्द उठाने के लिए कुछ रातें खुले में कैम्प स्थल पर बिताते हैं। यह एक सुनियोजित, व्यवस्थित तथा उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम होता है। जिसमें व्यक्ति अपने अन्य सहभागियों जिन्हें कैम्पर्स कहा जाता है, के साथ अन्य क्रियाकलापों जैसे-हाइकिंग, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण (रॉक क्लाम्बिंग माउन्टेन), बाइकिंग, तथा डोंगी चलानी वाली गतिविधियों का आनन्द लेते है।
    कैम्पिंग कई प्रकार की हो सकती है जैसे-स्काऊट कैम्प, एन.सी.सी. कैम्प, एन.एस.एस. कैम्प, खेल कैंप, साहसिक कैंप या सामाजिक कैंप आदि।

प्रश्न 2. रिवर रॉफ्टिंग की विभिन्न श्रेणियों का उनकी कठिनाई के आधार पर वर्गीकरण कीजिए।

उत्तर- रॉफ्टिंग की विभिन्न श्रेणियों का उनकी कठिनाई के आधार पर वर्गीकरण निम्नलिखित है-

  1. श्रेणी-I-इस श्रेणी में बहते जल की आसान लहरों पर रॉफ्टिंग की जाती है, जिसमें अधिक कौशल की आवश्यकता नहीं पड़ती। नौसिखिए नौकाचालक अधिकतर इसी श्रेणी के जल प्रवाह में रॉफ्टिंग करते हैं।
  2. श्रेणी-II-इस श्रेणी में बहते जल की थोड़ी अशांत लहरों के साथ-साथ कुछ चट्टानें भी हो सकती हैं। इसमें थोड़े से कौशल और अनुभव की आवश्यकता पड़ती है।
  3. श्रेणी-III-इस श्रेणी में अंशात लहरों के साथ-साथ कुछ कठिन मुहाने भी होते हैं। इस प्रकार की लहरों में रॉफ्टिंग के लिए अनुभव तथा चप्पू चलाने में दक्षता की आवश्यकता होती है।
  4. श्रेणी-IV-इस श्रेणी में लहरे बड़ी और चट्टानों से टकराने के कारण बहुत अशांत होती है। इसमें रॉफ्टिंग के लम्बे अनुभव तथा तीव्र कौशलों की आवश्यकता होती है।
  5. श्रेणी-V-यह अत्यधिक कठिनाई वाला स्तर है। इसमें बड़ी-बड़ी लहरें हो सकती हैं। इसमें जल की मात्रा भी विशाल हो सकती है। इसमें चट्टानें भी बड़ी होती हैं। इसमें सूक्ष्म कौशल की आवश्यकता होती हैं इस स्तर की रॉफ्टिंग केवल अनुभवी प्रतिभागियों को ही करनी चाहिए।
  6. श्रेणी-VI-इस स्तर पर रॉफ्टर विशाल लहरों का सामना करने की आशा कर सकता है। यह स्तर अत्याधिक कठिन होता है। जिसमें अत्यधिक शारीरिक क्षमता तथा मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है। इस स्तर की रॉफ्टिंग में चोट लग सकती है तथा मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे स्तर की रॉफ्टिंग का सफलतापूर्वक बिना किसी चोट अथवा मृत्यु के पूर्ण होना या तो सौभाग्यवश पूरा होना माना जाता है या फिर अत्यधिक कौशल के कारण।

प्रश्न 3. शारीरिक शिक्षा के द्वारा नेता बनने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।

उत्तर- शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में नेताओं में दो प्रकार के गुण होते हैं-जन्मजात गुण व अर्जित गुण। शारीरिक शिक्षा के माध्यम से अर्जित गुणों का सफलतापूर्वक विकास इस प्रकार किया जा सकता है जिससे कि ज्यादा से ज्यादा शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावी एवं कुशल नेता बन सकें।

  1. छात्रों का विश्लेषण करना- इस क्षेत्र में नेताओं को बनाने के लिए छात्रों का विश्लेषण अर्थात् किसी छात्र में नेतृत्व के कौन-से कौशल पहले से ही सुविकसित हैं। तथा किन कौशलों को अभी विकसित किये जाने की आवश्यकता है, करना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित प्रश्नों की सहायता ली जा सकती है-
    1. क्या स्पष्ट रूप से निर्देशन कर पाते हैं तथा जिनका वे नेतृत्व कर रहे हैं क्या उन्हें प्रोत्साहित कर पाते हैं।
    2. जिन विद्यार्थियों का वे नेतृत्व कर रहे हैं क्या वे अभिप्रेरित होते हैं तथा एकाग्र होकर आगे बढ़ते हैं।
  2. नेतृत्व के गुणों में और अधिक सुधार लानेवाले विद्यार्थियों की पहचान करना- इसके उपरान्त जिन छात्रों अथवा छात्रों के समूह के नेतृत्व के गुणों में सुधार लाने की आवश्यकता है, उन्हें पहचानें।
  3. नेतृत्व कौशल के विकास हेतु विभिन्न पद्धतियाँ अपनाना।

नेतृत्व कौशल हेतु विभिन्न पद्धतियाँ

  1. छात्रों को विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ प्रदान करने का अवसर प्रदान करना।
    1. खेल क्रियाकलापों का पर्यवेक्षण व प्रबंधन करवाना।
    2. विभिन्न खेलों में टीम का कप्तान बनाकर।
    3. विभिन्न प्रकार की समितियों का सदस्य बनाकर।
    4. कार्यालयीन कामकाज तथा समूह तैयारी का कार्यभार देकर।
    5. खेल पर्वों पर विभिन्न आयोजनों द्वारा अध्यापकों को तथा प्रशिक्षक को क्लब चलाने में और टीम के संचालन में सहायता करने का अवसर प्रदान करना।
  2. नेतृत्व सम्बन्धी कुछ पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाना।
  3.  
    1. विद्यार्थियों को उनके कौशल विकसित करते रहने के अवसर प्रदान करवाना।
    2. चुनौती तथा जटिलता प्रस्तुत करने वाले नेतृत्व के विभिन्न अवसर प्रदान करना।
  4. नेतृत्व विद्यार्थियों को अलग पहचान देना (टोपी व जैकेट तथा Badge लगाकर जैसे Head Girl व Head Boy बनाकर अलग से पहचान देना।
  1. विद्यार्थियों में विश्वास तथा भरोसा रखना- किसी विद्यार्थी में नेतृत्व के गुणों के विकास के लिए उसमें भरोसा तथा विश्वास दर्शाना चाहिए जिससे विद्यार्थी और अच्छा करने के लिए अभिप्रेरित हो।
  2. पुरस्कार द्वारा- छात्रों को पुरस्कार देकर भी उनमें नेतृत्व के गुणों को विकसित किया जा सकता है।
  3. बार-बार दोहराना- सुधार करने की प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से भी विद्यार्थी में नेतृत्व के गुणों को विकसित किया जा सकता है।

प्रश्न 4. साहसिक क्रियाकलापों के दौरान क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं करना चाहिए को सूचीबद्ध कीजिए?

उत्तर- करने वाले कार्य

  • साहसिक गतिविधियों को किसी प्रशिक्षित मार्गदर्शक के निगरानी में किया जाना चाहिए।
  • गतिविधियों को करने वाले रास्ते व जगह का संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए।
  • भागीदारों की सुरक्षा का ध्यान रखना तथा प्रथम उपचार का इंतजाम करना।
  • गुणवत्ता वाले उपकरणों का इंतजाम करना।
  • कैम्पिंग के दौरान किसी भी प्रकार के मौसम का सामना करने हेतु तैयारी रखना।
  • नष्ट होने योग्य तथा नष्ट न होने वाले जीव पदार्थों (Bio-Degradable and Non-Biodegradable) के लिए कूडे़दान का इंतजाम करना।
  • कैम्प-साइट पर साफ-सफाई का ध्यान रखना।
  • कैम्पिंग के दौरान, जंगल एवं पहाड़ों में आग का सावधनी से इस्तेमाल करना।

न करने वाले कार्य

  • कैम्प-साइट पर खाली बोतलें व खाने के पदार्थ न फेंकना।
  • नदियों व तलाबों में कपड़े व बर्तन न धोना।
  • पहाड़ों में टॉफी के रैपर, एलुमिनीयम फॉयल व प्लासटिक कैन न फेंकना।
  • नदी के किनारे शौचालय का इस्तेमाल न करना।
  • इस्तेमाल किए हुए रेनकोट व कपड़ों को न छोड़ना।
  • कैम्पिंग क्षेत्र के आस-पास पेड़ों को न काटना।
  • पीने के पानी (नदियों और नहरों का) को प्रदूषित न करना।
  • ध्वनि प्रदूषण से जीवन-जंतुओं को परेशान न करना।

प्रश्न 5. शारीरिक शिक्षा में भाग लेने से किस प्रकार नेतृत्व के गुणों का विकास होता है?

उत्तर- नेतृत्व व्यक्ति की वह योग्यता का विकास होता है जो कि इस प्रकार है-

  • L: Loyalty निष्ठावान, Leadership नेतृत्व
  • E: Enthusiasm जोश, Eagerness उत्सुकता
  • A: Adjustment सामंजस्य, Alertness सतर्कता
  • D: Discipline अनुशासन, Determination दृढ़ संकल्प Dedication समपर्ण
  • E: Energetic उर्जावान
  • R: Reliable विश्वसनीय, Realistic यथार्थवादी
  • S: Sincerity ईमानदरी, Sympathy दयावान, Sociability सामजिक, Sacrifice त्याग
  • H: Honesty ईमानदारी, Health स्वास्थ्य

प्रश्न 6. शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व के लिए आवश्यक गुणों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व के लिए आवश्यक गुण

  1. शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में एक नेता का कर्मठ होना एक मौलिक आवश्यकता है।
  2. नेता का दूसरों के प्रति मैत्री व स्नेह का भाव भी एक आवश्यक गुण है।
  3. नेता में तुरन्त सही निर्णय लेने की योग्यता होनी चाहिए।
  4. शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में नेता को तकनीकी रूप से कुशल होना चाहिए।
  5. शारीरिक शिक्षा के क्षेत्रा में नेता में विभिन्न जटिल समस्याओं का सम्भावित हल ढूँढ़ने की योग्यता होनी चाहिए अर्थात् उसका बुद्धिमान होना आवश्यक है।
  6. इस क्षेत्र में नेता को विभिन्न शिक्षण कौशलों एवं शिक्षण पद्धितियों में कुशल एवं निपुण होना चाहिए।
  7. शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में एक नेता को नई तकनीकों तथा विचारों के प्रतिपादन के योग्य होना चाहिए। यह उसके रचनात्मक (Creative) सोच को दर्शाती है।
  8. किसी भी व्यवसाय की जटिल समस्याओं का निदान केवल अनुसंधानों के द्वारा ही निकाला जा सकता है। इसलिए शारीरिक शिक्षा के नेता की अनुसंधान कार्यों में विशेष रुचि होनी चाहिए।
  9. एक नेता को बिना थके लम्बे समय तक काम करना होता है, इसलिए शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत नेता का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए।
  10. नेता में अपने व्यवसाय के प्रति समर्पण तथा संकल्प जैसे गुण होने बहुत आवश्यक है।
  11. शारीरिक शिक्षा के नेता में उच्च गामक पुष्टि (High Motor Fitness) जैसे-शक्ति, गति, सहन-क्षमता, लचक व तालमेल संबंधी योग्यताओं का होना आवश्यक है।
  12. इस व्यवसाय के नेता में दूसरों के प्रति आदर-सम्मान का भाव होना चाहिए तभी वह स्वयं भी सम्मान का पात्र होगा।
  13. शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत नेता में सामाजिक गुण, जैसे-भाईचारा, सहानुभूमि, सहयोग, सहनशीलता, सहायता, धैर्य (Patience) तथा ईमानदारी आदि होनी चाहिए।
  14. नेता में समस्याओं का तर्कशाील ढंग से विचार-विर्मश करने तथा उचित समय पर सही निर्णय लेने के योग्य होना चाहिए।
  15. शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में एक नेता को अपने अनुयायियों (Followers) के प्रति वफादार होना चाहिए।
  16. एक नेता को विभिन्न स्थितियों में अपनी नैतिकता नहीं भूलनी चाहिए।
  17. एक नेता में दूसरे के समक्ष अपने विचार सही ढंग से रखने की योग्यता होनी चाहिए।
    मांसपेशीय व्यक्ति का मापनः क्रॉस-वॅबर परीक्षण, ऑफर गामक पुष्टि परीक्षण, हृदयवाहिका पुष्टि का मापन-हारवर्ड स्टेप टेस्ट/रॉक पोर्ट टेस्ट, लचक का मापनः सिट एंड रीच परीक्षण तथा रिकली तथा जोन्सः वरिष्ठ नागरिक पुष्टि परीक्षण।

प्रश्न 7. शारीरिक क्रियाओं के लिए व्यवहार परिवर्तन की अवस्थाओं का वर्णन करो।

उत्तर- व्यवहार में परिवर्तन हेतु विभिन्न लोग पाँच अवस्थाओं से होकर गुजरते हैं। कुछ लोग इन पाँच अवस्थाओं के बाद तथा इन अवस्थाओं के बीच में कभी भी पीछे की ओर जा सकते हैं।

व्यवहार परिवर्तन की पाँच अवस्थाओं का वर्णन इस प्रकार है-

  1. अवस्था I- इस अवस्था में एक व्यक्ति अपनी समस्या से या तो परिचित ही नहीं होता अर्थात् कोई भी समस्या होने से इंकार करता है।
    व्यक्ति अपनी समस्याओं के लिए परिस्थितियों को दोषी ठहराता है जैसे- मैं अपना वजन नहीं घटा सकता क्योंकि मेरी पत्नी बड़ा स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  2. अवस्था-II- इस अवस्था में व्यक्ति परिवर्तन करने की सोचने लगता है। व्यक्ति अपने व्यवहार में परिवर्तन के कुछ कारण देखने लगता है लेकिन कुछ करने के लिए हिचकिचाहट महसूस करता है। जैसे व्यक्ति स्वीकार लेता है कि उसे पतला होने की जरूरत है लेकिन पतला होने के लिए किये गये प्रयासों से हिचकिचाहट महसूस करता है।
  3. अवस्था-III- इस अवस्था में व्यक्ति अपना व्यवहार परिवर्तन करने का निर्णय कर लेता है और वह व्यवहार परिवर्तन के तरीकों के बारे में सोचने लगता है। इस अवस्था के दौरान व्यक्ति अपना उद्देश्य प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे परिवर्तन करने लगता है लेकिन इस अवस्था में व्यक्ति पूर्ण रूप से अवांछित व्यवहार को नहीं छोड़ पाता है अर्थात् भार घटाने के लिए समोसे या तली हुई चीजों से परहेज नहीं कर पाता है।
  4. अवस्थ IV- समस्या व्यवहार को हल करने के लिए इस अवस्था में व्यक्ति पर्याप्त कदम उठाता है। इसमें व्यक्ति व्यवहार परिवर्तन हेतु लालच छोड़ देता है। अर्थात् तली हुई चीजों का बिलकुल त्याग कर देता है।
  5. अवस्था V- इस अवस्था में व्यक्ति द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उठाए गए कदमों को बनाए रखता है। इस अवस्था तक व्यक्ति अपने व्यवहार में पूर्णतः परिवर्तन कर चुका होता है लेकिन बीच-बीच में उसे कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
    इस अवस्था को बनाए रखना सबसे कठिन होता है।
    पतन-व्यवहार में परिवर्तन के बाद कुछ लोग अपने पुनः पिछले अर्थात् पुराने व्यवहार को अपना लेते हैं। यह किसी भी अवस्था के बीच में घटित हो सकता है। हर कोई पतन को अनुभव नहीं करता। लेकिन अधिकतर लोग इसे अनुभव कर सकते हैं उदाहरण के लिए 5kg भार घटाने पर दोबारा एक व्यक्ति का अपने आहार पर नियंत्रण न रख पाना और दोबारा से शरीर का भार बढ़ जाना।