तताँरा-वामीरो कथा - CBSE Test Papers
सीबीएसई कक्षा-10 हिंदी ब
टेस्ट पेपर-01
पाठ-12 तताँरा-वामीरो कथा (लीलाधर मंडलोई)
टेस्ट पेपर-01
पाठ-12 तताँरा-वामीरो कथा (लीलाधर मंडलोई)
निर्देश -
- सभी प्रश्न अनिवार्य है।
- प्रश्न 1 से 3 एक अंक के है।
- प्रश्न 4 से 8 दो अंक के है।
- प्रश्न 9 से 10 पांच अंक के है।
- तताँरा वामीरो कहाँ की कथा है?
- वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
- तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
- निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
- वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
- प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
- तताँरा गुस्से से क्यों भर उठा?
- तताँरा समुद्र-तट पर घूमने क्यों आया था?
- निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
- कहानी के आधार पर आपके मस्तिष्क में गाँव वालों की कैसी छवि बनती है ?
सीबीएसई कक्षा-10 हिंदी ब
टेस्ट पेपर-01
पाठ-12 तताँरा-वामीरो कथा (लीलाधर मंडलोई)
(आदर्श उत्तर)
टेस्ट पेपर-01
पाठ-12 तताँरा-वामीरो कथा (लीलाधर मंडलोई)
(आदर्श उत्तर)
- तताँरा वामीरो निकोबार द्वीप की कथा है।
- लहरों से भीग जाने के कारण वामीरो के ध्यान में खलल आया और वह अपना गाना भूल गई।
- तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि कोई भी अपने गाँव से बाहर विवाह नहीं कर सकता था।
- तताँरा परिचित और अजनबी सबकी एक जैसी मदद करता था। वह ताकतवर होने के बावजूद बड़ा ही शांत और सौम्य था इसलिए निकोबार के लोग तताँरा को पसंद करते थे।
- वामीरो से मिलने के बाद तताँरा की जिंदगी ही बदल गई थी। उसका पूरा दिन उबाऊ हो गया था। किसी काम में उसका मन नहीं लग रहा था। जीवन में पहली बार वह किसी का इंतजार कर रहा था। उसे लग रहा था कि दिन कभी खत्म ही नहीं होगा।
- प्राचीन काल में शक्ति प्रदर्शन और मनोरंजन के लिए पशुओं की लड़ाई का आयोजन करवाया जाता था। कहीं-कहीं पर मनुष्य और पशु की लड़ाई भी होती थी। साथ में नाच और गाने का भी आयोजन होता था। भोज की भी व्यवस्था होती थी।
- तताँरा गुस्से से इसलिये भर उठा क्योंकि वामीरो की माँ उसका अपमान कर रही थी।वह नहीं चाहता था कि उसके कारण वामीरो को और कोई दुःख मिले। उसे गाँव की रीति पर छोभ था,वहीं अपनी असमर्थता पर खीझ थी।
- दिनभर परिश्रम करने के कारण तताँरा थक गया था ।अपनी थकन मिटने और शांति का अनुभव करने के लिए वह समुद्र –तट पर आया था।
- निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में एक दंतकथा प्रसिद्ध है। जब वो एक ही द्वीप हुआ करता था, तब तताँरा नाम के एक युवक को दूसरे गाँव की वामीरो नाम की युवती से प्रेम हो गया। उन दिनों के नियम के अनुसार उनका विवाह होना संभव नहीं था। दोनों के गाँव वाले इसके खिलाफ थे। अपनी असहाय स्थिति देखकर तताँरा को एक दिन इतना गुस्सा आया कि उसने अपनी तलवार से द्वीप को दो टुकड़ों में काट दिया। उसके बाद लोगों की आँखें खुलीं और उन्होंने पुराने नियमों को तोड़ दिया।
- गाँव वाले रुढियों और परम्पराओं के गुलाम हैं ।वे अपनी पुरानी परम्पराओं से बंधे हुए हैं तथा उससे बाहर नहीं निकलना चाहते।जब तताँरा और वामीरो इन रुढियों और परम्पराओं का विरोध करते हुए अपना बलिदान दे देते है तो गाँववालों की आँखें खुलती हैं। वे समझ जाते हैं कि उनके विचारों में परिवर्तन जरुरी है। उन्हें यह भी समझ आ जाता है कि प्रेम किसी धर्मं,जाति,सम्प्रदाय,ऊँच-नीच आदि को नहीं देखता ।