खेलों में परीक्षण तथा मापन - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 1

CBSE Class -12 शारीरिक शिक्षा
पाठ - 7 खेलों में परीक्षण तथा मापन
Important Questions

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न ( 5 अंक)
प्रश्न 1. क्रॉस वेबर टेस्ट (Kraus and weber Test) के घटको को संचालित करने की विधि बताइए?
उत्तर- क्रॉस वेबर परीक्षण का उद्देश्य बडी माँसपेशीयों की न्यूनतम शक्ति व लचक को मापा जाता है। इस परीक्षण के छः भाग
क्रॉस-वेबर परीक्षणों का निर्देशन (Administration of Kraus & weber Test)- इन परीक्षणों के निर्देशन का वर्णन निम्नलिखित है-
  1. परीक्षण संख्या-1 (Test no-1)- इस परीक्षण में (व्यक्ति) पीठ के बल जमीन पर लेट जाता हैं। उसके दोनो हाथ गर्दन के पीछे होते हैं। परीक्षक (Examiner) उसके पैरों को दबा कर रखता है ताकि वे जमीन पर ही रहें, फिर व्यक्ति को (ऊपर उठने का) सिट अप्स लगाने की कहा जाता है यदि वह जमीन से अपने कंधे नहीं उठा पाता तो उसे शून्य (Zero) अंक देंगे। इसका अर्थ है कि वह इस परीक्षण में फल हो गया है। वह जितनी बार उपर उठता है (सिट अप) उसे उसी आधार पर 0-10 अंक दिए जाते हैं।
    उद्देश्य: पेट के निचले हिस्से और पसोस मांसपेशियों के बल को मापना
  2. परीक्षण संख्या-2 (Test No-2)- इसमें भी व्यक्ति पीठ के बल जमीन पर लेटेगा। उसके दोनों हाथ गर्दन की पीछे होंगे और कोहनिया जमीन पर होंगी । नीचे लेटने की स्थिति पहले जैसी रहती है अर्थात् चितावस्था में सिवाय इसके कि वह अपने घुटने मोड़कर टखने (Ankles) नितबों के साथ लगाएगा, फिर उसे सिट-अप्स लगाने को कहा जाता है। यदि व्यक्ति पूरी सीट-अप्स लगाने में समर्थ हो जाता है, तो वह इस परीक्षण में पास हो जाता हैं। यदि वह मैदान या मेज से और यदि व्यक्ति जमीन से अपने कंधों को नहीं उठा पाता, तो उस शून्य अंक दिया जाएगा।
    उद्देश्य:- पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों के बल को मापना।
  3. परीक्षण संख्या-3 (Test No-3)- इस परीक्षण में व्यक्ति पीठ के बल मैदान पर लेट जाता है इसमें कोहनियां जमीन पर होंगी और पैर बिल्कुल सीधे जमीन पर होगे। दोनो हाथ गर्दन की पीछे होते है फिर जमीन से अपने दोनों पैरों को 10 इंच ऊपर उठाना होता है। ऐसे में पैर उठाते समय उसके घुटने सीधे रहने चाहिए। परीक्षक 10 सेकंड तक समय देखता है। वह इस परीक्षण को पास कर लेता है यदि उस अवस्था में 10 सेकंड तक रह जाता है। जितने सेकंड तक व्यक्ति उस अवस्था में रहता है। वही उसका स्कोर बन जाता हैं। अगर वह 10 सेकंड से अधिक रहता है, तो उसे अतिरिक्त अंक दिए जाते है।
    उद्देश्य: पसोस और पीठ के निचले हिस्से के बल को मापना।
  4. परीक्षण संख्या-4 (Test No-4)- इस परीक्षण में व्यक्ति को छाती के बल लेटना होता है तथा उसके पेट के निचले भाग में एक तकिया (Pillow) रख दिया जाता है। उसके दोनों हाथ गर्दन के पीछे रहते है। परीक्षक उसके पैरों को दबाकर रखता है कि पैर जमीन पर ही रहें, फिर व्यक्ति को अपना सिर, कांधे व छाती को ऊपर उठाने के लिए कहा जाता हैं। उसी समय परीक्षक 10 सेकंड तक गिनता है। यदि व्यक्ति इस स्थिति को 10 सेकंड तक बनाए रखता है, तो वह इस परीक्षण में पास हो जाता है। अगर 10 सेकंड से ज्यादा करता है तो उसे अतिरिक्त अंक मिलते हैं।
    उद्देश्य:- ऊपरी पीठ मांसपेशीय शक्ति मापन।
  5. परीक्षण संख्या-5 (Test No-5)- इस परीक्षण में व्यक्ति उसी स्थिति में लेटता है। परीक्षक उसकी पीठ को दबाकर रखता है, फिर व्यक्ति को पैर ऊपर उठाने को कहा जाता है। ऐसे में उसके घुटने सीधे रहने चाहिए। परीक्षक 10 सेकंड तक गिनती गिनता है। यदि व्यक्ति 10 सेकंड तक इसी दशा को बनाए रखता है, तो वह इस परीक्षक में पास हो जाता है। यदि वह अपने पैर को नहीं उठा पाता, तो वह इस परीक्षण में फल हो जाता है। 10 सेकंड से ज्यादा रहने पर अतिरिक्त अंक दिए जा सकते हैं।
    उद्देश्य:- पीछे के नीचे वाले हिस्से की मांसपेशीय शक्ति मापन।
  6. परीक्षण संख्या-6 (Test No-6)- इस परीक्षण को फर्स - स्पर्श परीक्षण (Floor & Touch test) के नाम से भी जाना जाता है। इससे धड़ (Trunk) की लचक (Flexibility) मापी जाती है। इसमें व्यक्ति सावधान की अवस्था में सीधा में खड़ा होगा। उसके पैर आपस में मिले होंगे। दोनों हाथ ऊपर की ओर से नीचे जमीन की तरफ आते हैं ताकि हाथों की उंगलियाँ (tips) जमीन को छू सकें। इस दौरान उसके घुटनों को पकड़ कर रखा जाता है ताकि वह मुड़ ना सके। यदि व्यक्ति ती सेकंड तक उसी स्थिति में रहता है, तो वह पास हो जाता है।
    उद्देश्यः- पीठ की लचक तथा मौसपेशी क्षमता का मापन।
प्रश्न 2. AAPHER (आफर) परीक्षण का विस्तारपूर्ण वर्णन करो?
उत्तर- इस परीक्षण का प्रथम प्रकाशन सन् 1958 में आया था। फिर सन् 1995 में संशोधित हुआ तथा इसके बाद सन् 1975 में ‘आफर्ड यूथ फिटनस’ की टेस्ट बैटरी में अनेक परिवर्तन किए गए। पहले इसमें सात टेस्ट थे। इस परीक्षण (Test) में निम्नलिखित मद (Item) शामिल किए गए थे-
  1. फ्लैक्सड-आर्म हैंग (लड़कियों के लिए) व पुल-अप्स (लड़कों के लिए) मांसपेशियो की
  2. फ्लैक्सड-लैग सिट-अप्स- इससे पेट तथा नितम्बों (Hips and abdomen) की Flexor (फ्लैक्सर) की क्षमता को मापा जा सकता है।
  3. शटल रन- इसक द्वारा व्यक्ति की गति (Speed) व दिशा बदलने की क्षमता को मापा जाता है।
  4. स्टेंडिग लाँग जम्प- खड़ी लम्बी कूद टाँगों की मांसपेशियों की विस्फोटक शक्ति मापी जाती है।
  5. 50-गज/डैश (दौड़)- इससे व्यक्ति की गति को मापा जाता है।
  6. 600 गज/ 9 मिनट दौड़ / पैदल चाल- इसमें हृदय तथा श्वास सहन क्षमता का लगाया जाता है।
आफर यूथ फिटनेश टेस्ट का निर्देशन
  1. (क) पुल-अप्स लड़कों के लिए (Pull ups For boys)-

    इस परीक्षण में होरिजेंटल बार (Horizontal bar) पर (बिना आराम किए) की जाने वाली पुनरावृत्तियों की कुल संख्या को मापा जाता है। पुल-अप्स की कुल संख्या को नोट कर लिया जाता है। इस परीक्षण में जब पुल-अप्स कर रहे हों, तो ठोड़ी (Chin) बार के ऊपर तक अवश्य आनी चाहिए।
    (ख) फ्लैक्स-आर्म हैंग (लड़कियों के लिये)- (Flexed-arm-hang for girls)-
      
    इस परीक्षण को समायोजित होने वाली हॉरीजेन्टल बार (Adjustable horizontal bar) पर किया जाता है। बार की ऊचाई को परीक्षार्थी की ऊंचाई के लगभग समान स्तर पर समायोजित (Adjust) कर लेना चाहिए। दो लड़कियों की सहयता से परीक्षार्थी को मैदान से तब तक ऊपर उठाते हैं। जब तक उसकी ठोड़ी (Chin) बार के ऊपर तक नहीं पहुँच जाती। परीक्षार्थी को बार पकड़े हुए उसी दशा में रहना होता है। उसका समय सेकंडस में नोट कर लिया जाता है उसे एक प्रयास (Trail) करने की आज्ञा होती है।
  2. फलैक्सड-लैग सिट अप्स (Flexed-leg sit-ups)-

    परीक्षार्थी पीठ को बल धरती पर लेट जाता है। ऐसे में उसके घुटने मुड़े होने चाहिए और उसकी एड़ियाँ नितम्बों से सटी होनी चाहिए। नितम्बों से एड़ी की दूरी 12 इंच से अधिक होनी चाहिए। उसके दोनों हाथ गर्दन के पीछे होने चाहिए और कोहनियां जमीन को छुनी चाहिए। सिट-अप्स लगाते हुए उसकी कोहनियाँ, घुटनों को छुनी चाहिए। परीक्षार्थी एक मिनट में जितनी सिट-अप्स लगाता है, उसकी कुल संख्या को नोट कर लिए जाता है। वही उसका स्कोर माना जाता है।
  3. शटल दौड़ (Shuttle Run)-

    इस परीक्षण में लड़की के 2×2×4 इंचों के गुटकों (Blocks) का प्रयोग किया जाता है। मैदान पर आपस में 30 फीट की दूरी पर दो सामान्तर रेखाएं खींच दी जाती हैं। इनमें से एक रेखा के पीछे दोनों गुटके रख दिए जाते हैं। परीक्षार्थी दूसरी रेखा के पीछे से दौड़ना शुरू करता है। दौड़ की शुरूआत में परीक्षार्थी गुटकों की तरफ दौड़ता है, और उनमें से एक गुटके को उठाता है, और गटके-को रेखा के पीछे रख देता है। फिर मुड़कर वापस दौड़ता है तथा दुसरे गुटके को उठाकर वापस प्रारंभिक रेखा तक लाता है। परीक्षणों का कुल समय नोट कर लिया जाता है। इसके लिए दो अवसरों की अनुमति दी जा सकती है। रिकॉर्ड के लिए दोनों में से ट्रायल्स सबसे अच्छे समय को नोट कर परीक्षार्थी का स्कोर मान लिया जाता है।
  4. स्टैंडिंग जम्प (खड़ी लम्बी कूद) (Standing Broad Jump)-

    मैदान पर एक कूदने वाली टेक आफ लाइन लगा दी जाती है। विद्यार्थी अपने दोनों पैरों के बीच अन्तर रखते हुए टेक आफ लाइन के ठीक पीछे खड़ा हो जाता है। फिर वह अपने दोनों हाथों को आगे-पीछे (Swing) करता है तथा अपने घुटनों को मोड़कर जम्प पिट में कूद करता है। उसे तीन ट्रायल्स दी जाती हैं। टेक आफ लाइन से एड़ियों या शरीर का कोई भाग जो टेक आफ लाइन के सबसे पास वाली दूरी पर हो, उसे माप लिया जाता है। सबसे अच्छी जम्प को उसका स्कोर माना जाता है। जम्प को फुट तथा इंचों में नापा जाता है। (उसकी सभी जम्प्रेस मापी जाती हैं।)
  5. 50-गज डैश (50 yard Dash)-

    तीव्र गति दौड़ परीक्षार्थी आरम्भ रेखा के पीछे दौड़ने की स्थिति में होता हैं। स्टार्टर आदेश देता है Ready, ‘गो’ शब्द कहने के साथ ही, टाइम कीपर टाइम लेना स्टार्टकर देता है। यदि स्टाप वॉच हों तो एक ही समय पर दो परीक्षार्थीयों को भी साथ-ही, टाइम कीपर टाइम लेना स्टार्ट कर देता है। यदि दो स्टाप वॉच हों तो एक ही समय पर दो परीक्षार्थीयों को भी साथ-साथ लिए जा सकता हैं। समय सेकंड में सेकंड के दसवें भाग तक नोट कर लिया जाता है। वही परीक्षार्थी का स्कोर होता है।
  6. 600- गज दौड़ / पैदल चाल (600 Yard Run Walk)-

    परीक्षार्थी आरम्भ रेखा के ठीक पीछे दौड़ शुरू करने की खड़ी हुई दशा में आ जाता है। Ready Go के सिग्नल मिलते ही 600 गज की दूरी दौड़ना प्रारम्भ कर देता है। दौड़ने के दौरान थकने पर पैदल भी चल सकता है। इस परीक्षण में एक ही समय पर अनेक विद्यार्थी दौड़ सकते हैं। समय मिनट तथा सेकंडों में नोट कर लिया जाता है। वही सभी परीक्षार्थियों का स्कोर होता है।
प्रश्न 3. हारवर्ड स्टेप परीक्षण की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
उत्तर- हारवर्ड स्टेप टेस्ट
यह एक हृदय-वाहिका पुष्टि परीक्षण है जिसमें हृदय तथा फेफड़ों की मांसपेशियों की सक्षमता को मापा जाता है। इसे ब्राहा (Brouha) द्वारा सन् 1943 में विकसित किया गया था। इसे इन्होंने कार्य करने की क्षमता तथा पुनः शक्ति प्राप्ति दर को मापने हेतु प्रयोग किया था।
आवश्यक उपकरण- 20 इंच का बेंच लड़कों / पुरूषों के लिए, 16 इंच का बेंच/स्टूल लड़कियों महिलाओं के लिए, एक मैट्रोनोम (Metronome), स्टॉप वॉच।
विधि (Procedure)- सबसे पहले व्यक्ति की रेस्टिंग पल्स रेट (Resting Pulse Rate) की गिनती करते हैं। फिर व्यक्ति (Subject) बेंच के सामने खड़ा होता है। परीक्षक के 'गो' (Go) कहते ही व्यक्ति (Subject) 30 कदम प्रति मिनट के रफ्तार से बेंच के ऊपर और नीचे चढ़ता व उतरता है। यह क्रिया उसे 5 मिनट तक लगातार करती होती है। यानि 150 कदम 5 मिनट में लेने होते हैं कदमों की ताल चार की गिनती में की जाती है, जैसे-पहली गिनती पर एक पैर बेंच के ऊपर, दूसरी गिनती पर दूसरा पैर भी बेंच के ऊपर, तीसरी गिनती पर पहला पैर जमीन पर तथा चौथी गिनती पर दूसरा पैर भी जमीन पर आ जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में व्यक्ति (Subject) को अपने शरीर को सीधा (Erect) रखना होता है और वह किसी भी पैर का इस्तेमाल पहले व बाद में कर सकता है। जैसे ही व्यक्ति (Subject) इस क्रिया को पूरी करता है और बेंच पर बैठ जाता है, फिर ठीक एक मिनट के बाद व्यक्ति की (Subject) Pulse rate count की जाती है। 1 से 1½ मिनट तथा तीस सेकंड के बाद, 2 से 2½ मिनट तथा 3, 3½ मिनट तक Pulse की गिनती की जाती है।
स्कोरिंग (Scoring)- इस स्कोर को (Physical Efficiency Index) शारीरिक क्षमता सूची कहा जाता है। इसकी गणना निम्नलिखित सूत्र में की जाती है।