बच्चे काम पर जा रहे हैं - पुनरावृति नोट्स
CBSE कक्षा 9 हिंदी-A क्षितिज
पाठ-17 बच्चे काम पर जा रहे हैं
पुनरावृत्ति नोट्स
पाठ-17 बच्चे काम पर जा रहे हैं
पुनरावृत्ति नोट्स
महत्त्वपूर्ण बिन्दु –
“बच्चे काम पर जा रहें हैं” इस कविता में बच्चों से उनका बचपन छीन लिए जाने की पीड़ा कवि ने अभिव्यक्त की है। कवि ने उस सामाजिक-आर्थिक विडंबना की ओर इशारा किया है जिसमें कुछ बच्चे खेल,शिक्षा,और जीवन की उमंग से वंचित हैं । -
- भयंकर सर्दी की सुबह जब सड़क कोहरे से ढकी हुई है,तब इतनी सर्द सुबह में कुछ बच्चे काम पर जा रहें है।
अर्थात जब दूसरे लोग आराम से सो रहे हैं तब इन बच्चों को काम पर जाना पड़ रहा है। यह स्थिति सबसे भयावह और दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति है कि इन्हें पढ़ने के स्थान पर काम करने जाना पड़ रहा है। कवि कहते हैं कि कि इस समस्या को केवल विवरण की तरह लिख कर छोड़ देना पर्याप्त नहीं है बल्कि इसे एक सवाल की तरह लोगों से पूछा जाना चाहिए कि बच्चे काम पर क्यों जा रहें हैं?(जब इस को सवाल की तरह पूछा जाएगा तभी लोग इसका हल ढूढ़ेंगे अन्यथा यह समस्या सिर्फ कागज पर रह जाएगी ) - २-कवि स्वयं इसका हल खोजने के लिए कुछ कारण बताता है जैसे क्या उनकी सारी गेंदे अन्तरिक्ष में चली गयी हैं अथवा उनकी रंग-बिरंगी किताबों को क्या दीमकों ने खा लिया है,उनके सभी खिलौने काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं जहाँ से उन्हें निकालना असंभव है। मदरसों,विद्यालयों की सभी इमारतें ढह गयी हैं कि बच्चों को किताबें छोड़ कर काम का बोझ संभालना पड़ रहा है। क्या मैदान,बाग-बगीचे और घरों के आँगन समाप्त हो गए हैं अर्थात बचपन को सुखद और अर्थपूर्ण बनाने वाली ये सभी चीजें यदि नष्ट हो गयी हैं तो इस दुनिया में कुछ नहीं बचा है। यह सचमुच दुखद स्थिति है और इससे भी ज्यादा भयावह स्थिति यह है कि ये सभी चीजें यथावत हैं फिर भी इन बच्चों को उपलब्ध नहीं है। संसार के प्रत्येक कोने से इन छोटे-छोटे बच्चों को अपना बचपन छोड़ कर कम उम्र में जिम्मेदारियों का बोझ अपने मासूम कंधों पर उठाना पड़ता है। यह एक दुखद त्रासदी है।