खेल व पोषण - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 1

CBSE Class -12 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 2 खेल व पोषण
Important Questions

दीर्घं उत्तरीय प्रशन ( 5 अक)
प्रश्न-1 संतुलित आहार क्या है? आहार के बृहत (मेक्रो) पोषक तत्वों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- वातावरणीय परिस्थिति की आवश्यकता के अनुसार सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में होते है। भारतीय कुषि अनुसंधान परिषद के अनुसार संतुलित आहार वह आहार है जो शरीर की वृद्धि विकास कार्य तथा स्वास्थ्य संरक्षण को आवश्यक तत्वों को सम्मलित करता है जो कि मात्रा व गुणों में संतुलित रूप से पाये जाते है। साधारण शब्दों में कहें तो “संतुलित आहार ऐसा भोजन है। जिसमें व्यक्ति के शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व उचित मात्रा में पाये जाते है।”
  • आहार के वृहत (मेक्रो) पोषक तत्त्व:- वृहत (मेक्रो) से तात्पर्य ज्यादा अधिक या बड़े आकार से होता है। इसी से स्पष्ट है कि वे पोषक तत्व जो कि हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में चाहिए होते है। वृहत पोषक तत्व कहलाते है। जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन व पानी
  1. कार्बोहाइड्रेट:- हमारे भोजन का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग कार्बोहाइड्रेट है। सभी शारीरिक क्रियाओं के लिए ऊर्जा इसी से प्राप्त होती है। अतिरिक्त मात्रा में ग्रहण किया गया कार्बोहाइड्रेट शरीर के द्वारा वसा व ग्लाइकोजन के रूप में परिवर्तित करके संग्रहित कर लिया जाता है जो कि समय पड़ने पर शरीर के द्वारा उपयोग कर लिया जाता है।
    स्त्रोत : सभी प्रकार के अनाज, दालें, आलू, गाजर, कला, गन्ना, शहद व मीठे फल।
  2. वसा:- हमारे भोजन में उपस्थित सभी पोषक पदार्थों में सबसे ज्यादा ऊर्जा प्रदान करने वाला पोषक पदार्थ है। एक ग्राम वसा से 9.1 केलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। यह विटामिन A, D, E, व K उपयोग में मदद करता है व साथ ही साथ शरीर को सुडौल व सुन्दर बनाता है। इसकी अधिकता से मोटापा व दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
    स्त्रोत:- दूध व दुग्ध उत्पाद, घी, वनस्पति तेल, सूखे मूवे आदि।
  3. प्रोटीन:- प्रोटीन हमारे शरीर निर्माण में सहायक होती है। इसलिए यह बढ़ती उम्र के बच्चों व खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। यह कोशिकाओं व उत्तकों की मरम्मत कार्य में प्रयुक्त होती है। इसलिए वयस्कों के लिए भी समान रूप से उपयोगी है।
    स्त्रोत:-दूध व दुग्ध उत्पाद, सोयाबीन, सभी प्रकार की दाले, चना अनाज, मूंगफली, तिल, बादाम, सभी रेशेदार फल व सब्जियां जैसे पपीता, आम, कटहल, फ्रासबीन, ग्वार, लोबिये की फली आदि।
प्रश्न-2 भोजन के सूक्ष्म पोषक तत्वों का वर्णन करते हुए इनकी उपयोगिता व स्त्रोत के बारे में भी बताइये।
उत्तर- हमारे आहार के वो पोषक पदार्थ जिनकी आवश्यक्ता अत्यन्त अल्प मात्रा में होती है। भोजन के सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते है।
सूक्ष्म पोषक तत्व
  1. विटामिन्स:- विटामिन्स शरीर के लिए आवश्यक एवं आधारभूत पोषक तत्व है। जो कि शरीर की क्षमता सहनशीलता व स्फूर्ति बढ़ाकर इसे फिट रखने में मदद करते है। यह दो प्रकार के होते है। जल में घुलनशील विटामिन्स (B व C) वसा में घुलनशील विटामिन्स (A, D, E, व K) इनका सक्षिप्त कार्य, उपयोगिता व स्त्रोत निम्नलिखित है।
    विटामिन B :- इसके अंर्तगत समूह B के विटामिन्स आते हैं। जिन्हे सामूहिक रूप से विटामिन B कोम्प्लेक्स कहते है। ये हमारी पाचन क्रिया व सामान्य स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इसकी कमी से बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है।
    विटामिन C :- यह गर्मी ऑक्सीजन के सम्पक में आते ही निष्क्रिय हो जाता है। खेलो के दृष्टिकोण से यह विटामिन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। सहनशीलता (Endurance) बढ़ाने में यह विटामिन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दाँत, अस्थि, रक्त वाहिनीयों को मजबूत करता है।
    स्त्रोत:-खट्टे फल, आवलाँ, टमाटर, नींबू, अंकुरित अनाज, हरी सब्जियां व हरी मिर्च आदि।
    विटामिन A :- यह विटामिन सामान्य शारीरिक विकास, आँखों व त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए अत्यन्त आवश्यक है। इसकी कमी से रतौंधी (Night Blindness) व त्वचा खुश्क व सुखी हो जाती है।
    स्त्रोत:- पीले व नारंगी फल जैसे पपीता, खरबूजा, संतरा, गाजर, हरे पत्ते वाली सब्जिया-पालक, बन्द गोभी, मटर दुग्ध व दुग्ध उत्पाद।
    विटामिन D:- इस विटामिन को शरीर खुद भी पैदा कर सकता है। यह शरीर में कैल्शियम व फास्फोरस के अवशोषण में सहायक है। इसकी कमी से रिकेट्स (सूखा रोग) हो जाता है।
    स्त्रोत:- दुग्ध उत्पाद, सूर्य के प्रकाश में तेल मालिश व ही सब्जियाँ, मछली का तेल आदि।
    विटामिन E:- यह विटामिन, हृदयाघात, पक्षाघात व कैंसर जैसे रोगों से शरीर की रक्षा करता है। विटामिन A का उपयोग करने मे सहायक, शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। स्त्री व पुरूषों की प्रजनन शक्ति को सुदृढ़ करता है।
    स्त्रोत:- अंकुरित अनाज क्षार व दाले, हरी सब्जियाँ, तेल व घी
    विटामिन K:- यह विटामिन क्षार व धूप में निष्क्रिय हो जाता है। पाचन क्रिया के लिए अत्यन्त आवश्यक आतों के भीतरी बैक्टिरिया का निर्माण, खून के थक्का जमाने में सहायक।
    स्त्रोत:- हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अंकुरित अनाज, आलू सोयाबीन, दुग्ध उत्पाद।
  2. खनिज लवण:- खनिज दूसरा सूक्ष्म पोषक तत्व है। इनमें कार्बन नहीं होता है। हमारे शरीर का ¼ भाग खनिज लवणों का बना होता है। हमारे शरीर में कुल 24 खनिज लवण पाये जाते है। जिनमें प्रमुख निम्नलिखित है।
    1. कैल्शियम:- फास्फोरस के साथ मिलकर दांतों व हड्डियों का निर्माण, रक्त जमाने में सहायक
      स्त्रोत:- दही, दूध, हरी सब्जियाँ, अंडा व माँस
    2. फास्फोरस:- दाँतों व हड्डियों के निर्माण में सहायक
      स्त्रोत:- दूध, दही, सब्जियाँ, मौसमी फल आदि।
    3. पोटाशियम:- शरीर कोशिकाओं में द्रवों की ठीक दर को बनाए रखना तथा तन्त्रिका तन्त्र को नियमित करना
      स्त्रोत:- अनाज, फल व सब्जियाँ
    4. सोडियम:- स्नायु तन्त्र को ठीक ढंग से कार्य करने में मदद करता है।
      स्त्रोतः- दूध, सब्जिया, सामान्य नमक फल आदि
    5. मैग्निशयम:- ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में परिवर्तित करने में सहायक
      स्त्रोत:- अनाज, फल, सब्जियाँ
    6. आयरन:- हीमोग्लोबिन तथा मायोग्लोगिन के निर्माण में सहायता करता है। इसकी कमी से अनीमियां हो जाता है।
      स्त्रोत:- हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मेथी, बथुआ) अनाज, मौसम के फल, दूध आदि।
    7. आयोडीन:- थायरॉयड ग्रन्थि की उचित क्रिया में सहायक सामान्य चयापचय दर बनाए रखता है।
      स्त्रोत:- समुद्रीय खाद्य पदार्थ
    8. सल्फर:- प्रोटीन और विटामिन निर्माण में सहायक
      स्त्रोतः- दाल, टमाटर, प्याज आदि।
    9. कॉपर:- आहार में अमीनो अम्ल, वसा व ग्लूकोज तत्वों के विघटन में महत्त्वपूर्ण
      स्त्रोत:- दाल, हरी सब्जियाँ व ताजे फल
  3. जल दैनिक आवश्यकता कम से कम 2000 प्रतिदिन
प्रश्न-3 प्रतियोगिता से पहले प्रतियोगिता के दौरान व प्रतियोगिता के पश्चात् खिलाड़ी के भोजन में क्या खाद्य-पदार्थ शामिल किये जाने चाहिए? संक्षिप्त में वर्णन कीजिए।
उत्तर-
 खेलकूद में प्रदर्शन को बढ़ाने में उचित पोषक पदार्थों को ग्रहण करना महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि ऐसा कोई भोजन नहीं है कि जिसे प्रतियोगिता से पहले ग्रहण करके खिलाड़ी का प्रदर्शन उच्चतम स्तर का हो जाए। इसलिए उचित आहार का सेवन ही लाभकारी होता है। प्रतियोगिता के दौरान व प्रतियोगिता से पूर्व ग्रहण किया गया आहार खिलाड़ी के प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
  • प्रतियोगिता से पूर्व आहार:- प्रतियोगिता से पूर्व आहार से सबंधित निम्न बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
    1. चूंकि वसा व मांसाहारी भोजन को पचाने में अधिक समय लगता है। तथा शरीर में भारीपन भी रहता है। इसलिए खिलाड़ी को अपनी प्रतियोगिता के 3 या 4 घंटे पूर्व ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए।
    2. खिलाड़ी को अपनी प्रतियोगिता से 2 घंटे पहले कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार शहद, जैम, आलू ताजे फल व अनाज के रूप में लेना चाहिए क्योंकि ये शीघ्रता से पचकर शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है।
    3. गैस निर्मित करने वाले आहार जैसे फूल गोभी आदि का सेवन खिलाड़ी के लिए हानिकारक होता है।
    4. प्रतियोगिता के दिन ज्यादा लाल मिर्च व मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए।
    5. पानी की मात्रा पर्याप्त पर होनी चाहिए।
  • प्रतियोगिता के दौरान आहार
    1. प्रतियोगिता से कुछ समय (15-45 मिनट) पहले ग्लूकोज पेय का सेवन करना चाहिए जिसमें ग्लूकोज 25 ग्राम एक लीटर पानी में होना चाहिए।
    2. प्रतियोगिता के दौरान सोडियम, कैल्शियम के संतुलन को बनाए रखने के लिए क्षतिपूर्ति पेय (रिकवरी ड्रिंक) लगभग 2 ग्लास लेमन का सेवन (गर्म देश में) खिलाड़ी को करना चाहिए।
    3. प्रतियोगिता से आधा घंटा पहले 50ml से 100ml ताजे फलों का रस, चाय या कॉफी पीना लाभदायक होता है।
    4. सहनशील प्रदर्शन (लंबी दौड़ आदि) के दौरान के बार में 200ml से ज्यादा पानी या रिकवरी ड्रिंक नहीं पीना चाहिए।
  • प्रतियोगिता के बाद का आहार
    1. प्रतियोगिता के लगभग एक घंटा बाद खिलाड़ी आहार के सभी भोज्य पदार्थों को सामान्य मात्रा में ग्रहण कर सकता है।
    2. प्रतियोगिता के बाद लंबी दूरी के धावकों को द्रव के रूप में ग्लूकोज पेय, फलो का रस आदि पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
    3. प्रतियोगिता के तुरंत बाद भारी आहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
    4. अगली प्रतियोगिता से 30 दिन पूर्व खिलाड़ी को ग्लाइकोजन की मात्रा को एकत्र करना शुरू कर देना चाहिए।
प्रश्न-4 बाजार में विभिन्न प्रकार के प्रोष्क तत्वों के लिये विभिन्न प्रकार के पूरक आहार उपल्बध है बाजार में उपलबध पूरक आहार क विभिन्न तत्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
  1. खनिज:-
    • फॉसफोरस, सोडियम, पोटाशियम
    • गैर आवश्यक खनिजः फ्लोराइड, जरमिनियम, लिथियम निकल, सिलिकान, सल्फर
    • खनिज से सम्बन्धित पूरक आहार आवश्यक खनिज की पूर्ति करते है।
  2. विटामिन:-
    • पानी में घुलनशील:- विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B12, तथा विटामिन C
    • वसा में घुलनशील विटामिन:- विटामिन ‘A’, विटामिन ‘D’ विटमिन ‘E’ विटामिन K
    • विटामिन से सम्बन्धित पूरक आहार न केवल पानी में घुलनशील विटामिन की पूर्ति करते है अपितु वसा में घुलनशील विटामिन को भी पूर्ति करते है।
  3. रेशे:-
    • घुलनशील रेशे:- जौ, जई
    • अघुलनशीन रेशे:- साबुत अनाज, खाने के लिये तैयार अनाज, गेहूँ की चौकर, फलियां मेवे, बीज, फल, गैर स्टार्य युक्त सब्जियाँ।
    • रेशो से सम्बन्धित पूरक आहार में रेशे की मात्रा की पूर्ति करते है इस प्रकार के पूरक आहारो में घुलनशील तथा अघुलनशील दोनों प्रकार के रेशों का इस्तेमाल होता है।
  4. प्रोटीन:- विभिन्न प्रकार के अमीनों अम्ल का इस्तेमान विभिन्न प्रकार को प्रोटीन को बनाने में किया जाता है।
    अवाश्यक अमीनो अम्ल:- 9 प्रकार के होते जिनका हमारा शरीर स्वंय तैयार नही कर जाता है जिन्हें हमें आहार के द्वारा लेना होता है प्रोटीन से सम्बन्धित पूरक आहार सभी 9 प्रकार के अमीनो अम्ल की पूर्ति करते है जो हमें सामान्य आहार के द्वारा नही मिल पाते है।
  5. फैटी एसिड:- ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारे परिसंचरण संस्थान के लिये अच्छा होता है यह बुरे कालस्ट्रोल का खत्म करने में सहायता करता है फैटी एसिड सम्बब्धी पूरक आहारो में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो हमारे स्वास्थय के लिये अच्छा है।