कैफ़ी आज़मी - कर चले हम फ़िदा - CBSE Test Papers 1
CBSE कक्षा-10 हिंदी ब
टेस्ट पेपर-01
पाठ-08 कर चले हम फ़िदा- कैफ़ी आज़मी
टेस्ट पेपर-01
पाठ-08 कर चले हम फ़िदा- कैफ़ी आज़मी
निर्देश
- सभी प्रश्न अनिवार्य है।
- प्रश्न 1 से 3 एक अंक के है।
- प्रश्न 4 से 8 दो अंक के है।
- प्रश्न 9 से 10 पांच अंक के है।
- इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या है?
- कविता एवं कवि का नाम लिखिए |
- साथियों का सम्बोधन किसके लिए हुआ है ?
- सर पर कफ़न बांधने से आप क्या समझते हैं ?
- "सर हिमालय का हमने न झुकने दिया " इस पंक्ति का क्या तात्पर्य है?
- इस गीत में ऐसी क्या खास है जो आपको जीवन भर याद रह जाती है?
- भाव स्पष्ट कीजिये – “सांस थमती गयी, नब्ज जमती गई / फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया”
- छू न पाए सीता का दमन कोई / राम भी तुम तुम्ही लक्ष्मण साथियों - इस का अर्थ स्पष्ट कीजिये?
- कर चले हैं फ़िदा कविता का सारांश लिखिए |
- इस कविता का प्रति पाद्य लिखिए |
CBSE कक्षा-10 हिंदी ब
टेस्ट पेपर-01
पाठ-08 कर चले हम फ़िदा- कैफ़ी आज़मी
(आदर्श उत्तर)
टेस्ट पेपर-01
पाठ-08 कर चले हम फ़िदा- कैफ़ी आज़मी
(आदर्श उत्तर)
- यह गीत 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है | चीन ने तिब्बत की ओर से आक्रमण किया उस युद्ध में भारतीय वीरों ने बहुत कठिन परिस्थितियों में आक्रमण का मुक़ाबला किया था।
- कविता का नाम है कर चले हम फ़िदा, कवि हैं कैफ़ी आज़मी ’।
- कवि ने चीन के युद्ध में सीमाओं पर लड़ने वाले सैनिकों के लिए साथियों शब्द का सम्बोधन किया है ।
- “सर पर कफ़न बांधने का अर्थ” होता है मौत के लिए तैयार हो जाना । इस गीत में शत्रुओं से लड़ने का संकेत है | सैनिक जब युद्धक्षेत्र में उतरते हैं तो वे देश के मान- सम्मान की रक्षा के लिए प्राण तक देने को तैयार रहते हैं।
- इस पंक्ति में हिमालय शब्द भारत की आन-बान का प्रतीक है । चीन ने भारत की शान को चुनौती देते हुए हिमालय पर्वत की ओर से आक्रमण किया था । एक प्रकार से वह भारत के स्वाभिमान को चुनौती थी ।
- गीत में भावना की सच्चाई, मार्मिकता और गेयता ऐसे गुण हैं जिनके कारण कोई भी गीत सदा-सदा के लिए याद रखता है । यह गीत भी बलिदान की मार्मिकता से ओतप्रोत है । इसमें लय और संगीत का भी अद्भुत मेल है इस कारण यह गीत नहीं भूलता।
- चीनी आक्रमण के समय भारतीय सैनिकों ने हिमालय की बर्फीली चोटियों पर लड़ाई लड़ी। जमी हुई बर्फ में सैनिकों की सांस घुटने लगीं, आक्सीजन की कमी के कारण सांस लेना कठिन हो गया। बर्फ के कारण उनकी नसों का खून जमने लगा, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी वे मरते दम तक आगे बढ़ते रहे और शत्रुओं की सीमा के बाहर खदेड़ने में लगे रहे।
- बलिदानी सैनिक अपने वीर साथियों को कहता है कि भारत की धरती उनके लिए सीता के समान पवित्र है। वे स्वयं राम और लक्ष्मण के समान सीता के संरक्षक हैं। अतः उन्हें जान देकर भी सीता धरती की रक्षा करनी है। देश की पवित्रता पर कोई दाग न लग जाये इसके लिए मर-मिटने का संकल्प उन्हीं को लेना है। वे देश की आन-बान के सच्चे संरक्षक हैं।
- भारतीय वीर सैनिकों ने देश की सुरक्षा के लिए जोश भरना तथा देशवासियों के मन में देशभक्ति की भावना जगाना। देश के लिए शहीद होने वाले सैनिक अपने साथियों को सन्देश देता है कि उसने मरते दम तक शत्रुओं का मुक़ाबला डट कर किया ।अब वो सैनिक उनका स्थान ले लें | वो हमारे देश की धरती को दुल्हन समान अपने खून से लाल कर देंगे । देश के लिए मरने का अवसर सैनिक के जीवन में एक ही बार आता है, अतः वह नए-नए काफिले सजाकर शत्रुओं का सामना करें। उनके होते हुए शत्रु सीमाओं में प्रवेश न कर सकें| वे शत्रु के लिए सीमा पर लक्ष्मण रेखा खींच दें जिसके अंदर घुसने की कोशिश में नाश हो जाये।
- कर चले हम फ़िदा हकीकत फिल्म का मशहूर गीत है। प्रस्तुत कविता देश के सैनिकों की भाषा में लिखा गया है जो कि उनके देशभक्ति की भावना को दर्शाता है। ये कभी अपने देश के मान- सम्मान की रक्षा के लिए पीछे नहीं हटेंगे चाहे इन्हें अपने प्राणों को ही अर्पित क्यों न करना पड़े। साथ ही इन्हें आने वाली पीढ़ियों से अपेक्षाएं हैं कि वे भी उनके शहीद होने के बाद इस देश के दुश्मनों का डट कर मुक़ाबला करें। वे कह रहे हैं कि अंतिम क्षण तक रक्षा की | अब ये ज़िम्मेदारी आप की है, देश पर जान देने के मौके बहुत कम आते हैं | ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।