शब्दकोश परिचय - पुनरावृति नोट्स 1

 CBSE कक्षा 11 हिंदी (ऐच्छिक)

अभिव्यक्ति और माध्यम
स्ववृत्त लेखन
पुनरावृत्ति नोट्स


स्मरणीय बिन्दु-

  1. ‘स्ववृत्त’ से अभिप्राय अपने विवरण से है। यह एक बना-बनाया प्रारूप होता है, जिसे विज्ञापन के प्रत्युतर में आवेदन पत्र के साथ भेजा जाता है।
  2. नौकरी के संदर्भ में स्ववृत्त की तुलना एक उम्मीदवार के दूत या प्रतिनिधि से की जाती है। अभिप्राय यह है कि स्ववृत्त का स्वरूप उसे प्रभावशाली बनाता है।
  3. एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धारणा उत्पन्न करता है।
  4. नौकरी में सफलता के लिए योग्यता और व्यक्ति के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है।
  5. स्ववृत्त में किसी विशेष प्रयोजन को ध्यान में रखकर सिलसिलेवार ढंग से सूचनाएँ संकलित की जाती है।
  6. स्ववृत्त में दो पक्ष होते हैं पहला पक्ष वह व्यक्ति है जिसका केन्द्र में रखकर सूचनाएँ संकलित की जाती है दूसरा पक्ष नियोजन का है।
  7. स्ववृत्त में ईमानदारी होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के झूठे दावे या अतिशयोक्ति से बचना चाहिए।
  8. अपने व्यक्तित्व, ज्ञान और अनुभव के सबल पहलुओं पर जोर देना चाहिए।
  9. स्ववृत्त का आकार अति संक्षिप्त अथवा जरूरत से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए।
  10. स्ववृत्त साफ-सुथरे ढंग से टंकित या कम्प्यूटर-मुद्रित अथवा सुंदर-लेखन में होना चाहिए। स्ववृत्त में सूचनाओं को अनुशासित क्रम में लिखना चाहिए तथा व्यक्ति-परिचय, शैक्षिक योग्यता, अनुभव, प्रशिक्षण, उपलब्धियाँ, कार्येत्तर गतिविधियाँ इत्यादि।
  11. परिचय में नाम, जन्मतिथि, उम्र, पत्र-व्यवहार का पता, टेलीफोन नबर ई-मेल इत्यादि लिखे जाते हैं।
  12. शैक्षिक योग्यता में विद्यालय का नाम, बोर्ड या विश्वविद्यालय का नाम, परीक्षा का वर्ष, प्राप्तांक, प्रतिशत तथा श्रेणी का उल्लेख करना आवश्यक है।
  13. कार्येत्तर गतिविधियों का उल्लेख अन्य उम्मीदवारों से अलग पहचान दिलाने में समर्थ होता है।
  14. स्ववृत्त में विज्ञापन में वर्णित योग्याताओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए थोड़ा-बहुत परिवर्तन किया जा सकता है।