व्यावहारिक लेखन - प्रतिवेदन - पुनरावृति नोट्स 1

 CBSE कक्षा 11 हिंदी (ऐच्छिक)

अभिव्यक्ति और माध्यम
कोश-एक परिचय तथा संदर्भ ग्रंथ
पुनरावृत्ति नोट्स


शब्दकोश-

  1. शब्दों का खजाना है इसमें एक भाषा भाषी समुदाय में प्रयुक्त होने वाले शब्दों को संचित किया जाता है।
  2. शब्दकोश में शब्दों की व्युत्पत्ति, स्रोत, लिंग, शब्दरूप एवं विभिन्न संदर्भपरक अथाँ के बारें में जानकारी दी जाती है।
  3. हिंदी शब्दकोश में हिन्दी वर्णमाला का अनुसरण किया जाता है। परंतु अ से प्रारम्भ होने वाले शब्द सबसे पहले दिए जाते हैं।
  4. यद्यपि हिन्दी वर्णमाला में कुछ संयुक्त व्यंजन सबसे अंत में आते हैं परंतु शब्दकोश में उन्हें उस क्रम में रखा जाता है जिन व्यंजनों से मिलकर वे बने हैं जैसे - क् + ष = क्ष, ज् + ञ = ज्ञ, त् + र = त्र, श् + र = श्र।
  5. स्वर रहित व्यंजनों से प्रारम्भ होने वाले शब्द उस व्यंजन में इस्तेमाल होने वाले सभी स्वरों के बाद में रखे जाते हैं। जैसे क्या शब्द ‘कौस्तुभ’ के बाद ही आएगा।

संदर्भ-ग्रंथ-

  1. जिस प्रकार शब्दकोश में शब्दों के अर्थ दिए जाते हैं उसी प्रकार संदर्भ ग्रन्थों में मानव द्वारा संचित ज्ञान को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
  2. संदर्भ-ग्रंथ कई प्रकार के होते हैं। संदर्भ -ग्रंथ का सबसे विशद रूप ‘विश्व ज्ञान कोश’ है इसमें मानव द्वारा संचित हर प्रकार की जानकारी और सूचना का संक्षिप्त संकलन होता है।
  3. संदर्भ-ग्रंथों के अन्य महत्वपूर्ण प्रकार है- ‘साहित्य कोश’ और ‘चरित्र कोश’ साहित्यकोश में साहित्यिक विषयों से सम्बन्धित जानकारियों संकलित होती है ‘चरित्र-कोश’ में साहित्य संस्कृति, विज्ञान आदि क्षेत्रों के महान व्यक्तियों के व्यक्तित्व के बारें में जानकारी संकलित होती है।
  4. संदर्भ-ग्रंथ गागर में सागर के समान होते हैं। जब भी किसी विषय पर तुरंत जानकारी की आवश्यकता होती है, संदर्भ-ग्रन्थ हमारे काम आते हैं।
  5. संदर्भ-ग्रन्थों में जानकारियों का सिलसिलेवार संकलन ‘शब्दकोश’ के नियमों के अनुसार ही होता है।