विद्रोही और राज 1857 का आंदोलन और उसके व्याख्यान-महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

                                                              सीबीएसई कक्षा -12 इतिहास

महत्वपूर्ण प्रश्न पाठ – 11
विद्रोही और राज
1857 का आंदोलन और उसके व्याख्यान


अतिलघु प्रश्न (02 अंक)


प्र.1 सहायक संधि को किस गवर्नर जनरल द्वारा लागू किया गया? इसे स्वीकार करने वाले चार प्रमुख शक्तियों के नाम लिखिए।

उत्तर- सहायक संधि को गवर्नर जनरल लॉर्ड वैलेस्ली द्वारा लागू किया गया। इसे स्वीकार करने वाले प्रमुख शक्तियाँ थीं - हैदराबाद, अवध, मैसूर इत्यादि।


प्र.2 कानपुर में किस अंग्रेज महिला ने भारतीय सिपाहियों से वीरतापूर्वक अपनी रक्षा की?

उत्तर- मिस व्हीलर


प्र.3 अवध का अंतिम नवाब कौन था? उसे पेंशन देकर कहाँ भेजा गया?

उत्तर- वाजिल अली शाह अवध का अंतिम नवाब था। उसे पेंशन देकर कलकत्ता भेज दिया गया


प्र.4 सामान्य सेवा भर्ती अधिनियम किस गवर्नर जनरल के शासनकाल में तथा कब पारित किया गया?

उत्तर- सामान्य सेवा भर्ती अधिनियम 1856 में लॉर्ड कैनिंग के शासनकाल में लागू किया गया।


लघु प्रश्न (05 अंक)

प्र.1 1857 विद्रोह के राजनैतिक एवं प्रशासनिक कारणों का वर्णन करें।

उत्तर- (क) ब्रिटिश शासकों की साम्राज्यवादी नीति

(ख) राज्य अपहरण की नीति

(ग) पेंशनों तथा उपाधियों की समाप्ति

(घ) मुगल सम्राट के प्रति असम्मानजनक बर्ताव

(ङ) अवध का विलय

(च) सहायक संधि का दुरूपयोग

प्र.2 1857 विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?

उत्तर- (क) विद्रोह का निश्चित तिथि से पूर्व विस्फोट

(ख) अंग्रेजों को देशी शासकों का सहयोग प्राप्त होना

(ग) उच्च वर्ग का सहयोग न मिलना

(घ) विद्रोहियों के सीमित साधन

(ङ) सामान्य आदर्श का अभाव

(च) प्रतिभावान ब्रिटिश सेनापति

(छ) संचार-साधनों पर अंग्रेजों का नियंत्रण

प्र.3 1857 विद्रोह के स्वरूप का वर्णन करें

उत्तर- (क) सैनिक विद्रोह मात्र:-

(अ) 1857 के विद्रोह की प्रमुख आधारभूमि सैनिकों द्वारा तैयार की गयी थी।

(ब) विद्रोह का सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथा तात्कालिक कारण चर्बीवाले कारतूसों का मामला था।

(स) विद्रोह का प्रसार संपूर्ण देश में नहीं हुआ। यह उन्हीं नगरों एवं क्षेत्रों तक सीमित रहा जहाँ सैनिक चौकियाँ और छावनियाँ थी।

(द) विद्रोह का दमन करने में ब्रिटिश सरकार को अधिक कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ा, क्योंकि इसे सामान्यजनों का सहयोग एवं समर्थन प्राप्त नहीं था।

(ख) प्रथम स्वतंत्रता संग्राम:-

(अ) लाखों कारीगरों, किसानों और सिपाहियों ने कन्धे से कन्धा मिलाकर ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष किया। घुमक्कड़ सन्यासियों, फकीरों एवं मदारियों द्वारा गांव-गांव में इसका प्रचार-प्रसार किया।

(ब) आंदोलन में हिन्दू-मुसलमानों ने एकजुट होकर भाग लिया। सभी विद्रोहियों में एक मत से बहादुरशाह को अपना सम्राट स्वीकार किया।

(स) विद्रोह के लगभग सभी केन्द्रों में जनसाधारण ने ब्रिटिश शासन के विरूद्ध सक्रिय भाग लिया।

(द) विद्रोह का क्षेत्र काफी व्यापक था। अनेक देशी रियासतों एवं राज्यों में शासक वर्ग के ब्रिटिश सत्ता के सहयोग एवं समर्थक बने रहने पर भी सेना एवं जनता द्वारा विद्रोह में सक्रिय भाग लिया था।


विस्तृत प्रश्न (08 अंक)

प्र.1 1857 विद्रोह के सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं सैनिक कारणों का वर्णन करो

उत्तर- (क) आर्थिक कारण

(अ) सम्पदा का निष्कासन
(ब) भारतीय उद्योग-धन्धों तथा व्यापार-वाणिज्य का विनाश
(स) भू-राजस्व की दर
(द) इनाम में प्राप्त जागीरों को छीनना
(य) जनसामान्य में बेकारी और दरिद्रता

(ख) सामाजिक कारण

(अ) भारतीयों के साथ दुव्र्यवहार
(ब) भारतीयों के सामाजिक जीवन में हस्तक्षे
(स) पाश्चात्य शिक्षा का प्रसार
(द) ईसाई धर्म का प्रचार

(ग) सैनिक कारण

(अ) भारतीय सैनिकों में असंतोष
(ब) भारतीय सैनिकों की अपेक्षाकृत अधिक संख्या
(स) सेना का दोषपूर्ण वितरण
(द) सामान्य सेवा भर्ती अधिनियम
(य) चर्बीवाले कारतूस

अनुच्छेद पर आधारित प्रश्न

निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए और उत्तर दीजिए:-

विद्रोही क्या चाहते थे, इस विषय में हमें 25 अगस्त, 1857 ई० की आजमगढ़ घोषणा से महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।

भाग-।।। सरकारी कर्मचारियों के विषय में:-

‘‘अब यह कोई रहस्य की बात नहीं है कि ब्रिटिश सरकार के अधीन प्रशासनिक एवं सैनिक सेवाओं में भर्ती हो वाले भारतीय लोगों को सम्मान नहीं मिलता। उनका वेतन कम होता है और उनके पास कोई शक्ति नहीं होती। प्रशासनिक और सैनिक दोनों सेवाओं में प्रतिष्ठा और धन वाले सभी पद केवल अंग्रेजों को ही दिये जाते हैं। इसलिए ब्रिटिश सेवा में काम करने वाले सभी भारतीयों को अपने मजहब और हितों की ओर ध्यान देना चाहिए तथा अंग्रेजों के प्रति अपनी वफादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ देना चाहिए। उन्हें 200-300 रूपये मासिक वेतन मिलेगा और भविष्य में ऊंचे पद मिलेंगे।‘‘

भाग-। कारीगरों के विषय में:-

इसमें कोई संदेह नहीं कि इंग्लैंड में निर्मित वस्तुओं को ला-लाकर यूरोपीयों ने हमारे बुनकरों, सूती वस्त्र बनाने वालों, बढ़ईयों, लोहारों और मोचियों आदि को बेरोजगार कर दिया है। उनके काम-धन्धों पर इस प्रकार अधिकार जमा लिया है कि देशी कारीगरों की हर श्रेणी भिखमंगों की स्थिति में पहुँच गई है। बादशाही सरकार में देशी कारीगरों को राजाओं और अमीरों की सेवा में नियुक्त किया जाएगा। निःसंदेह, इससे उनकी उन्नति होगी। इसलिए इन कारीगरों को अंग्रेजों की सेवा छोड़ देनी चाहिए।”

प्र.1 भारत में ब्रिटिश माल की पहुँच ने कारीगरों को किस प्रकार प्रभावित किया?

उत्तर- भारत में ब्रिटिश में निर्मित वस्तुओं की पहुँच के कारण भारतीय बुनकर, सूती वस्त्र बनाने वाले, बढ़ई, लोहार, मोची आदि सभी दस्तकार एवं शिल्पकार बेरोजगार हो गए। ब्रिटेन के मशीन निर्मित सस्ते माल ने भारतीय बाजारों पर अधिकार कर लिया। परिणामस्वरूप देशी कारीगरों की प्रत्येक श्रेणी भिखमंगों की स्थिति में पहुँच गई।

प्र.2 बादशाही सरकार की अधीनता में कारीगरों की दशा किस प्रकार उन्नत होगी?

उत्तर- बादशाही सरकार में देशी कारीगरों एवं शिल्पकारों को अमीरों की सेवा में नियुक्त किया जायेगी। इससे उनकी उन्नति होगी।

प्र.3 सरकारी सेवा में नियुक्त लोग ब्रिटिश सरकार से क्यों असन्तुष्ट थे?

उत्तर- ब्रिटिश सरकार के अधीन प्रशासनिक एवं सैनिक सेवाओं में भर्ती होने वाले भारतीय लोगों को सम्मान नहीं मिलता। उनका वेतन कम होता है और उनके पास कोई शक्ति नहीं होती थी। प्रशासनिक एवं सैनिक दोनों सेवाओं में प्रतिष्ठा और धन वाले सारे पद केवल अंग्रेजों को ही दिये जाते थे। इसलिए सरकारी सेवा में नियुक्त भारतीय ब्रिटिश सरकार से असन्तुष्ट थे।

प्र-4 विद्रोही घोषणा में बार-बार किस बात के लिए अपील की गई?

उत्तर- विद्रोही घोषणा में बार-बार इस बात के लिए अपील की गई कि भारतीयों को अपने मजहब और हितों की ओर ध्यान देना चाहिए तथा अंग्रेजों के प्रति अपनी वफादारी को छोड़कर बादशाही सरकार का साथ देना चाहिए।