मेरे संग की औरतें - Test Papers

CBSE Test Paper 01
Ch-15 मेरे संग की औरतें

  1. मेरे संग की औरतें पाठ में लेखिका की परदादी ने ऐसी कौन-सी बात कह दी थी, जिसे सुनकर सभी हैरान हो गए?
  2. दादी ने चोर का जीवन किस प्रकार बदल दिया? मेरे संग की औरतें पाठ के आधार पर लिखिए।
  3. शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है-इस दिशा में मेरे संग की औरतें पाठ की लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
  4. चोर से कहाँ गलती हुई कि सारा अनुमान लगाकर घुसने पर भी वह पकड़ा गया? मेरे संग की औरतें पाठ के आधार पर लिखिए।
  5. मेरे संग की औरतें पाठ में लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में - लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए।
CBSE Test Paper 01
Ch-15 मेरे संग की औरतें

Answer
  1. लेखिका की परदादी को पौत्र की नहीं पौत्री की इच्छा थी। उन्होंने भगवान से यह दुआ माँगी कि उनकी पतोह की पहली संतान लड़की पैदा हो न कि लड़का। समाज सदा से ही लड़कों की कामना करता रहा है, पर लेखिका की परदादी ने वह दुआ माँगी जिसे समाज बोझ समझता था। उनकी मन्नत के बारे में जानकर सभी हैरान रह गए क्योंकि उन्होंने यह बात सभी को बात दी थी।
  2. एक बार जब हवेली के सारे पुरुष बारात में गए थे और औरतें रतजगा मना रही थीं। ऐसे में दादी माँ एक कमरे में सोई थीं। इसी समय एक चोर सेंध लगाकर घर में घुस आया। दादी माँ की आँख खुल गई। उन्होंने पूछा “कौन”? चोर ने जवाब दिया, “जी मैं।” दादी ने उसे कुएँ से पानी लाने भेज दिया। हड़बड़ाया चोर पानी लाने चला गया। पानी लेकर लौटते समय उसे पहरेदार ने पकड़ लिया। दादी ने लोटे का आधा पानी स्वयं पीया और आधा पानी चोर को पिलाकर कहा, “आज से हम दोनों माँ-बेटे हुए, चाहे तो तू चोरी कर चाहे खेती।” चोर ने उसी समय से चोरी का धंधा छोड़कर खेती करने लगा। इस प्रकार उसका जीवन बदल गया।
  3. शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है, यह बात लेखिका को अपने पारिवारिक वातावरण से पता चल चुकी थी। बच्चों की शिक्षा के लिए उसने निम्नलिखित प्रयास किए-
    1. शादी के बाद लेखिका को कर्नाटक के बागनकोट में रहना पड़ा वहाँ उसके बच्चों की शिक्षा हेतु उचित प्रबंध न था। उसने वहाँ के कैथोलिक विशप से प्राइमरी स्कूल खोलने का अनुरोध किया।
    2. लेखिका ने कर्नाटक के बागनकोट के स्थानीय तथा समृद्ध लोगों की मदद से एक प्राइमरी स्कूल खोला, जिसमें अंग्रेजी-हिंदी-कन्नड़ तीन भाषाएँ पढ़ाई जाती थीं। लेखिका ने इसे सरकार से मान्यता भी दिलवाई, जिससे स्थानीय बच्चों को शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े।
  4. किसी शादी के सिलसिले में घर के पुरुष दूसरे गाँव में गए थे और औरतें रतजगा कर रही थीं। नाच-गाना जारी था और ढोलक पर थाप पूँज रहे थे। इसी बीच चोर ने उस कमरे का अनुमान लगाया होगा और दीवार काटकर कमरे में घुस आया। इधर शादी में नाच-गाने के शोर से बचने के लिए माँ जी अपना कमरा छोड़ कर दूसरे कमरे में सो गई थी। इसी कमरे को खाली समझकर चोर घुस आया था। उसके कदमों की आहट होते ही दादी की नींद खुल गई। इस तरह तमाम अनुमान लगाकर घुसने के बाद भी चोर पकड़ा गया।
  5. लेखिका की माँ की विशेषताएँ निम्नलिखित थीं-
    1. लेखिका की माँ खादी की साड़ी पहनने वाली आजीवन गाँधी जी के सिद्धांतों का पालन करती रहीं।
    2. उसकी माँ में खूबसूरती, नज़ाकत, ईमानदारी और निष्पक्षता का संगम था। इससे वे परीजात-सी लगती थीं।
    3. उनमें आज़ादी के प्रति जुनून तथा लगाव था।
    4. वे हमेशा किसी की गोपनीय बात को गोपनीय ही रखती थीं तथा किसी के सामने प्रकट नहीं करती थीं।
    5. वे सदा सत्य बोलती थीं इससे परिवार वाले उनका आदर करते थे।