शारीरिक पुष्टि सुयोग्यता और जीवन शैली - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 1

 CBSE कक्षा 11 शारीरिक शिक्षा

पाठ - 3 शारीरिक पुष्टि, सुयोग्यता और जीवनशैली
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (5 अंक, 150 शब्द)

प्रश्न 1. जीवन शैली में बदलाव के द्वारा स्वास्थ्य के खतरो, जोखिमों केा कैसे रोका जा सकता हैं। विवेचन कीजिए।

उत्तर- स्वस्थ जीवन के निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए-

  1. मोटापा उच्च रक्तदाब:- हृदय संबंधी व्याधियों, मधुमहे कुछ प्रकार के कैंसरों, कब्ज अवसाद तथा स्वास्थ्य के अन्य खतरों को रोकने में मदद मिलती है।
  2. भोजन करने की स्वास्वथ्यप्रद आदतेंः- इन आदतों से व्यक्ति को उच्च रक्त दाब, हृदय सम्बन्धी व्याधियों, मधुमेह अस्थि सूचीरता (ओस्टोपोरिसिस) गुर्दे की पथरी, दाँतों की बीमारियों तथा कुछ कैंसर के प्रकारों से बचाव तथा नियंत्रण करने में सहायता कर सकती है।
  3. दूरदर्शन (टी.वी) देखने की सीमित अवधि:- अनेक अनुसंधानों से पता चला है कि बच्चों तथा बड़ों का नियंत्रित रूप से टी.वी. देखते रहना। उनकी बढ़ती हुई मोटापा दर से सम्बन्धित है। इससे शारीरिक क्रियाशीलता में गिरावट आती है।
  4. धूम्रपान को त्यागनाः- एक स्वास्थ जीवन शैली के लिए धुम्रपान का कोई स्थान नहीं है उसे शीघ्र छोड़ देना चाहिए। किसी भी रूप में धुम्रपान या तम्बाकू सेवन करने से उच्च रक्त नाप बढ़ता जो अनेक हृदय सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकता है।
  5. पर्याप्त निद्राः- पर्याप्त मात्रा में सोना भी स्वास्थ्य जीवन शैली या मुख्य अंग है, विशेषता इससे चित्रवृत्ति मिजाज (Mood) और मनोदशा पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
  6. चोट से बचावः- स्वस्थ्य स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने से घातक दुर्घटनाओं के कारण होने वाली चोटो से बचाव किया जा सकता है।
  7. मदिरा की सीमित मात्राः- मदिरा की मात्रा को सीमित करना स्वस्थ जीवन शैली का एक मुख्य भाग है।

प्रश्न 2. शारीरिक पुष्टि के अंगों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- शारीरिक पुष्टि के अंग निम्नलिखित हैः-

  1. शक्तिः- किसी भी कार्य को करने के लिए कार्य करने की शारीरिक क्षमता शक्ति कहलाती है। मेडिसन बॉल के साथ व्यायाम करना आईसोमीट्रिक व्यायाम खींचना आदि शक्ति के उदाहरण है।
  2. गतिः- यह व्यक्ति की वह योग्यता है जिसके द्वारा एक ही तरह की क्रिया बहुत तेज गति से करता है या शरीर के अगों को अधिकतम घुमाने की क्षमता। गति प्रदर्शन विभिन्न खेलों में भिन्न-भिन्न खेल रूपों में प्रकट होता है, उदाहरण तेजी से लय के साथ अभ्यास, अति धैर्य पुनरावृत्ति व त्त्वरण दौड़ो का अभ्यास आदि।
  3. सहनक्षमताः- यह कार्य को जारी रखने की योग्यता या थकावट को रोकने या विरोध की योग्यता कहलाती है। इसे आंतरिक बल भी कहते है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहनक्षमता का प्रयोग अधिकतम खेलों में होता है। यह मध्यम व लम्बी दूरी की दौड़ों का अंग है।
  4. लचकः- यह शरीर के जोड़ो में गति की क्षमता है या लचीलापन एक संयुक्त संरचना चारों ओर गति की सीमा, मांसपेशियों की लम्बाई, संयुक्त संरचना और अन्य कारकों से प्रभावित होती हैं इसे फलेक्सोमीटर द्वारा मापा जाता है।
  5. तालमेल संबंधी योग्यताएँः- यह ऐसी योग्यता है उसे इस योग्य बनाती है कि वह विभिन्न गति क्रियाएँ सुचारू तथा प्रभावशाली ढ़ग से कर सके। यह दिशा बदलने की क्षमता व कम समय में गति बिना अंसतुलित हुए करने की योग्यता है।

प्रश्न 3. सकारात्मक जीवन शैली के घटक लिखिए।

उत्तर- सकारात्मक जीवन शैली के घटक निम्नलिखित है-

  1. स्वास्थ्यवर्धक आहार:- स्वास्थ्य वर्धक आहार या अच्छा पोषण सकारात्मक जीवन शैली का मुख्य घटक है। ताजे फल और सब्जियाँ साबुत अनाज, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद स्वास्थ्य वर्धक आहार के मौलिक तत्त्व है।
  2. शारीरिक क्रियाशीलता गतिविधि:- यह सकारात्मक जीवन शैली का महत्त्वपूर्ण घटक है। शरीर के वजन को सामान्य बनाए रखने, उसकी शक्ति व लचक को बढ़ाने तथा बनाए रखने के लिए शारीरिक क्रियाशीलता आवश्यक है।
  3. तनाव प्रबन्धन:- तनाव प्रबन्धन भी सकारात्मक जीवन शैली का एक घटक है। भावनात्मक से उदरीय वजन तथा हृदय संबंधी बीमारीयों में वृद्धि होती है तनाव को केवल ध्यान व शिथिलन की तकनीकों के द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है।
  4. सामाजीकरण:- प्रत्येक व्यक्ति को सहभागियों तथा पड़ोसियों से अच्छे सामाजिक सम्बन्ध विकसित करने चाहिए। हमें अपने साथियों से समय-समय पर मिलते रहना चाहिए। इससे उनके बीच सामाजिक सम्बन्ध स्थापित होते है।
  5. व्यक्तिगत स्वच्छता:- व्यक्तिगत स्वच्छता, जैसे-आँख कान नाक, गला, बाल, दाँत, जीभ, पैर आदि की सफाई व उचित देखभाल स्वच्छ आवश्यक है।
  6. पर्याप्त निद्रा:- यह भी स्वस्थ जीवन शैली का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है इसकी कभी से थकान हो सकती है। इसकी कमी से हृदय सम्बन्धी बिमारियों हो सकती है मस्तिष्क की चार्ज करने के लिए निद्रा का होना आवश्यक है।

प्रश्न 4. सुयोग्यता के अंगों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- सुयोग्यता एक ऐसी क्षमता है जो एक व्यक्ति को स्वस्थ और संतुलित आजिविका का आदर्श रूप प्रदान करती है। इस क्षमता के द्वारा एक व्यक्ति का केवल शारीरिक विकास ही नहीं वरन् मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास भी होता है शारीरिक सुयोग्यता के बहुत सारे अंग हैं जिसके द्वारा अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त किया जा सकता है।
उनमें से कुछ निम्नलिखित हैः-

  1. शारीरिक क्रियाएँ या गतिविधियाँ:- यह व्यक्ति को स्वस्थ एवं सक्रिय बनाती हैं। यह शरीर की विभिन्न प्रणालियों और स्वास्थ्य में सुधार लाती हैं। यह हमारे विकास और वृद्धि का आधार हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार शारीरिक क्रियाएं करनी चाहिए।
  2. संतुलित भावनात्मक जीवनः- एक व्यक्ति के लिए अपनी आंतरिक भावनाओं और मनोवेग को व्यक्त करने के लिए सुयोग्यता कार्यक्रम महत्त्वपूर्ण है, यह हताशा को कम करता है और खुशी में बढ़ोतरी करता है।
  3. बौद्धिक कल्याण या सुयोग्यता:- सुयोग्यता सकारात्मक, बौद्धिक रवइए का आधार है यह हमारे व्यवहार, बुद्धि, सतर्कता, भविष्य व अंदर की सोच को बेहतर बनाता है।
  4. आध्यात्मिक कल्याण या सुयोग्यता:- सुयोग्यता व्यक्ति को नैतिकता की दृष्टि से अच्छा एवं नैतिक रूप से शांत बनाती हैं। इसके अलावा यह जीवन के मुल्यों को दिशा प्रदान करती है।
  5. व्यावसायिक कल्याण:- यह व्यक्ति को एक कठिन कार्यकर्ता और ईमानदारी से रोजी-रोटी कमाने के लिए प्रेरित करती है। यह काम और आराम के बीच संतुलन को प्राप्त करने में मदद करती है इसके साथ संतुष्टि देती है।
  6. तनाव प्रबन्धन में मदद: -यह मानसिक तनाव में कमी लाने में मदद करती है। सुयोग्यता से हमारा शारीरिक स्वास्थ्य तो अच्छा होता ही है, साथ ही साथ हार्मोन्स भी संतुलित रहते हैं। यह हार्मोन्स मानसिक तनाव को कम करने में सहायता करते है।

प्रश्न 5. स्वास्थ्य सम्बन्धी पुष्टि के विभिन्न घटकों को सूचीबद्ध कीजिए प्रत्येक घटक का सविस्तार वर्णन कीजिए?

उत्तर- स्वास्थ्य सम्बन्धी पुष्टि के निम्नलिखित घटक होते है-

  1. शरीर की संरचना अथवा संयोजनः- इसका अर्थ शरीर के भार में वसा मुक्ति मात्रा से है। यह एक जाना पहचाना तथ्य है कि शरीर के कुल भार में शरीर की वसा का उच्च प्रतिशत हानिकारक होता है तथा यह स्थूलता की ओर अग्रसर करता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से युवा पुरूषों व स्त्रियों के लिए शरीर की वसा का सामान्य प्रतिशत क्रमशः 15 व 25 से अधिक नहीं होनी चाहिए। व्यक्तियों द्वारा शरीर की संरचना अथवा संयोजन को मापने के लिए विभिन्न विधियों जैसे- पानी के अन्दर भार मापना स्क्निफोल्ड मापन और एन्थ्रोपोमैट्रिक मापन आदि प्रयोग में लाई जाती है इसका अर्थ यह है कि स्वास्थ्य संबंधी पुष्टि के लिए एक व्यक्ति को आदर्श शरीर भार व वसा प्रतिशत रखना चाहिए।
  2. हृदय-श्वसन सहनक्षमताः- यह हृदय-श्वसन संस्थान की अधिकतमकार्य सम्बन्धी क्षमता है जो मांसपेशीय समूह को अधिक समय तक शारीरिक क्रिया या कार्य जारी रखती है।
  3. लचक:- स्वास्थ्य सम्बन्धी पुष्टि का लचक एक महत्त्वपूर्ण घटक है। यह जोड़ो की गति की क्षमता है। दैनिक जीवन में लचक सभी के लिए आवश्यक है इसको सक्रिय लचक व असक्रिय लचक में वर्गीकृत किया जाता है। सक्रिय लचक को पुनः स्थिर लचक व गतिशील लचक में वर्गीकृत किया जा सकता है।
  4. मांसपेशीय सहनक्षमता:- मांसपेशीय सहनक्षमता एक मांसपेशी या मांसपेशीय समूह द्वारा अधिकतम समय तक संकुचन जारी रखने या फिर किसी शक्ति के विरूद्ध बार-बार मांसपेशीय संकुचन करने की योग्यता होती हैं।
  5. मांसपेशीय शक्ति:- मांसपेशीय शक्ति, शक्ति की अधिकतम मात्रा होती है। जिसको एक मांसपेशीय या मांसपेशीय समूह के द्वारा एक संकुचन के दौरान किसी प्रतिरोध के विरूद्ध लगायी जाती है।