आँकड़ों का संगठन - प्रश्नोत्तर 1
CBSE कक्षा 11 अर्थशास्त्र
पाठ - 3 आँकड़ों का संगठन
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
पाठ - 3 आँकड़ों का संगठन
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बार-बार दोहराये जाने वाले प्रश्न(5 अंक वाले प्रश्न)
1. आँकड़ों के वर्गीकरण के विभिन्न तरीकों/विधियों की व्याख्या करें?
उत्तर- अपरिष्कृत आँकड़ों को विभिन्न तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है जो अध्ययन के उद्देश्य पर निर्भर करता है। वर्गीकरण के प्रकार निम्न प्रकार से है।
- कालानुक्रमिक वर्गीकरण:- इस प्रकार के वर्गीकरण में आँकड़ों को समय के संदर्भ - जैसे वर्ष, तिमाही, मासिक या साप्ताहिक आदि के रुप में आरोही या अवरोही क्रम में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- स्थानिक वर्गीकरण:- इस वर्गीकरण के अन्तर्गत आँकड़ों का भौगोलिक स्थितियों जैसे कि देश, राज्य, शहर, जिला, कस्बा आदि के अनुसार वर्गीकरण किया जाता है।
- गुणात्मक वर्गीकरण:- ऐसी विशेषताएँ जैसे राष्ट्रीयता, साक्षरता, धर्म, लिंग, वैवाहिक स्थिति आदि को गुण कहते हैं। इन्हें मापा नहीं जा सकता है। इन गुणों का गुणात्मक विशेषता की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर वर्गीकृत कर सकते हैं। विशेषताओं पर आधारित आँकड़ों के ऐसे वर्गीकरण को गुणात्मक वर्गीकरण कहा जाता है।
- मात्रात्मक वर्गीकरण:- ऊँचाई, भार, आयु छात्रों के अंक आदि विशेषताओं की प्रकृति मात्रात्मक है। जब ऐसी विशिष्टताओं के संगृहित आँकड़ों को वर्गों में समूहित किया जाता है जो यह वर्गीकरण मात्रात्मक वर्गीकरण कहलाता है।
2. वर्गीकरण की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिये?
उत्तर- वर्गीकरण की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार से है-
- सजातीयता- प्रत्येक वर्ग की इकाईयों में सजातीयता होनी चाहिये। किसी वर्ग विशेष की सभी इकाईयाँ उस गुण के आधार पर होनी चाहिये, जिसके आधार पर वर्गीकरण किया गया है।
- स्पष्टता- वर्गीकरण इस प्रकार किया जाना चाहिये कि उनमें स्पष्टता सरलता के गुण विद्यमान हों। किसी प्रकार का संशय नहीं होना चाहिये। कोई पद केवल एक ही वर्ग में शामिल होना चाहिये, तभी ठीक वर्गीकरण प्राप्त किया जा सकता है।
- लोचशीलता- एक आदर्श वर्गीकरण में लोचशीलता का गुण होना अति आवश्यक है। लोचशीलता से अभिप्राय है कि आवश्यकतानुसार एवं परिस्थितियों के साथ-साथ वर्गों में संशोधन किया जा सके।
- व्यापकता- वर्गीकरण में व्यापकता का गुण होना आवश्यक है। व्यापकता का अभिप्राय है कि प्रत्येक इकाई किसी न किसी वर्ग में अवश्य सम्मिलित हो जाये। अतः वर्गीकरण करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिये कि वर्ग उचित एवं व्यापक हो।
- अध्ययन के उद्देश्य के अनुकूल- वर्गीकरण करने के लिये आधार या सिद्धान्त का चयन सांख्यिकीय अध्ययन के अनुरुप होना चाहिये। यदि आधार का चुनाव अध्ययन के अनुरुप नहीं होगा तो किया गया समस्त कार्य निरर्थक हो जायेगा।
3. आरोही क्रम में व्यवस्थित करते हुये निम्न आँकड़ों की सहायता से विविक्त (खण्डित) आवृति श्रेणी की रचना कीजिए।
6 | 6 | 5 | 7 | 9 | 8 | 7 | 4 | 8 | 4 |
6 | 5 | 7 | 5 | 9 | 7 | 8 | 5 | 6 | 5 |
उत्तर-
अंक | मिलान चिह्न | बारंबारता |
---|---|---|
4 | II | 2 |
5 | 5 | |
6 | IIII | 4 |
7 | IIII | 3 |
8 | III | 3 |
9 | II | 2 |
योग | 20 |