चंद्र गहना से लौटती बेर - प्रश्न-उत्तर
CBSE Class 09 HIndi Course A
NCERT Solutions
क्षितिज पाठ-14 केदारनाथ अग्रवाल
क्षितिज पाठ-14 केदारनाथ अग्रवाल
1. ' इस विजन में ..... अधिक है ' पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों ?
उत्तर: इन पंक्तियों के द्वारा कवि ने विकास की अंधी दौड़ में भागते हुए स्वार्थपूर्ण रिश्तों पर प्रहार किया है। कवि के अनुसार नगर के लोग आपसी प्रेमभाव के स्थान पर पैसों को अधिक महत्त्व देते हैं। वे प्रेम और सौंदर्य से दूर, प्रकृति से कटे हुए होते हैं। उनके इस आक्रोश का मुख्य कारण यह है कि कवि प्रकृति से बहुत अधिक लगाव रखते हैं किंतु व्यस्तता पूर्ण जीवन में उन्हें प्रकृति के सामीप्य का अवसर प्राप्त नहीं होता।
उत्तर: इन पंक्तियों के द्वारा कवि ने विकास की अंधी दौड़ में भागते हुए स्वार्थपूर्ण रिश्तों पर प्रहार किया है। कवि के अनुसार नगर के लोग आपसी प्रेमभाव के स्थान पर पैसों को अधिक महत्त्व देते हैं। वे प्रेम और सौंदर्य से दूर, प्रकृति से कटे हुए होते हैं। उनके इस आक्रोश का मुख्य कारण यह है कि कवि प्रकृति से बहुत अधिक लगाव रखते हैं किंतु व्यस्तता पूर्ण जीवन में उन्हें प्रकृति के सामीप्य का अवसर प्राप्त नहीं होता।
2. सरसों को ' सयानी ' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा ?
उत्तर: यहाँ सरसों कोसयानी कहकर कवि यह बताना चाहता है कि सरसों की फसल अब पककर पूरी तरह तैयार हो चुकी है अर्थात् वह कटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उत्तर: यहाँ सरसों कोसयानी कहकर कवि यह बताना चाहता है कि सरसों की फसल अब पककर पूरी तरह तैयार हो चुकी है अर्थात् वह कटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
3. अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: यहाँ पर अलसी एक हठीली नायिका के रूप में चित्रित हुई है। उसका चित्त अति चंचल और प्रेमातुर है। अलसी की कमर अत्यधिक लचीली है जो प्रथम स्पर्श करने वाले को अपने हृदय का दान देकर अपना स्वामी बनाने के लिए आतुर है।
उत्तर: यहाँ पर अलसी एक हठीली नायिका के रूप में चित्रित हुई है। उसका चित्त अति चंचल और प्रेमातुर है। अलसी की कमर अत्यधिक लचीली है जो प्रथम स्पर्श करने वाले को अपने हृदय का दान देकर अपना स्वामी बनाने के लिए आतुर है।
4. अलसी के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है ?
उत्तर: अलसी के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग इसलिए किया गया है क्योंकि हठपूर्वक चने के पौधों के बीच उग आई है। उसकी पतली देह बारबार हवा के कारण झुक जाती है परन्तु वह हठपूर्वक फिर से सीधे खड़े होकर चने के पौधों के बीच नज़र आने लगती है।
उत्तर: अलसी के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग इसलिए किया गया है क्योंकि हठपूर्वक चने के पौधों के बीच उग आई है। उसकी पतली देह बारबार हवा के कारण झुक जाती है परन्तु वह हठपूर्वक फिर से सीधे खड़े होकर चने के पौधों के बीच नज़र आने लगती है।
5. 'चाँदी का बड़ासा गोल खंभा' में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?
उत्तर: 'चाँदी का बड़ासा गोल खंभा' इस पंक्ति में कवि ने मानव प्रकृति का अति सूक्ष्म वर्णन किया है। यहाँ पर 'चाँदी का बड़ासा गोल खंभा' नगरीय सुख सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन का प्रतीक है। इन पंक्तियों के द्वारा कवि यह कहना चाह रहा है कि सबकुछ पाने के बाद भी मानव की इच्छाएँ कभी ख़त्म नहीं होती हैं।
उत्तर: 'चाँदी का बड़ासा गोल खंभा' इस पंक्ति में कवि ने मानव प्रकृति का अति सूक्ष्म वर्णन किया है। यहाँ पर 'चाँदी का बड़ासा गोल खंभा' नगरीय सुख सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन का प्रतीक है। इन पंक्तियों के द्वारा कवि यह कहना चाह रहा है कि सबकुछ पाने के बाद भी मानव की इच्छाएँ कभी ख़त्म नहीं होती हैं।
6. कविता के आधार पर 'हरे चने' का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
उत्तर: कवि ने यहाँ पर चने का मानवीकरण किया है। 'हरे चने' का पौधा आकार में बहुत छोटा अर्थात् ठिगना है।उसकी लंबाई बालिश्त भर ही है,उसके सिर पर निकले गुलाबी फूल एेसे लग रहे हैं मानो उसने अपने सिर पर गुलाबी रंग की पगड़ी पहन रखी होजैसे कोई दूल्हा सज धज कर स्वयंवर के लिए खड़ा हो।
उत्तर: कवि ने यहाँ पर चने का मानवीकरण किया है। 'हरे चने' का पौधा आकार में बहुत छोटा अर्थात् ठिगना है।उसकी लंबाई बालिश्त भर ही है,उसके सिर पर निकले गुलाबी फूल एेसे लग रहे हैं मानो उसने अपने सिर पर गुलाबी रंग की पगड़ी पहन रखी होजैसे कोई दूल्हा सज धज कर स्वयंवर के लिए खड़ा हो।
7. कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ कहाँ किया है ?
उत्तर: प्रस्तुत कविता में कवि ने निम्न स्थलों पर प्रकृति का मानवीकरण किया है
1. यह हरा ठिगना चना बाँधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का सज कर खड़ा है।
2. देह की पतली,कमर की लचीली
नीले फूले फूल को सिर पर चढ़ा कर
कह रही है, जो छुए देदूँ ह्रदय का दान उसको।
3. और सरसों की न पूछो
हो गई सबसे सयानी,
हाथ पीले कर लिए हैं
ब्याहमंडप में पधारी
4. फाग गाता मास फागुन
आ गया है आज जैसे।
5. हैं कई पत्थर किनारे
पी रहे चुपचाप पानी,
प्यास जाने कब बुझेगी।
उत्तर: प्रस्तुत कविता में कवि ने निम्न स्थलों पर प्रकृति का मानवीकरण किया है
1. यह हरा ठिगना चना बाँधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का सज कर खड़ा है।
2. देह की पतली,कमर की लचीली
नीले फूले फूल को सिर पर चढ़ा कर
कह रही है, जो छुए देदूँ ह्रदय का दान उसको।
3. और सरसों की न पूछो
हो गई सबसे सयानी,
हाथ पीले कर लिए हैं
ब्याहमंडप में पधारी
4. फाग गाता मास फागुन
आ गया है आज जैसे।
5. हैं कई पत्थर किनारे
पी रहे चुपचाप पानी,
प्यास जाने कब बुझेगी।
8. कविता में से उन पंक्तियों को ढूँढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है
और चारों तरफ़ सुखी और उजाड़ ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।
उत्तर: चित्रकूट की अनगढ़ चौड़ी
कम ऊँचीऊँची पहाड़ियाँ
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर उधर रींवा के पेड़
काँटेदार कुरूप खड़े हैं।
सुन पड़ता है
मीठा मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें
और चारों तरफ़ सुखी और उजाड़ ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।
उत्तर: चित्रकूट की अनगढ़ चौड़ी
कम ऊँचीऊँची पहाड़ियाँ
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर उधर रींवा के पेड़
काँटेदार कुरूप खड़े हैं।
सुन पड़ता है
मीठा मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें
रचना और अभिव्यक्ति
9. 'और सरसों की न पूछो' इस उक्ति में बात को कहने का खास अंदाज़ है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं ?
उत्तर: अपनी बात को प्रभावपूर्ण, रोचक ढ़ंग सेवस्तु की विशेषताओं पर ध्यान केन्द्रित करने और किसी की प्रशंसा करने के लिए इस शैली का प्रयोग किया जाता है।प्राय:एेसी शैली का प्रयोग लोग व्यंग्य के लिए भी करते हैं।
उत्तर: अपनी बात को प्रभावपूर्ण, रोचक ढ़ंग सेवस्तु की विशेषताओं पर ध्यान केन्द्रित करने और किसी की प्रशंसा करने के लिए इस शैली का प्रयोग किया जाता है।प्राय:एेसी शैली का प्रयोग लोग व्यंग्य के लिए भी करते हैं।
10. काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है ?
उत्तर: काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया यहाँ पर दोहरे व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है। ऐसे सफेदपोश लोग एक ओर तो समाज के हितचिंतक बने फिरते हैं और मौका मिलते ही अपना स्वार्थ साध लेते हैं।
उत्तर: काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया यहाँ पर दोहरे व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है। ऐसे सफेदपोश लोग एक ओर तो समाज के हितचिंतक बने फिरते हैं और मौका मिलते ही अपना स्वार्थ साध लेते हैं।
भाषा अध्ययन
11. बीते के बराबर, ठिगना, मुरैठा आदि सामान्य बोलचाल के शब्द हैं, लेकिन कविता में इन्हीं से सौंदर्य उभरा है और कविता सहज बन पड़ी है। कविता में आए ऐसे ही अन्य शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर: फ़ाग, मेड़, पोखर, हठीली, सयानी, ब्याह, मंडप, चकमकाता, खंभा, चटझपाटे, सुग्गा, जुगुल, जोड़ी, चुप्पेचुप्पे आदि।
उत्तर: फ़ाग, मेड़, पोखर, हठीली, सयानी, ब्याह, मंडप, चकमकाता, खंभा, चटझपाटे, सुग्गा, जुगुल, जोड़ी, चुप्पेचुप्पे आदि।
12. कविता को पढ़ते समय कुछ मुहावरे मानसपटल पर उभर आते हैं, उन्हें लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर:
उत्तर:
मुहावरे
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अर्थ
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वाक्य
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बीताभर
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छोटा सा
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बीता भर की यह लड़की, और बातें तो देखो कितनी बड़ी बड़ी करती है।
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सिर चढ़ाना
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बढ़ावा देना
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बच्चों को इस तरह लाड़ प्यार देकर सिर पर चढ़ाना अच्छी बात नहीं है।
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ह्रदय का दान देना
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समर्पित होना
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कृष्ण और राधा एक दूसरे को हृदय का दान दे चुके थे।
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हाथ पीले करना
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विवाह करना
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बेटी के मातापिता की यही इच्छा होती है कि वे उचित समय पर अपनी बेटी के हाथ पीले कर दें।
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गले में डालना
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जल्दी से खाना
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मालिक को आता देख मजदूरों ने रोटियाँ गले में डाल लीं।
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हृदय चीरना
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दिल को दुःख पहुँचना
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पति की मृत्यु का समाचार पत्नी के हृदय को चीरकर रख देता है।
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